छपरा। शहर के अंबेडकर भवन सभागार में लोहार विकास मंच के तत्वाधान में आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकिशोर शर्मा ने यह बातें कही।
उन्होंने कहा कि रेल रोको कार्यक्रम का मेन एजेंडा जनजातीय मंत्रालय, भारत सरकार का विरुद्ध में है। अंग्रेजी में लोहारा को हिन्दी सुधार कर लोहार कराने को लेकर है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केन्द्र व राज्य सरकार को चैलेंज किया कि अगर बिहार में लोहरा व लोहारा जाति है तो देश की जनता को बतायें।
कहा कि दोनों सरकार लोहार जाति के साथ अन्याय कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने सन् 2006 में लोहार से लोहारा बना कर उनके संवैधानिक अधिकार से वंचित कर दिया। उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग किया कि जबतक एक्ट 23/2016 में लोहार लिखा गजट का प्रकाशन नहीं किया जायेगा तब तक यह लड़ाई जारी रहेगा। लोहार समाज के नेता मिथलेश शर्मा मधुकर ने कहा कि केंद्र सरकार के गलत नीतियों के कारण लोहार समाज आर्थिक, समाजिक व राजनीतिक गतिविधियों से काफी दूर हैं। सुरेश कुमार शर्मा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार लोहार समाज के लोगों के साथ अन्याय कर रही है।
अनिरुद्ध शर्मा ने कहा कि इस लड़ाई में सारण की अहम भागीदारी होगी। मंच के जिलाध्यक्ष डॉ. इन्द्रकांत बबलू ने कहा कि केन्द्र की सरकार ने उक्त जाति को हाशिए पर लाकर खड़ा कर दिया है। देश आजादी के 75 वर्ष के अमृत उत्सव मना रही है लेकिन बिहार के लोहार के संवैधानिक न्याय नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर पहल नहीं हुई तो बिहार के 40 लाख लोहार लोकसभा चुनाव में इसका करारा जबाब देंगे। थे।