Chhapra: वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल की बातें या चर्चाएं शुरू होती है। तो आम से लेकर खास तक की जुबां पर स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों एवं नर्सों का ख्याल सबसे पहले आ जाता है। क्योंकि इन्हीं लोगों के बदौलत न जाने कितनों की जिंदगियां वापस लौटी होगी। अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर की उपाधीक्षक सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पूनम कुमारी का कहना है कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान अपनी जिंदगी की चिंता छोड़ कोविड- 19 टीकाकरण में अपनी जिम्मेदारियों को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने में स्थानीय अस्पताल की एएनएम अंजू कुमारी आगे रहीं है। क्योंकि कोरोना संक्रमण काल के दौरान एएनएम स्कूल में कोरोंटाइन सेंटर में चौबीसों घंटे रह कर अपने कर्तव्यों को बखूबी निभायी है। हालांकि इसके अलावा कोरोना जांच के साथ ही पंजीकरण की जिम्मेदारियों का डट कर सामना किया है। वहीं जब 15 जनवरी 2021 को टीकाकरण की शुरुआत हुई तो सोनपुर के कसमर पंचायत अंतर्गत दियारा जैसे दुर्गम क्षेत्रों में जाकर शत-प्रतिशत टीकाकरण जैसे कार्यो में महती भूमिका निभायी हैं।

 

कोविड- 19 संक्रमण काल के दौरान कोरेंटिन सेंटर और जांच सहित दियारा क्षेत्रों के ग्रामीणों को टीकाकरण में अपनी जिम्मेदारियों को शत प्रतिशत सुनिश्चित कराने में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने कहा कि चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने में चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत एएनएम, जीएनएम सहित कई अन्य कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इनके सार्थक प्रयास से ही अस्पतालों में इलाज़रत मरीज जल्द स्वस्थ होकर अपने घर जाते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत नर्स रोगियों के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक रूप देने का काम करती है। एक अच्छी नर्स के द्वारा मरीज़ों का लगातार ध्यान देना उतना ही महत्वपूर्ण होता है, जितना कि एक विशेषज्ञ सर्जन के द्वारा किसी भी ऑपरेशन के दौरान अपनी जिम्मेदारियों को निभाया जाना होता है। हालांकि आने वाले वर्षों में वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए नर्सिंग सेवा से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। मनोबल बढ़ाने के लिए नर्सिंग सेवा से जुड़ी एएनएम या स्टाफ नर्स को उत्कृष्ट कार्यों को लेकर समय- समय पर प्रोत्साहित किया जाता है।

 

विगत 17 वर्षो से जिले के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में ग्रामीणों की कर रही हूं सेवा: अंजू कुमारी
नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड की रहने वाली एएनएम अंजू कुमारी ने बताया कि सबसे पहले अक्तूबर 2008 में सोनपुर के शाहपुर दियारा स्थित स्वास्थ्य केंद्र में अस्थायी तौर पर आई थी। उसके बाद दिसंबर 2009 में मांझी, जून 2010 में सोनपुर, दिसंबर 2017 में नगरा और अक्तूबर 2019 में स्थायी रूप से सेवा देने के लिए गड़खा में पदस्थापित हुई। लेकिन कोरोना संक्रमण काल के दौरान जून 2020 में स्थानांतरित होकर सोनपुर वापस आ गई। कोरोना काल जब धीरे- धीरे कम हुआ तो सोनपुर के कसमर पंचायत के 10 वार्ड कसमर का तो तीन वार्ड गंगा नदी से दक्षिण छितरचक के ग्रामीणों की सेवा करने के लिए स्थायी रूप से कार्य कर रही हूं। एएनएम अंजू कुमारी के अनुसार जून 2010 से लेकर दिसंबर 2017 तक सेवाएं देने के बाद इसी जिले के दूसरे स्वास्थ्य संस्थान स्थानांतरण हो गया था लेकिन जब वैश्विक स्तर पर कोरोना संक्रमण का दौर आया तो जून 2020 में पुनः मेरा स्थानांतरण सोनपुर के कसमर जैसे क्षेत्र में कर दिया गया। उसके बाद से लेकर अनवरत क्षेत्रीय लोगों के साथ कार्य करने का मौका मिला है।

 

साल के 8 महीने 8 किलोमीटर दूर का सफर तय करना मजबूरी नही बल्कि जरूरी: एएनएम
एएनएम अंजू कुमारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान 16 अगस्त 2020 को झंडातोलन के बाद मेरा तबियत खराब होने लगा तो कोविड- 19 जांच के बाद मुझे संक्रमित पाया गया था। उसके बाद किराए के मकान में रहने लगी तो मेरी एक बेटी और एक बेटा भी कोरोना सक्रमित हो गया। जिस कारण मुझे बहुत ज्यादा झेलना पड़ा था। क्योंकि कोरोना संक्रमण काल के दौरान पूरा परिवार मेरे पास ही आ गया था। कसमर पंचायत का तीन वार्ड गंगा नदी के उस पार यानी दक्षिणी भाग में पड़ता है। जहां के ग्रामीण कहा करते हैं कि आपसे पहले यहां कोई भी एएनएम दीदी नही आती थी जिस कारण टीकाकरण तो दूर की बात है। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज या टीकाकरण कराने के लिए पटना जिला का रुख करना पड़ता था। तीन वार्ड के लोगों के स्वास्थ्य लाभ दिलाने या अपने कर्तव्यों का अक्षरशः पालन करती आ रही हूं। हालांकि उस पार जाने के लिए पैदल के अलावा कोई साधन ही नही है लेकिन इसके बावजूद वहां जाकर टीकाकृत करने का काम करती हूं। साल के 8 महीने 8 किलोमीटर दूर का सफर तय करना मजबूरी नही बल्कि जरूरी होता है। क्योंकि 4 महीने तो बरसात के कारण रास्ता बंद ही रहता है।

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Chhapra: थैलेसीमिया रक्त से संबंधित एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है। जो रक्त कोशिकाओं के कमजोर व नष्ट होने के कारण होती है। हालांकि यह बीमार माता और पिता के द्वारा उनके बच्चों में आसानी से फैलता है। अमूमन ऐसा देखा जाता है कि बच्चों में तीन से छः महीने के बाद ही इस रोग का पता चल जाता है। जिस कारण इस बीमारी से बच्चे के शरीर में रक्त की कमी होने लगती है। हालांकि समय पर उचित उपचार नहीं मिलने से बच्चे की मौत हो जाती है। इस गंभीर रोग के प्रति आम लोगों का ध्यान आकृष्ट कराने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 08 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को सामान्य व्यक्ति की तरह जीवन यापन के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने के उद्देश्य यह दिवस खास महत्व रखता है।

थैलेसीमिया से प्रभावित माता और पिता द्वारा हस्तांतरित होने वाली अनुवांशिक बीमारी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि थैलेसीमिया एक अनुवांशिक रक्त विकार है। जो प्रभावित माता और पिता से बच्चों में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते रहता है। इस रोग की वजह से बीमार व्यक्ति के शरीर में लाल रक्त कण में पर्याप्त मात्रा में हीमोग्लोबिन नहीं बन पाता है। जिस कारण रोगी एनीमिया के शिकार हो जाते हैं। रोगियों को जीवित रहने के लिए प्रत्येक दो से तीन सप्ताह के अंतराल पर रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। सबसे खास बात यह है कि आमतौर पर थैलेसीमिया दो प्रकार के होते हैं। माता या पिता में से किसी एक के क्रोमोजोम में खराबी होती तो बच्चा माइनर थैलेसीमिया का शिकार होता है। लेकिन अगर माता व पिता दोनों के क्रोमोजोम में खराबी है तो इससे मेजर थैलेसीमिया की स्थिति बनती है।

शादी से पूर्व लड़का और लड़की दोनों को अनिवार्य रूप से रक्त जांच कराना जरूरी, अन्यथा गर्भधारण के आठ से ग्यारह सप्ताह के अंदर डीएनए की जांच होनी चाहिए: नोडल अधिकारी

सदर अस्पताल परिसर स्थित रक्त केंद्र की नोडल अधिकारी सह महिला रोग विशेषज्ञ डॉ किरण ओझा ने कहा कि शादी से पूर्व लड़का और लड़की दोनों को अनिवार्य रूप से ब्लड जांच कराना जरूरी होता है। बगैर रक्त की जांच कराए शादी होती है तो गर्भधारण के आठ से ग्यारह सप्ताह के अंदर डीएनए की जांच होनी चाहिए। क्योंकि माइनर थैलेसीमिया के मरीज सामान्य व्यक्ति की तरह अपना जीवन व्यतीत करता है। हालांकि बगैर खून जांच कराए रोग के संबंध में उसे कुछ पता नहीं चलता है। ऐसे में अगर पति- पत्नी शादी से पहले अपने रक्त की जांच करा लें तो काफी हद तक इस अनुवांशिक रोग से पीड़ित होने से बच्चे को बचाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कमजोरी, थकावट, पेट में सूजन, डार्क यूरिन, त्वचा का रंग पीला पड़ना इस रोग के सामान्य लक्षण हैं। लेकिन बोन मैरो प्रत्यारोपण से रोग का इलाज संभव है। इसके अलावा आज उपचार की अन्य तकनीक भी विकसित हो चुकी है। जिससे रोग पीड़ित व्यक्ति भी लंबी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं।

सदर अस्पताल परिसर स्थित रक्त केंद्र के प्रयोगशाला प्रावैधिक धर्मवीर कुमार ने बताया कि जिले में फिलहाल थैलेसीमिया के 43 मरीज है। जिसमें अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 36 मरीज जबकि केवल अप्रैल 2024 में 07 थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित मरीजों की संख्या है। इसमें कई मरीज ऐसे भी हैं जिन्हें महीने में दो से तीन बार रक्त चढ़ाना पड़ता है। रोग पीड़ित बच्चों की औसत उम्र पांच से दस वर्ष के बीच है। सदर अस्पताल परिसर स्थित रक्त संग्रह केंद्र थैलेसीमिया रोगियों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है। क्योंकि उन्हें रक्त के लिए अन्यत्र जगह भटकना नहीं पड़ता है। रक्त केंद्र के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर रोगियों को निःशुल्क रक्त उपलब्ध करायी जाती है। इसके लिए अब उन्हें कहीं भटकने की जरूरत नहीं होती हैं।

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छपरा जंक्शन पर रेल यात्रियों के लिए रेलवे की पहल, 20 रुपए में पूरी, सब्जी और आचार

Chhapra: भारतीय रेल द्वारा ग्रीष्मकाल में यात्रियों को खाने-पीने की सामग्री इकोनॉमिकल दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है । लम्बी दूरी की ट्रेनों में सामान्य द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु सामान्य द्वितीय श्रेणी कोचों के सामने ही इकोनॉमी मील तथा पानी के स्टॉल लगाये जा रहे हैं, जिससे सामान्य द्वितीय श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को खाने-पीने की सामग्री उनके कोच के पास ही उपलब्ध हो सके। भारतीय रेल पर 100 स्टेशनों पर 150 इकोनॉमी मील काउंटर संचालित किये जा रहे हैं। इसी क्रम में, वाराणसी मंडल के बनारस, छपरा जं., सीवान जं. एवं मऊ जं. स्टेशनों पर इकोनॉमी मील यात्रियों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं।

यह इकोनॉमी मील रू. 20/- मात्र के अंतर्गत 07 पूरी (175 ग्राम), सूखी आलू की सब्जी (150 ग्राम) एवं अचार (12 ग्राम) बेहतर क्वालिटी पेपर बाॅक्स के साथ उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त अचार के साथ लेमन राइस (200 ग्राम), अचार के साथ कर्ड राइस (200 ग्राम), अचार के साथ टैमरिंड राइस (200 ग्राम) एवं अचार के साथ दाल खिचड़ी (200 ग्राम) में से कोई एक रू. 20/- मात्र वुडेन चम्मच के साथ एल्युमिनियम फॉयल कैसरोल में उपलब्ध है।स्नैक्स/कॉम्बो मील रू. 50/- मात्र के अंतर्गत स्नैक्स/कॉम्बो मील (350 ग्राम) क्षेत्रीय व्यंजन कैसरोल में उपलब्ध है।

इसी क्रम में, पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल द्वारा यात्रा के दौरान यात्रियों को सुविधाजनक एवं आरामदायक यात्रा अनुभव कराने के क्रम में सभी स्टेशनों पर शुद्ध पेय जल की उपलब्धता हेतु पर्याप्त व्यवस्था की गई है। वाराणसी मड़ल के विभिन्न स्टेशनों पर 25 अदद वाटर वेण्डिंग मशीने लगाई गयी हैं जिसमें वाराणसी मंडल के छपरा जं. पर 04, सीवान जं. पर 03, देवरिया सदर स्टेशन पर 02, भटनी जं. पर 01, बलिया स्टेशन पर 02, मऊ जं. पर 02, गाजीपुर सिटी स्टेशन पर 02, आजमगढ़ स्टेशन पर 01, बनारस स्टेशन पर 02, वाराणसी सिटी स्टेशन पर 02, बेलथरा रोड स्टेशन पर 01, सलेमपुर जं. पर 01, कप्तानगंज जं. पर 01, थावे जं. पर 01 सहित कुल 25 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई है तथा छपरा में 02,छपरा कचहरी में 01,सीवान में 01 तथा सुरेमनपुर 01 कुल पाँच स्टेशनों पर वाटर वेन्डिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया में है। स्टेशनों पर वाटर वेण्डिंग मशीने लगे होने से यात्रियों को कम कीमत पर शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है । इसके साथ ही मंडल के अन्य स्टेशनों पर यात्रियों के लिये शीतल पेय जल की व्यवस्था हेतु वाटर कूलर सहित पर्याप्त संख्या में पीने के पानी हेतु नल एवं हैंड पम्प कार्यशील हैं।

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सारण में स्कूल वैन में लगी आग, आधा दर्जन बच्चे गंभीर रूप से झुलसे

Chhapra: सारण में शुक्रवार को स्कूल वैन में आग लगने से आधा दर्जन बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए. स्कूल वैन में आग लगने की घटना को देखकर आनन फानन में आसपास के लोगों द्वारा बच्चों को बाहर निकाल कर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया. जहां सभी आधा दर्जन घायल बच्चों का प्राथमिक उपचार कर इलाज किया जा रहा है.

घटना की सूचना मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं त्वरित कार्रवाई करते हुए सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार राय ने सदर अस्पताल पहुंच घायल बच्चों की स्थिति का जायजा लेते हुए सिविल सर्जन एवं चिकित्सकों से बेहतर इलाज करने को कहा.

घायलों में निखिल कुमार, आशीष कुमार, अंकिता कुमारी, गुंजन कुमारी, आशू कुमार शामिल है.

इस घटना को लेकर बताया जा रहा है कि बनियापुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ बाजार स्थित न्यू गुरुकुल शिक्षा निकेतन स्कूल की स्कूल वैन में पढ़ाई कर बच्चे वापस अपने घर जा रहे थे. इसी बीच दाढ़ी-बड़ी मुख्य सड़क पर स्कूल वैन में अचानक आग लग गई. आग लगे की घटना को देख आसपास के लोगों द्वारा तुरंत सहायता करते हुए वैन में सवार बच्चों को बाहर निकाला गया और इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया.

हालांकि इस दौरान करीब आधा दर्जन बच्चें गंभीर रूप से आग की चपेट में आ जाने से झुलस गए हैं. वहीं वैन का चालक भी आग की चपेट में आ गया.

घायल बच्चों का इलाज सदर अस्पताल में किया जा रहा है, वहीं चालक बनियापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है.

घटना की सूचना मिलने के बाद सभी बच्चों के परिजन सदर अस्पताल पहुंचे. जहां वह अपने बच्चों की स्थिति देख चीत्कार मारकर रोने लगे. हालांकि तुरंत सदर अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार राय ने सदर अस्पताल पहुंचकर घायल बच्चों के बेहतर इलाज करने का निर्देश देते हुए चिकित्सा एवं अस्पताल प्रशासन को भी निर्देश दिया.

वही स्कूल वैन में आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल की वह बहुत पुरानी थी. आमतौर पर स्कूलों में टूटी फूटी फिटनेस फेल वाहनों से बच्चों को ढोने का कार्य धड़ल्ले से स्कूल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है और प्रशासन बेसुध है.

बच्चों को ले जा रही मारुति वैन बहुत पुरानी थी जिसके फिटनेस भी समाप्त होने की बात कही जा रही है.

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नगर निगम ने लगाया प्याऊ स्टॉल, राहगीरों के लिए पानी के साथ बैठने की होगी व्यवस्था

Chhapra: गर्महवाएं एवं लू से बचने के लिए महापौर छपरा नगर निगम लक्ष्मी नारायण गुप्ता एवं नगर आयुक्त छपरा नगर निगम सुमित कुमार भा.प्र.से. के द्वारा छपरा नगर निगम के 18 विभिन्न स्थलों पर पनशाला अधिष्ठापित करने का निर्देश दिया गया ।

छपरा नगर निगम के निम्न स्थलों पर पनशाला का अधिष्ठापन किया गया.

1. मौना चौक, रविकुल भूषण मो.7903203954,

2.साहेबगंज चौक, राकेश कुमार मो.926335315

3. थाना चौक कंट्रोल रूम, राजकुमार प्रसाद

4. ब्राह्मपुर हनुमान मंदिर, मुस्ताक मियां, मो.8521781534

5. कचहरी स्टेशन, सौरभ कुमार, मो.9852311633

6. दवा मंडी, अजित कुमार, मो.8252733270

7. बस स्टैंड, आशीष कुमार, मो.9162555608,

8. कटहरी बाग हनुमान मंदिर,

9. नेहरू चौक पीपल के पास, कुलदीप कुमार, मो.9835584371

10. भिखारी चौक, राजेश चौधरी

11. गुदरी बाजार मंडी, नरेश प्रसाद मो.9576835077

12.बिहार चित्रालय कचहरी गेट, मो.7903448321

13. गाँधी चौक धनेश कुमार मो.9155366259

14. दरोगा राय चौक, राहुल कुमार चौधरी, मो.6200881856

15. नगरपालिका चौक, दीपक कुमार, मो.8423371253

16. भगवान बाजार, आकाश कुमार, मो7054826785

17.श्याम चौक, बासुकीनाथ चौधरी, मो.9263592394

18. सदर अस्पताल, अवधेश कुमार, मो.9334157190 आदि स्थलों पर पनशाला का संचालन किया जाएगा।

शुक्रवार से ही पनशाला का संचालन किया जा रहा है। पनशाला में शुद्ध पेयजल के अतिरिक्त बैठने की भी व्यवस्था रहेगी साथ ही साथ कुछ स्थलों पर बैठने के लिए कुर्सी एवं ठन्डे पानी की भी व्यवस्था की गयी है ।

गर्म हवाएं एवं लू से बचने हेतु नगर आयुक्त, छपरा नगर निगम के द्वारा आम जनों से आपदा विभाग के द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करने एवं निम्न उपाय करने की अपील की गई – जितनी बार हो सके पानी पियें, सफर के दौरान पानी हमेशा साथ रखें, बाहर निकलते समय हल्के रंग का सूती कपड़ा एवं ढीले ढाले कपड़े पहने, टोपी गमछा एवं जूता चप्पल पहन कर ही घर से बाहर निकले, अधिक पानी वाले फलों का सेवन करें. अपने दैनिक भोजन में कच्चा प्याज, सत्तू, पुदीना तथा खस को शामिल करें.

घर में बने पेय पदार्थ जैसे लस्सी, नमक चीनी का घोल , छाछ, नींबू पानी ,आम पन्ना आदि का नियमित सेवन करें तथा जहां तक संभव हो कड़ी धूप में बाहर न निकले.

सभी स्थल पर प्रतिनियुक्त कर्मी का स्थल के साथ उस कर्मी का मोबाइल नम्बर भी दिया गया है.

पनशाला का अनुश्रवण उप नगर आयुक्त वेद प्रकाश वर्णनवाल, स्वछता पदाधिकारी संजीव कुमार मिश्रा, सुमित कुमार, सिटी मैनेजर नीरज कुमार झा एवं कनीय अभियंता के द्वारा किया जाएगा.

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Chhapra: जिले में लू का प्रकोप शुरू हो गया है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अपनी ओर से पूरी तरह से अलर्ट मोड में है, लेकिन लू से बचाव के लिए लोगों को अपने स्तर पर भी उचित प्रबंध करना होगा। ताकि वह स्वयं के साथ- साथ अपने परिवार के सदस्यों खास कर बच्चें और बुजुर्गो को लू की चपेट में आने से बचाव कर उसकी हिफाजत किया जा सके। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति की लू की चपेट में आ जाता है, तो समय रहते इसका उपचार कराना आवश्यक होता है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आपकी सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता हैं। हालांकि गर्मियों में कुछ जरुरी बातों को ध्यान में रखते हुए लू से बचा जा सकता है। वहीं दूसरी ओर लू की चपेट में आए लोगों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के साथ- साथ अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर और मढ़ौरा सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड सुरक्षित कर लिया गया है। क्योंकि आपात कालीन स्थिति में इसका उपयोग आसानी से किया जा सके।

लू लगने के बाद समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो हो सकती है गंभीर समस्या: प्रभारी सिविल सर्जन
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि जब कोई लू के बीच बाहर निकलता है, तो गर्म हवाओं के कारण शरीर से पानी का ह्रास होने लगता है। जिस कारण शरीर में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है। क्योंकि पानी के साथ- साथ शरीर से कई प्रकार की आवश्यक पोषक तत्व भी बाहर निकल जाते हैं। जिस वजह से शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। हालांकि बढ़ती गर्मी को कंट्रोल करने शरीर को काफी मुश्किल हो जाता है। लू की चपेट में आने पर सबसे पहले लोगों में बुखार की समस्या देखने को मिलती है, उसके बाद धीरे- धीरे व्यक्ति की समस्याएं बढ़ने लगती हैं। जिस कारण गंभीर सिरदर्द, उल्टी और दस्त सहित कई अन्य प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। सबसे अहम बात यह है कि लू लगने के बाद समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इसकी वजह से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी रोग, फेफड़ों से जुड़ी समस्या अगर किसी व्यक्ति को पहले से है, तो उनकी स्थिति बदतर हो सकती है। इसलिए लू लगने के बाद मरीज को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहिए। जिससे उसकी जान बचाई जा सके।

अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस किया गया रिकार्ड: मौसम विभाग
मौसम विभाग के अनुसार सुबह के 7 से ही हिट वेब शुरू हो गया था। जिसमें 7 बजे 30, 8 बजे 33, 9 बजे 36, 10 बजे 39, 11 बजे 41 तो 12 बजे दोपहर में 43 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा है, जबकि पछुवा हवा की बात करें तो सुबह के 7 बजे 14, 8 और 9 बजे 16, तो 10 बजे 21, वही 11 बजे 26 तो 12 बजे दोपहर में 29 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा चल रहा था। लेकिन 12 बजे दोपहर के बाद 34 किलो मीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से पछुवा हवा लोगो के चेहरे को जलाने के काफी था। हालांकि न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तो अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है।

लू लगने के मुख्य लक्षण:
बहुत अधिक पसीना आना, हार्ट बीट बहुत धीमी या तेज होना, उल्टी और मतली की समस्या उत्पन्न होना, मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना, शारीरिक रूप से कमजोरी का एहसास होना, गंभीर सिरदर्द, बहुत थकान, चक्कर आना और ठंडी त्वचा का होना इसके मुख्य लक्षण हो सकते है।

गर्मियों में लू की चपेट में आने से बचाव करना बेहद जरूरी:
– कोशिश करें कि गर्मियों में पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन अत्यधिक मात्रा करना चाहिए।

– बहुत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलें।

– दिन के समय धूप और गर्म मौसम के बीच अधिक समय तक व्यतीत करने से बचना जरूरी।

– गर्म मौसम में हल्का या ढीला ढाला कपड़े पहनना चाहिए।

-धूप में जाते समय छाता या टोपी पहन कर ही निकला चाहिए।

– अनिवार्य रूप से कमरे का तापमान हल्का ठंडा होना चाहिए।

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पटना के सरकारी और निजी स्कूलों की समय सारिणी में बदलाव

पटना:  बिहार में बढ़ते तापमान और गर्म हवा को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने सरकारी और निजी स्कूलों के समय में बदलाव किया है। पटना के जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने जिले के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों में 10वीं कक्षा तक की शैक्षणिक गतिविधियों को पूर्वाह्न 11:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक प्रतिबंधित कर दिया है। यह आदेश 20 से 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा।

इससे पूर्व बिहार के सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टी की तारीख का ऐलान किया गया है। विद्यालयों में 15 अप्रैल से 15 मई तक गर्मी की छुट्टी रहेगी लेकिन इस दौरान 9वीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल परिसर में स्पेशल क्लास चलेगा। ये क्लास सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक निर्धारित किया गया है।

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जिलाधिकारी ने गेहूँ फसल कटनी प्रयोग का किया निरीक्षण

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर द्वारा गुरूवार सदर प्रखंड अंतर्गत पूर्वी तेलपा पंचायत में अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा प्रायोजित “गेहूँ फसल कटनी प्रयोग” का निरीक्षण किया। उन्होंने पूर्वी तेलपा के किसान बलदेव सिंह के खेत में स्वयं हँसिया चला कर इसका शुभारंभ किया।

कटनी के उपरान्त 10 मीटर X 05 मीटर क्षेत्रफल (50 वर्ग मीटर) से 14 किलो 270 ग्राम गेहूं प्राप्त किया गया।जिसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन 28.54 क्विंटल पाया गया।

जिलाधिकारी ने उपविकास आयुक्त, अपर समाहर्त्ता , सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्त्ता,जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं अन्य प्राधिकृत पदाधिकारियों को फसल कटनी प्रयोग का निरीक्षण सुनिश्चित करने का निदेश दिया है।

फसल कटनी प्रयोग में मानक उपकरणों का ही प्रयोग सुनिश्चित करने को कहा गया। जिला स्तर से प्रत्येक प्रखंड में तीन सेट मानक उपकरण उपलब्ध कराये गये हैं।

इस अवसर पर जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी तथा संबंधित किसान उपस्थित रहे।

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चमकी बुखार (जेई- एईएस) की रोकथाम को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित

चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता के साथ एईएस पर कार्य करने की जरूरत: जिलाधिकारी

शहरी क्षेत्र के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर टेक्निकल मालाथियॉन का फॉगिंग कराने को लेकर दिया गया आवश्यक निर्देश

Chhapra: सदर अस्पताल स्थित कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय होना चाहिए: सिविल सर्जन जेई- एईएस के रोकथाम को लेकर जिला स्तरीय विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को निर्धारित दायित्वों का तत्परता से निर्वहन कर इस बीमारी को आसानी के साथ रोका जा सकता है। उक्त बातें जिलाधिकारी अमन समीर ने जेई- एईएस से सबंधित अंतर विभागीय समन्वय समिति की बैठक के दौरान कही। समाहरणालय सभागार में आयोजित बैठक में जिले के सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी अपने- अपने प्रखंड से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा जिला स्तरीय पदाधिकारी भौतिक रूप से सभागार में उपस्थित थे। जबकि इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीवीबीडीसीओ डॉ दिलीप कुमार, सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आरएन तिवारी, डीआईओ डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह, एनसीडीओ डॉ भूपेंद्र कुमार, डीपीएम अरविंद कुमार, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार सुधीर कुमार सिंह के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता के साथ एईएस पर कार्य करने की जरूरत: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी अमन समीर ने स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय पदाधिकारी सहित जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारी एवं कर्मियों को पूरी जवाबदेही एवं तत्परता के साथ एईएस पर कार्य करने को लेकर आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को पारासिटामोल एवं ओआरएस का कीट उपलब्ध कराने तथा वितरण से संबंधित प्रखण्डवार रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया है। वहीं जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूम से नियमित अनुश्रवण कर सूचना प्राप्त करने तथा उससे अवगत कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है।

शहरी क्षेत्र के पदाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर टेक्निकल मालाथियॉन का फॉगिंग कराने को लेकर दिया गया आवश्यक निर्देश: जिलाधिकारी

जिलाधिकारी अमन समीर ने सिविल सर्जन और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ दिलीप कुमार को जेई- एईएस के चिकित्सकीय प्रबंधन में सुदृढ़ व्यवस्था सुनिश्चित रखने को लेकर निर्देशित किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से जिला अस्पताल में 10, अनुमंडलीय अस्पताल सोनपुर और मढ़ौरा में 05/05 तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 02/02 बेड सुरक्षित रखने, एसओपी के अनुसार चिन्हित औषधियों की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित करने, चिकित्सकों का 24X7 रोस्टर ड्यूटी रखने, दर्पण प्लस ऐप के माध्यम से चिकित्सकों की उपस्थिति का अनुश्रवण करने, आईईसी सामग्रियों का वितरण करने, ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत परिचालित एम्बुलेंसों का पंचायतों से टैगिंग तथा शहरी क्षेत्रों के झुग्गी-झोपड़ियों, अस्पताल परिसरों में नगर निगम और नगर पंचायतो के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर टेक्निकल मालाथियॉन का फॉगिंग कराने का आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

सदर अस्पताल स्थित कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय होना चाहिए: सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने संबंधित पदाधिकारियों से कहा कि जिले में अत्यधिक गर्मी बढ़ने पर चमकी के मामले अक्सर देखें जाते है। क्योंकि यह बच्चों की एक गंभीर जानलेवा बीमारी है। जिसमें तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है। लेकिन इस संबंध में इलाज या व्यवस्था में कोताही बरते जाने पर किसी भी हाल में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल के अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भी कंट्रोल रूम पूरी तरह से सक्रिय है। सभी अस्पतालों में बेड, दवा और एंबुलेंस के साथ- साथ संबंधित चिकित्सको को 24 घंटे उपलब्ध रहना होगा। वहीं संबंधित क्षेत्र के अधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक करने का भी निर्देश दिया गया।

मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत लाभुकों द्वारा क्रय किये गये वाहनों की टैगिंग संबंधित प्रखंड के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के साथ सुनिश्चित करने को कहा गया। इन वाहनों का उपयोग चमकी के मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने के लिये किया जायेगा। चमकी के मरीज को अस्पताल लाने वाले वाहनों को तुरंत नगद भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।

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Chhapra: रक्तदाता ही सही मायने में समाज के नायक हैं जो वैसे लोगों की जान बचाते हैं जिन्हें खून की आवश्यकता होती है। उक्त बातें रेड क्रॉस सोसाइटी सारण के चेयरमैन सह डी०आई०ओ ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में शनिवार को कही।

उन्होंने कहा कि समाज सेवा के कई आयाम है लेकिन रक्तदान न केवल समाज सेवा है बल्कि सबसे बड़ा दान है।रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्य अमन राज ने कहा की रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से अस्पताल में पर्याप्त ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करने में काफी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

इसमें रेड क्रॉस सोसाइटी के युवा इकाई का अहम योगदान है।वहीं युवा इकाई के प्रभारी भुनेश्वर कुमार ने कहा कि रक्तदान करने से न केवल हम लोगों की जान बचाने में अपना योगदान करते है बल्कि उस व्यक्ति के साथ खून का रिश्ता जोड़ लेते है।

रक्तदान करने वाले में भुनेश्वर कुमार,राहुल प्रजापति, ऋतिक राज,सूरज चौधरी,विकास कुमार,सूरज गुप्ता अन्य ने रक्तदान किया।रक्तदान शिविर के सफल आयोजन में रेड क्रॉस युवा इकाई के सदस्य प्रणव,पीयूष कुमार का महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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समाहरणालय परिसर में पोषण मेला सह स्टॉल प्रदर्शनी का हुआ आयोजन

विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को बच्चों के बेहतर स्वास्थ और पोषण के लिए किया जा रहा है जागरूक: उप विकास आयुक्त

“पोषण भी पढ़ाई भी” थीम के तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषण के साथ दी जा रही है शिक्षा: डीपीओ 

पोषण पखवाड़ा के दौरान राज्य स्तरीय रैंकिंग में सारण जिला को मिला आठवां स्थान: सिद्धार्थ

Chhapra: जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण पखवाड़ा माह चलाया जा रहा है। इसके तहत आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ- साथ प्रखंड स्तर पर भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को बच्चों के बेहतर स्वास्थ और पोषण के लिए जागरूक किया जा रहा है। उक्त बातें सारण जिले की उप विकास आयुक्त प्रियंका रानी ने समाहरणालय परिसर में पोषण अभियान अंतर्गत पोषण पखवाड़ा 2024 के तहत पोषण मेला स्टॉल प्रदर्शनी सह मिलेट रेसिपी प्रतियोगिता एवं स्वस्थ बालक और बालिका पारितोषिक वितरण का समारोह के दौरान कही। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह एवं जिला परियोजना सहायक अरविंद कुमार सिंह, जिले के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, महिला पर्यवेक्षिका, डाटा इंट्री ऑपरेटर, सेविका और सहायिका सहित आईसीडीएस के अन्य कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान प्रखंड से स्वस्थ बालक बालिका स्पर्धा हेतु नामित एक- एक बच्चे एवं मिलेट रेसिपी प्रतियोगिता के लिए जिले के सभी प्रखंड से एक- एक सेविका को पुरस्कृत किया गया।

“पोषण भी पढ़ाई भी” थीम के तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को पोषण के साथ दी जा रही है शिक्षा: डीपीओ

आईसीएसडी की जिला प्रोग्राम पदाधिकारी कुमारी अनुपमा ने कहा कि यह कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्रों पर की जाने वाली गतिविधियों, पोषण एवं स्वास्थ्य से संबंधित जानकारियों को स्टॉल प्रदर्शनी के माध्यम से आमजन को दी गई। “पोषण भी पढ़ाई भी” थीम के तहत जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 03 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पोषण के साथ- साथ शिक्षा भी दी जा रही है। फिलहाल पोषण पखवाड़ा 2024 में जिलास्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले टॉप तीन परियोजना में दिघवारा को प्रथम स्थान, नगरा को द्वितीय जबकि पानापुर को तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इन तीनों परियोजना के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखंड समन्वयक, डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं सभी महिला पर्यवेक्षिका को सम्मानित किया गया।

पोषण पखवाड़ा के दौरान राज्य स्तरीय रैंकिंग में सारण जिला को मिला आठवां स्थान: सिद्धार्थ

राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक सिद्धार्थ सिंह ने बताया गया कि पोषण पखवाड़ा 2024 के तहत विभाग द्वारा जारी कैलेंडर के अनुसार जिला, प्रखंड, पंचायत सहित जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर 9 से 23 मार्च तक विभिन्न प्रकार के गतिविधियों का आयोजन करते हुए इसकी इंट्री जन आंदोलन डैशबोर्ड पर की जा रही है, ताकि जिला और परियोजना का रैंकिंग निर्धारित किया जा सके। हालांकि वर्तमान में सारण जिला पोषण पखवाड़ा 2024 में राज्य स्तर पर आठवें स्थान पर है।

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Chhapra: रंगोत्सव जैसे त्योहार के दौरान दूसरे राज्यों से घर लौटने वाले बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए जिलाधिकारी अमन समीर के दिशा निर्देश और सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा के मार्ग दर्शन में विशेष रूप से पोलियो का अभियान संचालित किया जाएगा।

उक्त बातें जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह ने कही। जिसको लेकर शहरी क्षेत्र के रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड में प्रवेश करने और निकास द्वार पर आगामी 24 से 29 मार्च तक ट्रांजिट दल को प्रतिनियुक्त किया जाएगा। ताकि ट्रांजिट दल के माध्यम से 0 से 5 साल आयु वर्ग के सभी बच्चों को पोलियो रोधी दवा का सेवन कराया जाए। हालांकि इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के अपर निदेशक के माध्यम से जिलाधिकारी को विशेष रूप से आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है ।

जिलाधिकारी के दिशा निर्देश में चलाया जाएगा पोलियो का विशेष अभियान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि शहरी क्षेत्र के रेलवे जंक्शन, कचहरी स्टेशन और बस स्टैंड के प्रवेश एवं निकास द्वार सहित रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर दो सदस्यीय टीम बहाल करने को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर के दिशा निर्देश में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी को अनिवार्य रूप से ट्रांजिट टीम गठन करने के लिए निर्देशित किया गया है। जहां पर आने वाले अभिभावकों के साथ बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई जाएगी। इस विशेष अभियान के दौरान एक भी बच्चा छूटे नहीं इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके लिए प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों सहित टीम के अन्य कर्मियों को सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही पल्स इसके पर्यवेक्षण से संबंधित एमओआईसी, बीएचएम, बीसीएम के अलावा डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ रंजितेश, यूनिसेफ की एसएमसी आरती त्रिपाठी और यूएनडीपी के वीसीसीएम अंशुमान पांडेय को भी आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।

इंडिया इक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप की अनुशंसा पर होली त्योहार के दौरान बच्चों को पिलाई जाएगी पोलियों रोधी खुराक: डीआईओ
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ चंदेश्वर सिंह ने बताया कि बिहार को 13 वर्ष पूर्व ही पोलियो मुक्त किया जा चुका है। लेकिन विगत वर्ष 2023 में पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान सहित दूसरे अन्य देशों में पोलियो संक्रमण का मामला सामने आ चुका है। इसके अलावा अफ्रीकी देश मोजांबिक भी अभी तक पोलियो से प्रभावित है।दुनिया में अगर कहीं भी पोलियो संक्रमण का मामला सामने आता है। तो अपने देश में इसके प्रसार की संभावना प्रबल हो जाती है। जिस कारण होली के दौरान बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों या पड़ोसी देशों में रह कर गुजर बसर करने वाले प्रवासी अपने घर वापस लौटते हैं। लिहाज़ा जिले में पोलियो के प्रसार की संभावना रहती है। इंडिया इक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप की अनुशंसा पर होली त्योहार के दौरान बहार से आने वाले 0 से 5 साल तक के सभी बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने के लिए जिले में विशेष अभियान संचालित किया जाएगा।

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