सावन मास में करे रुद्रष्टाध्यायी का पाठ, जाने किस द्रव्य से अभिषेक करने से शिव की बनेगी कृपा

सावन मास में करे रुद्रष्टाध्यायी का पाठ, जाने किस द्रव्य से अभिषेक करने से शिव की बनेगी कृपा

सावन मास चढ़ते पूरा माहौल शिव भक्ति में पूर्ण रहता है। भगवान शिव को सावन महीना बहुत ही प्रिये है इसलिए इस मास में पूजन किया जाता है।

आज आपको सावन में कुछ अलग से ज्योतिषीय उपाय बता रहें हैं।  जो थोडा कठिन है लेकिन इसका प्रभाव से सभी कष्ट दूर होते है। सावन मास में रूद्र पाठ की महिमा है। आशुतोष भगवान सदा शिव की उपासना में रुद्राष्टाध्यायी का विशेष महत्व है।

शिव पुराण के अनुसार सनकादि ऋषियों के पूछने पर स्वयं महादेव ने रुद्राष्टाध्यायीके मंत्रो तथा अभिषेक का महत्व बताया है। मन, कर्म तथा वाणी से परम पवित्र तथा सभी प्रकार से अशक्ति से रहित होकर भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए रुद्राभिषेक करना चाहिए। इससे भगवान शिव की कृपा से सभी कामनाओं को प्राप्त करता है। सावन में रुद्राष्टाध्यायी के द्वारा रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों की सभी कष्ट दुर होते है। यह पाठ वेद्सम्मित है, परम पवित्र तथा धन, यस और आयु की वृद्धि करने वाला है। 

जाने रुद्राष्टाध्यायी के पाठ से अभिषेक में की जाने वाले द्रव का नाम तथा उसका प्रभाव

रुद्राभिषेक में प्रयुक्त होने वाले प्रशस्त द्रव्य अपने कल्याण के लिए भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए निष्काम भाव से रुद्राभिषेक करना चाहिए इनका अनंत फल है। शास्त्र में अलग -अलग कामनाओ की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक में अनेक प्रकार के द्रव्य का नियम है:

(1) जल से अभिषेक करने पर वृष्टि होती है
(2) व्याधि की शांति के लिए कुशोदक से अभिषेक करना चाहिए
(3) पशु की प्राप्ति के लिए दही से अभिषेक करना चाहिए
(4) लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से तथा धन प्राप्ति के लिए मधु से अभिषेक करे
(5) मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ के जल से अभिषेक करे
(6) दूध के द्वारा अभिषेक करने से संतान की प्राप्ति होती है
(7) काकबन्ध्या ( एक संतान उत्पन करने वाली )अथवा जिनकी संतान उत्पन होते ही मर जाये या मृत संतान उत्पन करे उसे गाय के दूध से अभिषेक करने से जल्द संतान प्राप्त करती है
(8) जल की धारा भगवान शिव को अति प्रिये है अतः तेज बुखार हो गया हो उसको शांत करने के लिए जलधारा से अभिषेक करे ,
(9 )जो लोग गलत प्रेम प्रसंग में पड़ गया हो उसका प्रेम खत्म करने के लिए यानि विनाश के लिए दूध की धारा से अभिषेक करने से प्रेम प्रसंग समाप्त होते है

भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए निष्काम भाव से रूद्रपाठ करना चाहिए जो बहुत ही फलित होता है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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