राजनाथ ने चीन को ललकारा- अगर युद्ध थोपा गया, तो हम हम लड़ने के लिए तैयार

राजनाथ ने चीन को ललकारा- अगर युद्ध थोपा गया, तो हम हम लड़ने के लिए तैयार

राजनाथ ने चीन को ललकारा- अगर युद्ध थोपा गया, तो हम हम लड़ने के लिए तैयार
– सियोम ब्रिज और 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं
– रक्षा मंत्री ने तीन वीसैट-आधारित टेलीमेडिसिन नोड्स का भी उद्घाटन किया

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को ललकारते हुए आज कहा कि भारत युद्ध में विश्वास नहीं करता लेकिन अगर मजबूर किया गया तो हम लड़ने के लिए तैयार हैं। तवांग क्षेत्र में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद पूर्वोत्तर की पहली यात्रा पर पहुंचे रक्षा मंत्री ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में सियोम ब्रिज और 27 अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। यह सभी परियोजनाएं सात सीमावर्ती राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में 724 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई हैं। उन्होंने लद्दाख और मिजोरम में तीन वीसैट-आधारित टेलीमेडिसिन नोड्स का भी उद्घाटन किया गया।

बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह में उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं रक्षा तैयारियों राशन, सैन्य उपकरण और अन्य सहायता प्रदान करने में अत्यधिक मदद प्रदान करेंगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मजबूत और आत्मनिर्भर ‘नए भारत’ का निर्माण करना जरूरी है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने उस संकल्प की ओर दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, जब उन्होंने कहा कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है।’ भारत हमेशा युद्ध के खिलाफ रहा है, क्योंकि हम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ में विश्वास करते हैं। हम युद्ध में विश्वास नहीं रखते लेकिन अगर हम पर युद्ध थोपा गया तो हम लड़ेंगे। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र की सीमाएं सभी खतरों से सुरक्षित रहें।

रक्षा मंत्री ने आज जिन 28 परियोजनाओं का उद्घाटन किया, उनमें लद्दाख में आठ, अरुणाचल प्रदेश में पांच, जम्मू-कश्मीर में चार, सिक्किम, पंजाब और उत्तराखंड में तीन-तीन और राजस्थान में दो हैं। इसके अलावा तीन टेलीमेडिसिन नोड्स का उद्घाटन किया गया, जिनमें दो लद्दाख में और एक मिजोरम में हैं। अरुणाचल प्रदेश में सियोम नदी पर 100 मीटर लंबा सियोम ब्रिज अत्याधुनिक ढंग से क्लास 70 स्टील आर्क सुपर स्ट्रक्चर से बनाया गया है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सियोम ब्रिज का भौतिक उद्घाटन हुआ जबकि अन्य परियोजनाएं वर्चुअली राष्ट्र को समर्पित की गईं।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में इन परियोजनाओं को सशस्त्र बलों की परिचालन तैयारियों को बढ़ाने और सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास का वसीयतनामा के रूप में वर्णित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ना है। रक्षा मंत्री ने हाल ही में चीन के सैनिकों के साथ तवांग में हुई झड़प की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारी सेना ने उत्तरी क्षेत्र में प्रतिकूल स्थिति का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास को ‘गेम चेंजर’ बताते हुए राजनाथ सिंह ने दूर-दराज के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करने के लिए बीआरओ की भूमिका को सराहा।

आज उद्घाटन किए गए तीन टेलीमेडिसिन नोड्स वीएसएटी (वेरी स्मॉल अपर्चर टर्मिनल) उपग्रह संचार प्रणाली के माध्यम से सेवा अस्पतालों से जुड़े होंगे। रक्षा मंत्री ने उम्मीद जताई कि ये नोड्स स्थानीय लोगों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के लिए मददगार साबित होंगे। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने नई तकनीकों पर एक सार-संग्रह भी जारी किया। इसमें सड़क, पुल, हवाई क्षेत्र और सुरंग के बुनियादी ढांचे के निर्माण में बीआरओ की नवीनतम तकनीकों को शामिल किया गया है। इस मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, पूर्व सांसद तपीर गाओ, पूर्वी कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता और जीओसी स्पीयर कॉर्प्स लेफ्टिनेंट जनरल आरसी तिवारी मौजूद रहे।

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