Chhapra: पुत्र की सलामती के लिए किया जाने वाला जीवित्पुत्रिका व्रत का उपवास मंगलवार की अहले सुबह से प्रारंभ हो गया. माताओ व्रतियों ने मंगलवार की अहले सुबह यानी रात्रि पहर में पितृ की पूजा अर्चना की साथ ही भोजन कर इस व्रत के लिए उपवास प्रारम्भ किया.
व्रती मंगलवार को 24 घंटे का उपवास रखेगी वही संध्या पहर में स्नान ध्यान के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा का श्रवण करेगी. इस बार अष्टमी तिथि पूरे दिन रहने के कारण माताएं कभी भी पूजा कर सकती हैं. फिर तीन अक्टूबर बुधवार की सुबह 6.15 बजे के बाद इस व्रत का पारण होगा. इस व्रत की समाप्ति बुधवार को होगी उसी दिन व्रती पारण के साथ यह अनुष्ठान पूरा करेगी.
इसके पूर्व आश्विन कृष्ण सप्तमी सोमवार को जीमुत वाहन व्रत के लिए व्रतियों ने पहले नहाय-खाय किया. नहाय-खाय में स्नान के बाद शुद्ध भोजन कर अनुष्ठान की तैयारी में जुट गई.