नई दिल्ली, 09 सितंबर (हि.स.)। देश में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। एक दिन पहले ही संदिग्ध मरीज को अस्पताल में आइसोलेट किया गया था। उसके सैंपल की जांच में एमपॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है। ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है और लोगों को नही घबराने की सलाह दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन और कड़ी निगरानी में रखा हुआ है और फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है।

0Shares

जिलाधिकारी द्वारा अल्ट्रासाउंड हेतु 7 केन्द्रों का किया गया नवीनीकरण, 4 नये केन्द्रों को दी गई स्वीकृति

नियमों का अनुपालन नहीं करने वाले केन्द्रों का नहीं होगा नवीनीकरण

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में PC & PNDT ( प्री कॉन्सेप्शन एंड प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) एक्ट के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आहुत की गई।

बैठक में नये अल्ट्रासाउंड केन्द्रों के संचालन एवं पूर्व से संचालित केन्द्रों के नवीनीकरण हेतु कुल 19 आवेदनों पर विचार किया गया। सभी आवेदक एवं केंद्र से सम्बद्ध रेडियोलॉजिस्ट से एक एक कर आवश्यक जानकारी ली गई। सभी तरह से उपयुक्त पाये गये आवेदनों एवं साक्षात्कार के उपरांत 4 नये केन्द्र तथा 7 केन्द्रों के नवीनीकरण की स्वीकृति प्रदान की गई।

नये डायग्नोस्टिक केंद्र के रूप में रामकृष्णा स्कैन सेंटर मालखाना चौक छपरा, श्रीराम अल्ट्रासाउंड सेंटर मढ़ौरा, माँ डायग्नोस्टिक सेंटर सोनपुर एवं दि हरिओम अल्ट्रासाउंड सोनपुर को स्वीकृति दी गई। पूर्व से संचालित तारा अल्ट्रासाउंड छपरा, सुरक्षा डायग्नोस्टिक्स छपरा, कुमार हेल्थकेयर रिसर्च सेंटर छपरा, नारायणी अल्ट्रासाउंड सेंटर छपरा, संजीवनी अल्ट्रासाउंड स्कैन सेंटर छपरा, वैशाली अल्ट्रासाउंड छपरा एवं श्रीराम एम० आर० आई० स्कैन सेंटर भगवान बाजार को स्वीकृति दी गई। कुछ आवेदनों को रेडियोलॉजिस्ट के अनुपस्थित रहने के कारण लंबित रखा गया तथा प्रावधानों के तहत अनुपयुक्त पाये गये आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया।

बैठक में सिविल सर्जन, वरीय उपसमाहर्त्ता निपुण कुमारी सहित समिति के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

0Shares

पटना, 03 सितम्बर (हि.स.)। बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने मंकी पॉक्स की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन और अस्पतालों को एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के बाद प्राथमिकता के आधार पर जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (पटना) पर एक स्वास्थ्य डेस्क स्थापित किया गया है।

पटना के जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन हवाई अड्डे के अधिकारियों और जिला सिविल सर्जन को आने वाले यात्रियों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को पटना आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के पिछले 21 दिनों के इतिहास को हवाई अड्डे पर नोट करने के लिए कहा गया है।

डीएम ने बताया कि पटना स्थित गयाघाट के अंतर्देशीय नौवहन प्राधिकरण के अधिकारियों को भी जहाजों के माध्यम से आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। अस्पतालों और सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को मंकी पॉक्स का कोई मामला दर्ज होने पर संबंधित अधिकारियों को सूचित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों को इस बीमारी के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले रोगियों को अलग रखने के लिए बिस्तर आरक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है।

0Shares

पूर्वी चंपारण,26 अगस्त(हि.स.)। जिले में हैरान करने वाली खबर सामने आई है। जहां एक युवक के पेट में दर्द की शिकायत के बाद जब जांच करवाया तो प्लेट को देखकर डाक्टर हैरान रह गये। उस युवक के पेट में लोहे का सामान दिख रहा था।

डॉक्टर ने परिजनो को ऑपरेशन कराने की सलाह दी। जब परिजन तैयार हुए तब डॉक्टरों की टीम ने युवक के पेट का ऑपरेशन किया तो उसमें से जो निकला उसे देखकर डॉक्टर ही नही बल्कि सभी हैरान रह गये। युवक के पेट से चाकू-चाबी का गुच्छा और नेल कटर निकाला गया। पेट के अंदर से लोहे का सामान मिलने से परिजन भी दंग रह गये।

अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों के परिजन जब यह बात जाने तो यह सोचने पर मजबूर हो गये कि यह कैसे हुआ? युवक की मां ने बताया कि वो मोतिहारी के चांदमारी इलाके में रहती हैं उनका बेटा यश मानसिक रूप से बीमार है।

उसे लोहे खाने की आदत थी लेकिन इसकी जानकारी मां को भी नहीं थी। उसके घर में गोदरेज का जो आलमीरा है उसका चाबी अचानक गायब हो गया था। नाखून काटने वाला नेलकटर भी नहीं मिल रहा था। मां ने चाबी और नेलकटर काफी ढूंढा लेकिन उसका पता नहीं चल सका। फिर एक दिन बेटे के पेट में लगातार दर्द शुरू हो गया।

पहले तो लगा कि गैस के कारण पेट दर्द कर रहा है लेकिन जब गैस की दवा और पेट दर्द की दवा देने का बाद भी दर्द कम नहीं हुआ तब मां उसे लेकर मोतिहारी के डॉक्टर अमित कुमार के पास पहुंची जहां डॉक्टर ने जब पेट का जांच करवाया तो प्लेट में जो कुछ दिखा उसे देखकर डॉक्टर अमित भी हैरान रह गये।

उन्होंने तुरंत पेट का ऑपरेशन कराने की सलाह युवक की मां को दी। जिसके बाद परिजन पेट के ऑपरेशन के लिए तैयार हुए। जब डॉक्टरों की टीम ने पेट का ऑपरेशन किया तो पेट में फंसे चाबी का गुच्छा, चाकू, नेलकटर को बाहर निकाला गया।

ऑपरेशन के बाद युवक के पेट का दर्द कम हुआ। अब उसकी हालत पहले से काफी बेहतर है। युवक के परिजनो के अनुसार पीड़ित लड़का को मोबाइल पर पबजी खेलते खेलते मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया है।

0Shares

जिलाधिकारी ने की स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा, डॉक्टर ड्रग स्टोर में उपलब्ध दवाओं/ जेनेरिक दवाओं को ही करें प्रेस्क्राइब: जिलाधिकारी

आयुष्मान भारत के तहत सूचिबद्ध निजी अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों के लिये विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधा वाले अस्पताओं के गैप को करें चिन्हित, इस आधार पर विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधा वाले योग्य निजी अस्पताओं को किया जायेगा सूचिबद्ध: डीएम

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा की। गर्भवती महिलाओं के के एएनसी एवं प्रसव से संबंधित समीक्षा आशावार की गई। बताया गया कि जुलाई माह में जिला में कुल 4810 प्रसव के मामले दर्ज किये गए। इनमें से सदर अस्पताल में 292, अनुमंडलीय अस्पतालों में 229, पीएचसी/सीएचसी में 3070 प्रसव कराये गये। निजी अस्पतालों में 354 मामले दर्ज किये गये। घरों में प्रसव के भी कुछ मामले दर्ज किये गये।

जिलाधिकारी ने घरों में प्रसव के सभी मामलों का सत्यापन कराने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं सीडीपीओ प्रत्येक माह नियमित रूप से बैठक कर गर्भवती महिलाओं के एएनसी एवं प्रसव की नियमित रूप से समीक्षा करें।

लक्ष्य के अनुरूप 85 आशा की रिक्ति बताई गई जिसे एक महीने के अंदर चयनित करने का निदेश दिया गया।

अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के संदर्भ में बताया गया कि सदर अस्पताल में कुल 344 तरह की दवाइयां तथा पीएचसी में लगभग 240 तरह की दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिये। इन सभी दवाइयों की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित रखने के लिये सभी अस्पतालों से निर्धारित समय पर ऑनलाइन मांग सुनिश्चित की जानी चाहिये। यह मांग त्रैमासिक रूप से अगले त्रैमास के लिये एडवांस में की जाती है। दवाइयों की निरंतर उपलब्धता की जिम्मेदारी संबंधित प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक की होगी। उन्हें उपलब्ध स्टॉक एवं आवश्यकताओं का आकलन कर ससमय मांग करनी होगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि ईलाज करने वाले चिकित्सक ड्रग स्टोर में उपलब्ध दवाओं/जेनेरिक दवाओं को ही प्रेस्क्राइब करें। इसकी प्रत्येक सप्ताह जाँच कराई जायेगी। जाँच में अगर पाया गया कि स्टोर में उपलब्ध दवाओं की जगह उसी कम्पोजीशन की अन्य दवाओं को बाजार से क्रय करने के लिए प्रेस्क्राइब किया गया है, तो संबंधित चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी।

जिला के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (सी एच सी) के NQAS सर्टिफिकेशन हेतु सात दिनों के अंदर सभी सेंटर का बेसलाइन सर्वे विशेषज्ञ टीम के माध्यम से सुनिश्चित कराने का निदेश दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में पार्टनर संस्थाओं के अपेक्षित दायित्व को स्पष्टता से उल्लेखित कर उनके कार्यों की भी नियमित रूप से समीक्षा करें।

आयुष्मान भारत के तहत विभिन्न निजी अस्पतालों को भी इमपैनल किया गया है। विशेषज्ञ चिकित्सीय सुविधा हेतु सभी सूचिबद्ध अस्पतालों की समीक्षा कर किस बीमारी के विशेषज्ञ इलाज हेतु कोई भी अस्पताल सूचिबद्ध नहीं है, इस गैप को चिन्हित करें। ऐसी बीमारियों के ईलाज हेतु सक्षम एवं योग्य निजी अस्पतालों को भी सूचिबद्ध करने हेतु कार्रवाई की जायेगी।

परिवार नियोजन के उद्देश्य से नसबंदी एवं बंध्याकरण हेतु आशा के माध्यम से पुरुषों एवं महिलाओं को मोबलाइज करें।

डेंगू के संदर्भ में जिला मलेरिया पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह से सितंबर एवं अक्टूबर माह तक इसका संभावित चरम समय होता है। इसके लिये सभी नगर निकायों के माध्यम से निरंतर फॉगिंग कराया जायेगा। चिन्हित हॉट स्पॉट पर विशेष रूप से फोकस करने को कहा गया।

सम्पूर्ण टीकाकरण के तहत अप्रैल-जून त्रैमास में जिला में लगभग 87 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। इस संदर्भ में आगामी 15 दिनों में आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से सर्वे कराने को कहा गया। इसके लिये सभी सीडीपीओ महिला पर्यवेक्षिकाओं के साथ बैठक कर इस आशय की जानकारी देंगी तथा इस कार्य की मॉनिटरिंग करेंगी। सभी एमओआईसी आरआई की नियमित समीक्षा करें तथा कमियों को चिन्हित कर उसे दूर करने के लिये लक्षित पद्धति से काम करें।

बैठक में उपविकास आयुक्त, जिला मलेरिया पदाधिकारी, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सीडीपीओ, बीएचएम सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

0Shares

नई दिल्ली, 17 अगस्त (हि.स.)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा मंकीपॉक्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित करने के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय सतर्क हो गया है। शनिवार को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मंकीपॉक्स की स्थिति और तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

मंत्रालय के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी हवाई अड्डों, बंदरगाहों और ग्राउंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों पर अत्यधिक सावधानी बरती जानी चाहिए। इन स्थानों को अधिक संवेदनशील बनाने के साथ परीक्षण प्रयोगशालाओं(लैब) को तैयार, करना , किसी भी मामले का पता लगाने, अलग करने और उसका प्रबंधन करने आदि के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार करने पर जोर देना चाहिए।

वहीं स्थिति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञों की एक संयुक्त निगरानी समूह की बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), केंद्र सरकार के अस्पताल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के विशेषज्ञों ने भाग लिया। आने वाले हफ्तों में कुछ आयातित मामलों का पता चलने की संभावना को देखते हुए तैयारी पूरी होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि मंकीपॉक्स संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह के बीच स्व-सीमित होता है और रोगी आमतौर पर सहायक प्रबंधन के साथ ठीक हो जाते हैं। संचरण के लिए संक्रमित मामले के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क की आवश्यकता होती है और यह आम तौर पर यौन मार्ग, शरीर, घाव के तरल पदार्थ, या संक्रमित व्यक्ति के दूषित कपड़ों, लिनन के सीधे संपर्क के माध्यम से होता है।

0Shares

इसुआपुर में अवैध नर्सिंग होम संचालकों में मचा हड़कंप, हटाए जा रहे बोर्ड

isuapur:  प्रखंड में संचालित निजी नर्सिंग होम, चिकित्सक क्लिनिक, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे पैथोलॉजिकल क्लिनिक संचालकों से उनके रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात उपलब्ध कराने की विभागीय सूचना दिए जाने के बाद संचालकों में हरकंप मचा हुआ है। कई संचालकों द्वारा लगाए गए बोर्ड भी आनन-फानन में उतारे जा रहे हैं।

मालूम हो कि पिछले एक अगस्त को इसुआपुर के एक निजी नर्सिंग होम में इलाज कराने आई एक प्रसूता की ऑपरेशन के दौरान जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई थी। इसके बाद परिजनों द्वारा अस्पताल के सामने हो हंगामा भी किया गया था। इस खबर को मीडिया में प्रकाशित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया।

वहीं सिविल सर्जन सारण सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति सारण के पत्रांक 1520/ 24 के आलोक में सीएचसी इसुआपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर तूलिका कुमारी के हस्ताक्षर युक्त पत्रांक 545/24 के माध्यम से प्रखंड में संचालित नर्सिंग होम, चिकित्सकों के क्लीनिक, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे सेंटरों,पैथोलॉजी,जांच घरों से 7 अगस्त 2024 तक संस्थानों से संबंधित कागजात, प्रमाण पत्रों की फाइल बनाकर संस्थान पर रखने की बात कही गई थी।

वहीं 7 अगस्त के बाद जांच दलों को कागजात नहीं देने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही गई है।

0Shares

इसुआपुर में वन विभाग ने बांटे फलदार पौधे 

इसुआपुर : पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग सारण वन प्रमंडल के बैनर तले प्रखंड के आतानगर पंचायत भवन पर शिविर लगाकर फलदार पौधों का नि:शुल्क वितरण किया गया। इस मौके पर भग वनों के क्षेत्र पदाधिकारी मशरक प्रवीण कुमार गुप्ता ने कहा कि वन एवं पौधों की धड़ल्ले से हो रही कटाई से प्रकृति का संतुलन खतरे में पड़ गया है।

वायुमंडल में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। जिससे हमें कई तरह की बीमारियां भी हो रही है। इसको लेकर सरकार ने युद्ध स्तर पर अभियान चला रखा है।इसी अभियान के तहत वन विभाग के माध्यम से आद्रभूमि पर पौधारोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। इन पौधों से हमें मौसमी कल भी प्राप्त होंगे।

जिससे हमारा स्वास्थ्य लाभ होगा। शिविर में पहुंचे लोगों के बीच सैकड़ों पौधों का वितरण किया गया। मौके पर वनपाल धर्मेंद्र कुमार राय, वनरक्षी कृष्णा प्रसाद, वनकर्मी सुशील सिंह,परमेश्वर राम आदि थे।

0Shares

Chhapra: महिलाओं का बंध्याकरण में ‘मिनी लैप तकनीक’ का राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई द्वारा 12 दिवसीय (25 जुलाई से 05 अगस्त) प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतिम दिन क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई कार्यालय के सभागार में क्षेत्रीय अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ सागर दुलाल सिन्हा के द्वारा प्रमाण पत्र देकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया।

हालांकि 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सदर अस्पताल परिसर स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण सभागार में आयोजित की गई थी।

इस अवसर पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि ने मिनी लैप नव विकसित ऑपरेशन पद्धति है। इस तकनीक से बंध्याकरण कराना बहुत ही सरल और सुलभ है। मिनी लैप यानी मामूली चीरा लगाकर नाभी के निकट एक छोटी सी चीरा लगाकर बंध्याकरण ऑपरेशन किया जाता है।

क्योंकि इस ऑपरेशन में जोखिम जैसी कोई बात नहीं है और ना ही लंबी बेहोशी की नौबत आती हैं। सबसे अहम बात यह है कि ऑपरेशन के कुछ घंटे बाद ही मरीज को घर जाने की अनुमति दे दी जाती है। हालांकि ऑपरेशन के बाद मरीजों को चिकित्सक के परामर्श के अनुसार सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी होता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम की सफलता में इस तकनीक की अहम भूमिका है।

प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों द्वारा खुद किया जाता है बंध्याकरण: मुख्य प्रशिक्षक
मुख्य प्रशिक्षक सह सारण के सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि मिनी लैप बंध्याकरण का कार्य प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों द्वारा खुद किया जाता है। क्योंकि इस विधि में किसी भी प्रकार की मशीनरी का नकनिकी का सहारा नही लिया जाता है। हालांकि इसके पहले नसबंदी में दूरबीन प्रणाली की प्रक्रिया से किया जाता था। जिस कारण लगभग 20 प्रतिशत नसबंदी फेल हो जाते थे। क्योंकि यह नसबंदी किसी भी स्टाफ नर्स द्वारा किया जाता था, लेकिन इस विधि द्वारा नसबंदी करने के बाद फेल होने की संभावना नही रहती है। मिनी लैप बंध्याकरण के दौरान नस को काट दिया जाता है,।जिससे बच्चा पैदा होने की कोई उम्मीद नहीं रह जाती है और यह शत प्रतिशत सफल होता है। इस तरीके से ऑपरेशन करने में मात्र 10 से 20 मिनट का समय लगता है। इसके अलावा अस्‍पताल में भी केवल 24 घंटे ही रहने की जरूरत होती है। हालांकि यह शिशु के जन्‍म के बाद भी संभव है, वैसे किसी भी समय इस तरीके से ऑपरेशन कराया जा सकता है। अगर ऑपरेशन से नसबंदी की गई है, तो इंफेक्शन का खतरा कुछ दिनों तक बना रहता है। इसलिए इस दौरान साफ- सफाई का ख्याल विशेष रूप से करना चाहिए। हालांकि किसी भी तरह की नसबंदी के बाद कुछ दिनों तक आराम करना और भारी सामान नहीं उठाना चाहिए। नसबंदी के बाद कम से कम एक महीने तक महिलाओं को पति से दूर रहने की आवश्यकता होती है।

मिनी लैप विधि से संबंधित चिकित्सकों को किया गया प्रशिक्षित: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई ने 12 दिवसीय (25 जुलाई से 05 अगस्त) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ भारती सिंह और डॉ किरण ओझा द्वारा संयुक्त रूप से जिले के बनियापुर रेफरल अस्पताल की चिकित्सा पदाधिकारी डॉ प्रियंका यादव और एएनएम अनामिका कुमारी वहीं सदर अस्पताल सिवान की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ निशा कुमारी अंजली और जीएनएम रूबी कुमारी को मिनी लैप विधि से संबंधित प्रशिक्षित किया गया। सारण प्रमंडल के सभी जिलों यथा – सारण, सिवान और गोपालगंज जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधन की उपलब्धता शत प्रतिशत कराया गया है। स्थायी साधनों में मिनीलैप एवं महिला नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है। बच्चों में अंतराल एवं अनचाहे गर्भ से बचने के लिए कॉपर टी, गर्भ- निरोधक गोली (माला- एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटीव पिल्स उपलब्ध है।

इस अवसर पर क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डॉ सागर दुलाल सिन्हा, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार, लेखा प्रबंधक विजय कुमार राम, क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी शादान रहमान, प्रमंडलीय आशा समन्वयक संतोष कुमार सिंह, क्षेत्रीय बायो मेडिकल इंजीनियर साबित्री पंडित, कार्यालय सहायक मनोज कुमार, लेखापाल निहारिका, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सिफार) के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, आरपीएमयू कर्मी अंकुर और रंजय सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।

0Shares

डीडीसी ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण

Chhapra : सारण उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी द्वारा शुक्रवार को सदर अस्पताल कानिरीक्षण कर मरीजो को मिलने वाली सुविधाओ का जायजा लिया गया. साथ ही साथ वहा इलाज के लिए आये मरीजो और उनके परिजनों से भी पूछताछ की गयी.

डीडीसी  प्रियंका रानी द्वारा निरीक्षण के क्रम में नवनिर्मित दवा केन्द्र का निरीक्षण किया गया. जिसका कल उद्घाटन किया जाना है उसका गहन निरीक्षण किया गया. वही  मेडिसिन ओपीडी में निरीक्षण के साथ भव्या आनलाईन व्यवस्था के तहत मरीज के उपचार की प्रक्रिया को देखा गया.

अस्पताल परिसर में एक शिशु उपचार हेतु इंतजार में था उसे अपने सामने चिकित्सक से दिखवाया गया. दवा काउन्टर एवं सी0टी0 स्कैन तथा एक्सरे का निरीक्षण किया गया. परिसर में उचित साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं होने के कारण हॉस्पीटल मैनेजर को निदेशित किया गया कि अस्पताल में आवश्यक साफ-सफाई रखना सुनिश्चित करे. ओपीडी के चिकित्सको के Biometric Attendance की जॉंच की गयी.
निरीक्षण के समय राजेश्वर प्रसाद, हॉस्पिटल मैनेजर, सदर अस्पताल, छपरा,सारण उपस्थित थे।

0Shares

मशरख के कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय में सखी वार्ता का आयोजन

chhapra: जिला हब फॉर एम्पॉवर्मेंट ऑफ वुमेंन् सारण द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सहयोग से सखी वार्ता का आयोजन कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय , मशरख मे किया गया. जिला हब फॉर एम्पॉवर्मेंट ऑफ वीमेन के द्वारा 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमे इस सप्ताह महिलाओ से संबंधित अधिनियमो के लिये विशेष जागरुकता सत्र आयोजित किये जा रहे है.

सत्र के दौरान जिला मिशन समन्वयक निभा कुमारी के द्वारा चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, महिला हेल्प लाइन 181 एवं, good touch, bad touch, माहवारी स्वच्छता इत्यादि पर बलिकाओ के साथ वार्ता की. बच्चियो के द्वारा भी बहुत से सवाल संबंधित विषयों पर पूछे गये. डालसा की तरफ से मीना सिंह अधिवक्ता ने महिलाओं से जुड़े अधिनियमो के बारे मे बताया|इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार् की प्रतिनिधि मीना सिंह और कस्तूरबा गाँधी विद्यालय मशरख की वार्डन को जिला मिशन समन्वयक निभा कुमारी के द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

0Shares

सारण में 32 हजार नये लाभुकों का बना आयुष्मान कार्ड

chhapra : आयुष्मान कार्ड बनाने के लिये 18 जुलाई से 31 जुलाई तक चलाये जा रहे विशेष अभियान के तहत 24 जुलाई तक सारण जिला में लगभग 32 हजार नये लाभुकों का कार्ड बनाया गया है। नये कार्ड बनाने की संख्या के आधार पर 24 जुलाई को सारण जिला राज्य में चौथे स्थान पर रहा है।

सभी पात्र लोगों को पीडीएस दुकान पर जाकर कार्ड बनवाने हेतु जागरूक एवं प्रेरित करने के लिये जिलाधिकारी अमन समीर ने सभी गांव, पंचायत एवं शहरों में माइकिंग कराने को कहा है। इसी उद्देश्य से सभी प्रखंडों में दो-दो प्रचार वाहन 31 जुलाई तक लगातार भ्रमणशील रहकर माइकिंग के माध्यम से लोगों को जानकारी देंगे तथा पीडीएस दुकानों पर जाकर अपना अपना आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु जकगरुक करेंगे।
आज जिलाधिकारी अमन समीर ने समाहरणालय परिसर से प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर सिविल सर्जन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

0Shares