नई दिल्ली: राज्यों में ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे को देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को हॉट स्पॉट पर नजर रखने के साथ विदेश से आए सभी पॉजिटिव लोगों के नमूनों को इंसाकॉग लैब में भेजने को कहा है । केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को चिट्ठी लिखकर सभी राज्यों में ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई।

कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट के खतरे को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 27 नवंबर को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पहले ही सलाह दी जा चुकी है कि सभी राज्य अंतरराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी नजर रखें और कोरोना के उभरते नए हॉट स्पॉट क्षेत्रों पर नजर बनाए रखें।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि विदेश से आए सभी संक्रमित यात्रियों के संपर्क में आए लोगों का तुरंत पता लगाएं। संक्रमित अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के नमूनों को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजें। इसके साथ बच्चों में संक्रमण की संभावनाओं को देखते हुए अस्पतालों में इनके इलाज की पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके साथ जिन अस्पतालों में कोरोना का इलाज चल रहा है वहां ओमीक्रोन के मरीजों का भी अलग से इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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नई दिल्ली: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए कड़े नियमों की जरूरत है।

लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वैष्णव ने फिल्मों और धारावाहिकों के प्रसारण को रोकने के लिए ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के लिए “कठोर मानदंड” लाने पर विभिन्न समुदायों और धर्मों के बीच “बहुत सारी चर्चा और व्यापक सहमति” की आवश्यकता को रेखांकित किया।

मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान कहा, “साइबर अपराधों का यह विषय, जिस तरह से हमारे बच्चों को प्रभावित कर रहा है, वास्तव में अधिक सख्त नियमन के लिए आम सहमति बनाने की जरूरत है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया भर में यह विचार इस तरफ बढ़ रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि हम साइबर कानूनों को थोड़ा सा भी सख्त करके इसे लागू करने की कोशिश करते हैं, तो हमारे सभी सदस्य एकदम चिल्ला पड़ते हैं कि संविधान का गला घोंट दिया। यह कर दिया, वो कर दिया। लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को छीन लिया गया।

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को मार्च 2021 के आगे 3 वर्षों के लिए विस्तार को मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उक्त आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी।

परियोजना का लक्ष्य बुनियादी सुविधाओं के साथ ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को 2.95 करोड़ पक्के मकान मुहैया कराना है। विस्तार से बाकी बचे 155.75 करोड़ लाख घरों का निर्माण किया जाएगा। 1,98,581 करोड़ का कुल व्यय होगा।

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नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त पर पूरा देश सकते में है। इस दुर्घटना ने उन हवाई हादसों की याद ताजा कर दी, जिसमें अति विशिष्ट लोगों की जान जा चुकी है। इन हादसों में देश जार-जार आंसू बहा चुका है।

दोरजी खांडूः यह हादसा अप्रैल 2011 में हुआ था। अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दोरजी खांडू चार सीटों वाले एक इंजन के पवन हंस हेलीकॉप्टर एएस-बी350-बी3 में सवार थे। यह हेलीकॉप्टर तवांग से उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही लापता हो गया था। पांचवें दिन इसका मलबा मिला था।

वाईएस राजशेखर रेड्डीः यह वाकया सितंबर 2009 में हुआ था। आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी समेत पांच लोगों को लेकर रवाना हुआ हेलीकॉप्टर नल्लामाला वन क्षेत्र में लापता हो गया था।इसका मलबा 3 सितंबर को कुरनूल से 74 किलोमीटर दूर रूद्रकोंडा पहाड़ी की चोटी पर मिला था।

ओपी जिंदलः अप्रैल 2005 में मशहूर इस्पात व्यवसायी और हरियाणा के तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ओपी जिंदल हवाई हादसे का शिकार हो गए थे। इस हवाई हादसे में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंशीलाल के पुत्र सुरिंदर सिंह और पायलट की भी मौत हो गई थी। यह हेलिकॉप्टर हादसा तब हुआ जब यह लोग चंडीगढ़ से दिल्ली आ रहे थे। देश के अग्रणी उद्योगपतियों में जिंदल की गिनती होती थी। इसी साल फोर्ब्स ने जिंदल को दुनिया का 548वां सबसे धनी व्यक्ति बताया था।

जीएमसी बालयोगीः मार्च 2002 में लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष जीएमसी बालयोगी की आंध्र प्रदेश के पश्चिमी गोदावरी जिले में हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मौत हो गई थी। दुर्घटना का कारण तकनीकी खामी को बताया गया था।

माधवराव सिंधियाः यह वाकया सितंबर 2001 का है। तत्कालीन कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया का उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की भोगांव तहसील के पास विमान हादसे में निधन हो गया था। सिंधिया कानपुर जा रहे थे। उनके साथ छह अन्य लोग भी थे। इस हादसे में कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचा था।

सुरेंद्रनाथ: जुलाई 1994 में पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल सुरेंद्रनाथ की विमान हादसे में मौत हो गई थी। इस हादसे में उनके परिवार के नौ सदस्य भी मारे गए थे। उनके पास हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी था। यह हादसा हिमाचल प्रदेश में हुआ था।

संजय गांधीः यह वाकया 23 जून, 1980 का है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे पुत्र संजय गांधी की विमान हादसे में मौत हो गई थी। संजय गांधी खुद विमान को उड़ा रहे थे।

मोहन कुमारमंगलमः मई 1973 में तत्कालीन केंद्रीय लौह, इस्पात और खानमंत्री मोहन कुमारमंगलम की मौत विमान हादसे में हुई थी। मोहन कुमारमंगलम का जन्म लंदन में हुआ था।

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– हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर राजनाथ सिंह गुरुवार को संसद के दोनों सदनों में देंगे बयान
– रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख ने जनरल रावत के घर पहुंचकर परिवार वालों से की मुलाकात

नई दिल्ली: सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहे हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसमें सवार 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे के बारे में गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संसद में आधिकारिक बयान देंगे। हालांकि सीडीएस और उनकी पत्नी मधुलिका के बारे में अभी तक अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे रावत के घर पहुंचे और परिवार वालों से मुलाक़ात की। हादसे में मारे गए लोगों के शव बुरी तरह झुलसे हैं, इसलिए शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की जाएगी।

एमआई हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश (कोर्ट ऑफ इंक्वायरी) दिए हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नई दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर गए और उनकी बेटी से मुलाक़ात की। इसके बाद वह रक्षा मंत्रालय गए और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें राजनाथ सिंह ने हादसे के बारे में जानकारी दी। चूंकि इस समय संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ गुरुवार को संसद में इस हादसे के बारे में जानकारी देंगे। उधर, वायुसेना अध्यक्ष वीआर चौधरी दिल्ली से कुन्नूर के लिए रवाना हो गए हैं।

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत को ले जा रहा वायु सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जब यह हादसा हुआ, उस दौरान बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी और सेना के अन्य अधिकारी भी हेलीकॉप्टर में मौजूद थे। हादसे के फौरन बाद फ्यूल टैंक में ईधन होने से हेलीकॉप्टर के मलबे में भीषण आग लग गई, जिससे कॉकपिट, फ्यूल टैंक और केबिन आग की चपेट में आ गए। हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करके घायल हुए लोगों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। मलबे में लगी आग को कई घंटे की मशक्कत के बाद बुझाया जा सका। इस हेलीकॉप्टर पर कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनके शव बरामद किए गए हैं।

सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ मंगलवार को वेलिंगटन स्थित आर्म्ड फोर्सेज कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। सीडीएस रावत वेलिंग्टन में लेक्चर देने के बाद आज कुन्नूर लौट रहे थे। यहां से उन्हें दिल्ली के लिए रवाना होना था लेकिन सुलूर और कोयंबटूर के बीच खराब मौसम की वजह से घने जंगल में उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलीकॉप्टर को सैन्य इस्तेमाल के लिहाज काफी उन्नत माना जाता है। इसका इस्तेमाल ट्रूप और आर्म्स ट्रांसपोर्ट, फायर सपोर्ट, एस्कॉर्ट, पेट्रोलिंग और सर्च-एंड-रेस्क्यू मिशन के लिए भी किया जाता है। भारत में कई वीवीआईपी भी इसका इस्तेमाल करते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में केदारनाथ की यात्रा के दौरान इसी का इस्तेमाल किया था।

हादसे के समय हेलीकॉप्टर में सीडीएस के पीएसओ ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक बी साई तेजा सवार थे। इसके अलावा दोनों पायलट और तकनीकी कर्मचारी भी हताहत हुए हैं। पूरा देश सीडीएस बिपिन रावत के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी के लिए इंतजार कर रहा है। हादसे के बाद बिपिन रावत के जिले पौड़ी गढ़वाल के धारी मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो गई है और लोग उनके स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं।

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– वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए

– तीन लोगों को गंभीर हालत में वेलिंग्टन बेस के अस्पताल में भेजा गया

नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को वायु सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया। इसमें भारतीय सैन्य बलों के प्रमुख सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। अभी तक तीन लोगों को रेस्क्यू किया गया है और 4 शव बरामद होने की पुष्टि की गई है। एमआई हेलीकॉप्टर क्रैश होने बाद वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। घटनास्थल पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। इधर, नई दिल्ली स्थित साउथ ब्लॉक में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट की बैठक बुला ली गई है। इस बैठक के बाद सरकार संसद में हादसे की जानकारी देगी।

वायुसेना के ट्वीट करके जानकारी दी है कि कुन्नूर में वायु सेना का एमआई-17वी 5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सैन्य अधिकारी समेत 14 लोग भी सवार थे। इनमें सीडीएस के पीएसओ ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक बी साई तेजा मौजूद थे। इसके अलावा दोनों पायलट और तकनीकी कर्मचारी भी हताहत हुए हैं। अब तक चार लोगों के शव बरामद कर लिये गए हैं जबकि तीन लोगों को गंभीर हालत में वेलिंग्टन बेस के अस्पताल में भेजा गया है।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत के साथ मंगलवार को वेलिंगटन स्थित आर्म्ड फोर्सेज कॉलेज में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। सीडीएस रावत वेलिंग्टन में लेक्चर देने के बाद आज कुन्नूर लौट रहे थे। यहां से उन्हें दिल्ली के लिए रवाना होना था लेकिन सुलूर और कोयंबटूर के बीच खराब मौसम की वजह से घने जंगल में उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। हालांकि, अभी तक इस हादसे के बारे में सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है लेकिन वायुसेना ने हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं।

सूत्रों के अनुसार अस्पताल ले जाए गंभीर लोगों में सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी हैं। वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में गंभीर सैन्य अधिकारियों को दिल्ली लाये जाने की तैयारी है, इसलिए वायुसेना ने एयर एम्बुलेंस को तमिलनाडु भेजा है। उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने पर आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संसद को जानकारी देंगे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर हादसे पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “सीडीएस बिपिन रावत जी के साथ हेलीकॉप्टर के दुखद दुर्घटना के बारे में सुनकर स्तब्ध हूं। मैं सभी की सुरक्षा, स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना करता हूं।”

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ धाम के पुनर्निमाण कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही 13 दिसंबर से 14 जनवरी मकर संक्रांति तक काशी में रोज एक उत्सव होगा। माह भर चलने वाले इस उत्सव की शुरूआत भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।

भाजपा महासचिव तरुण चुघ और केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि काशी विश्व की सबसे पुरानी नगरी है। काशी में भगवान भोलेनाथ का जो मंदिर है और उसके आस-पास के क्षेत्र का कई वर्षों से पुनर्निमाण नहीं हुआ था।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम के सौन्दर्यीकरण का काम शुरु कराया था। जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री के द्वारा 13 दिसंबर को होगा।

चुघ ने कहा कि कार्यक्रम को ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व बनाने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी स्तर पर कई कार्यक्रमों की रचना की है। ये कार्यक्रम एक महीने तक पूरे देश में आयोजित किये जायेंगे जो 13 दिसंबर 2021 से शुरू होकर मकर संक्रांति तक अर्थात् 14 जनवरी 2021 तक चलेंगे। पार्टी के सभी जन-प्रतिनिधि इन कार्यक्रमों में भाग लेंगे। कई कार्यक्रमों की शुरुआत पहले ही हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि13 दिसंबर को देश के सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, देश भर में लगभग 51,000 स्थानों पर बड़े स्क्रीन लगाये जायेंगे जिस पर “दिव्य काशी – भव्य काशी” के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा। इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखने के लिए सभी प्रमुख मंदिरों, मठों एवं अन्य धार्मिक संस्थानों पर बड़े स्क्रीन लगाए जायेंगे। ज्योतिर्लिंगों सहित इन सभी जगहों पर आयोजित भव्य कार्यक्रमों में बड़े-बड़े धर्माचार्य, साधु-संत एवं प्रबुद्धजन सहित पार्टी के जनप्रतिनिधि भाग लेंगे। पार्टी कार्यकर्ता इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं।

भाजपा महासचिव ने कहा कि देश के सभी मंडलों में शिवालय तथा प्रमुख मठ मंदिरों में व्यवस्थित रूप से स्क्रीन लगा कर 13 दिसंबर के अभूतपूर्व कार्यक्रम का सीधा प्रसारण होगा जिसमें पार्टी कार्यकर्ता श्रद्धालुओं, प्रबुद्धजनों, पुजारियों, महंतों तथा साधु-संतों के साथ भाग लेंगे। उत्तर प्रदेश के सभी गाँवों में भी इस कार्यक्रम के सीधा प्रसारण की व्यवस्था की जायेगी जिसमें गाँव के लोगों के साथ पार्टी कार्यकर्ता भाग लेंगे।

पार्टी स्तर पर इस कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ के नेतृत्व में एक केंद्रीय समन्वय समिति द्वारा एक प्रभावी योजना बनाई गई है। सभी जिला मुख्यालयों में पार्टी ईकाई का एक बड़ा एवं भव्य कार्यक्रम किसी न किसी मंदिर, मठ, आश्रम या अन्य धार्मिक स्थल पर आयोजित होगा जिसमें साधु-संतों, धर्माचार्यों, प्रबुद्धजनों, पार्टी के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ता भाग लेंगे।

चुघ ने कहा कि भले ही ये कार्यक्रम 13 दिसंबर से शुरू होंगे लेकिन इसके संबंध में कई कार्यक्रमों की शुरुआत पहले ही हो चुकी है। 08 और 09 दिसंबर, 2021 को देश के हर जिले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा स्थानीय स्तर पर “दिव्य काशी- भव्य काशी” कार्यक्रम को लेकर प्रभात फेरी निकाली जायेगी। देशभर में दिनांक 10, 11 एवं 12 दिसंबर, 2021 को देश के सभी मंदिरों, मठों, आश्रमों, धार्मिक स्थलों में स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा जिसमें चुने हुए सभी प्रतिनिधि विधायक सांसद/मंत्री एवं मुख्यमंत्री/उप-मुख्यमंत्री भाग लेंगे। 13 दिसंबर के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए देश के सभी प्रांतों में संयोजक एवं दो-दो सह-संयोजक बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि काशी में स्वच्छता कार्यक्रम की शुरुआत 05 दिसंबर को ही हो चुकी है जो 12 दिसंबर 2021 तक चलेगी। काशी के हर वार्ड में स्वच्छता अभियान व्यापक रूप से चल रहा है। 13 दिसंबर के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए 08 दिसंबर से संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया है जो 12 दिसंबर तक चलेगी। इसमें महानगर एवं काशी जिला से 300 वालंटियरों की टीम तैयार की गई है। भजन मंडली भी बनाई गई है।

चुघ ने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के दिन सभी नावें सजेंगी। नाव पर लाइट भी भी व्यवस्था होगी। काशी में लाइटिंग व्यवस्था (12 से 14 दिसम्बर, 2021) को चुस्त-दुरस्त बनाने के लिए एक बड़ी योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई है। पार्टी संगठन भी इसमें सहयोग करेगा।

14 दिसंबर को भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उप मुख्यमंत्रियों का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष नड्डा, भाजपा महसाचिव (संगठन) बीएल संतोष शामिल रहेंगे। इस कार्यक्रम के प्रभारी तरूण चुघ व सह प्रभारी आशीष सूद हैं। सभी मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री तीन दिन का धार्मिक व सांस्कृतिक प्रवास भी होगा। सभी दिनांक 13 दिसंबर की दोपहर काशी पहुंचेंगे।

भाजपा नेता ने कहा कि 17 दिसंबर को केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा एवं उत्तर प्रदेश सरकार के शहरी विकास मंत्रालय महापौरों का सम्मेलन काशी में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के प्रभारी अरूण सिंह व सह-प्रभारी रेखा गुप्ता हैं।

इसके साथ ही 23 दिसंबर को काशी में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु एक महासम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश के कृषि वैज्ञानिक, उन्नत किसान सहित कृषि विशेषज्ञ भाग लेंगे।

भाजपा महासचिव ने कहा कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस पर काशी विश्वनाथ धाम में युवा सम्मेलन का आयोजन करवाया जाएगा। इस कार्यक्रम को करने के लिए अलग-अलग समितियों का गठन केंद्रीय, प्रदेश व जिला स्तर पर किया गया है।

केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि काशी का देश और दुनिया में बहुत महत्व है। अभी तक कुछ कारणों से मंदिर में आने-जाने में दिक्कत होती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ मंदिर की पुनर्निमाण किया गया है। लेकिन मंदिर के वास्तविक स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अलग-अलग कार्यक्रम केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और भाजपा द्वारा किए जा रहे हैं। ताकि देश भर के लोगों की इस कार्यक्रम में भागीदारी सुनिश्चित हो सके।

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गोरखपुर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार के विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि जब डबल इंजन की सरकार होती है, तो दोगुनी तेजी से काम होता है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर क्षेत्र के विकास की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गोरखपुर में आज का कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि नए भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।

समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “लाल टोपी वालों को सरकार बनानी है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने के लिए, आतंकियों को जेल से छुड़ाने के लिए। और इसलिए, याद रखिए, लाल टोपी वाले उप्र के लिए रेड अलर्ट हैं यानि खतरे की घंटी।” ‘लाल टोपी’ को लाल बत्ती और अपना खजाना भरने की चिंता थी।

प्रधानमंत्री आज पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में 9600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की तीन बड़ी विकासपरियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे। परियोजनाओं में 8,603 करोड़ रुपये की गोरखपुर उर्वरक संयंत्र, 1,011 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर औरआईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र (आरएमआरसी), गोरखपुर की एक हाई-टेकप्रयोगशाला शामिल है। प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई 2016 में गोरखपुर उर्वरक संयंत्र और गोरखपुर एम्स परिसर की आधारशिला रखी थी।

प्रधानमंत्री ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आज पूरा उप्र भली-भांती जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है, आपकी दुख-तकलीफों से नहीं। लाल टोपीवालों को सत्ता चाहिए, घोटालों के लिए, अपनी तिजोरी भरने के लिए, अवैध कब्जों के लिए, माफियाओं को खुलीछूट देने के लिए।” उन्हें लोगों की दुर्दशा से कोई सरोकार नहीं था। इसलिए ‘लालटोपी’ को उप्र के लिए खतरा मानें।

प्रधानमंत्री ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले की सरकारों ने गोरखपुर एम्स के लिए जमीन देने में आनाकानी की गई। बहुत दबाव पड़ने पर बेमन से उन्होंने एम्स के लिए जमीन दी। ये लोग इस बात को कभी नहीं समझेंगे कि कोरोना के संकट काल में भी विकास के काम डबल इंजन सरकार ने रुकने नहीं दिया। लोहिया और जयप्रकाश नारायण के संस्कारों को ये लोग कब का छोड़ चुके हैं। आज पूरा उप्र जानता है कि लाल टोपी वालों को लाल बत्ती से मतलब रहा है। इन्हें सत्ता से मतलब रहा है, आतंकवादियों पर मेहरबानी दिखाने उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए।

उन्होंने कहा कि पहले की दो सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानों को किया था लगभग उतना योगी सरकार ने अपनेसाढ़े 4 साल में किया है। 2014 से पहले यूरिया की किल्लत सुर्खियों में आती थी, अब स्थिति मेंसुधार हुआ है। हमारा लक्ष्य देश के हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करना है।

प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर क्षेत्र के विकास की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा, “गोरखपुर में आज का कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि नए भारत के लिए कुछ भी असंभव नहीं है जब वहठान ले। समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा, ‘आज पूरा उप्र जानता है कि ‘लाल टोपी’ (समाजवादी पार्टी) को अकेले ‘लाल बत्ती’ की परवाह है। हमेशा याद रखें कि ‘लाल टोपी’ उप्र के लिए रेड अलर्ट हैं – वे खतरेकी घंटी हैं।” “उनकाआपके दर्द और मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है। ‘लाला टोपी’ सत्ताचाहते हैं – घोटालों के लिए और अपने खजाने को भरने के लिए, अवैध अतिक्रमण के लिए, माफिया को स्वतंत्रता प्रदान करने केलिए।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “जब डबल इंजन की सरकार होती है, तोडबल तेजी से काम भी होता है। जब नेक नीयत से काम होता है, तो आपदाएं भी अवरोध नहीं बन पातीं। जब गरीब-शोषित-वंचित की चिंता करने वाली सरकार होती है,तोवो परिश्रम भी करती है, परिणाम भी लाकर दिखाती है।”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि योगी ने गन्ना किसानों के लिए बीते सालों में अभूतपूर्व काम किया है। गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य, हाल में साढ़े 3 सौ रुपए तक बढ़ाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की दो सरकारों ने 10 साल में जितना भुगतान गन्ना किसानोंको किया था लगभग उतना योगी सरकार ने अपने साढ़े 4 साल में किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “5 साल पहले मैं यहां एम्स और खाद कारखाने का शिलान्यास करने आया था। आज इन दोनों काएक साथ लोकार्पण करने का सौभाग्य भी आपने मुझे ही दिया है। आईसीएमआर के रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर को भी आज अपनी नई बिल्डिंग मिली है। मैं उप्र के लोगों को बधाई देता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने यूरिया का गलत इस्तेमाल रोका, यूरिया की 100 प्रतिशत नीमकोटिंग की। हमने करोड़ों किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिए ताकि उन्हें पता चलसके उनके खेत को किस तरह की खाद की जरूरत है। हमने यूरिया के उत्पादन को बढ़ाने परजोर दिया। बंद पड़े उर्वरक संयंत्र को फिर से खोलने पर ताकत लगाई।आज़ादी के बाद से इस सदी की शुरुआत तकदेश में सिर्फ 1 एम्स था। अटल जी ने 6 और एम्स स्वीकृत किए थे। बीते 7 वर्षों में16 नए एम्स बनाने पर देशभर में काम चल रहा है। हमारा लक्ष्य ये है कि देश के हर जिले में कम से कम एक मेडिकल कॉलेज जरूर हो। सब जानते थे कि गोरखपुर का फर्टिलाइजर प्लांट, इस पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए, यहां रोजगार के लिए कितना जरूरी था। लेकिन पहले की सरकारों ने इसे शुरू करवाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। सब जानते थे कि गोरखपुर में एम्स की मांग बरसों से हो रही थी। लेकिन 2017 से पहले जो सरकार चला रहे थे, उन्होंने एम्स के लिए जमीन देने में हर तरह के बहाने बनाए। आज हमारी सरकार ने सरकारी गोदाम गरीबों के लिए खोल दिए हैं और योगी जी हर घर अन्न पहुंचाने में जुटे हैं। इसका लाभ यूपी के लगभग 15 करोड़ लोगों को हो रहा है। हाल ही में पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को,होलीसे आगे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। पहले की सरकारों ने अपराधियों को संरक्षण देकर यूपी का नाम बदनाम कर दिया था। आज माफिया जेल में हैं और निवेशक दिल खोल कर उप्र में निवेश कर रहे हैं। यही डबल इंजन का डबल विकास है। इसलिए डबल इंजन की सरकार पर उप्र को विश्वास है।

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– आकाश में मंडराने और पैंतरेबाजी के बाद लक्ष्य को नष्ट करने में माहिर है मिसाइल
– लगभग 1500 किलोग्राम वजन वाली मिसाइल की 1000 किलोमीटर दूरी तक है मारक क्षमता

नई दिल्ली: सतह से हवा में मार करने वाली निर्भय क्रूज मिसाइल के उन्नत संस्करण का चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लॉन्च पैड नंबर 3 से दोपहर 3ः08 बजे सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल ने स्वदेशी क्रूज इंजन के साथ लगभग 150 किलोमीटर तक उड़ान भरी और उम्मीद के मुताबिक इंजन ने अपनी कार्यक्षमता दिखाई। उपयोगकर्ता परीक्षण के अगले दौर के बाद निर्भय क्रूज मिसाइलों को औपचारिक रूप से सेना में शामिल किये जाने की उम्मीद है।

निर्भय क्रूज मिसाइल के अब तक आठ विकास परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आकाश में मंडराने और पैंतरेबाजी के प्रदर्शन में माहिर यह मिसाइल लंबी दूरी तक परमाणु हथियार ले जाने और सभी मौसम में कई लक्ष्यों के बीच हमला करने में सक्षम है। छह मीटर लंबी और लगभग 1500 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 1000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार कर सकती है। दो पंखों के साथ यह मिसाइल 500 मीटर से लेकर चार किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है। मिसाइल को टेक ऑफ के लिए ठोस रॉकेट बूस्टर से संचालित किया जाता है, जिसे उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला (एएसएल) में विकसित किया गया है। आवश्यक वेग और ऊंचाई तक पहुंचने पर मिसाइल में लगा टर्बोफैन इंजन इग्निशन के रूप में प्रयोग किया जाता है।

दुश्मन के रडार से बचने के लिए यह नीची ऊंचाई पर भी उड़ान भर सकती है। भू-भाग पर चलने वाली मिसाइल होने के कारण निर्भय को दुश्मन के रडार से पहचानना मुश्किल है। मिसाइल अपने लक्ष्य के क्षेत्र को कई मिनट तक घेरती रहती है और फिर सही समय पर सही जगह से टकराती है। इस मिसाइल के सभी पांचों विकास परीक्षण पूरे किये जा चुके हैं। इसलिए अब उपयोगकर्ता परीक्षण किए जा रहे हैं। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने निर्भय मिसाइल के विकास परीक्षण में सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करने के बाद स्वदेशी रूप से विकसित छोटे टर्बोफैन इंजन के साथ परीक्षण करने की योजना बनाई थी। यह मिशन की आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग प्रकार के 24 हथियारों को वितरित करने में भी सक्षम है।

इसी क्रम में मंगलवार को भारत ने ओडिशा के तट पर डीआरडीओ ने सबसोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का देसी माणिक टर्बो फैन इंजन के साथ सफलतापूर्वक परीक्षण किया। स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) ने स्वदेशी क्रूज इंजन के साथ लगभग 150 किलोमीटर तक उड़ान भरी। डीआरडीओ के मुताबिक निकट भविष्य में और उपयोगकर्ता परीक्षण किए जाएंगे। निर्भय लंबी दूरी की सभी मौसम में इस्तेमाल की जाने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत में वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई) ने डिजाइन और विकसित किया है। मिसाइल को कई प्लेटफार्मों से लॉन्च किया जा सकता है और यह पारंपरिक और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। यह वर्तमान में चीन के साथ गतिरोध के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) में सीमित संख्या में तैनात है।

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भुवनेश्वर: पद्मश्री नंद सर नहीं रहे । उन्होंने भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में आज अंतिम सांस ली। वह 104 साल के थे । उनके पोते खगेश्वर पृष्टि ने यह जानकारी दी ।

कोरोना से पीड़ित होने के बाद उन्हें पहले पिछले 30 नवंबर को जाजपुर रोड स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अधिक आयु व अन्य जटिलता के कारण उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा था । आज दोपहर को उन्होंने अंतिम सांस ली ।

उल्लेखनीय है कि गत 9 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया था। इस दौरान राष्ट्रपति काे आशीर्वाद देते हुए मुद्रा वाली उनकी फोटो काफी चर्चित रही थी ।

उनके निधन पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख व्यक्त किया है  ।

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– प्रधानमंत्री ने खाद कारखाना और एम्स सहित कई परियोजनाओं का किया लोकार्पण

गोरखपुर/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश दौरे के दौरान 9600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं।

प्रधानमंत्री ने गोरखपुर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में गोरखपुर उर्वरक संयंत्र राष्ट्र को समर्पित किया। इस संयंत्र की आधारशिला प्रधानमंत्री ने 22 जुलाई, 2016 में रखी थी। 30 वर्ष से अधिक अर्से तक बंद रहने के बाद इसे फिर से पूर्वरूप में लाया गया है और लगभग 8600 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया गया है। यूरिया के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रधानमंत्री के विजन से प्रेरणा लेकर इसे फिर से प्रारंभ किया जा रहा है। गोरखपुर संयंत्र स्वंदेशी नीम कोटेड यूरिया का सालाना 12.7 एलएमटी उत्पादन कर उसे उपलब्ध कराएगा। यह पूर्वांचल क्षेत्र और आसपास के इलाकों के किसानों की यूरिया उर्वरक की मांग की पूर्ति करने की दिशा में उनके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। यह क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन देगा।

इस परियोजना को हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) के नेतृत्व में स्थापित किया गया है, जो नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन, कोल इंडिया लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड, फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड की एक संयुक्त उपक्रम कंपनी है और यह गोरखपुर, सिंदरी व बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर काम कर रही है। गोरखपुर संयंत्र के लिए एम/एस टोयो इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन, जापान और टोयो इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंसोर्टियम ने केबीआर, यूएसए (अमोनिया) और टोयो, जापान (यूरिया के लिए) के रूप में प्रौद्योगिकी/ लाइसेंसर्स के साथ काम पूरा किया गया है। इस परियोजना में 149.2 मीटर का दुनिया का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टावर है। इसमें भारत का पहला वायु संचालित रबर डैम और सुरक्षा पहलुओं को बढ़ाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ नियंत्रण कक्ष भी है।

प्रधानमंत्री ने गोरखपुर स्थित एम्स के पूरी तरह से कार्य कर रहे परिसर को भी राष्ट्र को समर्पित किया। इसे 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। परिसर की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा 22 जुलाई, 2016 को रखी गई थी। इसकी स्थापना प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि के अनुसार तृतीय स्तर की स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करने के लिए संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। एम्स, गोरखपुर की सुविधाओं में 750 बेड का अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, आयुष भवन, सभी कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, यूजी और पीजी छात्रों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं।

प्रधानमंत्री ने आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केन्द्र (आरएमआरसी), गोरखपुर के नए भवन का भी उद्घाटन किया। क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस / एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम की चुनौती से निपटने में केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ नया भवन संचारी और गैर-संचारी रोगों के क्षेत्रों में अनुसंधान के नए क्षितिज के साथ-साथ क्षमता निर्माण में मदद करेगा और क्षेत्र के अन्य चिकित्सा संस्थानों को सहायता प्रदान करेगा।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक में सांसदों को सदन में उपस्थित रहने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि अगर वह अपने में बदलाव नहीं लायेंगे तो आगे बदलाव होगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के अम्बेडकर इंटरनेश्लन सेंटर में भारतीय जनता पार्टी की संसदीय दल की बैठक में शामिल हुए। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित केन्द्रीय मंत्री अमित शाह, पीयूष गोयल, एस जयशंकर, प्रह्लाद जोशी और जितेन्द्र सिंह इसमें शामिल हुए।

बैठक में शामिल एक सांसद के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि वह बार-बार बच्चों की तरह उन्हें उपस्थिति को लेकर बार-बार टोकना नहीं चाहते। अगर वे खुद में बदलाव नहीं लायेंगे तो भविष्य में बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि सदन में महत्वपूर्ण कार्यवाही हो या न हो उन्हें उपस्थित रहना चाहिए।

प्रधानमंत्री के भाषण से पूर्व संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिछले सप्ताह की सदन से जुड़ी गतिविधियों से सांसदों को अवगत कराया। साथ ही सांसदों की अनुपस्थिति मुद्दा भी उठाया। उन्होंने बताया कि दो बार कोरम को पूरा करने के लिए सांसदों को समन तक करना पड़ा था।

जोशी ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से अपने यहां पद्म पुरस्कारों से सम्मानित हस्तियों के सम्मान में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक में सांसदों को अपने यहां खेल स्पर्धायें आयोजित करने को कहा।

उल्लेखनीय है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और 23 दिसंबर तक चलेगा।

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