नई दिल्ली: काबुल स्थित भारतीय दूतावास में नियुक्त राजदूत सहित दूतावास का पूरा स्टॉफ नई दिल्ली लौट आया है।

विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, राजदूत रुद्रेन्द्र टंडन और दूतावास के अन्य कर्मचारी मंगलवार अपराह्न नई दिल्ली पहुंच गए। इन लोगों को दो चरणों में नई दिल्ली लाया गया है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में एक ट्वीट में कहा कि भारतीय राजदूत और कर्मचारियों को काबुल से भारत लाने का काम बहुत मुश्किल और जटिल था। उन्होंने उन सभी लोगों का धन्यवाद दिया जिन्होंने इस काम को पूरा कराने में मदद की है।

विदेश मंत्रालय ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात के मद्देनजर भारतीय नागरिकों को समय-समय पर यात्रा व सुरक्षा संबंधी परामर्श जारी किए गए थे। यह लोग अभी भी अफगानिस्तान में हैं। उन्हें तुरंत वापस लौटना चाहिए तथा वहां जाने के इच्छुक लोगों को यात्रा नहीं करनी चाहिए।

विज्ञप्ति में आगे कहा गया कि मंत्रालय को जानकारी है कि बहुत से भारतीय अभी भी अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। इनमें कुछ कामगार हैं जो तीसरे देश की संस्थाओं में कार्यरत थे। मंत्रालय की प्राथमिकता है कि अफगानिस्तान में रह रहे सभी भारतीयों के बारे में वास्तविक जानकारी हासिल की जाए। इन लोगों अथवा उनके सेवा योजकों को चाहिए की वे विदेश मंत्रालय के विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएं। इसके लिए विज्ञप्ति में तीन टेलीफोन नम्बर जारी किए गए हैं। (Phone: 91-11-49016783, 91-11-49016784, 91-11-49016785, WhatsApp: 91 80106 11290, Email: SituationRoom@mea.gov.in)।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अफगान नागरिकों के लिए भारत ने ई-एमर्जेंसी सुविधा के तहत वीजा जारी करने का काम जारी है। इस सुविधा को ई-वीजा पोर्टल (:indianvisaonline.gov.in/evisa/Registration) के तहत प्राप्त किया जा सकता है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि अफगानिस्तान के सिख और हिन्दू समुदाय के नेताओं की ओर से मंत्रालय को वीजा अनुरोध मिले हैं। मंत्रालय उनके संपर्क में है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे सामने काबुल हवाई अड्डे पर उड़ानों के संचालन को लेकर बड़ी चुनौती है। इस सिलसिले में सहयोगी देशों से उच्च स्तर पर विचार-विमर्श किया गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बारे में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बातचीत की है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने सभी नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इसके लिए काबुल हवाई अड्डे पर नागरिक उड़ानें शुरु होने पर उड़ानों की व्यवस्था की जाएगी।

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नई दिल्ली: काबुल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए वायुसेना के कार्गो विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को भेजा गया है। भारत का विमान काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है लेकिन शहर में कर्फ्यू लगा होने से भारतीयों को इंडियन मिशन से एयरपोर्ट तक लाने में दिक्कत हो रही रही है। दूसरी तरफ साउथ ब्लाक में इस समय नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ उच्चस्तरीय बैठकें करके अफगानिस्तान में भारत के निवेश से चल रहे प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित रखने पर भी मंथन चल रहा है। भारत स्थित अफगान दूतावास के राजनयिक मिशन का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विदेश मंत्रालय और इसके लिए जिम्मेदार अन्य सभी अधिकारी इंतजाम कर रहे हैं। भारत ने देर शाम काबुल से अपने नागरिकों की वापसी के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भेजा है। दिल्ली के साउथ ब्लाक में इस समय बैठकों का दौर चल रहा है। विदेश मंत्रालय से लेकर गृह मंत्रालय और कैबिनेट सेक्रेटरी भी लगातार नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ उच्चस्तरीय बैठकें करके काबुल में फंसे भारतीयों को वापस लाने पर मंथन कर रहे हैं। इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि भारत ने अफगानिस्तान में अब तक जिन प्रोजेक्ट्स में आर्थिक निवेश किया है, उनको कैसे सुरक्षित किया जाये। भारत ने रविवार को भी अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इण्डिया का एक विशेष विमान काबुल भेजा था। एयर इंडिया ए320 एआई-224 की फ्लाइट देर रात को काबुल से 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची थी।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद अब भी काबुल में 200 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। इसमें 100 से ज्यादा लोग विदेश मंत्रालय से जुड़े हैं और 100 से ज्यादा आईटीबीपी के जवान हैं जो उनकी सुरक्षा के लिए भेजे गए थे। रविवार को इन सभी को अफगानिस्तान के इंडियन कम्पाउंड में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन रात को तालिबान में कर्फ्यू लगा दिया। इस वजह से यह सभी लोग अभी भी वहीं हैं। तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद लूटपाट और भगदड़ की घटनाओं को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाने के बाद सड़कों पर हर तरह की आवाजाही बंद कर दी गई है। अफगानिस्तान में इंडियन मिशन काबुल एयरपोर्ट से लगभग 20-25 मिनट की दूरी पर है। कुछ समय पहले काबुल में उतरे भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान से भारतीय दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवारों को तत्काल प्राथमिकता के रूप में निकाला जाएगा। विमान के आज रात तक नई दिल्ली लौटने की उम्मीद है।

भारत ने वायुसेना का विमान सी-17 कार्गो विमान भेजा है जो काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है लेकिन कर्फ्यू के कारण इंडियन मिशन से एयरपोर्ट तक मूवमेंट आसान नहीं हो पा रही है। इस बीच भारत तालिबान के साथ-साथ अमेरिका से भी बैक चैनल वार्ता कर रहा है ताकि काबुल में फंसे भारतीयों तक मदद पहुंचाकर उन्हें वापस भारत ले जा सके। दिल्ली स्थित अफगानी दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि दिल्ली में रह रहे अफगान नागरिक अपने रिश्तेदारों की खैर-खबर लेने के लिए दूतावास पहुंच रहे हैं। भारत स्थित अफगान दूतावास के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राजनयिक मिशन का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है। अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने अपने व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि वह मिशन के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से नियंत्रण खो चुके हैं। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ गनी की आलोचना से संबंधित एक संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अफगानिस्तान से 200 सिख समेत सभी भारतीयों को वापस लाने की जल्द व्यवस्था करने की अपील की है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि मैं काबुल की गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष और संगत के लगातार संपर्क में हूं, जिन्होंने मुझे बताया है कि हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर काबुल के “करते परवान” गुरुद्वारे में 270 से अधिक सिखों और 50 हिंदुओं सहित 320 से अधिक अल्पसंख्यकों ने शरण ले रखी है। उनका कहना है कि तालिबानी नेताओं ने काबुल गुरुद्वारा प्रबंधकों से मुलाकात करके सुरक्षा का आश्वासन दिया है। हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में हो रहे राजनीतिक और सैन्य परिवर्तनों के बावजूद हिंदू और सिख सुरक्षित जीवन जीने में सक्षम होंगे।

इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और कनाडा सहित 60 से अधिक देशों ने उन लोगों को सुरक्षित रास्ता देने का अनुरोध किया है, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा है कि सोमवार शाम से फ्रांसीसी नागरिकों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। इन्हें काबुल से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फ्रांस के एक सैन्य बेस पर लाया जााएगा। पार्ली ने यह भी बताया कि एयरलिफ्टिंग के लिए दो सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ हो गई है। फिलहाल एयरपोर्ट अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है। काबुल एयरपोर्ट पर रनवे के इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिलने से पाकिस्तान के 2 विमान फंसे हैं। ये विमान पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लाने गए थे।

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काबुल: तालिबान द्वारा गजनी और फराह प्रांत पर कब्जा कर लेने से अफगान शासन की मुश्किल और बढ गई है। गजनी पर कब्जा करने के बाद तालिबान अब काबुल से मात्र 150 किलोमीटर रह गया है। वहीं, तालिबान से जान बचाकर भागकर काबुल पहुंचे गजनी के गवर्नर दाऊद लघमनी और अन्य अधिकारियों को अफगान सेना ने गिरफ्तार कर लिया है। इसकी पुष्टि अफगान प्रशासन ने की है।

अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्टानिकजई ने बताया कि तालिबान के साथ सांठगांठ कर गजनी पर आतंकियों का कब्जा होने दिया। गजनी के गवर्नर दाऊद लघमनी, उनके डिप्टी और कुछ अन्य स्थानीय अधिकारियों को अफगान सुरक्षा बलों ने मैदन वरदक प्रांत में गिरफ्तार किया है। गजनी अफगानिस्तान का बड़ा शहर है और तालिबान के इसपर कब्जा होने के बाद अफगान सरकार और सेना के मनोबल पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने गजनी पर कब्जे के बाद प्रांतीय गवर्नर दाऊद लघमनी और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख को काबुल जाने की अनुमति दी थी। हालांकि, उनको छोड़ने से पहले आतंकियों ने गवर्नर के अंगरक्षकों को कथित तौर पर निहत्था कर दिया जिसके बाद आपसी समझौते के आधार पर उन्हें काबुल जाने को कहा गया।

तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा कि लड़ाकों ने राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय, केंद्रीय जेल और अन्य सरकारी बलों की सुविधाओं पर नियंत्रण कर लिया है।

इस बीच, फराह के प्रांतीय गवर्नर के साथ चार सरकारी अधिकारियों ने भी तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और बाद में दावा किया गया कि उन्हें प्रांत में राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय ले जाया गया है। अफगान सरकार ने अभी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। ऐसे में सरकारी अधिकारियों के तालिबान के सामने घुटने टेकने से अफगान सरकार सकते में है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी एक दिन पहले पत्रकारों से कहा था कि अमेरिकी सैनिकों ने पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान की सहायता के लिए वह सब कुछ किया है जो वे कर सकते थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें (अफगान लोगों) अपने लिए, अपने देश के लिए लड़ना होगा। अमेरिका सीमित हवाई हमलों के साथ अफगान सेना का समर्थन कर रहा है, लेकिन इससे अब तक कोई रणनीतिक बदलाव देखने को नहीं मिला है।

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नई दिल्ली (Agency): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस पर भीषण हमले की निंदा की है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, मैं सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के प्रधानमंत्री राल्फ गोंजाल्विस पर भीषण हमले की निंदा करता हूं। महामहिम, मैं आपके शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं। हम आज समुद्री सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ओपन डिबेट में आपकी उपस्थिति को याद करेंगे।

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इस्लामाबाद (एजेंसी): पाकिस्तान में रहीमयार खान स्थित हिन्दू मंदिर में तोड़फोड़ करने के मामले में चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने भीड़ से हिन्दू मंदिर को बचाने के लिए विफल होने में पंजाब पुलिस प्रमुख को फटकार लगाई और घटना में शामिल सभी दोषियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। अदालत ने सरकार को तुरंत मंदिर की मरम्मत कराने का आदेश भी दिया है।

इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्वीट कर इस हमले कि निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि वह रहीम यार खान के भुंग में गणेश मंदिर पर हुए हमले क निंदा करते हैं। उन्होंने इस मामले में आईजी पंजाब को तलब करते हुए सभी दोषियों को गिरफ्तार करने और पुलिस की लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

उल्लेखनीय है कि बुधवार को पाकिस्तान के रहीमयार खान के सादिकाबाद जिले के भोंग शरीफ गांव में सैकड़ों लोगों ने मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की थी। मंदिर में तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था।

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इस्लामाबाद (एजेंसी): पाकिस्तान की आर्थिक हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब देश का खर्च चलाने के लिए प्रधानमंत्री आवास तक किराये पर देने का ऐलान कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक अगस्त 2019 में पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास को यूनिवर्सिटी में बदलने का फैसला किया था जिसके बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह आवास खाली कर दिया था लेकिन अब सरकार ने विश्वविद्यालय बनाने की योजना को टाल दिया है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक इस योजना को टालने के बाद अब पीएम आवास को किराये पर देने का फैसला किया गया है। स्थानीय मीडिया ने यहां अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान सरकार ने पीएम आवास को कल्चरल, फैशन, एजुकेशनल और अन्य इवेंट्स के लिए किराये पर देने का फैसला किया है।

पीएम आवास को किराये पर देने और इसकी निगरानी करने के लिए दो कमेटी भी बनाई गई है। यह कमेटी आवास के अंदर होने वाले कार्यक्रमों के दौरान अनुशासन बनाए रखने और पीएम हाउस से संबंधित डेकोरम को मेन्टेन रखने पर नजर रखेगी।

बताया जा रहा है कि पीएम हाउस के दो गेस्ट विंग्स और लॉन को पैसे जुटाने के लिए किराये पर दिया जा सकता है। पीएम आवास में अब हाई-लेवल डिप्लेमैटिक कार्यक्रम के अलावा अंतरराष्ट्रीय सेमिनार भी कराए जा सकेंगे।

पाकिस्तान में पूंजी निवेश ना होने की वजह से महंगाई बढ़ रही है। आर्थिक हालत इस कदर चरमरा गई है कि सरकार को कर्मचारियों को कर्ज लेकर वेतन देना पड़ रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में व्यापारिक घाटा बढ़ गया है, क्योंकि निर्यात में कमी और आयात में वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में महंगाई आसमान छू रही है। मई में देश में महंगाई की दर 10.9 फीसदी के शिखर पर थी।

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काबुल: अफगान सुरक्षाबलों द्वारा पिछले 24 घंटों में चलाए गए अभियान में 101 तालिबानी आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया है। साथ ही 90 अन्य घायल भी हो गए हैं।

हेरात प्रांत के गुजारा, कारुख, सेयावोशान जिलों में 52 तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं। जबकि 47 अन्य घायल हो गए हैं। अफगानी वायुसेना के युद्धपोतक विमानों ने अफगान बलों को सहयोग करते हुए यहां पर कई हवाई हमले किए।

अफगान रक्षामंत्रालय की ओर से कहा गया कि हेरात के घोरयन जिले में 13 तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं। साथ ही 7 वाहन, गोलाबारूद और हथियार भी नष्ट कर दिए गए हैं। साथ ही यहां पर 22 अन्य आतंकी घायल भी हुए हैं। हेलमंद प्रांत की प्रांतीय राजधानी लश्कर गाह में तालिबान के ठिकानों पर हमला कर कई तालिबानी आतंकवादी मारे गए हैं। कंधार प्रांत के झारी जिले में 36 आतंकवादी मारे गए हैं जबकि 20 अन्य घायल हो गए हैं।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के कई प्रांतों में हाल ही के महीनों में सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच भारी संघर्ष देखा गया है। तालिबान की सेना के खिलाफ लड़ाई जारी है।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को बधाई देते हुए उनके सफल कार्यकाल की कामना की है।

देउबा के रविवार को नेपाल की संसद में विश्वास मत हासिल किए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट के जरिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि वह नेपाल के साथ अपनी विशिष्ट साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए उनके साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं। प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंधों का भी जिक्र किया।

इसके जवाब में देउबा ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों और लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने की आशा करते हैं।

उल्लेखनीय है कि नवनियुक्त प्रधानमंत्री देउबा ने रविवार को 275 सदस्यीय नेपाली संसद के निचले सदन में 165 मत हासिल किए थे। 75 वर्षीय नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष देउबा ने केपी शर्मा ओली के बाद शासन की बागडोर संभाली है।

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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस विश्व संस्था के महासचिव पद पर एंटोनियो गुटेरेस की दोबारा नियुक्ति की है। उनका दूसरा कार्यकाल एक जनवरी 2022 से शुरू होगा।

भारत के साथ इजराइल के होंगे बेहतर रणनीतिक रिश्ते, नए प्रधानमंत्री बेनेट का ऐलान

गुटेरेस के नाम का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सर्वसम्मति से मंजूर किया गया था। एंटोनियो गुटेरेस की पुनर्नियुक्ति की घोषणा महासभा के मौजूदा अध्यक्ष तुर्की के वोल्कन बोजकिर ने की। उन्होंने एंटोनियो गुटेरेस को महासचिव पद की शपथ भी दिलवाई।

पुर्तगाल के 72 वर्षीय गुटेरेस 31 दिसंबर 2026 तक इस पद पर रहेंगे एंटोनियो गुटेरेस ने अपनी पुनर्नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनपर विश्वास जताने के लिए विश्व समुदाय का आभार व्यक्त किया।

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यरुशलम: भारत के साथ इजराइल के बेहतर रणनीतिक रिश्ते होंगे, यह ऐलान इजराइल के नए प्रधानमंत्री नाफ्ताली बेनेट ने किया है। बेनेट ने भारत के साथ गर्मजोशी भरा रिश्ता बरकरार रखने की इच्छा के साथ कहा कि सरकार भारत के साथ उन्नत रणनीतिक संबंध स्थापित करने के लिए कार्य करेगी।

सरकार में बेनेट के नजदीकी सहयोगी और विदेश मंत्री याइर लैपिड ने भी भारत के साथ बेहतर संबंधों पर जोर दिया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेनेट को प्रधानमंत्री बनने के लिए बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के संबंध सहयोग की नई ऊंचाइयों को छुएंगे।

इजराइली विदेश मंत्री ने नए रणनीतिक संबंधों की बात कही

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर के बधाई संदेश के जवाब में उनके इजराइली समकक्ष लैपिड ने नए रणनीतिक संबंधों की बात कही और जयशंकर को निकट भविष्य में इजराइल की यात्रा का न्योता दिया। उल्लेखनीय है कि लैपिड येश आतिद पार्टी के प्रमुख हैं और गठबंधन में हुए समझौते के तहत सितंबर 2023 में उन्हें प्रधानमंत्री बनाया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा है कि दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के 30 साल पूरे होने के मौके पर अगले साल वह दोनों के बीच मजबूत रणनीतिक संबंध स्थापित होने की उम्मीद रखते हैं।

मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के लिए बेंजामिन नेतन्याहू का भी आभार जताया। कहा कि भारत के साथ प्रगाढ़ संबंध बनाने के लिए नेतन्याहू ने व्यक्तिगत तौर पर भी रुचि ली थी। नेतन्याहू 12 वर्ष तक इजराइल के प्रधानमंत्री रहने के बाद रविवार को पद से हटे हैं। उनके और मोदी के नजदीकी रिश्ते कई बार चर्चा में रहे हैं। जुलाई 2017 में मोदी जब पहली बार इजराइल गए थे तो उनका भव्य स्वागत दुनिया के मीडिया की सुर्खी बना था।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को विश्व नेताओं को ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ का मंत्र दिया है, जिसके जरिए मौजूदा कोरोना महामारी और भविष्य की ऐसी किसी भी महामारियों का मुकाबला किया जा सके।

ब्रिटेन के कॉर्नवाल में चल रही विकसित देशों के समूह जी-7 की शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की। इस दौरान मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी से दुनिया को यह सबक मिलता है कि ऐसी वैश्विक चुनौतियों का सामना एक साथ मिलकर ही किया जा सकता है। दुनिया के विभिन्न देशों के लोगों का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है, इसलिए हमें ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ के मंत्र के साथ अपनी रणनीति तैयार करनी चाहिए।

शिखर वार्ता के कक्ष में हर विश्व नेता के सामने एक स्क्रीन लगाई गई थी, जिसके जरिए वे नरेन्द्र मोदी के साथ संवाद कर सकते थे। मोदी के वैश्विक मंत्र की जी-7 के नेताओं ने समर्थन व सराहना की। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने मोदी के इस मंत्र का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए इससे अपनी सहमति जताई।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चिकित्सा संबंधी ऐसी आपदा के दौरान लोकतांत्रिक और पारदर्शिता पर आधारित देशों की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आने वाली किसी महामारी का मुकाबला विश्वस्तर पर एकता, नेतृत्व क्षमता और एकजुटता के जरिए ही किया जा सकता है।

उन्होंने विश्व व्यापार संगठन में वैक्सीन को बौद्धिक संपदा नियमों से छूट दिए जाने के भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव के प्रति जी-7 के नेताओं के समर्थन का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि भारत विश्व स्तर पर स्वास्थ्य प्रबंधन को बेहतर बनाने के सामूहिक प्रयासों में योगदान करने के लिए तैयार है।

मोदी ने कोरोना महामारी का सामना करने के लिए भारत में किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस काम में पूरे समाज को साथ लेकर चलने की कोशिश की गई। सरकार, उद्योग जगत और समाज जीवन के विभिन्न वर्गों के साथ तालमेल कायम किया गया।

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यरुशलम (एजेंसी): दिग्गज राजनेता इसहाक हर्ज़ोग इजराइल के 11वें राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। यहां 120 संदस्यीय संसद में मंगलवार को गुप्त मतदान हुआ। 60 वर्षीय हर्ज़ोग, इज़राइल की लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख और विपक्षी नेता हैं, जो 2013 के संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ लड़े थे और असफल रहे थे।

वह रूवेन रिवलिन का स्थान लेंगे, जो अगले महीने पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। वह एक प्रमुख ज़ायोनी परिवार से हैं। उनके पिता चैम हर्ज़ोग संयुक्त राष्ट्र में इजराइल के राजदूत रह चुके हैं। इसहाक हर्ज़ोग इससे पहले जिय़ुइश एजेंसी के अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। यह ऐसी एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो इज़राइल में आप्रवासन को बढ़ावा देने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करती है।

उल्लेखनीय है कि इजराइल में लंबे राजनीतिक संकट के बीच पिछले दो वर्षों में चार राष्ट्रीय चुनाव कराए गए हैं।

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