Chhapra (Surabhit Dutt): अपनी माटी से दूर देश-विदेशों में रहने वालों के लिए त्योहार साल में एक बार घर आने का मौका देते है, और जब बात छठ पूजा जैसे त्योहार की हो तो हर कोई अपने घर आना ही चाहता है. अपनी मिट्टी से जुड़ना चाहता है. परिवार के साथ छठ महापर्व को मनाना चाहता है.
नौकरी के सिलसिले में अपने घर से मीलों दूर रहने वाले कुछ लोगों को तो त्योहारों में आने का मौका मिल जाता पर कुछ वैसे भी होते है जिनकी मजबूरियां, परेशानियां होती है. त्योहार पर जो घर चले जाते है वे तो अपनों के साथ ख़ुशी से सेलिब्रेट करते है, पर जो नहीं जा पाते उनके मन मस्तिष्क में घर ना जाने की कसक रह जाती है. त्योहार ठीक से संपन्न हो इसकी चिंता सताती है. कुछ इसी मनोस्थिति को अपनी गीत और वीडियो के माध्यम से लोगों तक पहुँचाने का प्रयास किया है छपरा शहर के अभिषेक अरुण और उनके बड़े भाई आकाश अरुण ने.
वीडियो की शुरुआत माँ और बेटे के बीच मोबाइल पर संवाद से होती है. माँ बेटे को बार-बार फोन कर यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वह छठ में घर आ रहा है या नहीं. नौकरी, काम और आर्थिक परेशानी से छठ पूजा में घर न जा पाने की मनस्थिति को वीडियो के माध्यम से बखूबी दिखलाया गया है.
वीडियो में अभिषेक अरुण की आवाज़ में छठ गीत ‘हमरो के घरे पहुँचाई द..’ शुरू होती है. वीडियो में दो दोस्त छठ पर घर जाने की बातें करते दीखते है. घर जाने की ललक और फिर पैसे के कमी से ना जाने और अपने दोस्त के माध्यम से छठ पूजा के सामान घर भेजवाने का दृश्य भावुक करता है. बेटे द्वारा माँ को कहना ‘चिंता मत कर, सब हो जाई’ परिवार की आर्थिक स्थिति सही ना होने के बावजूद छठ पूजा करने, उसकी तैयारी और पूजा में असीम विश्वास को दर्शाता है.
गाने के बोल में अंगना, दुअरवा, संघतिया, डेउढी आदि शब्द घर आंगन से जोड़ते है. वीडियो में ठेठ भोजपुरी संवाद भी काफी प्रभावित कर रहा है जिसे लोग पसंद कर रहे है.
वीडियो में दिखने वाले दोनों कलाकार छपरा के ही दो युवा कलाकार पंकज कृपा और प्रदीप पांडेय है. इस गीत को लिखा, गाया और वीडियो का निर्देशन अभिषेक अरुण ने किया है. कहानी आकाश अरुण की है. गीत संगीत में पारंपरिक और आधुनिकता का मिश्रण दीखता है. संगीत निर्देशन बनारस के पिता पुत्र के जोड़ी, अजय त्रिपाठी और अप्रतिम त्रिपाठी ने की है. वही साउंड रिकार्डिस्ट हैं अजय तिवारी है. दृश्यों को कैमरे में उतारने का काम किया है शक्ति डॉस ने. फ्रेमज़ोमेनिया के बैनर तले बने इस गाने को ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ किया गया है. अबतक हजारों लोगों ने इस वीडियो को देखा है और सराहना की है.
इस वीडियो के निर्देशक, गायक अभिषेक अरुण ने छपरा टुडे डॉट कॉम से खास बातचीत में बताया कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लोगों को उनकी मिट्टी, त्योहार और अपनों से जोड़ने की कोशिश की है. वीडियो का निर्माण टीम के सदस्यों ने अपने जेब खर्च से किया है. अभिषेक बताते है कि अगर ठान लिया जाए तो छोटे शहर के लोग भी महानगर के लोगों के जैसे प्रोजेक्ट्स बखूबी पूरा कर सकते है. वीडियो को बनाने में सुशांत सिंह, आकाश कपूर, राहुल, आदि की सराहनीय भूमिका रही है. सिने कलाकार अखिलेंद्र मिश्र, पशुपति नाथ अरुण, धीरज मिश्र, रितेश सिंह, सुशील कुमार, अश्विनी शुक्ल, लोक गायिका देवी को अभिषेक अरुण ने विशेष धन्यवाद दिया है.
इस वीडियो को आप भी जरुर देखें, अच्छा लगेगा.
अंत में यही कि ‘ए गो माई बिया छठ बरतिया, ओकरो बा असरा तोहार, हमरो के घरे पहुँचाई द होई माई किरिपा तोहार’……
आप भी देखियें VIDEO (साभार: Framezomania Official)
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