Chhapra: शहर समेत जिले में विकास के कई कार्य हो रहे है. विकास के इन कार्यों से जनता की परेशानी कम होने की अपेक्षा बढ़ती जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है बिना मास्टर प्लान के कार्यों का होना प्रतीत होता है.
नगर निगम क्षेत्र के तमाम वार्डों में जलजमाव अब आम समस्या बन गयी है. वही कुछ शहर में चल रहे निर्माण कार्यों के कारण भी कई मुहल्ले के लोग जलजमाव की नारकीय स्थिति से कई महीने से त्रस्त है.
शहर के पूर्वी छोर पर डबल डेकर निर्माण कार्य से भी मुहल्लावासी परेशान है. नगर निगम आयुक्त की सुस्ती, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के द्वारा डबल डेकर फ्लाई ओवर निर्माण की एजेंसी के द्वारा लापरवाही और उदासीन कार्यशैली से आम लोग परेशान है.
इन सब के मद्देनजर अब आम लोगों ने आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है. स्थानीय नागरिक व स्वतंत्र पत्रकार मुकुंद हरि ने भी सिस्टम की खामियों के कारण परेशान लोगों की आवाज़ बनने की कोशिश की है. उन्होंने समस्या से निजात दिलाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) एवं संबंधित विभागों को पूरी जानकारी भेजकर लगातार दबाव बनाकर शिकायत पर लोकहित में तत्काल कार्रवाई एवं आगे के लिए भी स्थायी समाधान निकालने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किया है.
उनके इस प्रयास का असर भी अब दिखने लगा है. शिकायतकर्ता की शिकायत का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत को पथ निर्माण विभाग एवं नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिवों को अग्रेषित किया गया. इसके अतिरिक्त फोन के द्वारा भी मुख्यमंत्री कार्यालय एवं संबंधित विभागों के इन अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई के लिए कहा गया है.
इस समस्या पर पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव ने 7 दिनों के अंदर वरिष्ठ अधिकारियों की टीम द्वारा तटस्थ जांच करते हुए पूरी जांच रिपोर्ट भेजने को कहा है. जिसे लेकर सारण के जिलाधिकारी ने आदेश जारी किये है. जिलाधिकारी ने अपर समाहर्ता को समस्या के निराकरण के लिए नगर आयुक्त, कार्यपालक अभियंता, पुल निर्माण निगम, कार्यकारी एजेंसी और स्थानीय नागरिकों के साथ स्थल भ्रमण कर विचार विमर्श के उपरांत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
इस समस्या के निराकरण के प्रयास को सरकार के इस पहल से बल मिलेगा और भविष्य में आम लोगों में भी सरकार के प्रति विश्वास जागेगा.
आपको बता दें कि छपरा शहर के वार्ड 38, 39, 40, 41 में इन दिनों जलजमाव से नारकीय स्थिति है. स्थानीय लोगों के अनुसार डबल देकर निर्माण में लगी एजेंसी और नगर निगम इसके लिए जिम्मेवार है.