बिहार में गिरती कानून व्यवस्था पर सत्ता पक्ष ने प्रस्तुत किया तुलनात्मक आंकड़ा

बिहार में गिरती कानून व्यवस्था पर सत्ता पक्ष ने प्रस्तुत किया तुलनात्मक आंकड़ा

Chhapra: बिहार में गिरती कानून व्यवस्था को लेकर सत्तारूढ़ दल जदयू की परेशानी बढ़ गयी है. जनता में अपनी छवि को सुधारने के उद्देश्य से लालू-राबड़ी के शासन काल और नीतीश कुमार के शासन काल का तुलनात्मक आंकड़ा पेश कर अपराध के ग्राफ में कमी को बता रही है. शुक्रवार को जनतादल यूनाइटेड की प्रदेश प्रवक्ता अंजुम आरा एवम श्वेता विश्वास ने छपरा में संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता कर आंकड़ों के माध्यम से बताया कि लालू-राबड़ी शासनकाल की तुलना में मौजूदा शासन काल में अपराध में कमी आयी है.

प्रवक्ता द्वय ने कहा कि सारण प्रमंडल में अपराध में तुलनात्मक दृष्टिकोण से कमी आयी है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से सवाल पूछते हुए कहा कि उनके करीबी लोग कई जघन्य अपराधों में संलिप्त है फिर भी वे उनको पार्टी में रखे हुए है. जबकि जदयू के द्वारा ऐसे कोई भी नेता कार्यकर्ता पर तुरंत कार्रवाई की गई है. राजद के नेता सरकार को बदनाम करने का काम कर रहे है.

उन्होंने कहा कि सूबे में कानून का राज हो यह पार्टी की प्राथमिकता और यूएसपी है. उन्होंने कहा कि कानून का राज ही है कि आज लड़कियां बेखौफ होकर घरों से बाहर निकल रही है. साइकिल से स्कूल जा रही है. सारण जिले के सभी गांवों में बिजली की सुविधा हो गयी है. जिससे जनता खुश है.

प्रेस वार्ता में जदयू नेता शैलेन्द्र प्रताप, जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू, दिनेश सिंह, फिरोज आलम समेत कार्यकर्ता मौजूद थे.

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