Chhapra: कुलपति प्रोफेसर फारूक अली की अध्यक्षता में भर्चुअल मोड पर एवं आफ लाइन के अन्तर्गत व्याख्यान विश्वविद्यालय के सीनेट हाल मे हुआ। कुलपति प्रोफेसर फारूक अली ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि हम अब सचेत नही होंगे तो बहुत कठिनाई मे सारा विश्व हो जायेगा। प्रोफेसर मृत्युंजय कुमार ने अपने उद्बोधन मे कहा कि वृक्ष वर्षा ऋतु के 81प्रतिशत जल को अपनी जडों मे रोकते हैं. पहाङी क्षेत्र में वनों का संरक्षण करना आवश्यक है।महान दार्शनिक पीटर सिंगर का उदाहरण देते हुए कहा कि बच्चो को यदि प्राकृतिक परिवेश में रखा जाए तो उनका विकास बहुत अच्छी तरह से होता है।हमे समझदारी से प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करना है। पेङों के लगाने से प्रकृति का संरक्षण होता है।
इस अवसर पर डॉक्टर विश्वामित्र पांडेय स्पोर्ट्स डायरेक्टर, ए के पाठक वित्त परामर्शी, डॉक्टर एस के श्रीवास्तव प्राचार्य राजेंद्र महाविद्यालय, छपरा, डॉक्टर धनंजय आजाद आइ टी प्रभारी, डॉक्टर नागेश्वर वत्स नोडल आफिसर कन्या उत्थान, डॉक्टर सरफराज अहमद नोडल आफिसर, डॉक्टर मधुबाला मिश्रा आदि भी सीनेट हॉल मे उपस्थित हुए. मंच संचालन प्रोफेसर हरिश्चंद्र समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर आर पी बबलू कुलसचिव ने किया।