नई दिल्ली: जम्मू कश्मीरी के हंदवाड़ा में आतंकियों के गिरफत में फंसे परिवार को रिहा कराने के दौरान सेना के एक कर्नल और मेजर सहित कुल पांच सुरक्षाकर्मियों शहीद हो गए.

सेना के साथ करीब 15 घंटे चले ऑपरेशन में दो आतंकी भी ढेर हुए हैं जिसमें एक लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है. जो पाकिस्तानी नागरिक है.

सेना को सूचना मिली थी कि हंडवारा के चंजीमूल में आतंकियों ने एक घर में परिवार को बंधक बना रखा है. इसी सूचना के आधार पर हंडवारा में तैनात 21 राष्ट्रीय राईफल्स के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) कर्नल आशुतोष शर्मा अपनी टुकड़ी के मेजर अनुज सूद और दो जवान, नायक राकेश और लांस नायक दिनेश सिंह के साथ उस घर में पहुंचे. साथ में जम्मू कश्मीर पुलिस के सब-इंस्पेकटर शकील काजी भी मौजूद थे.

सेना ने बंधक बनाए गए परिवार को बचा लिया. वही आमने सामने की लड़ाई में कर्नल समेत 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए. करीब 15 घंटे चले ऑपरेशन में दो आतंकी भी ढेर हुए हैं जिसमें एक लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर है. जो पाकिस्तानी नागरिक है.

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New Delhi: अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने पत्रकारों को शुभकामनाएं दी है.

अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने लिखा है कि पत्रकार तथा मीडिया के साथियों को शुभकामनाएं देता हूं.

भारतीय मीडिया से आग्रह करता हूं कि वे सत्य, तथ्य, निष्पक्षता, जवाबदेही, न्यायपूर्ण संतुलन तथा नैतिकता के पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों के प्रति संकल्पबद्ध रहें तथा हमारे लोकतंत्र और वृहत्तर समाज के सजग प्रहरी के रूप में अपने दायित्वों को निभाएं.

जरूरी है कि मीडिया खबरों को, पूर्वाग्रहों से अक्षुण्ण रखते हुए, निष्पक्षता से प्रस्तुत करे.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने प्रेस को समाज सेवा का साधन माना था, उन्होंने कहा था ” पत्रकारिता का असली मकसद जनमत को शिक्षित करना है, जनता पर वांछित , अवांछित पूर्वाग्रहों को थोपना नहीं…”

उपराष्ट्रपति ने कहा कि आपातकाल के अतिरिक्त, भारतीय मीडिया प्रायः स्वाधीनता के प्रति दृढ़ता पूर्वक समर्पित रहा है.

उन्होंने कहा कि कोविड 19 संक्रमण का सामना करने में भी, डॉक्टरों, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वच्छता कर्मियों जैसे हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं के साथ मीडिया की भी भूमिका अभिनंदनीय रही है.

मैं मीडिया से आग्रह करता हूं कि जन कल्याण तथा राष्ट्र हित को, विशेषकर कृषि और ग्रामीण विकास के मुद्दों को अपने कार्य के केंद्र में रखें.

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New Delhi: गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, लॉकडाउन के कारण विभिन्‍न स्‍थानों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य व्यक्तियों को विभिन्‍न स्थानों पर ले जाने के लिए आज “श्रमिक दिवस” से “श्रमिक स्‍पेशल” ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है.

मानक प्रोटोकॉल्‍स के अनुसार इन फंसे हुए लोगों को भेजने वाली और उनकी अगवानी करने वाली संबंधित दोनों राज्‍य सरकारों के अनुरोध पर ये विशेष रेलगाडि़यां एक जगह से दूसरी जगह के बीच चलेंगी. रेलवे और राज्‍य सरकारों की ओर से समन्‍वयन और “श्रमिक स्‍पेशल्‍स’’ के  सुचारु परिचालन के लिए वरिष्‍ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्‍त किया जाएगा.

यात्रियों को भेजने वाले राज्‍यों द्वारा उनकी जांच की जाएगी और यात्रा की अनुमति केवल उन्‍हीं लोगों को दी जाएगी जिनमें कोई लक्षण नहीं पाया जायेगा. भेजने वाली राज्‍य सरकारों को इन लोगों को ट्रेन में बिठाने के लिए निर्धारित रेलवे स्‍टेशन तक सैनिटाइज्‍ड बसों में बैठाकर सामाजिक दूरी के नियमों और अन्‍य सावधानियों का पालन करते हुए जत्‍थों में लाना होगा. प्रत्‍येक व्‍यक्ति के लिए फेस कवर लगाना अनिवार्य होगा. भेजने वाले राज्‍यों द्वारा शुरुआती स्‍टेशन पर उनके लिए भोजन और पानी उपलब्‍ध कराया जाएगा. रेलवे यात्रियों के सहयोग से सामाजिक दूरी के मानदंडों और स्वच्छता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा.

लंबे मार्गों पर यात्रा के दौरान रास्‍ते में रेलवे एक भोजन प्रदान करेगा. गंतव्य तक पहुंचने पर, राज्य सरकार द्वारा यात्रियों की अगवानी की जाएगी. वहीं उनकी स्क्रीनिंग, यदि आवश्यक हो क्‍वारंटीन और रेलवे स्टेशन से आगे की यात्रा जैसे सभी तरह के प्रबंध करेगी. राष्ट्र के सामने मौजूद संकट की इस घड़ी में भारतीय रेल के सभी अधिकारी और कर्मचारी साथी भारतवासियों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी का समर्थन और सहयोग चाहते हैं.

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New Delhi: देश में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 14 दिनों के और बढ़ा दिया है. 17 मई तक देशव्यापी लॉकडाउन जारी रहेगा. लॉकडाउन के बावजूद लगातार बढ़ रहे कोविड-19 के मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है.

देश में यातायात की सारी सुविधाएं पहले की तरह ही बंद रहेंगी. ट्रेन और प्लेन सेवाएं नहीं शुरू की जाएंगी. मेट्रो सेवाओं को भी बंद रखा जाएगा. किसी भी तरह के मॉल और सिनेमा हॉल में भीड़ नहीं इकट्ठा होगी, मॉल और सिनेमा हॉल को खोलने की इजाजत नहीं दी गई है.

देश में कुछ सेक्टर ग्रीन जोन में आने के बावजूद भी बंद रहेंगे. हवाई यात्रा, रेल, मेट्रो और राज्य के भीतर परिवहन पर लगी पाबंदी जारी रहेगी. ये पाबंदियां संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाई गई हैं. स्कूल, कॉलेज, संस्थान, हॉस्पिटैलिटी सर्विस, होटल और रेस्त्रां भी बंद रहेंगे.

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New Delhi: देश में करोड़ों वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने लॉक डाउन की अवधि को दो हफ्ते और बढ़ाने का फैसला किया है.

गृह मंत्रालय ने 17 मई तक लॉक डाउन को बढ़ा दिया है.

गृह मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है इसे डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत 2 हफ्ते के लिए बढ़ाया गया है. इस दौरान ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले शहरों में कुछ छूट मिलेगी.

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New Delhi: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का 67 वर्ष की उम्र में गुरुवार को निधन हो गया. उनके निधन से पूरा सिनेमा जगत शोक में डूब गया है.

ऋषि कपूर के निधन की जानकारी देते हुए अमिताभ बच्चन ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि ऋषि कपूर इस दुनिया को छोड़ कर चले गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि मैं टूट चुका हूं.

ऋषि कपूर ने मेरा नाम जोकर, बॉबी, सागर, कर्ज, अमर अकबर एंथोनी, दीवाना, बोल राधा बोल, अग्निपथ, मुल्क समेत एक से बढ़कर एक फिल्मों में अभिनय किया था.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक बार फिर बैठक करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी की इस बैठक में कोरोना वायरस से जूझ रहे देश के हालात पर चर्चा की जाएगी और गृह मंत्रालय के निर्देशों के संबंध में जानकारी भी दी जाएगी.

प्रधानमंत्री राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और नए कंटेनमेंट जोन बनने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी मुख्यमंत्रियों के साथ सुबह 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करेंगे.

प्रधानमंत्री गृह मंत्रालय की 20 अप्रैल के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन के पालन को लेकर भी चर्चा करेंगे. इस महत्वपूर्ण बैठक में 3 मई के बाद उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की जाएगी. लॉकडाउन की स्थिति को लेकर भी इस बैठक में अहम चर्चा की जाएगी.

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New Delhi: Corona संक्रमण में ईलाज करने के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर एक अध्यादेश पास किया गया है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा. इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अध्यादेश लाई जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान है. स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी. 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी. जबकि एक साल के अंदर फैसला आएगा. इसके तहत 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. जबकि गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.

वही स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला करने वालों को उनकी मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई करना होगा.

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नई दिल्ली: स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से अबतक 1489 लोग ठीक हो गये हैं. उन्होंने बताया कि देश में कुल 12,380 केस हैं. कुल 414 लोगों की जान गयी है. पिछले 24 घंटे में 37 लोगों की मौत हुई है. लव अग्रवाल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री ने WHO से कोरोना पर बात की है.

सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को हेल्थ सर्विस पर गाइडलाइंस जारी कर दी गयी है, ताकि कोई दिक्कत नहीं आये. हेल्थ मिनिस्ट्री ने मेक इंडिया पर जोर दिया है. देश में 325 ऐसे जिले हैं जहां कोई भी मामला नहीं है. माहे ( पुडुचेरी) 28 दिनों में एक भी पॉजिटिव केस नहीं आय़ा है. ऐसे कई जिले है जहां से कोई केस नहीं आया है. लव अग्रवाल ने बताया भारत में ठीक होने का प्रतिशत 12.05 है.

आईसीएमआर ने बताया कि देश में अबतक 2 लाख 90 हजार 401 टेस्ट हुए हैं. अगर किसी में कोरोना वायरस ने प्रवेश किया तो क्या लक्षण है इस संबंध में भी उन्होंने विस्तार से बताया साथ ही यह भी बताया कि क्या लक्षण है कि अगर आप 8 दिन या दस दिन बाद भी इसका पता नहीं लगा पाते या जांच नहीं करते.

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New Delhi: कोरोना वायरस के महासंकट की वजह से देश में लॉकडाउन जारी है. ऐसे में एक दूसरे से जुड़ने के लिए लोग वीडियो कॉल का इस्तेमाल कर रहे हैं. वीडियो कॉलिंग/कॉन्फ्रेंसिंग ऐप ज़ूम के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से एडवाइज़री जारी की गई है, जिसमें कहा गया है कि ये ऐप सुरक्षित नहीं है, ऐसे में लोग इसका सावधानी से इस्तेमाल करें. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सरकार ने पहले भी 6 फरवरी, 30 मार्च को इसको लेकर जानकारी दी थी, ऐसे में लोग इसपर सतर्कता बरतें.

सरकार ने कहा है कि लोग अगर इसका इस्तेमाल कर भी रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें. लगातार पासवर्ड बदलते रहें, कॉन्फ्रेंस कॉल में किसी को अनुमति देते हुए सतर्कता बरतें.

ज़ूम पर बात करने के लिए गृह मंत्रालय ने ये सुझाव दिए हैं, जिनका पालन कर सतर्कता बरती जा सकती है:

• हर मीटिंग के लिए नई यूजर आईडी, पासवर्ड का इस्तेमाल करें.

• वेटिंग रूम को एनेबल करें, ताकि कोई भी यूजर तभी कॉल में शामिल हो सके जब कॉन्फ्रेंस करने वाला अनुमति दे.

• ज्वाइन ऑप्शन को डिसऐबल कर दें.

• स्क्रीन शेयरिंग का ऑप्शन सिर्फ होस्ट के पास रखें.

• किसी व्यक्ति के लिए रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखें.

• फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन का कम से कम इस्तेमाल करें.

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Mumbai: कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इस बीच, मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई. ये सभी मजदूर घर जाने के लिए स्टेशन पर पहुंच गए. मजदूरों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन खत्म हो जाएगा. उन्हें हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का इस्तेमाल किया.

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बताया जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद भीड़ हट गई. स्थानीय नेताओं का कहना है कि लोगों को समझाया जा रहा है कि उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी और हर संभव मदद की जाएगी. महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार इन मजदूरों के खाने का इंतजाम करेगी. हम मजदूरों को समझा रहे हैं कि उनकी परिस्थितियों को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे.

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इस पूरी घटना पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया और केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बांद्रा स्टेशन पर वर्तमान स्थिति, मजदूरों को हटा दिया गया. उन्होंने कहा कि सूरत में हाल में कुछ मजदूरों ने दंगा किया था. केंद्र सरकार उन्हें घर पहुंचाने को लेकर फैसला नहीं ले पाई. आदित्य ठाकरे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. प्रवासी मजदूर खाना और शेल्टर नहीं चाहते हैं, वे घर जाना चाहते हैं.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लागू किया गया 21 दिन का लॉकडाउन आज खत्म होने जा रहा है. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित किया. पीएम ने लॉकडाउन को 3 तक बढ़ाने का फैसला लिया. पीएम मोदी ने कहा, ”नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपकी त्याग की वजह से कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक सफल रहा है. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है. हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है.

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उन्होने कहा कि- मैं जानता हूं. आपको कितनी दिक्कतें आई हैं, किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर परिवार से दूर है, लेकिन आप देश के खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए हमें Hotspots को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के Hotspot में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए Hotspots का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा.”

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उन्होंने कहा, ”वी द पीपल ऑफ इंडिया, बाबा भीमराव अंबेडकर की जन्मदिवस पर अपनी सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन यह सच्ची श्रद्धांजलि है. मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं. मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं. आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही कोरोना प्रभावित आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था. विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिन का आइसोलेशन शुरू कर दिया गया था. जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन का लॉकडाउनक का बहुत बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि समस्या दिखने पर तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.”

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किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं: PM

पीएम मोदी ने कहा, ”साथियों यह एक ऐसा संकट है, जिसे किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं है, लेकिन अगर-अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है. महिना-ढ़ेड महिना पहले कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे. आज उन देशों में भारत की तुलना में 25 से 35 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. भारत ने होलिस्टिक और इंट्रीग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती तो आज भारत की स्थिति को देखते तो रोए खड़ हो जाते.”

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3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया: PM

उन्होंने कहा, ”सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन लोगों की जान की कीमत बहुत है. 24 घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के लिए लोग आगे आए हैं. विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है. भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो.. हमारे यहां नुकसान कैसे कम हो और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो. इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है. 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है.”

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विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं: पीएम

अपने संबोधन से कुछ घंटे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है. पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह अपने ट्वीट में कहा, “विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं. इन त्योहारों से भारत में भाईचारे की भावना मजबूत होगी. ये त्योहार खुशी और बेहतर स्वास्थ्य भी लाएंगे. आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है.”

बता दें कि तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं.

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