Chhapra: राज्य सरकार के निर्देश पर सूबे के नियोजित शिक्षकों के वेतन में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी विभागीय कार्यशैली के कारण उलझी हुई है. राज्य सरकार ने 15 प्रतिशत वेतन निर्धारण को लेकर सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है जिसपर जिले के 20 प्रखंडों से प्राप्त शिक्षकों का डेटा अपलोड किया गया है लेकिन इस अपडेशन के दौरान हजारों शिक्षकों के डेटा में गड़बड़ी है. शिक्षक अपने वेतन पुनर्निर्धारण में हुई गलतियों को सुधार करने के लिए प्रखंड से लेकर जिला कार्यालय तक पहुंच रहे है इसके बावजूद भी इसमें सुधार नही हो पा रहा है.
जिले के 20 प्रखंडों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों के वेतन निर्धारण में हुई गलतियों में सुधार करने और छुटे हुए शिक्षकों के साथ 48 घंटे के अंदर गलतियों का सुधार कर जमा करने का निर्देश प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और लेखपाल को डीपीओ स्थापना ने पत्र दिया था, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है. जिले के हजारों शिक्षकों के वेतन निर्धारण में जन्मतिथि, आधार संख्या, ट्रेनिंग तिथि और वेतन में गलतियां है जिसके सुधार के लिए शिक्षकों द्वारा बीइओ कार्यालय में आवदेन दिया गया है.
उधर गुरुवार को निदेशक माध्यमिक शिक्षा मनोज कुमार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और स्थापना डीपीओ को पत्र निर्गत करते हुए 14 जनवरी तक अंतिम रूप से इस कार्य को करने का निर्देश दिया है.
बताते चले कि राज्य सरकार की घोषणा के पश्चात नियोजित शिक्षकों के वेतन में 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि कर इसे जनवरी 2022 से देने का निर्देश दिया था. इसी के तहत शिक्षकों के वेतन निर्धारण के लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जहां शिक्षकों का डेटा अपलोड करना है जिसके बाद वेतन का निर्धारण किया जाना है.
सॉफ्टवेयर में देरी के कारण प्रक्रिया में विलंब हुआ है. वही डेटा अपलोड में भी कई तरह की गलतियां सामने आई है. जिसके कारण शिक्षकों के बढ़े हुए वेतन के अनुरूप जनवरी 2022 के वेतन भुगतान करने में परेशानी होगी. ऐसे में समय रहते राज्य सरकार के निर्देश पर पदाधिकारियों को सक्रिय किया जा रहा है. जिससे कि जनवरी में ही शिक्षकों को बढ़ा हुआ वेतन दिया जा सकें.