छपरा: नदियों के जलस्तर में धीरे-धीरे कमी आने लगी है. बढ़ा हुआ पानी अब गाँव के खेतों की तरफ बढ़ रहा है. इस कारण शहर के कई इलाकों से पानी भी घट रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी कई सड़के अब भी जलमग्न दिख रही हैं. छपरा के मुख्य बाजार मौना चौक पर जलजमाव होने से शहर के आर्थिक ग्राफ में कमीं आई है. पिछले एक सप्ताह से यह बाजार पूरी तरह जलमग्न है. दुकाने बंद पड़ी है और दुकानदार बाजार से पानी हटने की बाट जोह रहे हैं.

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क्यों गिरा आर्थिक ग्राफ
मुख्य रूप से यह बाजार खाद्य सामग्रियों और रोजमर्रा के सामानों के लिए जाना जाता है. पूरे शहर के लोग यहाँ खरीददारी के लिए आते है. प्रतिदिन इस मंडी में करोड़ों का कारोबार होता है. लेकिन पिछले एक सप्ताह से यहाँ दुकाने बंद पड़ी है. कई थोक दुकानदार पानी में ही अपनी दुकानों को खोल रहे है. जिससे की दुकानों को खुली देखकर कुछ ग्राहक तो आये, लेकिन जलजमाव से ग्राहक नही आ रहे हैं. वहीँ कुछ दुकानदार पम्पसेट के जरिये पानी निकलने की जुगत में हैं. लेकिन फायदा कुछ नही मिल रहा है. मौना चौक, तिनकोनिया गली, सरकारी बाजार, जमा मस्जिद तक की पूरी सड़क अब भी जलमग्न दिख रही है.

बीच सड़क पर बिक रही है सब्जियां
मौना चौक से साहेबगंज तक जाने वाली सड़क सब्जी मार्केट के नाम से मशहूर है. लेकिन इन दिनों यह मार्केट मौना चौक पर ही लग रहा है. दुकानदार बीच सड़क पर सब्जी बेचने को मजबूर है. कम जगह होने के कारण सुबह से ही सब्जी विक्रेताओं द्वारा जगह की घेराबंदी की जाती है. कई बार सब्जी विक्रेताओं की आपस में नोक-झोक भी हो जा रही है. जिससे कितने दुकानदार अपनी दुकान लगाने से वंचित हो जा रहे हैं. सब्जी की दुकान लगने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है.हालांकि लोगों को सब्जी मिल जा रही है जिससे वह इस परेशानी को झेलने के लिए भी तैयार हैं .
क्यों नही हट रहा सड़कों से पानी
नदी का जलस्तर बढे एक सप्ताह होने को है. प्रतिदिन जलस्तर में कमी भी हो रही है बावजूद इसके सडको से पानी नही हट रहा है. मौना चौक से लेकर साहेबगंज तक की सड़क से सटे खनुआ नाला पूरी तरह कचड़ा से भरा पड़ा है. बाढ़ का पानी शहर में आने के बाद नगर परिषद् द्वारा आनन-फानन में छोटी छोटी नालियों की सफाई की गयी लेकिन खनुआ नाला की सफाई को लेकर कोई भी ठोस कदम नही उठाया गया. जिस कारण तिनकोनिया, सरकारी बाजार, करीम चक, मौना चौक, साहेबगंज का इलाका अब भी जलमग्न है.
Santosh Kumar/Kabir Ahmad