Chhapra: लोकनायक जयप्रकाश नारायण प्रौद्योगिकी संस्थान में विगत दिनों छात्र के द्वारा आत्महत्या के बाद शुक्रवार को महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल घटना की पूरी जानकारी लेने संस्थान पहुंचे.
सांसद ने पहले कॉलेज प्रशासन के उपस्थित सदस्यों से जानकारी ली. उसके उपरांत बच्चों से अब तक हुए घटनाक्रम को विस्तार से जाना.
संसद के समक्ष छात्रों ने अब तक की पूरी घटना को बताया
सांसद के समक्ष छात्रों ने अब तक की पूरी घटना को बताया. सांसद के समक्ष इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने 25 दिसंबर से शुरू हुए विवाद के बारे में बताया. छात्रों ने कहा कि दो दिवसीय शांतिपूर्ण धरना भी छात्रों के द्वारा दिया गया. लेकिन कोई सार्थक पहल प्रिंसिपल के द्वारा नहीं किया गया. अगर प्रिंसिपल के द्वारा सही समय पर कार्रवाई की गई होती इतनी बड़ी घटना नहीं होती. प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन के तानाशाह रवैया का छात्र शिकार हो गया.
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
छात्रों ने कहा कि शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर कॉलेज है. शाम होने के बाद आपातकालीन स्थिति में भी कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. सुबह का इंतजार करना पड़ता है. सुबह होने पर शहर में इलाज के लिए जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं है. कोई भी मेडिकल सुविधा इंजीनियरिंग कॉलेज में बच्चों के लिए नहीं है. छात्रावास की इमारते तो है लेकिन पीने का पानी नहीं है. रात को भी पानी की जरूरत पड़े तो कॉलेज प्रशासन के भवन से लाना पड़ता है.
आवाज उठाने पर कॉलेज प्रशासन एफआईआर की दी जाती है धमकी
छात्रों ने कहा कि जब भी कोई मूलभूत सुविधाएं एवं इसी तरह की बात कालेज प्रशासन से कही जाती है तो 4 साल यहां पढ़ने, नंबर कम देने, एफआईआर करने एवं रैगिंग का केस करने का आरोप लगाया जाता है. वही 2018 में हुए केस की दुहाई देते हुए कहा जाता है कि उसी तरह तुम्हें भी परेशान किया जाएगा.
संसद में फोन पर मंत्री से की बात
महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह से फोन पर बात कर सारी घटना को बताया. वही जल्द से जल्द उचित कार्रवाई कर दोषियों को सजा दिलाते हुए परिवार वालों को उचित मुआवजा देने की बात कही. मंत्री ने कहा कि इस मामले पर विशेष नजर रखी जा रही है एवं आने वाले दिनों में टेक्निकल टीम भेजकर मूलभूत सुविधाओं सहित अन्य मामलों पर ध्यान दिया जाएगा.
संसद में फोन पर डीआईजी से बात कर 2018 के केस को वापस लेने को कहा
वर्ष 2018 मामले में छात्रों ने बताया कि कालेज प्रशासन के कुछ लोगों के द्वारा पुलिस की गाड़ी में बैठा कर थाना ले जाकर हस्ताक्षर कराए गए और मेरे द्वारा केस करवा दिया गया. कई बार डीआईजी, एसपी, जिलाधिकारी से मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. थाना में 50 से ऊपर बार चक्कर काटने पर आईओ के द्वारा दौड़ाया गया. लेकिन हमारे द्वारा लिखे जाने के बाद भी की धोखा में हमसे केस कराए गए हैं. इस केस को वापस लिया जाए फिर भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. सांसद ने सुनते ही डीआईजी से फोन पर बात कर उन्हें इस केस को जल्द से जल्द रफा-दफा करने की बात कही.
बताते चलें कि बुधवार के लगभग दोपहर 2 बजे एग्जाम के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी. छात्र को जब सदर अस्पताल लाया गया चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. छात्रों ने घंटों सड़क को जाम रखा. सारी बातें छात्रों ने जिला प्रशासन से बताई. जिला प्रशासन से बात करने के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ.