छपरा नगर निगम के इस क्षेत्र में नरक का जीवन जीते है लोग, तपती गर्मी में घुटना तक पानी में चलकर स्कूल जाते है बच्चें

छपरा नगर निगम के इस क्षेत्र में नरक का जीवन जीते है लोग, तपती गर्मी में घुटना तक पानी में चलकर स्कूल जाते है बच्चें

छपरा नगर निगम के इस क्षेत्र में नरक का जीवन जीते है लोग, तपती गर्मी में घुटना तक पानी में चलकर स्कूल जाते है बच्चें

Chhapra: शहर के बीचोबीच मौना चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित मौना पंचायत भवन रोड पर तपती गर्मी में भी घुटनों तक पानी जमा है. यह जलजमाव इस सड़क के लिए कोई नई बात नहीं है. नगर निगम की लचर व्यवस्था एवं सड़क निर्माण में विभागीय लापरवाही के कारण वर्षों से यह स्थिति बनी है. लाख प्रयास के बावजूद भी मौना पंचायत भवन के आसपास रहने वाले लोग प्रतिदिन घुटनों तक पानी में चलकर स्कूल, कॉलेज के साथ अपने व्यवसाय के लिए जाते हैं.

कहने के लिए भले ही यह इलाका नगर निगम का क्षेत्र हो लेकिन हालात सुदूर गांव से भी बदतर है. तपती गर्मी में यहां बाढ़ जैसे हालात है. यह स्थिति तब और बदतर हो जाती है जब बरसात का दिन आता है.

मौना पंचायत भवन के इस स्थान पर नगर निगम क्षेत्र के 3 वार्ड 33, 34 और 35 का मिलन स्थल है. यहां से 3 दिशाओं में तीन वार्ड आयुक्त का क्षेत्र निकलता है. इसे सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य कहें की 3- 3 वार्ड पार्षद रहते हुए भी इस सड़क से जलजमाव की समस्या का हल नहीं हो पाया.

करीब 50 मीटर से अधिक लंबी सड़क वर्षों से जलजमाव से ग्रसित है. 10 हजार से ऊपर की आबादी प्रतिदिन इस रास्ते से पैदल, साइकिल, बाइक, रिक्शा एवं चार पहिया वाहनों से होकर इस रास्ते से गुजरते हैं.

यहां रहने वाले लोग अपने आप को नगर निगम के क्षेत्र में भले ही रहने वाले नगरवासी कहे जाते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि वह खुद को नरक वासी ही समझते हैं.

प्रतिदिन घर से स्नान कर बच्चे, बूढ़े, जवान स्कूल, दुकान, व्यवसाय, प्रतिष्ठान एवं नौकरी पर जाने के लिए अपना कदम घर से इस नाली के पानी में रखकर ही आगे बढ़ते हैं.

नाले का पानी का स्तर घुटनों तक रहता है. जिसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. अन्य कोई रास्ता नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन इस रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है.

जलजमाव को लेकर वार्ड पार्षद द्वारा नाली की सफाई कराई जाती है. लेकिन अन्य सड़क को ऊंचा बना दिए जाने के कारण अगले दिन ही इस सड़क पर जलजमाव हो जाता है जो नहीं हट पाता.

स्थानीय लोगों द्वारा इस समस्या से निजात को लेकर कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई. जिससे यहां रहने वाले हजारों लोगों को इस समस्या का पूर्ण निदान मिल सके.

छपरा शहर का तापमान इन दिनों 35 डिग्री के पार हो चला है, गर्म हवाएं चल रही हैं. ऐसे में जहां पानी का जल स्तर कम हो रहा है, खेतों के जलजमाव में कमी आ रही है, इस परिस्थिति में निगम क्षेत्र के इस अति व्यस्त एवं भीड़भाड़ वाले इलाके में घुटने तक पानी का जमा होना समझ से परे है.

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