Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय प्रशासन ने आदेश जारी कर विश्वविद्यालय परिसर समेत सभी महाविद्यालयों में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी है. इस आदेश के बाद कर्मचारी और छात्र संगठनों में नाराजगी है. कर्मचारी और छात्र संघ के नेताओं ने इसे तुगलकी फरमान बताया है.

वही कुलपति डॉ हरिकेश सिंह ने इसके लिए कर्मचारियों की अनुचित और हठतापूर्ण रवैये को जिम्मेदार बताया है. कुलपति द्वारा जारी पत्र संख्या 1391 दिनांक 9 नवम्बर 2017 में कहा गया है कि विश्वविद्यालय का विकास कार्य कर्मियों के असहयोगात्मक रवैये से ठप है. विश्वविद्यालय से सम्बंधित सभी प्रशासनिक, शैक्षणिक एवं वित्तीय कार्य इन दिनों अनिवार्य रूप से पूरे किये जाने है, लेकिन कुछ वर्गों के अनुचित एवं हठतापूर्ण आचरण के कारण उक्त सारे काम ठप होते जा रहे है.

आरएसए ने जलाई आदेश की प्रति

जय प्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ हरिकेश सिंह के आदेश के खिलाफ छात्र संगठन आरएसए ने आदेश की कॉपी को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. सभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय अध्यक्ष अर्पित राज गोलू ने कहा कि कुलपति अपने नाकामियों को छुपाने के लिए यह तुगलकी फरमान जारी किया है. परीक्षा किस कारण से टला है यह कुलपति महोदय बखूबी जानते हैं. उसके बाद झूठी दलील देकर लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. जिसे संगठन कभी भी बर्दाश्त नहीं करेगी. ऐसे तुगलकी फरमान जल्द से जल्द वापस लिया जाए अन्यथा संगठन उग्र आंदोलन करेगा.

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Chhapra: सूबे की शैक्षणिक व्यवस्था दिन प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है. ऐसा कहने में हम परहेज़ नही कर सकते. राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लाख दावे और प्रयास के बावजूद भी यहां सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती है.

सरकार द्वारा भले ही सूबे में शैक्षणिक गतिविधि को सुदृढ़ करने के लिए निर्देश दिए जाते हैं लेकिन शैक्षणिक व्यवस्था के लिए जरूरी उसके इंफ्रास्ट्रक्चर एवं मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता.

सूबे के विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 17-18 की समाप्ति में लगभग 4 महीने शेष बचे हैं. लेकिन यह छात्रों का दुर्भाग्य है कि उन्हें अब तक सरकार द्वारा दी जाने वाली निशुल्क पुस्तकें नहीं मिली.जिससे कि वह अध्ययन कर सकें.

सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे आखिर अपनी पढ़ाई किस तरह करें यह ना ही उनके अभिभावको पता है, ना ही शिक्षकों को और ना ही शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को.

सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा दिवस पर बड़े बड़े भाषण दिए शिक्षकों से बेहतर शिक्षण की अपील की जिससे एक बेहतर बिहार का निर्माण किया जा सके. लेकिन सरकार के द्वारा कभी छात्रों के सुविधाओं की बात नहीं की गई.

सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अपनी यानी विभागीय सिलेबस के अनुसार पढ़ते है.उन्हें जो सिलेबस पढ़ाया जाता है उसकी पुस्तकें बाजारों में उपलब्ध नहीं होती. छात्र, अभिभावक, शिक्षक आखिर पुस्तक कहां से लाएं यह किसी को पता नहीं है.

छात्रों के भविष्य से विगत 8 महीने से हो रहे इस खिलवाड़ का हर्जाना छात्र अपने उज्जवल भविष्य से चुका रहें है.

सबसे अचरज की बात तो यह है कि शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता की जांच को लेकर अर्धवार्षिक परीक्षा भी आयोजित कर दी गयी. उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी विभाग द्वारा निर्धारित तिथि के अंदर हो गया और बिना पुस्तकों को पढ़े छात्र इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो गए.

सूबे की इस शैक्षणिक व्यवस्था पर बिहार का भविष्य कैसा होगा यह हम खुद ही अंदाजा लगा सकते है.

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Chhapra: सोवियत समाजवादी क्रांति के 100वीं वर्षगांठ पर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीति शास्त्र विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ लालबाबू यादव ने की.

उन्होंने कहा कि आज से 100 साल पहले लेनिन के नेतृत्व में समाजवादी क्रांति हुई थी. जो प्रसिद्ध जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स के विचारों पर आधारित थी. यही कारण था कि 1917 के बाद समाजवादी विचार धारा को मार्क्सवादी लेनिनवादी कहा जाने लगा.

विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रणजीत कुमार ने कहा कि मार्क्स अपने विचारों के कारण समकालीन समाज में प्रासंगिक बने रहेंगे. उन्होंने कहा कि 1917 का रूसी सामाजिक क्रांति मार्क्स के विचारों का लेनिन के द्वारा व्यवहारिक प्रयोग था. संगोष्ठी में अर्थशास्त्र के नवनियुक्त प्राध्यापक पीयूष अदानी, डॉ संजय कुमार आदि उपस्थित थे.

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Isuapur: बिहार परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ सारण की बैठक इसुआपुर के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अचितपुर में आयोजित की गई.

बैठक में प्रखंड क्षेत्र के सभी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा सर्वसम्मति से परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के इसुआपुर इकाई का गठन किया गया.

नवगठित इकाई में अध्यक्ष अशोक कुमार यादव, उपाध्यक्ष धुरेन्द्र कुमार सिंह, शोभा कुमारी, महासचिव जितेंद्र कुमार राम, सचिव अजय कुमार, संयोजक कवीश्वर राम, कोषाध्यक्ष राजकुमार राम एवं मीडिया प्रभारी मोहम्मद एहसान को नियुक्त किया गया.

बैठक की अध्यक्षता मध्य विद्यालय इसुआपुर के प्रधानाध्यापक चुन्नीलाल साह ने की.

इस अवसर पर अपने संबोधन में शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा नियोजित शिक्षकों के प्रति ठीक नहीं दिख रही है. दोनों न्यायालय के निर्णय के बावजूद भी शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं मिल रहा है.

श्री सिंह ने कहा कि सरकार के उदासीन रवैया के प्रति राज्य इकाई ने प्रदेश अध्यक्ष बंसीधर ब्रजवासी के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है.

हालांकि अभी तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. लेकिन परिवर्तनकारी शिक्षक नियोजित शिक्षकों की हक की लड़ाई के लिए लड़ता रहेगा.

बैठक में ओम प्रकाश गुप्ता, मुशा कलीम, द्वारिका नाथ तिवारी सहित सैकडों शिक्षक शिक्षिका मौजूद थे.

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Chhapra: 25वीं राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2017 साइंस फॉर सोसाइटी का आयोजन 1 नवम्बर से 3 नवम्बर तक किया गया. जिसमे राज्य से 205 बाल वैज्ञानिकों ने भाग लिया.

जिसमे मात्र 50 प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित किया गया, उसमे सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल, छपरा के बाल वैज्ञानिक को चयनित किया गया. साथ ही विद्यालय को जिले का बेस्ट स्कूल का सम्मान मिला. स्कूल के निदेशक हरेन्द्र सिंह को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति पद्मश्री प्रोफेसर (डॉ.) आर.पी. सिन्हा ने सम्मानित किया.

प्राचार्य मुरारी सिंह ने छात्राओं द्वारा किये गए कार्यो को सराहा तथा इतने कठिन स्पर्धा के बीच संधर्ष करते हुए राष्ट्रीय बाल कांग्रेस में चयनित होने पर पूरे विद्यालय परिवार एवं उनके गाईड शिक्षकों का धन्यवाद दिया.

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New Delhi: कोई भी टेक्निकल कोर्स कॉरेस्पोंडेंस के जरिए नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए कहा है कि टेक्निकल कोर्स किसी और माध्यम से नहीं कराया जा सकता.

टेक्निकल कोर्स में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल समेत कई कोर्सेज आते है, जिन्हें टेक्निकल कोर्स कहा जाता है.

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Chhapra: नियोजित शिक्षकों को सामान कार्य के बदले समान वेतन देने का फैसला उच्च न्यायालय ने सुना दिया है. फैसले के बाद शिक्षक संघों ने न्यायालय के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस फैसले का स्वागत किया. वहीं दूसरी ओर इस फैसले के बाद सरकार की ओर से जारी बयान पर शिक्षकों ने खेद प्रकट करते हुए इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया.

शिक्षा मंत्री द्वारा नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन देने को लेकर जारी किए गए बयान पर शिक्षक संघों ने विरोध जताया है. बुधवार को सारण जिला परिवर्तनकारी शिक्षक संघ द्वारा शिक्षा मंत्री के बयान को लेकर पुतला दहन किया गया. साथ ही शिक्षा मंत्री के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की गई.

शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने का फैसला सुनाया है. इसके बावजूद भी सरकार का नियोजित शिक्षकों के प्रति रवैया ठीक नहीं लग रहा है.

शिक्षा मंत्री ने उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद जो बयान दिया वह निंदनीय है. उनके द्वारा यह कहा जाना कि वह इसका अध्ययन करेंगे और जरूरत पड़ी तो वह न्यायालय में अपील भी करेंगे यह शिक्षकों के हित में दिया जाने वाला बयान नहीं है.

सरकार अगर निर्धारित समयावधि के अंदर शिक्षकों को समान कार्य के बदले समान वेतन नहीं देती है, तो जिले से लेकर राज्य तक के शिक्षक सड़क पर दिखेंगे. सरकार अपनी रणनीति बदले और जल्द से जल्द समान वेतन देने का आदेश निर्गत करें नहीं तो उन्हें शिक्षकों का आक्रोश झेलना पड़ेगा.

पुतला दहन करने वालों में मुख्य रुप से विकास, मुकेश, सुजीत सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों के शिक्षक शामिल थे.

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Chhapra:सूबे के नियोजित शिक्षकों को हाइकोर्ट ने समान कार्य के लिए समान वेतन देने फैसला सुनाया है.

शिक्षको द्वारा दायर याचिका के बाद विगत दिनों इसको लेकर फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था और फैसला सुनाने की तिथि घोषित कर दी थी.

मंगलवार को हाइकोर्ट के फैसले पर पूरे राज्य के नियोजित शिक्षकों की नज़र टिकी थी. न्यायाधीश ने जैसे ही अपना फैसला सुनाया शिक्षकों के चेहरें पर एक नई उम्मीद की किरण छा गयी.

राजधानी से लेकर राज्य के सुदूर गांव तक के नियोजित शिक्षकों ने इस फैसले के प्रति न्यायालय का आभार व्यक्त किया.

न्यायालय के फैसले पर सारण जिला परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर ने इसे शिक्षक हित मे एक बड़ा फैसला बताया.

उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व में समान कार्य को लेकर समान वेतन देने के फैसला सुनाया था अब हाईकोर्ट ने भी अपना फैसला सुनाकर एक ही जगह पर कार्य कर रहे दो कर्मचारियों के बीच की वेतन विसंगति को समाप्त कर दिया है.

फैसले के बाद शिक्षकों द्वारा अपनी खुशी का इजहार करते हुए एक दूसरे को गुलाल लगाते हुए मिठाई खिलाई.इस मौके पर विकास कुमार, मुकेश कुमार, अभय सिंह सहित दर्जनों शिक्षक मौजूद थे.

उधर न्यायालय के फैसले का स्वागत बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के नेताओं ने स्वागत किया है.

संघ के जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बताया कि यह शिक्षकों की जीत है. माननीय न्यायालय ने नियोजित शिक्षको को इस फैसले के बाद नई दिशा देने का काम किया है.

शिक्षक राजेश कुमार तिवारी, दिनेश गुप्ता सहित जिले के हजारों शिक्षकों ने इस फैसले के प्रति न्यायालय का आभार व्यक्त किया है.

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Chhapra: समान काम के लिए समान वेतन पर पटना हाईकोर्ट का फैसला आने पर शिक्षक नेता विश्वजीत सिंह चंदेल ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. लोक कल्याणकारी राज्य में एक ही कार्य के लिए अलग-अलग तरह के व्यवस्था नहीं हो सकती है. यह फैसला शिक्षक संघर्षों का परिणाम एवं न्याय की जीत है.

उन्होंने कहा कि हम अपने चट्टानी एकता को और मजबूत बनाये रखे ताकि सरकार के किसी भी तरह के शोषण का सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष कर इसी प्रकार जीत हासिल की जा सके. नियोजित शिक्षकों का आभार प्रकट करते हुए जीत की बधाई दी और उन्होंने सरकार से मांग किया कि पटना हाईकोर्ट के फैसले को बगैर देरी किए लागू किया जाए एवं हर प्रकार के शोषणकारी नीतियों पर रोक लगे.

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Chhapra: सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जयंती सह राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर भारत स्काउट और गाइड सारण के द्वारा जिला संगठन आयुक्त (स्काउट) के नेतृत्व में लगभग 100 की संख्या में स्काउट-गाइड व रोवर-रेंजर ने रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम में भाग लिया.

सभी धर्म की एक पुकार-एकता को करो साकार, एक भारत-श्रेष्ठ भारत, अनेकता में एकता-भारत की विशेषता, कश्मीर से कन्याकुमारी-भारत माता एक हमारी जैसे नारों से शहर गूंज उठा. शहर के शिशु पार्क से निकल कर राजेन्द्र सरोवर, नगरपालिका चौक, थाना चौक होते हुए डाकबंगला रोड के रास्ते वापस शिशु पार्क रैली पहुंची. रैली के उपरांत मुख्य जिला आयुक्त हरेंद्र कुमार सिंह ने भारत स्काउट और गाइड के राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा प्राप्त शपथ-पत्र से युवाओं को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलवाई.

इस दौरान समाजिक कार्यकर्ता चरण दास को मुख्य जिला आयुक्त द्वारा स्कार्फ़ पहना कर संस्था का सदस्य भी बनाया गया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से विशाल कुमार, आकाश कुमार, बंशीधर कुमार, रवि पांडेय, प्रतीक कुमार, अमन राज, रोहित कुमार, प्रणव कुमार आदि मुख्य रूप से उपस्थित थें.

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Chhapra: नियोजित शिक्षकों को पूर्ण वेतनमान देने एवं सेवाशर्त के प्रकाशन को लेकर परिवर्तनकारी शिक्षक संघ द्वारा उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को ज्ञापन सौंपा गया.

उपमुख्यमंत्री को ज्ञापन देने के बाद जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि 2 वर्ष पूर्व नियोजित शिक्षकों को वेतनमान का लाभ दिया गया था.साथ ही इसके सेवा शर्त के प्रकाशन का भी आश्वासन दिया गया था. लेकिन वर्षो बीत जाने के बाद भी सेवा शर्त का प्रकाशन नहीं किया गया. जिससे शिक्षको का जीवन अधर में है.

उन्होंने कहा कि सरकार के सचिव द्वारा निर्देश के बावजूद भी छठ जैसे पर्व में शिक्षकों को वेतन नहीं मिला.

उन्होंने मुख्यमंत्री से उपमुख्यमंत्री से शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए उसके निदान का आग्रह किया. ज्ञापन देने वालों में विकास कुमार, अभय कुमार सिंह सहित कई शिक्षक शामिल थे.

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Chhapra: राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित एवम सुदृढ़ करने वाले सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती को भारत सरकार ने राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.

इस आलोक में सभी विश्वविद्यालयों में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्देश शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने सभी कुलपति और जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया है.

इस अवसर पर शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई जाएगी. साथ ही निबंध और वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा.

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