सारण में हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर सांसद रूडी की पहल, बिहार में नही है ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा

सारण में हवाई अड्डे के निर्माण को लेकर सांसद रूडी की पहल, बिहार में नही है ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा

Bihar: बुधवार को लोकसभा में लोक महत्व के अविल्मबनीय मुद्दे के तहत सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने बिहार में ग्रीनफिल्ड हवाई अड्डा का मुददा उठाया. रुडी ने लोकसभा के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्र द्वारा बिहार के लिए प्रस्तावित ग्रीनफिल्ड परियोजना के तहत अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया. सांसद ने सरकार का ध्यान आकृष्ठ करते हुए बताया कि बिहार में किसी भी हवाई अड्डे पर कैट 3 तकनीक की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं. सुविधा के अभाव में बदलते मौसम के कारण कम दृश्यता में हवाई जहाज को उतरने और उड़ान भरने में कठिनाई होती है जिस कारण यात्रियों की यात्रा में घंटो विलम्ब होता है। उन्होंने बताया कि विलम्ब के कारण केवल बिहार के हवाई अड्डों पर ही परेशानी नही होती बल्कि दिल्ली के हवाई अड्डों पर भी हवाई यातायात का दबाव बढ़ जाता है. इसके मद्देनजर बिहार में एक अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट की आवश्यकता है जिसका प्रस्ताव केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा है पर किसी कारणवश स्वीकृति प्रदान करने में विलम्ब हो रहा है.

सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए सांसद रुडी ने बताया कि बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली और मुम्बई की तर्ज पर बिहार में भी ग्रीन फिल्म प्रोजेक्ट के तहत नया हवाई अड्डा के निर्माण की मांग की. उन्होंने कहा कि पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के छोटा और संकीर्ण होने के कारण केंद्र सरकार ने राजधानी पटना से लगभग 27 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद बिहटा सैन्य हवाई अड्डे का वाणिज्यिक उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था. इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने बिहार सरकार से 173 एकड़ भूमि की मांग की थी. बिहटा में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे के निर्माण की शर्त पर बिहार सरकार ने इसकी सहमती प्रदान करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 108 एकड़ भूमि हस्तांतरित भी कर दी थी. उन्होंने कहा कि सभी यह चाहते हैं कि राज्य की राजधानी पटना का हवाई अड्डा पूर्वी भारत का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डा बने. परन्तु जिस मास्टर प्लान के तहत बिहटा एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है उसके पश्चात भी बिहटा और पटना हवाई अड्डा में कोई विशेष अन्तर नहीं हो पायेगा.

रुडी ने बताया कि पटना हवाई अड्डे की लंबाई 6900 फीट है जबकि विकास होने के बाद भी बिहटा सैन्य हवाई अड्डा के रनवे की लम्बाई 8200 फीट होगी. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए आवश्यक है कि बोईंग 747, 777, 787 एवं एयरबस 380 आदि का परिचालन सुगमता से किया जा सके और यह तभी संभव हो पायेगा जब एयरपोर्ट के मुख्य रनवे की लम्बाई 12000 फीट हो.

मालूम हो कि पटना में जो वर्तमान जयप्रकाश नारायण विमानपत्तन है यह वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप सुविधा संपन्न और विस्तृत नहीं है. यहां बड़े विमान नहीं उतर सकते क्योंकि इसकी पट्टी बहुत छोटी है. प्रारंभ में इसके विस्तार की योजना आई थी लेकिन समय रहते विस्तार न हो पाने के कारण आसपास नगर बस गये और अब नगर को उजाड़कर विमानपत्तन का विस्तार संभव नहीं हो पा रहा है. रुडी ने इस कारण पटना के वर्तमान हवाई अड्डे से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर ही दीघा के नजदीक गंगा के उस पार विशाल उपलब्ध भूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के विमानपत्तन बनाने का सुझाव वर्षों पहले केंद्र सरकार को दिया था. उनके सुझाव को मानते हुए और उसपर विचार करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भेज दिया था जिसपर राज्य सरकार विचार कर रही है.

विदित हो कि पटना के दीघा के सामने गंगा के उत्तर में सारण जिले के अंतर्गत विस्तृत भूमि उपलब्ध है जिसपर काफी बड़े हवाई अड्डे का निर्माण किया जा सकता है. यह स्थान राज्य के सभी दिशाओं से आने वाले यात्रियों के लिए सुगम होगा क्योंकि उत्तर बिहार, पूर्वी बिहार, दक्षिण बिहार के साथ ही पटना रिंग रोड आदि का संयुक्त स्थल है दीघा जिसके निकट यह विमानपत्तन व्यावहारिक रूप से अत्यंत उपयोगी साबित होगा.

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