राष्ट्रीय युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद जयंती हर्ष उल्लास से मनाई गई

राष्ट्रीय युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद जयंती हर्ष उल्लास से मनाई गई

राष्ट्रीय युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद जयंती हर्ष उल्लास से मनाई गई

Chhapra: सेहत केंद्र और राष्ट्रीय सेवा योजना राजेंद्र कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय युवा दिवस सह स्वामी विवेकानंद जयंती हर्ष उल्लास से मनाई गई। इस अवसर पर एक व्याख्यान सह वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. विधान चंद्र भारती ने किया। सर्वप्रथम विवेकानंद जी के तैल्यचित्र पर माल्यार्पण सह दीप प्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात प्रभारी प्राचार्य भारती जी ने स्वामी जी के अध्यात्म, दर्शन से छात्रों को अवगत कराया। मंच संचालन करते हुए सेहत केंद्र की नोडल पदाधिकारी डॉ. जया कुमारी पांडेय ने छात्रों को विवेकानंद जी की जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाने के औचित्य से अवगत कराया, साथ ही युवा पीढ़ी से आग्रह किया की वे स्वामी जी द्वारा दिए व्यवहारिक शिक्षा को ग्रहण करे, जो राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है ।

उनका स्पष्ट मत था कि संपूर्ण प्राणिमात्र के विरुद्ध जन्म, जाति, लिंग भेद अथवा किसी भी आधार पर समता के विरुद्ध उठाया गया कोई भी कदम एक भयानक भूल है और ऐसी किसी भी जाति, राष्ट्र या समाज का अस्तित्व कायम नहीं रह सकता। मुख्य वक्ता डॉ. राम जी पांडेय ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका: स्वामी विवेकानंद के विशेष संदर्भ में प्रासंगिक एवं सारगर्भित व्याख्यान दिया। मुख्य वक्ता ने सभा को सम्बोधित करते हुये कहा कि युवाओं के चरित्र निर्माण के द्वारा ही उन्नत राष्ट्र का निर्माण होगा। चरित्र का बल सभी बलों में के श्रेष्ठ है।

आगे उन्होंने वेद, उपनिषद के अनेकों उदाहरण देते हुये कहा कि भारत वर्ष आदि काल से चरित्र बल से अपने वैभव को बनाया हुआ है। यहाँ का मनुष्य अपने चरित्र से सम्पूर्ण पृथ्वी के मनुष्य को शिक्षा देता है। युवाओं में नैतिकता, शक्ति – सृजन एवं चरित्र निर्माण ही स्वामी विवेकानंद जी की मूल शिक्षा है। नर में नारायण का रूप देखना ही वेदांत का सार है। “जीवो ब्रह्मैव नापरा” अर्थात् जीव और ब्रह्म मे भेद नही है। नर की सेवा ही नारायण की सच्ची सेवा है। दुनिया के सभी धर्मो का उद्देश समान है ।

मार्ग अलग अलग है लेकिन मन्जिल एक है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम पदाधिकारी डां. अनुपम कुमार सिंह ने छात्रों से कहा कि वे व्यवहारिक ज्ञान द्वारा मानव समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहें। यही उनके प्रति सच्चा सम्मान है। प्रो पूनम, कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ कन्हैया प्रसाद, डॉ. गौरव सिंह, डॉ रश्मि, डॉ राजशिखा, डॉ दयानंद ठाकुर सहित कई प्राध्यापक एवम दर्जनों छात्र छात्राओं ने पूर्ण ऊर्जा से कार्यक्रम में भाग लेकर सफल राष्ट्र के निर्माण हेतु अपनी आध्यात्मिक उन्नति हेतु कटिबद्धता दोहराई।

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