नयी चुनौतियों को स्वीकार कर पत्रकारिता के मानक स्तर को बनाये रखने की जरुरत: जिलाधिकारी

नयी चुनौतियों को स्वीकार कर पत्रकारिता के मानक स्तर को बनाये रखने की जरुरत: जिलाधिकारी

Chhapra: आज के डिजिटल युग मे पत्रकारिता के समक्ष जो नयी चुनौतियाँ हैं उनको स्वीकार कर पत्रकारिता का मानक स्तर बनाये रखना चाहिए. उक्त बातें जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने शुक्रवार को समाहरणालय सभाकक्ष में कही. वे राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर डिजिटल युग मे पत्रकारिता आचारनीति और चुनौतियाँ विषय पर पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे.

श्री सेन ने स्वनियामक को महत्व देते हुए कहा कि किसी भी कार्य के पीछे का उद्देश्य देखना चाहिए अगर धारना सही हो तो कुछ त्रुटियाँ नजरअंदाज की जा सकती है. हालांकि उन्होंने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को काफी मजबूत बताया और उसके कार्य पद्धति की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रत्येक पेशे में आचार नीति की जरूरत होती है, पत्रकारिता में भी इसके स्वरूप पर विमर्श आवश्यक है. 

इसके पूर्व प्रेस गोष्ठी का विधिवत उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया. इसके उपरांत विषय प्रवेश करते हुए वरिष्ठ पत्रकार डॉ लालबाबू यादव ने अपने संबोधन में पत्रकारों के योगदान की चर्चा की. उन्होंने आजादी की लड़ाई में पहले पत्रकार बाबूराव विष्णु राव खेड़गे की भूमिका से चलते हुए आज की पत्रकारिता तक के सफर को रेखांकित किया. पत्रकारिता में आचार संहिता की जिम्मेवारी को प्रेस के ऊपर ही छोड़ देने की बात कही. उन्होंने कहा कि पत्रकारों को स्वयं शासित होने की जरूरत है. श्री यादव ने सारण की धरती को सामाजिक सौहार्द से भरपूर बताया.

विचार गोष्ठी में उपस्थित पत्रकार

वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रो एच के वर्मा ने मीडिया के बदले स्वरूप और उसकी कार्यशैली पर प्रकाश डाला. उन्होंने प्रिंट मीडिया के बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि पहले जनमानस अपनी भाषायी शुद्धता को निखारने के लिए अखबारों के सहारा लेता था, जो आजकल देखने को नही मिलती. उन्होंने सोशल और डिजिटल मीडिया के गुणों और अवगुणों से अवगत कराया. श्री वर्मा ने कहा कि कंप्यूटर और इंटरनेट के आने के बाद यकीनन आज प्रिंट मीडिया के लिए चुनातियाँ बढ़ गयी है, उन्होंने आचारनीति के माध्यम से सभी को संतुलित और सयंमित रहने की आवश्यकता जतायी.

सारण जिला पत्रकार संघ के जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रमुख डॉ विद्याभूषण श्रीवास्तव ने प्रेस दिवस के अवसर पर कहा कि प्रिंट मीडिया के समय मे मीडिया बंधुओं में गंभीरता और संवेदनशीलता विद्यमान थी पर आज डिजिटल युग मे इसमे ह्रास हुआ है. उन्होंने तथ्यपरक खबरों की कमी पर चिंता प्रकट की साथ ही पत्रकारिता में पारदर्शी तरीके से आचारनीति बनाये जाने को जरूरी बताया.

आज दैनिक के कार्यालय प्रभारी राजेश पांडेय ने खबरों की सत्यता और भाषा की शुद्धता पर ध्यान देने की बात कहीं. उन्होंने नीति निर्धारण में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप को नकारा.

छपरा टुडे डॉट कॉम के सुरभित दत्त ने डिजिटल और सोशल मीडिया के फर्क को समझते हुए  नाकारत्मक खबरों पर विराम लगाने की बात कही. उन्होंने खबरों की विश्वसनीयता बनाये रखने पर जोर दिया और कहा कि सभी को आचार नीति का पालन करना चाहिए.

न्यूज़ 18 के पत्रकार संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि डिजिटल युग में खबरों को दबाना संभव नही, आज खबरें रुकती नही, जिसके कारण चुनौतियाँ बढ़ी है, और यह स्वस्थ पत्रकारिता के लिए आवश्यक है.

छपरा टुडे डॉट कॉम के कबीर अहमद ने कहा कि आज के डिजिटल युग में समाचार के बहुत से माध्यम है. पाठक को तय करना होगा कि विश्वसनीय ख़बरें पढना चाहते है या फिर भ्रामक.   

गोष्ठी का संचालन सारण जिला पत्रकार संघ के प्रवक्ता नदीम अहमद ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डीपीआरओ ज्ञानेश्वर प्रकाश ने किया.

इस मौके पर पत्रकार कमलाकर उपाध्याय, राजू जायसवाल, चंद्रशेखर, नागमणि प्रसाद, गणपत आर्यन,  पंकज श्रीवास्तव, विकाश कुमार, संजय कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.

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