Patna: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पटना कांग्रेस ऑफिस में कहा कि इस कांग्रेस ऑफिस से जो भी नेता निकला, वे देश के आजादी के लिए लड़ा। हमें गर्व है कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी इसी धरती से थे, अगर हम बिहार जीत गए तो सारे भारत में हम जीत जाएंगे।

बिहार में कांग्रेस का यह बयान खास है खासकर उस समय जब बिहार में कांग्रेस को स्थिति हासिए पर हो. बिहार में कांग्रेस की डूबती नैया को उबारने के लिए खरगे का यह बयान कार्यक्रताओ में जोश भरने वाला है। वही राहुल गांधी ने भी कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया।

विपक्षी दलों की बैठक से पहले राहुल गांधी ने सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। बीजेपी का काम नफरत फैलाना है। भाजपा देश को तोड़ने का काम कर रही है। वहीं, कांग्रेस देश जोड़ने का काम कर रही है।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कार्यकर्ताओं को ‘बब्बर शेर’ कहा। उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश समझ गया है कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का मतलब सिर्फ 2-3 लोगों को फायदा पहुंचाना है। वहीं कांग्रेस का मतलब देश के गरीबों के साथ खड़े होना और उनके लिए काम करना है।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी का डीएनए बिहार में है। भारत जोड़ो यात्रा में हर राज्य में बिहार के लोग मेरे साथ चले। नफरत को सिर्फ मुहब्बत काट सकती है। तेलंगाना, मध्‍यप्रदेश, राजस्थान व छतीसगढ़ में भाजपा कहीं नहीं दिखेगी।

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पटना, 23 जून (हि.स.)। बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी एकता पर आज पहली बैठक कुछ घंटे बाद शुरू होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री आवास के एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में बैठक शुरू होगी। इसके शाम 4 से 5 बजे तक चलने की संभावना है। इसमें 18 दलों के नेताओं के हिस्सा लेने की संभावना है। बैठक में छह राज्यों के मुख्यमंत्री और छह पूर्व मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे।

इस बैठक में वामदल और राष्ट्रवादी कांग्रेस समेत अधिकांश क्षेत्रीय दलों के शीर्ष नेता वैचारिक मतभेद भुलाकर एक मंच पर आने की कोशिश करेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी बैठक में मौजूद रहेंगे। आज सुबह 10 बजे विशेष विमान से राहुल और खड़गे पटना पहुंचेंगे।

बैठक में शामिल होने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, वामपंथी नेता डी राजा और दीपांकर भट्टाचार्य पटना पहुंच चुके हैं।

 

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जीतनराम मांझी ने की अमित शाह से मुलाकात, NDA शामिल होगा HAM

दिल्ली: बिहार के पूर्व सीएम व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षण जीतनराम मांझी ने बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

इस दौरान उनके बेटे संतोष सुमन और केंद्रीय गृह राज मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद थे. अमित शाह से मुलाकात के बाद मांझी ने एनडीए के साथ जाने का ऐलान किया है.

बता दें कि करीब पौन घंटे तक मांझी और अमित शाह के बीच बातचीत हुई. इस दौरान बीजेपी और हम के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई.

बैठक के बाद हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने कहा कि हम एनडीए का हिस्सा होगा और सीटो का फॉर्मूला आने वाले दिनों में तय होगा.

बताते चले कि महागठबंधन से अलग होने के बाद जीतन राम मांझी और उनके बेटे संतोष सुमन दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. वो दो दिनों से दिल्ली में ही थे. जहां बुधवार को उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से आखिरकार हो गयी.

बिहार की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से काफी उथल-पुथल मची हुई है. एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक करने वाले हैं तो वहीं दूसरी तरफ पिछले कई वर्षों से उनके सहयोगी के तौर पर काम करते आ रही पार्टी हम ने अब अपना हाथ पीछे खींच लिया है और खुद को महागठबंधन से भी अलग कर लिया है.

अमित शाह से मुलाकात के बाद मांझी ने एनडीए में जाने का ऐलान कर दिया है. सीटों का फार्मूला आने वाले दिनों में तय किये जाने की बात कही गयी है.

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पटना, 20 जून (हि.स.)। बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक दिन पहले यानि 22 जून को पटना आ जायेंगे। बैठक में 17 राज्यों के बड़े नेताओं के आने की संभावना है। केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी एक दिन पहले ही पटना पहुंचेंगे।

आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया कि 22 जून को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का स्वागत गाजे बाजे के साथ पटना एयरपोर्ट पर किया जायेगा। उनके आगमन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी जोश है। सभी तैयारी में जुट गये हैं।

अरविंद केजरीवाल स्टेट गेस्ट हाउस में ठहरेंगे। बताया जा रहा है कि बैठक के दौरान अरविंद केजरीवाल का पहला एजेंडा केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश पर समर्थन जुटाना होगा। इसके बाद 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होंगे।

बैठक में शामिल होने वाले नेताओं की सूची

राजधानी पटना में 23 जून को होने वाले विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आयेंगे। इसके अलावा शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य शामिल होंगे।

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने के बाद सितंबर 2022 से ही विपक्षी एकता की मुहिम में जुटे हैं। वे कई राज्यों की यात्रा कर चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने कई मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की है। आज उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी तमिलनाडु के सीएम से मिल उन्हें बैठक में आने का निमंत्रण दिया है।

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लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ध्येय फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने राजनीतिक जीवन में कभी अहंकार नहीं पाला। जिस दिन व्यक्ति के अंदर अहंकार आ जाता है, उसी दिन से उसका पतन शुरू हो जाता है। इसलिए कभी मन में अहंकार नहीं आना चाहिए।

रक्षामंत्री ने कहा कि आम तौर पर जनता में यह धारणा है कि ब्यूरोक्रेट्स उस तरह से जनता के साथ पेश नहीं आते, जिस तरह से उन्हें पेश आना चाहिए। ‘जिस दिन इस देश का नेता“न’ कहना और इस देश की ब्यूरोक्रेसी ‘हाँ’ कहना सीख जाएगी, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें छात्र जीवन से ही राजनीति का कीड़ा कुरेदता था । 23 साल की उम्र में जेल गया, वह इमरजेंसी का दौर था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि आपको पद पर रहते हुए इस बात का भी ध्यान रखना है कि आप किसी जनप्रतिनिधि द्वारा सुझाए गए किसी भी अच्छी बात को ध्यान से सुनें और यदि उचित हो तो उसे अमल में भी लाएं। जनप्रतिनिधि अपनी जनता से संबंधित मुद्दों को तो आपके सामने उठाएगा ही। इसलिए आपको अपने क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर कार्य करना होगा।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने किसी भी निर्णय के समय महात्मा गांधी के उस कथन को याद करें, जिसमें उन्होंने यह कहा था कि जो सबसे गरीब आदमी तुमने देखा हो, उसकी शक्ल याद करो और अपने हृदय से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिये कितना उपयोगी होगा ? क्या उससे उसे कुछ लाभ पहुंचेगा ? हमें अपने निर्णय से पहले यह सोचना पड़ेगा कि हमारे इस निर्णय से समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति पर क्या असर पड़ेगा ? जिस दिन से आप इस सोच के साथ कार्य करना शुरू करेंगे, मेरा विश्वास करिए, आपके अंदर एक आत्म संतुष्टि का भाव आएगा।

उन्होंने कहा कि कई प्रकार की चुनौतियाँ आएँगी लेकिन मेरा आपसे आग्रह है कि चाहे लाख चुनौतियाँ आएं, चाहे कितनी भी मुश्किलें आएँ, आप अपने अंदर के बच्चे को कभी खत्म मत करिएगा। आपके अंदर का बच्चा हमेशा जीवित रहना चाहिए। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आ जाते हैं, जहां आपको समझ ही नहीं आता कि करें तो करें क्या। ऐसी स्थिति में विवेक का साथ न छोड़ें। आप विवेक के साथ चलें, तो हो सकता है कि मुश्किलें आएँ, पर उनसे निकलने का रास्ता भी आपको उन्हीं मुश्किलों में निकलता दिखाई देगा। ऐसा मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ।

उल्लेखनीय है कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का लखनऊ दौरे का आज तीसरा दिन था। इस कार्यक्रम के बाद राजनाथ सीधे एअरपोर्ट के लिए रवाना हो गये। वहां से वह दिल्ली जायेंगे।

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भाजपा सरकार के नौ साल बेमिसाल कार्यक्रम, मंत्रियों ने कहा केंद्र की राशि पर मुख्यमंत्री बिहार में विकास कर रहे है

छपरा/ बनियापुर: केंद्र सरकार के कार्यकाल के नौ वर्ष पूरे होने पर भाजपा नौ साल बेमिसाल कार्यक्रम का आयोजन कर रही है. इसी क्रम में शनिवार को बनियापुर के कन्हौली में महाराजगंज संसदीय क्षेत्र और बनियापुर विधानसभा क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के नेतृत्व में आयोजित किया गया.

मौके पर मौजूद केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने राज्य की सरकार के मुखिया पर जमकर प्रहार किया. श्री सिंह ने राज्य के मुखिया को माल महाराज का मिर्जा खेले होली की उपमा देते हुए कहा कि केंद्र ने सड़कें बनवाई, आवास बनवाए, शौचालय बनवाया, किसान सम्मान निधि की राशि दी पंचायत के विकास के लिए 15वी वित्त का पैसा दिया, मनरेगा में केंद्र की राशि दी गई लेकिन इन सब योजनाओ पर कुर्सी कुमार अपनी डफली बजाकर जनता में प्रसारित कर रहे है. बिहार में केंद्र सरकार द्वारा 76 प्रतिशत की राशि योजनाओं में दी जा रही है और यह अपने मद से सिर्फ 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी दे रहे है. तब भी अपने की पीएम उम्मीदवार मान रहे है.

वही पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री कहते फिर रहे है की केंद्र सरकार ने विगत नौ वर्षो में क्या किया लेकिन उन्हें अध्ययन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना में जहां कई देशों में लोग भूख से मर गए वही भारत में अभीतक मुफ्त में राशन दी जा रही है. केंद्र सरकार ने जहां कोरोना का मुफ्त टीका भारतवासियों को दिलवाया वही विदेशों में भी इसका निर्यात हुआ. लेकिन कुर्सीकुमार को यह सब नहीं दिखता है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने नीति और सिद्धांत से देश को आगे बढ़ा रही है भारतीय अर्थव्यवस्था का बढ़ना घोतक है.

वही केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने अपने मंत्रालय द्वारा दी जा रही खाद्य पदार्थ में राज्य में लूट पर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि केंद्र से राशन 5 किलो आता है बिहार में 4 किलो बटता है, लाभुकों जबतक चढ़ावा ना दें उसको ना आवास मिल रहा है ना शौचालय. विगत दिनों से राज्य के 4 संसदीय क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान उन्हें यह जानकारी जनता से मिली है. उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य सरकार के मुखिया पहले अपने राज्य को अच्छी तरह से संभाल लें इसका चहमुखी विकास कर ले उसके बाद वह देश का विकास करने की सोचें.

कार्यक्रम को विधायक जनक सिंह, पूर्व विधायक ज्ञानचंद्र मांझी, पूर्व मंत्री महचंद्र सिंह, जिप उपाध्यक्ष प्रियंका सिंह, संतोष महतो, हेमनारायण सिंह, अरुण सिंह सहित दर्जनों वक्ताओं ने संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की जनहितकारी योजनाओ और आगामी लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव को लेकर सभी कार्यकर्ताओं को क्षेत्र में प्रचार प्रसार योजनाओं की जानकारी देने और मतदाताओं को एकजुट करने का आह्वान किया गया.

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पटना, 17 जून (हि.स.)। बिहार में विपक्षी दलों की बैठक की तारीख 23 जून जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे महागठबंधन में टूट भी तेजी से देखने को मिल रहा है। कांग्रेस के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप भी लगाए हैं। कुंतल कृष्ण कांग्रेस में पिछले 25 वर्षों से जुड़े थे।

कुंतल कृष्ण ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व कांग्रेस को कभी स्वीकार नहीं करना चाहिए। बिहार में नीतीश कुमार ने अन्य दलों को बौना साबित करने की लगातार कोशिश की है। इसी का नतीजा है कि कांग्रेस को उचित प्रतिनिधित्व सरकार की ओर से नहीं मिल रहा है। उन्होंने नीतीश कुमार पर कांग्रेस को तरजीह नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे कांग्रेस के लिए कुर्बानी दे रहे हैं। आलाकमान तक संदेश पहुंचना चाहिए कि कांग्रेस के नेता ने पार्टी के लिए इस्तीफा दिया है।

उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह नीतीश सरकार में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। पहले जीतन राम मांझी के बेटे डॉ संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। अब दो दिन बाद ही कांग्रेस नेता का इस्तीफा दे दिया।

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पटना, 17 जून (हि.स.)। पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विपक्षी एकता के नाम पर भ्रष्टाचार में डूबे वंशवादी दलों की बैठक बुलायी गई है और ये सभी दल केवल अपनी-अपनी दुकान बचाने के लिए एक-साथ दिख रहे हैं। उन्होंने शनिवार को कहा कि इस जुटान का न देशहित, लोकतंत्र और विकास से कोई वास्ता है और न इनमें से कोई दल अपने प्रभाव वाले राज्य में दूसरे गैर-भाजपा दल से हाथ मिलाने को तैयार हैं।

सुशील मोदी ने कहा कि जिन दलों ने इसमें भाग लेने की सहमति दी है, उनमें कांग्रेस, राजद, सपा, टीएमसी, माकपा, झामुमो, द्रमुक सहित दर्जनभर पार्टियां ऐसी हैं, जिनका नेतृत्व किसी एक परिवार के हाथ में है और जिनके बड़े नेता भ्रष्टाचार के मामलों में जेल या बेल के बीच झूल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद चारा घोटाला के सभी मामलों में सजायाफ्ता होकर जमानत पर हैं। राजद में दूसरी पीढ़ी के नेता नौकरी के बदले जमीन मामले में कभी भी जेल जा सकते हैं। दो दिन पहले द्रमुक सरकार के बिजली मंत्री गिरफ्तार हुए। आप, टीएमसी, एनसीपी के दो-दो मंत्री जेल में हैं या बेल पर। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा-विरोधी दल राष्ट्रीय स्तर एक होने का नाटक करते हैं और दूसरी तरफ अपने-अपने राज्य में एक-दूसरे को मिटाने पर तुले हैं। यह कैसी एकता है?

मोदी ने कहा कि ममता बनर्जी ने बंगाल में कांग्रेस और माकपा के लिए दरवाजे बंद कर रखे हैं। केजरीवाल की पार्टी दिल्ली और पंजाब में कांग्रेस से कोई दोस्ती करने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में पहली बार ऐसी विपक्षी एकता की कोशिश हो रही है, जो केवल भ्रष्टाचार और वंशवाद के समर्थन में है। 23 जून को नीतीश कुमार जेपी की कर्मभूमि पटना को कलंकित करने वाले हैं।

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केंद्र भेज रहा 5 किलो राशन बिहार में लाभुक को मिल रहा 4 किलो राशन, गरीबों के पेट की रोटी काटी जा रही है यह राज्य का दुर्भाग्य

Chhapra: भारत सरकार के उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं ग्रामीण विकास, राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति बिहार दौरे पर है. शुक्रवार को छपरा पहुंची राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने खाद्य और सार्वजनिक वितरण एवं ग्रामीण विकास संबंधी मामलों में राज्य में लचर स्थिति पर सरकार को घेरा.

राज्य के लाभुकों के लिए राशन वितरण, शौचालय निर्माण और आवास निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार में सरकार को घेरते हुए उन्होंने नीतीश कुमार को बिहार संभालने की नसीहत भी दी डाली.

साध्वी ने कहा कि बिहार में गरीबों की हकमारी हो रही है. राज्य के गरीब लाभुकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा 5 किलो अनाज भेजा जाता है लेकिन बिहार और पश्चिम बंगाल में की गरीब जनता को 4 किलो अनाज दिया जाता है. केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि वह विगत 3 दिनों से लगातार बिहार में 9 साल बेमिसाल कार्यक्रम के तहत भ्रमण कर रहे हैं और हर जगह उन्हें यह जानकारी मिल रही है कि लाभुकों को 4 किलो ही अनाज दिया जाता है.

उन्होंने कहा कि पूरे बिहार में यह खेल हो रहा है और यह एक बड़ा घोटाला है. बिना सरकार के नुमाइंदों के यह इतनी बड़ी कटौती नहीं की जा सकती है. गरीबों के पेट की रोटी काटी जा रही है यह राज्य का दुर्भाग्य है.

राज्य में केंद्र द्वारा शौचालय का पैसा दिया गया लेकिन शौचालय नहीं बना, केंद्र आवास के लिए पैसे भेज रही है लेकिन उसमें लाभुकों से पैसों की उगाही का काम किया जा रहा है. आयुष्मान कार्ड नहीं बन रहा है, किसान सम्मान निधि की राशि खाते में आए इसके लिए राज्य सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि वह किसानों का डाटा लेकर अपलोड करें. जब इतना काम राज्य सरकार से नही हो रहा है तो वह केंद्र सरकार का सपना छोड़ दें.

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#Patna:  नीतीश मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार हुआ। जदयू विधायक रत्नेश सादा को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई और उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रत्नेश सदा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जदयू के विधायक हैं। वे 2010 से यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं। मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने दो दिन पहले ही नीतीश सरकार में शामिल बेटे डॉ संतोष सुमन का मंत्री पद से इस्तीफा दिलाया था।

रत्नेश सादा के मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मांझी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने उनको विलय के लिए बोला था। वह साथ होते थे तो भाजपा तक बात पहुंचाते थे। नीतीश ने कहा कि मांझी दिल्ली जाकर बात कर वापस आए थे तो हमसे कहे थे कि हम आपके साथ रहेंगे। यहां थे तो वो चाहते थे कि हम बड़े जगह पर रहे। एक बात सबको मालूम था कि वह जहां कहीं भी थे लेकिन भाजपा के लोगों से मिल रहे थे।

नीतीश कुमार ने कहा कि वहां से मिल कर मांझी सबकुछ तय कर लेते थे। फिर हमारे यहां भी आकर कहते थे कि हमको कुछ अलग चाहिए। हम तो जान ही रहे थे सब बात। मांझी जब मेरे पास मिलने आए तो हमने कहा कि आपको हमने इतना ज्यादा बनाया, कोई दूसरा नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि हमलोग 23 तारीख को मीटिंग करेंगे। यह उस मीटिंग के अंदर की बात को भाजपा को बता देते। इसीलिए हमने उनसे कहा कि या तो आप मर्ज करिए या अलग हो जाइए। इसके बाद वे अलग हो गए। अब उनकी जगह पर हमने अपने कोटे से रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया।

समय से पहले चुनाव करवाए जाने की बात पर उन्होंने कहा कि यह तो केंद्र सरकार को अधिकार है कि वो चाहे तो समय से पहले चुनाव करा ही सकता है। जब हम लोग अटल के साथ थे तो उन्हीं की पार्टी के लोगों ने तीन चार महीने पहले चुनाव करवा दिया था। हालांकि, अटल ऐसा नहीं चाहते थे। विपक्ष एकजुट हो रहा है तो हो सकता है उन लोगों को लगे कि यह लोग आगे मिलकर बहुत कुछ करेगा तो नुकसान होगा। इसलिए समय से पहले चुनाव करवा सकते हैं। इसकी संभावना हमेशा रहती है। इसलिए हमें सारे पार्टियों को अलर्ट किया है कि मिलकर लड़िएगा तो फायदे में रहेंगे। 

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पटना, 13 जून (हि.स.)। जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) ने संतोष मांझी के कैबिनेट से इस्तीफा देने पर कहा कि उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है। जीतन राम मांझी की पार्टी छोटी दुकान है।

ललन सिंह ने कहा कि हम मांझी की पार्टी का विलय चाहते थे जिसके लिए वे तैयार नहीं हुए। मंत्री संतोष सुमन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। संतोष सुमन के इस्तीफे को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूर भी कर लिया है। इस्तीफे के बाद संतोष मांझी ने कहा था कि नीतीश कुमार हम का जदयू में विलय करने का दबाव बना रहे थे। जबकि जदयू का कहना है कि मांझी जैसे लोग आते-जाते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। संतोष सुमन के इस्तीफा पर भाजपा ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने अहंकार में किसी का सम्मान नहीं करते हैं।

ललन सिंह ने कहा कि संतोष मांझी ने त्यागपत्र दिया जिसे मुख्यमंत्री जी ने स्वीकार कर लिया है। उन्होंने यह लिखा है कि निजी कारणों से साथ चलने में असमर्थ हैं। इसलिए हम लोग मानते हैं कि उन्होंने महागठबंधन छोड़ दिया। मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि कब विस्तार करेंगे किसको बनाएंगे कब बनाएंगे। विलय करने की बात थी यदि आप पार्टी अलग चला रहे हैं। अलग-अलग छोटा छोटा दुकान चलाने से क्या फायदा है। उन्होंने कहा कि हम आपके साथ आगे चलने में असमर्थ हैं।

विजय चौधरी ने कहा कि हमारे पास तो उनके इस्तीफे की कॉपी है जिसमें उन्होंने साफ लिखा है कि निजी कारणों से अब साथ चलने में असमर्थ हैं। अब संतोष सुमन मंत्री नहीं है। इसका मतलब है कि वे अब महागठबंधन में नहीं है। दो पार्टी यदि विलय करती है तो ज्यादा मजबूत पार्टी बनती है। लेकिन उन्होंने स्वयं कहा कि वे मुख्यमंत्री के साथ नहीं चलेंगे। पूरे देश की पार्टियां एक हो रही है। पूरा विपक्ष 23 जून को भाजपा के खिलाफ एक मंच पर आ रही है।

तेजस्वी यादव ने कहा कि मांझी जी पहले हम लोगों के गठबंधन में थे तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी जी को बिहार का सीएम बनाया और संतोष जी को मंत्री बनाया। कोई ये नहीं कह सकता कि नीतीश कुमार ने मांझी जी को सम्मान नहीं दिया। जब हम फिर से महागठबंधन में आए तो सबकों साथ लेकर आए। संतोष सुमन की चिट्ठी में लिखा हुआ है कि निजी कारणों से वे महागठबंधन के साथ नहीं चल सकते। अब वे महागठबंधन का अंग नहीं बनना चाहते हैं।0

इससे पहले बिहार सरकार के मंत्री संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री आवास में देर शाम आपात बैठक आयोजित की गयी। जिसमें डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री विजेंद्र यादव और विजय कुमार चौधरी शामिल हुए। बैठक के बाद मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा की ऐसा समझा जाए कि अब जीतन राम मांझी की पार्टी महागठबंधन के साथ नहीं है।

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Patna: बिहार (Bihar) की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट आ गई है। विपक्षी एकता की कवायद के बीच राज्य सरकार में शामिल मंत्री डॉ संतोष सुमन ने इस्तीफा देकर नीतीश कुमार को बड़ा झटका दिया है।   

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार से जीतन राम मांझी नाराज चल रहे थे।  इस्तीफा देने के बाद डॉo संतोष सुमन ने कहा कि हमारी पार्टी को जदयू में विलय करने का प्रस्ताव दिया गया था। जिसे नामंजूर कर दिया गया है और मैंने इस्तीफा दे दिया है। पार्टी का अस्तित्व खतरे में था उसे बचाने के लिए इस्तीफा दिया है।

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जब उनसे यह सवाल किया गया कि क्या वे महागठबंधन को छोड़कर एनडीए के पाले में जाएंगे तो उन्होंने कुछ भी साफ नहीं कहा। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद से अब कायसों का बाजार गर्म हो गया है। 

आपको बात दें कि आगामी 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक आहूत है। बैठक के पहले महागठबंधन के एक दल के मंत्री का इस्तीफा नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा कर रहा है।   

  

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