Chhapra: आस्था के महापर्व के जश्न में सभी गोते लगा रहे है. चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन संध्या पहर में अस्ताचलगामी भगवान को अर्घ्य दिया गया.
वही छठ घाटो से वापसी के बाद व्रतियों ने अपने अपने घरों में कोसी भरी गयी. घर के सभी सदस्यों के साथ व्रतियों ने कोसी भरी. इस अवसर पर व्रतियों और महिलाओं ने पारंपरिक छठ गीतों को भी गाया जा रहा था.
ऐसी मान्यता है कि अपने मन्नतों की पूर्ति होने के बाद छठ व्रती अनुष्ठान के तीसरे दिन प्रथम अर्घ्य देने के बाद अपने घर के आँगन एवं छत पर कोसी भराई की विधि पूरी की जाती है. दूसरे दिन प्रातः अनुष्ठान के चौथे दिन छठ घाट पर पुनः इन कोसी को भरा जाता है. जिसके बाद उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया जाता है.