छपरा: छपरा नगर निगम के दैनिक कर्मचारियों अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से नगर निगम में दूसरे दिन भी सभी कार्य ठप रहे. हड़ताल के दूसरे दिन सफाई कर्मियों ने निगम परिसर में जमकर नारेबाजी की और निगम के विरोध में रैली निकाली. इस दौरान कर्मचारियों ने निगम कार्यालयों में ताला जड़ दिया साथ ही साथ अन्य कमरों में काम कर रहे कर्मियों को भी कार्यालय से बाहर निकाल दिया. साथ ही साथ सफाई कर्मियों ने मेयर, उप मेयर के साथ साथ नगर आयुक्त के भी कार्यालय में तालाबंदी कर दी. हड़ताल के दूसरे दिन भी नगर निगम में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं हो पाया.
बाहर बैठे रहे कर्मी:
निगम में कार्य करने गए कर्मियों को सफाईकर्मियों द्वारा बाहर निकाले जाने के बाद कनीय अभियंता, सिटी मैनेजर के साथ किरानी भी निगम परिसर के बाहर बैठे नजर आए.
बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन के बैनर तले हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों का कहना आश्वासन के बाद भी उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया.
इस दौरान नगर निगम के सभी सफाई ट्रैक्टर्स को गाड़ियां नगर निगम में पड़ी रहे साथ ही साथ शहर में किसी भी प्रकार का सफाई कार्य पर बुरा असर पड़ा है. इस दौरान निगम परिसर में सफाई की गाड़ियां व ट्रक्टर्स खड़ी रहीं.
नवरात्र में शहर का हुआ बुरा हाल:
सफाई कर्मचारियों का हड़ताल नगर निगम के लिए सिरदर्द बना हुआ है. एक तरफ जहां पूरे शहर में नवरात्रि की धूम है वहीं दूसरी तरफ छपरा नगर निगम के सफाई कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने स शहर में साफ सफाई व कचरा उठाने का कार्य लगभग बन्द हो गया है. शहर में ऐसे कई स्थान हैं जहां कचरे का अंबार लगा हुआ है. सफाई नहीं होने से लोग निगम के अधिकारियों को कोस रहे हैं. त्योहार के समय शहर में बढ़ी गंदगी से आम लोग परेशान हो गए हैं. साथ ही साथ शहर के विभिन्न वार्डों में भी सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है. देखना यह होगा कि आखिर कबतक नगर निगम सफाई कर्मियों को मनाने में कामयाब रहता है और दोबारा शहर में सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू होती है.
जब तक मांग नही होगी पूरी तब तक होगा हड़ताल: कर्मचारी संघ
बिहार लोकल बॉडीज एम्प्लॉयीज फेडरेशन के क्षेत्रीय मंत्री सियाराम सिंह ने बताया कि निगम से दैनिक सफाई कर्मियों के वेतन बढ़ाने की बात हुई थी. लेकिन छपरा नगर निगम द्वारा उनके वेतन नहीं बढ़ाए गए. इसके अलावा उन्होंने बताया कि पिछले महीने 2 दिनों के हड़ताल के बाद निगम द्वारा कर्मियों पर दंडात्मक कार्यवाई नहीं करने की बात कही गयी थी. इसके बावजूद उन्हें दंडित किया गया.
400 रुपय मानदेय देने की हो रही है मांग.
कर्मियों की मांग है कि अभी उन्हें 243 रुपय मानदेय दिया जाता है . इसे बढाकर 400 किया जाय. वहीं जामदारों के लिए यह राशि बढाकर 500 की जानी चाहिए. इसके अलावें सहायक व अन्य टेक्निकल कर्मियों को 600 रुपया प्रतिदिन दिया जाय. तभी यह हड़ताल थमेंगी.
नगर आयुक्त की वार्ता रही विफल:
जिसके बाद नगर आयुक्त अजय सिन्हा ने हड़ताल कर रहे सफाई कर्मियों से वार्ता की. उन्होंने 23 अक्टूबर को निगम बोर्ड के बैठक में उनकी मांगों को रख पास कराने का आश्वासन दिया. लेकिन कर्मी अपनी मांग पर अड़े रहे और हड़ताल को अनिश्चित काल के लिए जारी रखा है.
नियमित सफाई कर्मी करेंगे कार्य: कनीय अभियंता
नगर निगम के कनीय अभियंता ने बताया कि यह हड़ताल दैनिक कर्मियों ने की है. जो भी नियमित सफाईकर्मी हैं वो काम मे लगे हुए हैं. विभिन्न वार्डो में उन्हें सफाई के लिए भेजा रहा है. हालांकि सवाल यह उठता है की सभी गाड़ियां व सफाई वाले ट्रक्टर्स को हड़तालियों द्वारा निगम से बाहर नही निकलने दिया जा रहा तो शहर में किस तरह सफाई होगी.