Chhapra: शहर में भक्ति की धारा का रसपान करने का श्रद्धालुओं को मौका मिलेगा. 11 दिवसीय श्री हनुमज्जयंती समारोह इस वर्ष अपने स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर चूका है. श्री हनुमज्जयंती समारोह का 8 अक्टूबर को शुभारम्भ होगा.

शहर के मारुति मानस मंदिर में आयोजन को लेकर तैयारियां जारी है. प्रवचन के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रवचनकर्ता यहाँ पहुँचते है जिनके अमृतवाणी का श्रवन करने श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंचते है. जिसे देखते हुए आयोजन समिति के द्वारा भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है.

श्री हनुमज्जयंती समारोह का शुभारम्भ रामार्चा पूजन के साथ होगा. 7 बजे शाम से भजनोत्सव का आयोजन होगा जो रात्रि 10 बजे तक चलेगा.
10 अक्टूबर को अयोध्या से पधारे श्री रामानुजाचार्य स्वामी श्री श्रीधराचार्य जी महाराज प्रवचन माला का उद्घाटन करेंगे.

फाइल फोटो

0Shares

Chhapra: गुरुवार को शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत बरसाने वाला है. ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की बरसात होती है. साथ ही साथ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा से होने वाले रोगों से मुक्ति के लिए खीर का भोग लगाया जाता है. इसे दो से तीन घंटे तक चन्द्रमा की रोशनी में खुले आसमान के नीचे रखते हैं. इसलिए खीर के भोग को प्रसाद के रूप में खाने पर व्यक्ति निरोग और दीर्घायु होता है.

आज रात लोग चाँद की खूबसूरती का दीदार भी कर करेंगे. साथ ही साथ आज रात चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होगा व अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण चंद्रमा का ओज, सबसे तेज और ऊर्जावान होता है. इसके साथ ही लोग खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखेंगे.

इस रात्रि चंद्रमा कीर्तिमान होकर अपनी शीतल किरणों से फसलों, पेड़-पौधों व वनस्पतियों पर अमृत वर्षा करता है. चंद्रमा की इन्हीं किरणों के प्रभाव से इसमें अमृत का प्रभाव पाया जाता है और यह जीवनदायिनी होकर जीवन जगत को आरोग्य प्रदान करता है

0Shares

Chhapra: शहर के साहेबगंज चौक पर बुधवार की रात भरत मिलाप का आयोजन हुआ. भरत मिलाप के दौरान चौदह साल के बनवास से लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम ने जैसे ही अनुज भरत को गले लगाया सबकी आंखें छलक पड़ी. इस दौरान मौजूदा लोगों ने आरती उतार कर स्वागत किया. भरतमिलाप के दौरान जागरण व नृत्य नाटिका का भी आयोजन किया गया था. सोनारपट्टी से निकला भगवान श्री राम की शोभा यात्रा का नगर के सभी मंदिरों में स्वागत हुआ.

बताते चलें कि वाल्मीकि रामायण के उत्तर काण्ड के अनुसार भरत मिलाप का पर्व मनाया जाता है. इस त्यौहार को भरत मिलाप इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान श्रीराम 14 वर्ष के वनवास उपरांत अयोध्या वापिस लौटे थे और अपने भाई भरत से गले मिले थे.

 

0Shares

Chhapra: मुहर्रम के अवसर पर रविवार को शहर में मातमी जुलूस निकाली गयी. शिया समुदाय के लोगों ने दहियावां के छोटा इमामबाड़े से जुलूस निकाला. जुलूस महमूद चौक, पंकज सिनेमा रोड होते हुए साहेबगंज के रास्ते बूटनबाड़ी पहुंची जहाँ पहलाम किया गया.

बताते चलें कि सैकड़ो की संख्या में मातम करते हुए लोग इस जुलूस में शामिल होते है. मुहर्रम की दस तारीख को मातमी जुलूस निकाली जाती है. नौ मुहर्रम को शिया कॉलोनी दहियावां और नई बाज़ार में जंजीरी मातम किया गया.

0Shares

Chhapra: महर्षि गौतम की पावन धरती हमेशा से ही मानव मूल्यों और सामाजिक समरसता की मिशाल रही है. गँगा यमुनी तहज़ीब की अनूठी मिशाल देखनी हो तो रिविलगंज के इस अनूठे माता मंदिर मे आइये. नगर पंचायत रिविलगंज वार्ड 11 मे अवस्थित इस मंदिर के दर्शन मात्र से ही मन मे उत्साह व उम्मीद का संचार हो जाता है. मंदिर बुढिया माई के नाम से प्रसिद्ध है.

कहा जाता है कि मंदिर की जगह पर पहले सैकड़ों साल पुराना विशालकाय नीम का पेड़ हुआ करता था, गाँव के बीच मे होने के बावजूद माता की आशीर्वाद गाँववालो पर बनी रही, पेड़ गिरा और किसी को कुछ नुकसान नही हुआ. मंदिर मे खास तौर पर पूजा के दिनो मे होने वाली माता का गीत समाज मे एक धार्मिक सद्भाव को बढ़ाता है. जहां कई मुसलमान और हिंदू महिलायें एक साथ मंदिर प्रांगण मे बैठ माता की गीत गाती है.

मंदिर की आस्था की बात करे तो हिंदू हो या मुसलमान सभी की दिन की शुरुआत मंदिर मे पूजा से होती है. मन्नत माँगने वाले मन्नत पुरी होने पर माता को साड़ी चढाते है, साथ की भोग लगाते है. गाँव के ही सेवानिवृत सेना के जवान निजामुद्दीन के लड़के सलमान ने माता से अपने नौकरी हो जाने पर मंदिर निर्माण मे सहयोग का मन्नत माँगा था. नौकरी हो जाने पर काफी खुशी खुशी माता के मंदिर मे सहयोग किया. विकाश नारायण सिंह सेना मे खुद व भाई प्रकाश के जाने का श्रेय बुढिया माई के आशीर्वाद को ही मानते है. निजी क्षेत्र मे कार्य करने वाले राजकिशोर राय यहां से दुर विशाखापटनम होने के बावजूद बुढिया माई की फोटो साथ रख पूजा करते है, और बताते है की उनके आशीर्वाद की वजह से ही वो आज अच्छी नौकरी मे है. क्षेत्र के लोगो का सैकड़ों सालो से अपनी आस्था बुढिया माई के मंदिर से जुड़ी हुईं है.

मंदिर मे विशालकाय पेड़ का अवशेष आज भी विद्यमान है जिसकी पूजा की जाती है. इसी साल मंदिर का पुनर्निर्माण भी किया गया है. नवरात्र के मौके पर दशमी के दिन पूजन के साथ-साथ विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाना है.

0Shares

दर्शन करें शहर के विभिन्न पंडालों में स्थापित माँ की प्रतिमा

 

0Shares

Chhapra: या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्र की सप्तमी को माता के पट खुल गए. घरों में पूजा अर्चना के बाद माता का आवाहन हुआ. वही पूजा पंडालों में स्थापित माता के पट खुल गए. पट खुलने के साथ ही माता के दर्शन के लिए भक्त पहुँचने लगे है. वातावरण देविमय हो गया है.

शहर के सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमाओं को देखने के लिए शाम से लोग निकलेंगे. पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. रात में रौशनी से जगमगाने के लिए एलइडी लाइट्स से सजाया गया है.

कालीबाड़ी में खुला माँ का पट, दर्शन को उमड़े भक्त

पूजा पंडालों में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए समितियों के द्वारा प्रबंध किये गए है. प्रशासन ने भी अपने ओर से सुरक्षा के तमाम तैयारियां की है.

शहर में वाहनों के परिचालन के लिए रूट चार्ट निर्धारित की गयी है. जगह जगह मैजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

0Shares

Chhapra: नवरात्र के षष्ठी को शहर के कालीबाड़ी स्थित माँ दुर्गा की प्रतिमा का पट खुल गया माँ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे.

समिति के सुभाष मित्रा  ने बताया कि विधिवत पूजा बुधवार को होगी. कालीबाड़ी में प्रत्येक वर्ष पारंपरिक बंगाली रीति रिवाजों के साथ माँ की पूजा आराधना होती है. 

कालीबाड़ी में 1922 से पूजा होती आ रही है. पूजा के दौरान तीन दिनों तक भंडारा चलाया जाता है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है. पूजा के दौरान माँ की विशेष आरती की जाती है. जिसे देखने के लिए लोग पहुंचते है.

0Shares

Chhapra: आज नवरात्रि का छठा दिन हैं. नवरात्रि की धूम हर तरफ है. घर हो या मंदिर, हर जगह मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना हो रही है. आज मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.

मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. महिषासुर का वध करने वाली मां कात्यायनी ही हैं.

भक्तों में मातारानी को प्रसन्न करने की होड़ है. ऐसे में जरूरी है नवरात्रि के हर दिन की अलग-अलग महिमा के बारे में जान लिया जाए.

0Shares

Chhapra: शहर के कटरा मुहल्ले में प्रत्येक वर्ष श्री रथवाली दुर्गा पूजा समिति द्वारा स्थापित होने वाले रथवाली देवी की प्रतिमा इस बार भी भव्य रूप से निर्माण कराई जा रही है. विगत 64 सालों से समिति द्वारा परंपरा को निभाया जा रहा है.  

प्रतिमा की खासियत यह होती है कि यह रथ पर सवार माँ दुर्गा राक्षसों का संघार करने की मुद्रा में दिखती है. इस पूजा पंडाल को देखने के लिए लोग दूर दूर से यह पहुंचते है.

पूजा समिति के व्यवस्थापक प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पूजा समिति द्वारा 1953 से यहाँ प्रतिमा का निर्माण कराया जाता आ रहा है. विगत 64 सालों से ऐसी परंपरा को निभाया जा रहा है. पूजा के दौरान प्रति दिन सुबह शाम माँ की आरती होती है जिसमे बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते है.

विगत वर्षों से मूर्ति का निर्माण राजकुमार और साज सज्जा अशोक कुमार और उनका ग्रुप कर रहा है. समिति के द्वारा पंडाल को आकर्षक रूप से सजाने के लिए कार्य किये जा रहे है

0Shares

Chhapra: बाबा बर्फानी के दर्शन होंगे वह भी छपरा शहर में. नवरात्र के अवसर पर शहर में कई पूजा पंडाल बनाये जा रहे है. प्रत्येक पंडाल की कुछ न कुछ खासियत है. टक्कर मोड़ पर युवाओं ने गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कराने की तैयारी की है.

आयोजन समिति के शशि कुमार से बताया की विगत 7 सालों से समिति के द्वारा गुफा के अन्दर बाबा बर्फानी की आकृति बनायीं जाती है. गुफा को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. लगभग 100 फिट लम्बा गुफा का निर्माण कर इसके अन्दर बर्फ से शिवलिंग का निर्माण कराया जाता है. इस आकर्षक गुफा और शिवलिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ हर साल जुटती है.

आयोजन समिति के सदस्य संजय कुमार, सूरज कुमार, सिंटू कुमार आदि इसके निर्माण में सक्रीय भूमिका निभा रहे है.

फाइल फोटो 

0Shares

Chhapra: शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में होने वाले विजयादशमी समारोह को लेकर आयोजन समिति ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर साफ कर दिया कि रावण वध का भव्य आयोजन किसी हाल में राजेन्द्र स्टेडियम में ही होगा.

समारोह समिति के महामंत्री विभूति नारायण शर्मा ने कहा कि विगत 30 वर्षों से शांतिपूर्ण सम्पन्न होता है. लेकिन बेवजह प्रशासन दुर्घटना की आशंका व्यक्त कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आयोजन समिति ने निर्णय लिया है कि किसी भी हाल में रावण वध कार्यक्रम राजेन्द्र स्टेडियम में ही होगा. आयोजन समिति ने प्रशासन से निवेदन किया है कि कार्यक्रम को सुचारू रूप से करने के लिए सहयोग करे जैसा कि प्रतिवर्ष करता आया है.

ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले एसडीओ ने सुरक्षा कारणों से राजेन्द्र स्टेडियम में विजयादशमी समारोह मनाने के लिए मना किया था.

संवाददाता सम्मेलन में उपाध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, राजू नयन शर्मा, सत्य प्रकाश यादव, संजय कुमार सिंह, मदन मोहन सिंह, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, पवन कुमार अग्रवाल, सुनील सिंह, राजेश फैशन आदि दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.

0Shares