– अनुवांशिक रूप से होती है हाइपरटेंशन की बीमारी
– साल में एक बार ब्लडप्रेशर व ब्लडशुगर जांच जरूरी
– “अपने रक्तचाप को सही से मापें, नियंत्रण में रखें व ज्यादा जीवन जीएं ” है इस वर्ष हाइपरटेंशन दिवस का थीम

लोगों को हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को उच्च रक्तचाप होने के लक्षणों की जानकारी देने के साथ ही इससे बचाव के उपायों की जानकारी दी जाती है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में लोगों के उच्च रक्तचाप की जांच करते हुए उन्हें इससे सुरक्षित रहने के उपायों की जानकारी दी गई। इस वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस का थीम “अपने रक्तचाप को सही से मापें, नियंत्रण में रखें व ज्यादा जीवन जीएं ” रखा गया है।

परिवार के सदस्यों से भी अनुवांशिक रूप से होती है हाइपरटेंशन की बीमारी
सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप धीरे-धीरे नजर आने वाला रोग है, जिसका पता लोगों को देर से चलता। खराब जीवनशैली के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप से लोग 30 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र में शिकार होते हैं। कभी कभी परिवार के सदस्यों का उच्च रक्तचाप के शिकार होने पर आनुवंशिक रूप से उनके बच्चे भी इसका शिकार हो जाते हैं। इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को 30 वर्ष की उम्र के बाद हर साल एक बार अपना स्वास्थ्य जांच अवश्य करवाना चाहिए। जांच के बाद अगर किसी का रक्तचाप ज्यादा है तो इसका इलाज कराना चाहिए क्योंकि 80 से 85 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता। कभी कभी कुछ लोगों को यह बीमारी जीवन के अंतिम समय में हृदयघात, लकवा, किडनी फेल के रूप में प्रकट होता है जो जानलेवा होता है। इसलिए इस बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को साल में एक बार अपनी जांच करवानी जरूरी है।

उच्च रक्तचाप के कारण
• अधिक वजन व मोटापा
• शराब/तम्बाकू का अत्यधिक सेवन
• गुर्दा की बीमारी
• तनाव का होना
• अत्यधिक नमक का सेवन
• परिवार के किसी सदस्य के उच्च रक्तचाप से ग्रसित होने का इतिहास

बचाव हेतु खुद का ध्यान रखना जरूरी
उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को बचाव के लिए खुद का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए लोगों को अपना वजन नियंत्रित रखना, शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि, संतुलित आहार, फल व सब्जियों का सेवन, रक्तचाप की नियमित जांच, चिकित्सकीय सलाह पर आवश्यक दवाइयों का सेवन, शराब/तम्बाकू का सेवन वर्जित करना, तनाव से दूर रहना तेल,घी,नमक का सेवन कम करना आदि का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

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Chhapra: गर्मी के दिनों में आपने छपरा शहर में बिकने वाली खास मलाई बर्फ खायी होगी. इसकी खासियत यह है कि यह बर्फ के साथ दूध से बनी मलाई से बनायीं जाती है और इसे मिटटी के बर्तन में परोसा जाता है. जिससे मिटटी की सोंधी खुशबू  लिए यह और भी स्वादिष्ट हो जाती है.

शहर के हर मोहल्ले में आपको इस मलाई बर्फ के ठेले दिख जायेंगे. स्वाद ऐसा की एक बार खाने के बाद और खाने का मन करे.

छपरा में इस मलाई बर्फ को 15 वर्षों से बेच रहे संतोष बनाते है कि पहले की अपेक्षा मलाई वर्फ का दाम समय के साथ बढ़ा जरुर है पर इसका स्वाद आज भी बरक़रार है. लोग इसे बहुत ही पसंद करतें है. इसे बनाने के लिए पहले मिटटी के बर्तन में मशीन के सहारे बर्फ को घसा जाता है फिर दूध से बनी मलाई डाली जाती है.

गर्मी के मौसम में ठंडक देता यह मलाई बर्फ छोटों से लेकर बुजुर्गों की पसंद है. छपरा से बाहर रहने वाले लोग जब भी छपरा आते है इसे जरुर चखते हैं

आप इस मलाई बर्फ को कितना पसंद करतें है कमेंट कर जरुर बताइयेगा.

छपरा टुडे डॉट कॉम ब्यूरो की रिपोर्ट

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मंडल रेल प्रबंधक ने छपरा ग्रामीण से छपरा जंक्शन तक किया पैदल निरीक्षण

छपरा : संरक्षित रेल परिवहन यात्रियों की सुरक्षा तथा संरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मंडल रेल प्रबंधक रामाश्रय पाण्डेय ने मंडलीय अधिकारियों के साथ छपरा ग्रामीण से छपरा जं लगभग 8.10 किमी तक पैदल चलकर इस खण्ड के रेलवे ट्रैक का गहन निरीक्षण किया. छपरा-टेकनिवास रेल खण्ड का पुश ट्रॉली से निरीक्षण तथा मंडल पर अधिकाधिक पारम्परिक एवं गैर-पारम्परिक माल लदान को आकर्षित करने हेतु छपरा ग्रामीण एवं गौतमस्थान स्टेशनों के गुड्स शेड का निरीक्षण किया. छपरा ग्रामीण से छपरा जंक्शन रेल खण्ड के पैदल निरीक्षण के दौरान उन्होंने छपरा ग्रामीण गुड्स शेड तथा स्टेशन के पॉइंट सं 218 a,217a,216a का पॉइंट क्रासिंग बॉडी का निरीक्षण किया. इसके साथ ही उन्होंने समपार सं 39 सी का सेफ्टी निरीक्षण किया तथा स्टेशनों एवं समपार फाटकों पर पेयजल की आपूर्ति व गुडवत्ता का परीक्षण किया. इसके अतिरिक्त उन्होंनो छपरा ग्रामीण स्टेशन एवं छपरा कचहरी स्टेशन के पैनलों समेत विभिन्न रिकॉर्डों का निरीक्षण किया और सम्बन्धित को निर्देश दिया. उन्होंने छपरा ग्रामीण गुड्स शेड में रोड एक्सटेंशन बनाकर दोनो तरफ से ट्रकों को आने जाने की सुविधा देने,शेड में व्यापारियों की सुविधा हेतु सुधार कार्य कराने का निर्देश दिया.

मंडल रेल प्रबन्धक ने आज के अपने पैदल निरीक्षण के दौरान सभी पॉइंट्स क्रॉसिंग, स्विच एक्सटेंसन जॉइन्ट, ग्लूड जॉइंट्स, समपार फाटक, पीने के पानी, पैसेंजर्स एरिया, ट्रेन पासिंग,ब्लॉक हट और रख-रखाव एवं सेफ्टी पर संबंधित को आवश्यक दिशा निर्देश दिया. इसके पश्चात मंडल रेल प्रबंधक श्री पाण्डेय ने पुश ट्रॉली द्वारा छपरा जंक्शन – टेकनिवास-कोपासमहोता रेल खण्ड का निरीक्षण कर ट्रैक की संरक्षा परखी.  इन स्टेशनों पर उन्होंने परिचलनिक व्यवस्थाओं में संरक्षा, क्रैंक हैण्डिल रजिस्टर,रिले रूम की चाभी रिकार्ड, पॉइंट्स एण्ड क्रॉसिंग रजिस्टर, अनुरक्षण रजिस्टर, ऑपरेशन कैंसिलेशन वीडर काउंटर काउंट, स्टेशन पैनल एवं संरक्षा से जुड़े विभिन्न उपकरणों का निरीक्षण किया और संबंधित को दिशा निर्देश दिया.

अपने निरीक्षण के दौरान उन्होने छपरा ग्रामीण,छपरा कचहरी, टेकनिवास स्टेशनों की परिचलनिक व्यवस्था, साफ-सफाई, यात्री सुख सुविधाएँ- प्रतीक्षालय, यात्री आरक्षण केंद्र ,अनारक्षित टिकट काउंटर, सामान्य यात्री हाल, गार्ड/लोको पायलट रनिंग रूम, स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया, पार्किंग स्थलों का व्यापक निरीक्षण किया और रख-रखाव एवं सफाई पर संबंधित को दिशा निर्देश दिया.

निरीक्षण के दूसरे चरण में रामाश्रय पाण्डेय सड़क मार्ग से अधिकारियों समेत गौतम स्थान स्टेशन पहुँचे थे. मंडल रेल प्रबंधक ने गौतमस्थान रेलवे स्टेशन, पार्सल कार्यलय, मालगोदाम एवं गुड्स शेड का निरीक्षण कर स्थानीय व्यापारियों से संवाद कर व्यापार समूहों एवं उद्योगों के साथ समन्वय स्थापित कर माल यातायात को रेल परिवहन सुविधा की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया. इसके साथ ही उन्होंने व्यापारियों एवं व्यापार समूहों की मांग के अनुरूप माल परिवहन को सुगम बनाने हेतु कई सुधार कार्य कराने का निर्देश दिया.

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Chhapra : सारण जिला जद (यू) अध्यक्ष मुरारी सिंह ने जद (यू) प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के अनुमोदनोपरान्त सारण जिला जनता दल (यू) की जिला कार्यकारिणी का विस्तार किया है। जिला कार्यकारिणी में सभी समाज एवं क्षेत्रों का ख्याल रखा गया है। जिला उपाध्यक्ष-15, महासचिव-25, सचिव-17 प्रवक्ता-1, कार्यालय प्रभारी-1, कार्यकारिणी के सदस्य- 18, विशेष आमंत्रित सदस्य-16 बनाए गए है। साथ ही साथ पार्टी के माननीय सांसद / विधायक, पूर्व सांसद / पूर्व विधायक विधान परिषद, पार्टी के राष्ट्रीय / प्रदेश के पदाधिकारीगण, राज्य परिषद् सदस्य, पूर्व जिलाध्यक्षगण एवं प्रकोष्टों के जिला अध्यक्षगण जिला कार्यकारिणी के आमंत्रित सदस्य होंगे। सारण जिला जनता दल (यू) की नई गठित जिला कार्यकारिणी की सूची निम्नवत है:

उपाध्यक्ष:

(1) जयप्रकाश यादव, (2) ओम प्रकाश शर्मा, (3) सुरेश सिंह, (4) अरशद परवेज मुन्नी (5) बसती देवी (6) महेश्वर चौधरी (7) पशुपति नाथ पटेल, (8) डॉ० इन्द्रकान्त विश्वकर्मा, (9) श्रीप्रकाश सिंह उर्फ महेश सिंह, (10) संजय कुमार राम, ( 11 ) भगवान दास, (12) रविन्द्र सिंह कुशवाहा (13) अरूण कुमार गिरी, (14) अशरफ अली खान

महासचिवः

(1) काजिम रजा रिजवी, (2) मन्नु कुमार गिरी (3) ब्रजकिशोर चन्द्रवंशी (4) डॉ० अभिषेक रंजन (5) जय प्रकाश महतो, (6) शम्भु माँझी, (7) मनोज कुमार पटेल, (8) मो० इस्तेयाज परवेज, (9) शम्भु सिंह, (10) दिलीप ठाकुर, (11) दिपक कुमार सिंह, (12) हरेन्द्र सिंह (13)अन्नत कुमार गोंड, (14) मनोज कुमार सिंह (15) जय प्रकाश जायसवाल, (16) सविता सिंह, (17) सुनिल सिंह कश्यप (18) अखिलेश कुशवाहा (19) कौशल किशोर सिंह, (20) राजीव कुमार राम, (21) नम्रता राज, (22) तन्नु सिंह (23) कामेश्वर महतो, (24) निलेश गिरी

सचिव:

(1) लालमुनी देवी, (2) विरेन्द्र गिरी (3) राजू प्रसाद व्याहुत, (4) शशिभुषण गुप्ता, (5) लालबहादुर पाण्डेय, (6) अशोक सिंह (7) सद्दाब आलम मुन्नू (8) जमाल अशरफ उर्फ बब्लू, (9) ओम नाथ भारती (10) राज किशोर सिंह, (11) विरेन्द्र कुमार सिंह, (12) खुशी गुप्ता, (13) गणेश सिंह, (14) राकेश कुमार चौरसिया, (15) तरूण कुमार सिंह, (16) सोहाग सिंह, (17) डॉ० कैलाश प्रसाद सिंह,

प्रवक्ताः

(1) मो० फिरोज

कार्यालय प्रभारी:

(1) ब्रजेश कुमार

जिला कार्यकारिणी सदस्य:

(1) नागेन्द्र सिंह, (2) गोविन्दा सिंह, (3) राजेश कुमार सिंह (4) महेश सिंह (5) प्रमेश्वर सिंह पटेल, (6) डॉ० दिलीप चौधरी, (7) डॉ० सैयद सोहेल अख्तर (8) देशबन्धु कुमार उर्फ

चुनमुन ओझा, (9) मलय कुमार सिंह, (10) पंकज साण्डील्य (11) रामकिशुन सिंह,(12) अमरेन्द्र सिंह कश्यप, (13) मिथिलेश सिंह, (14) हरिशंकर यादव, (15) धनेश्वर सिंह, (16) कुसुम रानी (17) मोहन सिंह (18) रिता कुशवाहा

विशेष आमंत्रित सदस्य:

(1) ब्रज किशोर सिंह (2) वैद्यनाथ प्रसाद सिंह विकल, (3) कामेश्वर सिंह, (4) ललनदेव तिवारी, (5) अब्दुल रहीम राईन, (6) आनन्द किशोर सिंह (7) चन्द्रभूषण पंडित, (8) सत्यप्रकाश यादव, (9) ई0 सतेन्द्र सहनी (10) गुडू सिंह पटेल, (11) बिजेन्द्र सिंह, (12) सकिला बानो (13) कुमार अशेक सिंह उर्फ भोला सिंह (14) रमेश चौरसिया, (15) सुनील सिंह कुशवाहा

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Chhapra: स्नातक तृतीय खंड परीक्षा 2021 एवम तृतीय खंड विशेष परीक्षा 2021 के परीक्षा प्रपत्र भरने की तिथि को विश्वविद्यालय ने विस्तारित किया है.

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि परीक्षा की तिथि का जो पहले 6 मई 2022 तक थी को विस्तारित करते हुए अब 10 मई 2022 कर दी गयी है.

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छपरा नगर निगम के इस क्षेत्र में नरक का जीवन जीते है लोग, तपती गर्मी में घुटना तक पानी में चलकर स्कूल जाते है बच्चें

Chhapra: शहर के बीचोबीच मौना चौक से कुछ ही दूरी पर स्थित मौना पंचायत भवन रोड पर तपती गर्मी में भी घुटनों तक पानी जमा है. यह जलजमाव इस सड़क के लिए कोई नई बात नहीं है. नगर निगम की लचर व्यवस्था एवं सड़क निर्माण में विभागीय लापरवाही के कारण वर्षों से यह स्थिति बनी है. लाख प्रयास के बावजूद भी मौना पंचायत भवन के आसपास रहने वाले लोग प्रतिदिन घुटनों तक पानी में चलकर स्कूल, कॉलेज के साथ अपने व्यवसाय के लिए जाते हैं.

कहने के लिए भले ही यह इलाका नगर निगम का क्षेत्र हो लेकिन हालात सुदूर गांव से भी बदतर है. तपती गर्मी में यहां बाढ़ जैसे हालात है. यह स्थिति तब और बदतर हो जाती है जब बरसात का दिन आता है.

मौना पंचायत भवन के इस स्थान पर नगर निगम क्षेत्र के 3 वार्ड 33, 34 और 35 का मिलन स्थल है. यहां से 3 दिशाओं में तीन वार्ड आयुक्त का क्षेत्र निकलता है. इसे सौभाग्य कहें या दुर्भाग्य कहें की 3- 3 वार्ड पार्षद रहते हुए भी इस सड़क से जलजमाव की समस्या का हल नहीं हो पाया.

करीब 50 मीटर से अधिक लंबी सड़क वर्षों से जलजमाव से ग्रसित है. 10 हजार से ऊपर की आबादी प्रतिदिन इस रास्ते से पैदल, साइकिल, बाइक, रिक्शा एवं चार पहिया वाहनों से होकर इस रास्ते से गुजरते हैं.

यहां रहने वाले लोग अपने आप को नगर निगम के क्षेत्र में भले ही रहने वाले नगरवासी कहे जाते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि वह खुद को नरक वासी ही समझते हैं.

प्रतिदिन घर से स्नान कर बच्चे, बूढ़े, जवान स्कूल, दुकान, व्यवसाय, प्रतिष्ठान एवं नौकरी पर जाने के लिए अपना कदम घर से इस नाली के पानी में रखकर ही आगे बढ़ते हैं.

नाले का पानी का स्तर घुटनों तक रहता है. जिसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है. अन्य कोई रास्ता नहीं होने के कारण उन्हें मजबूरन इस रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है.

जलजमाव को लेकर वार्ड पार्षद द्वारा नाली की सफाई कराई जाती है. लेकिन अन्य सड़क को ऊंचा बना दिए जाने के कारण अगले दिन ही इस सड़क पर जलजमाव हो जाता है जो नहीं हट पाता.

स्थानीय लोगों द्वारा इस समस्या से निजात को लेकर कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई. जिससे यहां रहने वाले हजारों लोगों को इस समस्या का पूर्ण निदान मिल सके.

छपरा शहर का तापमान इन दिनों 35 डिग्री के पार हो चला है, गर्म हवाएं चल रही हैं. ऐसे में जहां पानी का जल स्तर कम हो रहा है, खेतों के जलजमाव में कमी आ रही है, इस परिस्थिति में निगम क्षेत्र के इस अति व्यस्त एवं भीड़भाड़ वाले इलाके में घुटने तक पानी का जमा होना समझ से परे है.

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विजयोत्सव के रूप में मनी बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती

Chhapra: जिले के सरकारी विद्यालयों में बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती धूमधाम और हर्ष के साथ मनाई गई. विजयोत्सव पर मनाई गई इस जयंती के अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं को बाबू वीर कुंवर सिंह के जीवन से परिचय कराया गया.

देश की अंग्रेजों से स्वतंत्रता को लेकर उनके अहम योगदान बलिदान सहित उनकी वीर गाथाओं को छात्र छात्राओं से परिचय कराते हुए उनकी जन्मस्थली को भी बताया गया.

इस अवसर पर विद्यालयों में बाबू वीर कुंवर सिंह के तैल चित्र पर माल्यार्पण एवं पुरुष अर्पित किया गया.

विद्यालयों में शिक्षक शिक्षिकाओं के साथ-साथ बच्चों ने भी बड़ी संख्या में भाग लेकर बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती को मनाया.

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घर से भागे प्रेमी युगल की थानाध्यक्ष और ग्रामीणों की पहल पर हुई शादी

इसुआपुर : इसुआपुर में प्यार को आखिरकार मुकाम मिल गया प्रेमी-प्रेमिका एकदूसरे के हो गए. मामला इसुआपुर के सढवारा गांव का है, जहां घर से भागे प्रेमी-प्रेमिका का बुद्धिजीवियों की मध्यस्थता के बाद मंदिर में शादी करा दी गई. इसके बाद कई सालों से चले आ रहे दो परिवारों के बीच की तनातनी को विराम लग गया.

जानकारी के अनुसार जिले के इसुआपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत सढवारा निवासी पिता टुनटुन साह का पुत्र सूरज कुमार साह का सढवारा गांव के पिता चन्द्रिका बैठा किरण कुमार के साथ विगत कई वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. एकदूसरे से प्रेम करने वाले प्रेमी-प्रेमिका के बीच परिवार रोड़ा बन रहा था. लाख समझाने के बाद भी परिवार वाले एकदूसरे को अपनाने को तैयार नहीं थे. पारिवारिक अड़चनों से परेशान होकर दोनों घर से फरार हो गए. लड़के-लड़की का घर से भागना समाज में चर्चा का विषय बन गया. इसके बाद बुद्धिजीवी और रिश्तेदारों की मध्यस्थता के बीच दोनों परिवार राजी हुए. स्वजनों की रजामंदी के बाद युवक-युवती को बुलाकर जनप्रतिनिधि और पुलिस अभिरक्षा में इसुआपुर के मंदिर में विवाह संपन्न हुआ. दोनों प्रेमी युगल बालिग हैं.A valid URL was not provided.

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192 देशों द्वारा मनाए जाने वाला विश्व पृथ्वी दिवस ( World Earth Day ) मनाने की घोषणा वर्ष 1969 में की गई थी। इसके मनाने का उद्देश्य पृथ्वी के महत्व और वैश्विक तापमान ( Global Warming ) के प्रति जागरुक किया जा सके। 1970 से हर साल 22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। इस बार पृथ्वी दिवस का विषय ( Theme) ” हमारी धरती, हमारा स्वास्थ्य ” ( Our Earth, Our Health )

आज हमारे चारों ओर से वातावरण में जो क्रिया कलाप हो रहे हैं उनसे वातावरण का विनाश होता जा रहा है। शहरीकरण और औद्दोगीकरण के कारण ग्रामीण शहरी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रहे हैं। शहरों में वाहनों की संख्या बेतहाशा बढ़ रहे हैं। वाहनों से निकलने वाले धुएं से वातावरण खराब हो रहा है और हमारे स्वास्थ पर इसका कुप्रभाव पड़ रहा है। पेड़ों और जंगलों को काटे जा रहे हैं जिससे धरती पर तापमान बढ़ रहा है। हमे समझना चाहिए कि हमारा प्राकृतिक प्रवेश के साथ बहुत घनिष्ठ सम्बन्ध है। इसका हमारे जीवन में क्या महत्व है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि हमारा शरीर जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि व आकाश आदि पांच तत्वों से बनता है और अंत में इसी में विलीन हो जाता है।
मनुष्य का स्वास्थ्य उसकी सबसे बड़ी पूंजी है क्योंकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ विचारों का वास होता है। स्वस्थ शरीर में ही खुशहाल मन होता है। स्वस्थ मन से ही देश और समाज के विकास के बारे में विचार कर सकते हैं।

पूरी पृथ्वी मे वायु व्याप्त है। यह पर्यावरण का ऐसा अंग है जिनके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। स्वच्छ वायु में सांस लेकर ही हम स्वस्थ जीवन व्यतीत करते हैं। वायु प्रदूषण के कारण घातक बीमारियां होती है।

यदि पृथ्वी दो तिहाई हिस्सा जल से व्याप्त है तो हमारे शरीर का भी एक बड़ा भाग जल युक्त होता है। पृथ्वी पर पानी का बहुत महत्व है। पानी के कारण ही पृथ्वी का विकास हुआ है। प्रदुषित पानी शरीर में पहुंचता है जिससे घातक बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

दुख की बात है कि हम मनुष्यों की बेलगाम गतिविधियों का प्रभाव धरती की अन्य सभी प्रजातियों पर पड़ा है। वर्तमान में विभिन्न प्रजातियों के विलुप्तीकरण की गति सामान्य से दस हजार गुणा अधिक है।
इन दिनों कुछ जगहों पर आकाश से आग सी बस रही है। जब सूर्य की तापमान नही बढ़ा तो फिर यह स्थिति क्यों ? आज ग्लेशियर डरावनी गति से पिघल रहे हैं। इससे समुद्रों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
समुद्र के निकट रहने वालों के लिए विस्थापन का खतरा बढ़ रहा है। समुद्र में जा रहे प्लास्टिक के कचरे और एसिड की बढ़ती मात्रा से 700 से अधिक प्रजातियां प्रभावित हो रही है। गत 20 वर्षो में 12000 से अधिक मौसमी आपदाएं घटित हुईं हैं। भारत में जहां सुखा पड़ता था , वहां अब बाढ़ आने लगी है। गर्मी की मौसम की अवधि में बढ़ोतरी हो रही है।

एक लम्बी प्रक्रिया के बाद इस सुन्दर और नीली धरती का विकास हुआ है। इसे बचाने की जिम्मेदारी हमारी है। स्वतंत्र भारत ने जब अपना संविधान लागू किया उस समय पर्यावरण दूषित होने से रोकने के विषय में कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं रखा गया था किंतु अपरोक्ष रूप से सविधान की धारा 47 के अंतर्गत सार्वजनिक स्वास्थ्य सम्बन्धित दायित्व सरकार को अवश्य दिए गए थे और इसी को निहित पोषाहार के स्तर में वृद्धि तथा जनसाधारण के रहन सहन को भी ऊंचा करने का दायित्व भी सरकार को सौंपा गया था। स्वाभाविक है कि सार्वजनिक स्वास्थ सुधार में देश में प्रदूषण रहित शुद्ध पर्यावरण बनाए रखने की जिम्मेदारी भी सरकार को ही है। सन 1976 में संविधान में संशोधन कर धारा 48 A को उसमे जोड़ा गया। ताकि सरकार पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए उसकी और उन्नति करे एवं देश में वनों तथा वन्य जंतुओं की सुरक्षा करने की भी चेष्टा करे इसी संशोधन के अंतर्गत भारतीय नागरिकों में भी पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखते हुए जंगल, झील, झरना, तालाब, और नदी आदि तथा वन्य जीव जंतुओं की सुरक्षा का पुनीत कार्य करने में दोहरे प्रावधानों की व्याख्या की गई है। एक ओर सरकार को पर्यावरण सुरक्षा के लिए अधिकार और निर्देश दिए गए हैं तो दुसरी ओर जनसाधारण को आह्वान भी किया गया है कि वे भी प्राकृतिक पर्यावरण को स्वच्छ और सुरक्षित रखने में भरपूर शक्ति से सहयोग दें। संवैधानिक प्रावधानों का मुख्य उद्देश्य प्रकृति और पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखना है। यदि सरकार संविधान के अनुरूप और नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करते रहे तो पर्यावरण को शुद्ध और सुचारू रखने में कोई व्यावधान नही आ सकता। सरकार और नागरिकों को हृदय से महसूस करना चाहिए कि धरती और पर्यावरण संबंधी कानूनों का पालन करना उनका प्राथमिक कर्त्तव्य है।

प्रशांत सिन्हा, पर्यावरणविद्द

ये लेखक के निजी विचार हैं…

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लोहार जाति के युवाओं का भविष्य अधर में, आदेश के बाद भी नही बन रहा जाति प्रमाण पत्र, कैसे करें नौकरी के लिए आवेदन

Chhapra: राज्य सरकार द्वारा लोहार जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग अनुसूची 1 में शामिल करने की आदेश के बाद भी प्रदेश में इस जाति का जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के एवज में हजारों युवक-युवती सरकारी नौकरी, शिक्षण संस्थान सहित अन्य कार्यों को ले लेकर आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. लाखों युवक-युवतियों का भविष्य सरकारी उदासीनता के कारण गर्त में जा रहा है.

इस संबंध में लोहार जाति के युवक-युवतियों का कहना है कि पूर्व में राज्य सरकार द्वारा जारी गजट के अनुसार उनका जाति प्रमाण पत्र अनुसूचित जनजाति का निर्गत किया गया था, लेकिन विगत दिनों सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद 19 अप्रैल को राज्य सरकार द्वारा पत्र जारी करते हुए अपने पूर्व के प्रकाशित गजट को रद्द कर दिया गया. साथ ही साथ लोहार जाति को अत्यंत पिछड़ी जाति अनुसूचित एक के तहत जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश देते हुए अन्य सुविधाओं का लाभ भी देने का निर्देश जारी किया गया. लेकिन अब तक इस निर्देश का अनुपालन विभाग द्वारा नहीं किया जा रहा है.

युवक-युवतियों का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों विभिन्न तरह के निकाले गए नौकरियों के आवेदन सहित सरकारी विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद को लेकर बीपीएससी की विज्ञापन में जाति प्रमाण पत्र एवं क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. लेकिन विगत कई सप्ताह से ना तो लोहार जाति का जाति प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है और ना ही क्रीमी लेयर.

युवाओं का कहना है कि राज्य सरकार की लोक सेवाओं के अधिकार को लेकर बनाए गए पोर्टल पर अब भी लोहार जाति अनुसूचित जनजाति में दिख रही है. आवेदन नहीं हो पा रहा है जिससे कि प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहा है. उसी तरह क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र बनाने में भी लोहार जाति अनुसूचित जनजाति के कॉलम में ही दिख रही है. कठिनाइयों से आवेदन पत्र भरने की तिथि धीरे-धीरे समाप्त हो रही है. लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बनने से वह इस आवेदन को भरने से चूक रहे हैं.

कई युवाओं का कहना है कि पूर्व के निर्गत प्रमाण पत्र फार्म अप्लाई किया गया जिसके बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन सहित अन्य प्रक्रियाओं में करंट प्रमाण पत्रों की मांग की जा रही है. कई युवाओं का इंटरव्यू होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी प्रमाण पत्रों की मांग की गई है, लेकिन प्रमाण पत्र जारी नहीं करने के कारण उनकी जॉइनिंग तक रुकी हुई है. ऐसी स्थिति में उनका भविष्य अंधकार में हो रहा है.

युवा युवती आपाधापी की स्थिति में है उन्होंने सरकार और उनके विभाग के पदाधिकारी से निर्गत पत्र के आलोक में अभिलंब जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है, जिससे कि वह अपने आवेदन पत्रों को पूर्ण रूप से भर सकें.

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Chhapra: विश्व की जानी मानी स्वयंसेवी संस्था रोटरी इंटरनेशनल के आह्वान पर प्रतिष्ठित रोटरी सारण क्लब ने आज शहर के हृदय स्थल थाना चौक पर मेगा स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जिसमें आज सुबह शहर के गणमान्य व्यक्तियों सहित सुबह में टहलने वाले लोगों की शुगर,ब्लड प्रेशर,हाइट एवं वजन इत्यादि की निशुल्क जांच की गई। आज सुबह से ही क्लब के सारे सदस्य स्थानीय थाना चौक पर उपस्थित होकर सभी व्यक्तियों के निशुल्क जांच में अपनी सेवा प्रदान किए।

रोटरी क्लब सारण के चार्टड अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल एवं चार्टर्ड सचिव राजेश फैशन ने बताया रोटरी सारण हमेशा समाज में लोगों के स्वास्थ्य एवं हित की चिंता करता है तथा उसके प्रति जागरूक करता है।कार्यक्रम के संयोजक डॉक्टर मदन प्रसाद ने लोगों की जांच कर उन्हें उचित सलाह प्रदान की ताकि उनकी जीवनशैली में सुधार हो,वे स्वस्थ रहें। अध्यक्ष अजय गुप्ता एवं सचिव प्रदीप कुमार ने बताया इस जांच शिविर में 243 व्यक्तियों की जांच की गई।रोटरी क्लब सारण हमेशा समय-समय पर मेघा स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन शहर के विभिन्न जगहों पर करता रहता है।इसके साथ ही रोटरी सारण के द्वारा शहर एवं गांव के बच्चों जिनके दिल में छेद होता है हमारा रोटरी क्लब सारण उनकी निशुल्क जांच एवं ऑपरेशन के साथ उचित इलाज कोच्चि के अमृता हॉस्पिटल में कराता आ रहा है।हम सभी शहरवासियों से अपील करते हैं क्लब द्वारा समय-समय पर आयोजित ऐसे कार्यक्रमों का लाभ उठाएं एवं जब भी कभी ऐसे बच्चों का पता लगे जिसके दिल में छेद है तो हमारे क्लब रोटरी सारण के पदाधिकारियों से संपर्क करें।इस कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष सुनील सिंह,सत्यनारायण प्रसाद,सुरेंद्र गुप्ता,राजेश जायसवाल,चंद्रकांत द्विवेदी,सोहन गुप्ता,दिनेश गुप्ता, विजय ब्याहुत,दीपक कुमार,मनोज गुप्ता,गोविंद अग्रवाल,दिलीप पोद्दार,अनिल कुमार,दीनानाथ प्रसाद के साथ बहुत सारे सदस्य उपस्थित थे

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Chhapra:  जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में स्थानीय भागवत विद्यापीठ में आयोजित राज्य स्तरीय ओपन शतरंज प्रतियोगिता “शतरंज खेल उत्सव” में बालिका वर्ग में सुहानी प्रिया, अंडर 15 में आर्यन सिंह एवं ओपेन वर्ग में सन्नी कुमार सिंह विजेता बने । पुरस्कार-वितरण डॉ एस के पांडेय, डॉ सुरेश प्रसाद सिंह, सत्यप्रकाश राय, श्वेतांक राय पप्पू, विक्की आनन्द, सुषमा सोनी, काजल गुप्ता ने किया । कार्यक्रम की अध्यक्षता भागवत विद्यापीठ के प्राचार्य डॉ अमरेन्द्र सिंह ने किया जबकि मंच संचालन संघ के सचिव मनोज कुमार वर्मा संकल्प ने किया ।

मुख निर्णायक कुमार शुभम एवं प्रतियोगिता निदेशक राजशेखर के अनुसार अंतिम परिणाम इस प्रकार रहे :
बालिका वर्ग :
1. सुहानी प्रिया ( छपरा )
2. सान्या वर्मा ( छपरा )
3. तान्या वर्मा ( छपरा )
4. शिवानी राज ( छपरा )
5. वैष्णवी कुमारी (समस्तीपुर )
6. अनुष्का सिंह ( छपरा )
7. किरुबा वत्स ( पटना )
8. खुशबू कुमारी ( छपरा )
9. अवनि गुप्ता ( छपरा )
10. सोनल कुमारी ( छपरा )

बालक वर्ग ( अंडर 15 ) :
1. आर्यन सिंह ( छपरा )
2. प्रेम कुमार ( छपरा )
3. यश राज ( छपरा )
4. केशव कुमार यशवंत ( खगड़िया )
5. सुमित कुमार ( छपरा )
6. रायिर्थ वत्स ( पटना )
7. रोहण राज ( छपरा )
8. प्रत्यय श्री ( छपरा )
9. दिव्यांशु वर्मा ( छपरा )
10. अम्बर श्रीवास्तव ( छपरा )

ओपेन वर्ग :
1.सन्नी कुमार सिंह ( छपरा )
2. शुभम कुमार ( खगड़िया )
3. मो तबसीर आलम ( पटना )
4. पीयूष कुमार मिश्रा ( पटना )
5. रणधीर कुमार सिंह ( छपरा )
6. मुन्ना खान ( छपरा )
7. मो जैफ हुसैन ( छपरा )
8. प्रशांत कुमार सिंह ( छपरा )
9. शिवम आनन्द ( छपरा )
10. सागर कुमार ( छपरा )
यह सूचना संयुक्त सचिव यशपाल सिंह ने दी ।

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