बिहार में दस साल में 100 गुना बढ़े साइबर अपराध

बिहार में दस साल में 100 गुना बढ़े साइबर अपराध

Patna: समाज में जिस तेजी से आर्थिक गतिविधियां ऑनलाइन या डिजिटल आधारित होती जा रही हैं, उसी गति से साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं. बिहार में ऑनलाइन लेनदेन पिछले 10 वर्षों में 15 से 20 गुना बढ़ गये हैं. इससे ज्यादा गति से साइबर अपराध के मामले 10 वर्ष में सौ गुणा बढ़ गये हैं. पूरे बिहार में 2011 में साइबर अपराध का सिर्फ एक मामला दर्ज हुआ था, जिनकी संख्या 2020 में बढ़ कर 99 हो गयी. बीच के वर्षों पर नजर डालें, तो इनकी संख्या प्रतिवर्ष 300 से ज्यादा हो गयी थी.

2015 से इन मामलों में जबर्दस्त उछाल आया और यह 202 पर पहुंच गया. इसके बाद 2017 में 335, 2018 में 282, 2019 में 344 और 2020 में 171 मामले दर्ज किये गये. कोरोना के कारण लॉकडाउन की अवधि में साइबर अपराध से जुड़े मामलों में काफी बढ़ोतरी आयी. मौजूदा वर्ष 2022 के बीते सिर्फ डेढ़ महीने में नौ मामले पूरे राज्य से सामने आये हैं. इस अपराध के 11-12 वर्षों के सफरनामा पर नजर डालें, तो 2011 से 2022 तक पर नजर डालें, तो अब तक दो हजार 26 मामले दर्ज किये जा चुके हैं. इसमें एक हजार 953 मामलों का निष्पादन या डिस्पोजल कर लिया गया है. जबकि 73 मामले पेंडिंग हैं और उनकी जांच अभी चल रही है.

साइबर अपराध की प्रकृति पर नजर डालें, तो सबसे ज्यादा एटीएम या क्रेडिट कार्ड के फ्रॉड से जुड़े मामले ही हुए हैं यानी जिनमें लोगों से ठगी कर आसानी से पैसे निकाले जा सकें. अब तक दर्ज हुए कुल दो हजार 26 मामलों में एक हजार 194 मामले सिर्फ एटीएम या क्रेडिट कार्ड फ्रॉड से जुड़े हैं, यानी करीब 51 फीसदी मामले इससे संबंधित ही हैं. इसके बाद 405 मामले वेबसाइट, ट्वीटर, यू-ट्यूब, व्हाट्स-एप, इंटरनेट कॉल समेत अन्य इंटरनेट अव्यवयों से जुड़े हुए हैं. इसी तरह फेसबुक हैकिंग या छेड़छाड़ से जुड़े 349 और 78 मामले ई-मेल से जुड़े हैं.

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