अयोध्या: दीपावली से एक दिन पहले ही रामनगरी अयोध्या में त्रेता युग जीवंत हो गया है। प्रभु श्रीराम के स्वागत में करीब 12 लाख मिट्टी के दीयों से समूची अवध नगरी जगमग हो उठी है। पांचवें दीपोत्सव पर योगी सरकार अपने स्वयं के रिकॉर्ड को तोड़ बुधवार को नया विश्व कीर्तिमान बनाया। इसके लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक टीम अयोध्या में मौजूद रही।

पवित्र सरयू तट पर आज अपराह्न करीब तीन बजे जैसे ही पुष्पक विमान के प्रतीक स्वरुप हेलीकाप्टर से प्रभु श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण के साथ उतरे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी आगवानी की, राम नगरी में त्रेता युग जीवंत हो उठा। आकाश से पुष्प वर्षा होने लगी और समूचा क्षेत्र जय श्रीराम के जयघोष से गूंज उठा।

इसके बाद भगवान श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण के साथ रथ से रामकथा पार्क पहुंचे जहां मुख्यमंत्री योगी ने गुरु वशिष्ठ की भूमिका में श्रीराम को तिलक लगाकर उनका राज्याभिषेक किया। तिलक के बाद रामराज्य की परिकल्पना में मुख्यमंत्री योगी ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी और अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों की उपस्थिति में लोकहित की घोषणा भी कर दी। उन्होंने प्रदेश के करीब 15 करोड़ गरीबों को होली तक हर माह निःशुल्क राशन देने का ऐलान किया। वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि की ओर जाने वाले तीन मार्गों को विश्व हिन्दू परिषद के वर्षों तक अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे अशोक सिंघल, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और बलिदानी कारसेवक के नाम पर बनाने की घोषणा की।

झांकियों ने भी कराया त्रेता युग का अहसास
दीपपर्व के अवसर पर आज पूर्वाह्न में साकेत महाविद्यालय से भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। शोभा यात्रा में शामिल झांकियां त्रेतायुगीन प्रसंगों को जीवंत कर रही थीं। दीपोत्सव में उत्तर प्रदेश के अलावा मध्यप्रदेश, झारखंड, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के कलाकारों ने लोक संस्कृति का प्रदर्शन किया।

इसके अलावा लंका विजय के बाद प्रभु श्रीराम के अयोध्या आगमन की खुशी में समूची अयोध्या में चहुंओर उल्लास का माहौल है। राम नगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है। अपने राम के स्वागत में चारों तरफ तोरण द्वार सजाये गये हैं। लेजर शो के अद्भुत नजारा ने लोगों को अलौकिक अयोध्या का दर्शन कराया।

अयोध्या में 2017 से आयोजित हो रहा दीपोत्सव
उप्र का मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में पहली बार वर्ष 2017 में दीपोत्सव का आयोजन किया। उस समय नौ घाटों पर एक लाख 87 हजार 213 दीपक जलाये गये थे। हालांकि, कुछ तकनीकी कमियों के चलते पहला दीपोत्सव गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज नहीं हो सका था, लेकिन दूसरे दीपोत्सव में यह कमी दूर हुई और वर्ष 2018 में 14 घाटों पर तीन लाख एक हजार 152 दीये जलाने का दीपोत्सव विश्व कीर्तिमान में दर्ज हुआ। इसके बाद वर्ष 2019 में चार लाख चार हजार 26 दीये जलाये गये और यह दीपोत्सव भी बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।

पिछले साल कोरोना काल होते हुए भी दीपोत्सव मना और छह लाख छह हजार 569 दीपक जलाने का रिकार्ड बना। अयोध्या ने आज पांचवें दीपोत्सव पर अपने पुराने रिकार्ड को तोड़ते हुए करीब नौ लाख दीपक जलाने का नया विश्व कीर्तिमान बनाया।

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नई दिल्ली: दिवाली से पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में नरमी का असर घरेलू बाजार में भी दिखा है। लगातार छह दिनों बाद बुधवार को पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर रहे। सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणन कंपनियों ने दोनों ईंधनों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। राजधानी दिल्ली में बुधवार को पेट्रोल 110.04 रुपये प्रति लीटर पर और डीजल 98.42 रुपये प्रति लीटर पर टिका रहा।

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक देश के अन्य महानगरों मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में पेट्रोल का भाव क्रमश: 115.85 रुपये, 106.66 रुपये और 110.49 रुपये प्रति लीटर रहा। वहीं, डीजल का दाम भी क्रमश: 106.63 रुपये, 102.59 रुपये और 101.56 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर रहा। गौरतलब है कि पिछले 28 दिनों में पेट्रोल 8.85 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो चुका है, जबकि डीजल 30 दिनों में 9.80 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि दुनियाभर में तेल की मांग लगातार बढ़ने से यह कोविड-19 के पूर्व स्तर के करीब पहुंच गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबार की समाप्ति पर मंगलवार को इसमें गिरावट आई। ब्रेंट क्रूड की कीमत जहां 1.2 फीसदी की गिरावट के साथ 83.74 डॉलर प्रति बैरल रह गया वहीं, डब्ल्यूटीआई क्रूड भी 1.32 फीसदी लुढ़कर 82.59 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। हालांकि, गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक अगले साल कच्चे तेल का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है।

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नई दिल्ली:  कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर टीकाकरण अभियान में देश ने 107 करोड़, 29 लाख टीके लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले 24 घंटों में देश में 41.16 लाख कोरोना रोधी टीके लगाए गए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक बुधवार सुबह तक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को अब तक 114 करोड़ टीके की खुराक नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्यों के पास अभी भी 14 करोड़, 68 लाख टीके की खुराक मौजूद हैं।

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को इटली और ब्रिटेन के पांच दिवसीय दौरे के बाद स्वदेश लौट आये। प्रधानमंत्री ने यूरोप के इस दौरे में रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन और ग्लासगो में कोप26 संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने मंगलवार देर रात स्वदेश रवाना होने से पहले ट्वीट कर कहा, ”हमारे ग्रह (पृथ्वी) के भविष्य के बारे में दो दिनों की गहन चर्चा के बाद ग्लासगो से प्रस्थान। भारत ने न केवल पेरिस प्रतिबद्धताओं को पार किया है, बल्कि अब अगले 50 वर्षों के लिए एक महत्वाकांक्षी एजेंडा भी निर्धारित किया है।”

उन्होंने आगे कहा, ”लंबे समय के बाद कई पुराने दोस्तों को आमने सामने देखना और कुछ नए लोगों से मिलना अद्भुत था। मैं अपने मेजबान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और सुंदर ग्लासगो में गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए स्कॉटलैंड के लोगों का भी आभारी हूं।”

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नई दिल्ली: दिवाली से पहले लोगों को महंगाई का कड़वा डोज मिला है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल और गैस विपणन कंपनियों ने सोमवार को कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम में 265 रुपये तक का इजाफा किया है। इस बढ़ोतरी के बाद महंगाई के और अधिक बढ़ने की आशंका है। हालांकि, राहत की बात यह है कि घरेलू रसोई गैस की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इस बढ़ोतरी के बाद अब राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत दो हजार रुपये के करीब पहुंच गया है। इससे पहले यह एक हजार, 733 रुपये का था, जो बढ़कर एक हजार, 998 रुपये हो गया है। मुंबई में एक हजार, 683 रुपये में मिलने वाला 19 किलो का सिलेंडर अब एक हजार, 950 रुपये में मिलेगा। इसकी कीमत पहले एक हजार 683 रुपये थी। वहीं, कोलकाता में अब 19 किलो वाला कॉमर्शियल गैस सिलेंडर दो हजार, 073.50 रुपये का हो गया है, जबकि चेन्नई में इसके लिए दो हजार, 133 रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो वाला बिना सब्सिडी वाला एलपीजी सिलेंडर 899.50 रुपये का ही मिलेगा। कोलकाता में 926 रुपये और चेन्नई में 14.2 किलो वाला एलपीजी गैस सिलेंडर 915.50 रुपये में मिल रहा है। गौरतलब है कि 06 अक्टूबर को इसके दाम में बढ़ोतरी की गई थी। वहीं, एक अक्टूबर को केवल 19 किलो वाले कामर्शियल सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए थे।

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– अपने डेक से निर्देशित विमान भेदी मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता
– आत्मनिर्भरता” के नजरिए से समुद्री ताकत बढ़ाने में भारत की बड़ी छलांग

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने पहला पी-15बी स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक सौंप दिया है। ”विशाखापत्तनम” नाम के इस जहाज का निर्माण और डिलीवरी स्वदेशी युद्धपोत निर्माण कार्यक्रमों के मद्देनजर सरकार और नौसेना के लिए मील का पत्थर है।

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने नौसेना को यह जहाज गुरुवार को दिया लेकिन इसकी जानकारी शनिवार देर रात को एक आधिकारिक बयान में दी गई है। भारतीय नौसेना ने ट्वीट करके बताया है कि मुंबई के मझगांव डॉक में निर्मित पहला स्वदेशी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पी-15बी जहाज ”विशाखापत्तनम” 28 अक्टूबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया। इस जहाज में अपने डेक से निर्देशित विमान भेदी मिसाइलों को लॉन्च करने की क्षमता है।

नौसेना ने अपने दूसरे ट्वीट में यह भी कहा है कि विध्वंसक को अपने बेड़े में शामिल करने से न केवल भारतीय नौसेना की युद्धक तैयारी में वृद्धि होगी, बल्कि ”आत्मनिर्भर भारत” के नजरिए से भी भारत की बड़ी छलांग है।

भारतीय नौसेना के लिए मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) से प्रोजेक्ट 15बी श्रेणी के 04 निर्देशित मिसाइल विध्वंसक का निर्माण करने के लिए जनवरी, 2011 में अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे। आईएनएस विशाखापत्तनम (डी 66) नामक पहले जहाज के लिए कील अक्टूबर 2013 में रखी गई थी। इस जहाज को अप्रैल 2015 में लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट 15बी जहाजों में कोलकाता-श्रेणी के विध्वंसक के पतवार की डिजाइन को बरकरार रखा गया है, लेकिन इसमें उन्नत स्टील्थ सुविधाओं और उच्च स्तर की स्वचालन शामिल होगी। इन्हें नौसेना डिजाइन निदेशालय ने स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है जो बेहतर तरीकों से समुद्र की सुरक्षा करेंगे।

स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल विध्वंसक की खासियत
प्रवक्ता के अनुसार जहाज में लगा राडार, चिकना पतवार, अत्याधुनिक सेंसर पैकेज और हथियार इसे तकनीकी रूप से दुनिया के सबसे उन्नत निर्देशित मिसाइल विध्वंसक में से एक बनाते हैं। इसमें लगाई गई महत्वपूर्ण स्वदेशी सामग्री, युद्धपोत की डिजाइन जहाज निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता को दर्शाती है। प्रत्येक पोत 7,300 टन के विस्थापन के साथ 163 मीटर लंबा और 17.4 मीटर चौड़ा होगा। जहाजों का संचालन 300 नौसैन्य कर्मियों की टीम करेगी, जिसमें 50 अधिकारी और 250 नाविक शामिल होंगे। आपात स्थितियों के लिए जहाज में कई फायर जोन, युद्ध क्षति नियंत्रण प्रणाली (बीडीसीएस) और बिजली प्रणालियां लगाई गई हैं। जहाज पर लगाई गई वायुमंडलीय नियंत्रण प्रणाली चालक दल को रासायनिक, जैविक और परमाणु खतरों से बचाएगी।

आधुनिक युद्ध प्रबंधन प्रणाली
यह जहाज एक आधुनिक युद्ध प्रबंधन प्रणाली (सीएमएस) को एकीकृत करेगा, जो खतरे का मूल्यांकन करके बोर्ड पर उपलब्ध सामरिक चित्र और हथियार पैकेज के आधार पर संसाधनों का आवंटन करेगा। शिप डेटा नेटवर्क (एसडीएन) सभी सेंसर और हथियारों से डेटा ले जाएगा।

प्रोजेक्ट 15बी वेपन सिस्टम
जहाज की प्राथमिक मारक क्षमता सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) बराक 8 और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (एसएसएम) ब्रह्मोस के संयोजन में समुद्र आधारित लंबी दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाएगी। जहाज पर दो 16-सेल वर्टिकल लॉन्चर कुल 32 बराक 8 मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम होंगे, जबकि दो आठ-सेल यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्चर मॉड्यूल 16 ब्रह्मोस एसएएम के लॉन्च की अनुमति देंगे।

फॉरवर्ड बो डेक को 127 मिमी. मुख्य बंदूक के साथ लैस किया गया है, जबकि करीबी रक्षा क्षमता के लिए 30 मिमी. की चार एके-630 बंदूकें लगाई गई हैं। विध्वंसक को पनडुब्बी रोधी युद्ध (एएसडब्ल्यू) क्षमता प्रदान करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 533 मिमी. टारपीडो लांचर और आरबीयू-6000 एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर से भी लैस किया गया है।

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नई दिल्ली: राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने रविवार को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी 147वीं जयंती पर याद करते हुए कहा कि देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है।

राष्ट्रपति कोविन्द ने सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर आज उन्हें राष्ट्रपति भवन में श्रद्धांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने सरदार पटेल के चित्र के समक्ष उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इससे पहले सुबह राष्ट्रपति कोविन्द ने पटेल चौक जाकर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।

राष्ट्रपति कोविन्द ने ट्वीट कर कहा, “लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर मेरी विनम्र श्रद्धांजलि। देश की एकता के प्रतीक, सरदार पटेल का हमारे अग्रणी राष्ट्र निर्माताओं में उच्च स्थान है। नैतिकता पर आधारित कार्य-संस्कृति की स्थापना तथा राष्ट्र-सेवा के लिए देशवासी सरदार पटेल के प्रति सदैव ऋणी रहेंगे।”

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नई दिल्ली (एजेंसी): सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर अंतरिम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर बैन का उसका पहले का आदेश लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गलत प्रभाव के मद्देनजर दिया गया था। जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों की ये जिम्मेदारी बनती है कि वो इस पर अमल सुनिश्चित करें। दूसरों की जिंदगी की कीमत पर उत्सव मनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

कोर्ट ने कहा कि दीपावली और अन्य त्यौहारों जैसे गुरुपर्व इत्यादि पर रात आठ बजे से दस बजे तक पटाखे चलाए जा सकेंगे। क्रिसमस और नववर्स के अवसर पर रात 11 बजकर 55 मिनट से रात 12 बजकर तीस मिनट तक पटाखे चलाए जा सकेंगे। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी इलाके विशेष मे प्रतिबंधित सामग्री वाले पटाखों के उत्पादन या बिक्री की बात सामने आती है तो ऐसे में वहां के चीफ सेकेट्री, होम सेकेट्री, कमिश्नर , डीएसपी, एसएचओ तक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी। इसे गंभीरता से लिया जाएगा। कोर्ट आदेश को धता बताने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी साफ किया है कि सभी पटाखों पर बैन नहीं है। सिर्फ उन्ही पटाखों पर बैन लगाया गया है जो कि लोगों के ख़ासकर बुजुर्गों और बच्चों के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।

28 अक्टूबर को कोर्ट ने पटाखों पर रोक लगाने के आदेश का उल्लंघन करने पर केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि पटाखों पर बैन पर हमारा आदेश व्यापक जनहित में दिया गया था। कोर्ट ने कहा था कि इसे इस तरह से नहीं प्रोजेक्ट नहीं किया जाना चाहिए कि हमने किसी उत्सव विशेष के लिए पटाखों को बैन किया था। कोर्ट ने कहा था कि हम किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं है। हम लोगों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए यहां बैठे हैं। कोर्ट ने कहा था कि हम उत्सव के खिलाफ नहीं है, पर उत्सव मनाने की आड़ में लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ की इजाज़त नहीं दी जा सकती। हम देख रहे हैं कि बाजारों में पटाखे बिक रहे है, जबकि हमने सिर्फ ग्रीन पटाखों की इजाज़त दी है। एजेंसियों की जवाबदेही बनती है कि वो पटाखों पर रोक सुनिश्चित करें। कोर्ट ने कहा था कि हम सीबीआई से कहेंगे कि वो उन पटाखा निर्माताओं के खिलाफ जांच करे जो फर्जी ग्रीन पटाखे बेच रहे हैं। किसी को इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है।

6 अक्टूबर को ग्रीन पटाखों के नाम पर पुराने पटाखे बेचने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया था कि वो पटाखा बैन का कोर्ट के आदेश का पालन करें। कोर्ट ने कहा था कि हम जीवन की कीमत पर उत्सव मनाने की इजाजत नहीं दे सकते। उत्सव के समय शोर वाले पटाखे कहां से प्राप्त कर सकते हैं।

29 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर बैन लगाने के उसके आदेश का पालन नहीं करने पर देश के छह पटाखा बनानेवाली कंपनियों को अवमानना नोटिस जारी किया था। ये पटाखा निर्माता कंपनियां हैं मेसर्स स्टैंडर्ड फायरवर्क्स, मेसर्स हिन्दुस्तान फायरवर्क्स, मेसर्स विनायक फायरवर्क्स इंडस्ट्रीज, मेसर्स श्री मरिअम्मन फायरवर्क्स, मेसर्स श्री सूर्यकला फायरवर्क्स और मेसर्स सेल्वा विनयागर फायरवर्क्स। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई, चेन्नई के ज्वायंट डायरेक्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पटाखा निर्माता कंपनियां अभी भी बेरियम नाईट्रेट का और उसके दूसरे लवणों का इस्तेमाल पटाखा बनाने में कर रही हैं। पटाखा निर्माता कंपनियां पटाखों के लेबल पर उसमें शामिल सामग्री का उल्लेख नहीं करती हैं। ऐसा करना कोर्ट के पहले के आदेश का खुला उल्लंघन है।

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– डीआरडीओ और वायुसेना ने स्वदेशी लॉन्ग रेंज बम का किया सफल परीक्षण
– रक्षा मंत्री और डीआरडीओ अध्यक्ष ने स्वदेशी विकास में बताया मील का पत्थर

नई दिल्ली: स्वदेशी रूप से विकसित लॉन्ग रेंज बम (एलआरबी) का शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय वायुसेना की टीम ने लड़ाकू विमान से सफल परीक्षण किया। एलआर बम ने विमान से लॉन्च होने के बाद निर्दिष्ट सीमा के भीतर सटीकता के साथ लंबी दूरी पर भूमि-आधारित लक्ष्य पर सटीक निशाना साधा।

रक्षा प्रवक्ता के अनुसार एलआर बम ने परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया। उड़ीसा के एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में तैनात इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम (ईओटीएस), टेलीमेट्री और राडार सहित कई रेंज सेंसर से बम की उड़ान और प्रदर्शन पर निगरानी रखी गई। एलआर बम को डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं के समन्वय में हैदराबाद स्थित डीआरडीओ प्रयोगशाला, रिसर्च सेंटर इमरत (आरसीआई) ने डिजाइन और विकसित किया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, आईएएफ और सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी अन्य टीमों को बधाई देते हुए कहा कि यह गाइडेड लॉन्ग रेंज बम (एलआरबी) भारतीय सशस्त्र बलों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी ने टीमों को अपने संदेश में कहा कि लंबी दूरी के बम के सफल उड़ान परीक्षण ने स्वदेशी विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर चिह्नित किया है।

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नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर टीकाकरण अभियान में देश ने 104 करोड़, 82 लाख टीके लगाने का आंकड़ा पार कर लिया है। पिछले 24 घंटे में 74 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार सुबह तक राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों को अब तक 109 करोड़ 63 लाख टीके की खुराक नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा चुकी है। राज्यों के पास अभी भी 12 करोड़, 31 लाख टीके की खुराक मौजूद हैं।

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नई दिल्ली: दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के मामले में सरकारों और नियामकों की आलोचना झेल रही दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक इंक ने अपना नाम बदलकर मेटा कर लिया है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने इसका ऐलान किया है।

मार्क जुकरबर्ग ने वर्चुअली आयोजित फेसबुक के कनेक्ट सम्मेलन में फेसबुक का नया नाम ‘मेटा’ यानी ‘मेटावर्स’ करने का ऐलान किया। जुकरबर्ग ने बताया कि भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत उनकी कंपनी को अब नए नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि फेसबुक के सभी ऐप्स और तकनीकी अब इस नए ब्रांड के तहत साथ आएंगे। हालांकि, जुकरबर्ग ने स्पष्ट किया कि इससे कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम सोशल मीडिया कंपनी के रूप में जाने जाते हैं।

फेसबुक सीईओ ने कहा, ‘हमारा डीएनए उस कंपनी का है, जो लोगों को जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी बनाती है। मेटावर्स, सोशल नेटवर्किंग की तरह ही अगला फ्रंटियर है। अब से हम मेटावर्स-फर्स्ट होने जा रहे हैं, फेसबुक-फर्स्ट नहीं।’ फेसबुक इंक का स्टॉक एक दिसंबर से एक नए टिकर, एमवीआरएस के तहत कारोबार शुरू करेगा। जुकरबर्ग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले दशक में मेटावर्स एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा, सैकड़ों अरब डॉलर के डिजिटल कॉमर्स की मेजबानी करेगा और लाखों क्रिएटर्स एवं डेवलपर्स के लिए नौकरियों का सपोर्ट देगा।

उल्लेखनीय है कि मार्क जुकरबर्ग ने करीब 17 वर्ष पूर्व साल 2004 में फेसबुक की शुरुआत की थी। जुकरबर्ग का मानना है कि अब फेसबुक का भविष्य मेटावर्स में है। मेटावर्स के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा और कंप्यूटर के सामने बैठने की बजाय एक हेडसेट के जरिए आभासी दुनिया में घुस सकेंगे। यह बहुत हद तक वीआर की तरह है, जिसका इस्तेमाल अभी गेमिंग में होता है। हालांकि, वर्चुअल वर्ड का इस्तेमाल काम, खेल, कंसर्ट्स, सिनेमा ट्रिप्स या महज हैंग आउट के लिए भी किया जा सकता है।

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प्रख्यात गांधीवादी, नौजवानों के प्रेरणा स्रोत, राष्ट्रीय युवा योजना के संस्थापक, राष्ट्रीय एकता-अखण्डता के प्रतीक और भाई जी के नाम से विख्यात डा.एस एन सुब्बाराव के निधन पर गाजियाबाद के इंदिरापुरम के नीति खण्ड में तीसरी सरकार अभियान के प्रणेता, प्रख्यात चिंतक डा.चंद्र शेखर प्राण के आवास पर एक शोक सभा आयोजित हुई।

इसकी अध्यक्षता जाने-माने गांधी वादी और समूचे देश में बा-बापू 150 अभियान के अंतर्गत बापू के विचारों की अलख जगाने वाले रमेश चंद्र शर्मा ने की। शोक सभा में अनुयायियों-समर्थकों के अलावा अनेक पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और गांधीवादियों ने भाग लिया। सभा में उपस्थित जनों ने स्मृति में दो मिनट का मौन रख उनको अपनी भावभीनी श्रृद्धांजलि अर्पित कीं।

सभा में उपस्थित जनों ने भाई जी को युगदृष्टा, आजीवन समूचे देश में शिविरों के माध्यम से देश की एकता और अखण्डता की अलख जगाने वाला अप्रतिम योद्धा की संज्ञा देते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन देश को समर्पित था। वह प्रतिपल देश के कल्याण और युवा पीडी़ को संस्कारवान बनाने के बारे में सोचते रहते थे। यही नहीं देशभर में जहां-जहां युवाओं के शिविर आयोजित होते थे, उनमें जीवन किस तरह अनुशासित हो, आचरण की सभ्यता दैनंदिन जीवन में व्यवहार में किस तरह फलित हो ,इस बाबत न केवल संदेश देते थे बल्कि उनमें देशभक्ति की भावना चिरस्थायी बनी रहे, इसकी शपथ भी दिलाते थे। आज उनका सादगी पूर्ण आदर्शमयी जीवन हम सबके लिए कीर्ति स्तंभ की तरह है जो हमें सत्य के आलंबन की प्रेरणा देता है। हम सबका दायित्व है कि हम उनके बताये मार्ग पर चलकर उनके सपनों का भारत बनायें। यही उनको हम सबकी सच्ची श्रृद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से डा. चंद्रशेखर प्राण, गांधीवादी रमेश भाई, प्रख्यात सर्वोदयी कार्यकर्ता, शिक्षाविद राजा अरविंद सिंह कुशवाहा, महोबा, जाने-माने गांधीवादी लेखक डा.अनिल दत्त मिश्रा, डा.प्रकाश त्यागी, जोधपुर, महंत भाई तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता अभय प्रताप, नागेन्द्र प्रसाद, प्रख्यात पर्यावरण कार्यकर्ता, समाजसेवी प्रशांत सिन्हा, बिहार, वरिष्ठ पत्रकार शिव कुमार मिश्र और पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत सहित अनेकों हित चिंतकों-अनुयायियों की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।

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