Chhapra: या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

नवरात्र की सप्तमी को माता के पट खुल गए. घरों में पूजा अर्चना के बाद माता का आवाहन हुआ. वही पूजा पंडालों में स्थापित माता के पट खुल गए. पट खुलने के साथ ही माता के दर्शन के लिए भक्त पहुँचने लगे है. वातावरण देविमय हो गया है.

शहर के सभी पूजा पंडालों में स्थापित माता की प्रतिमाओं को देखने के लिए शाम से लोग निकलेंगे. पूजा पंडालों को आकर्षक ढंग से सजाया गया है. रात में रौशनी से जगमगाने के लिए एलइडी लाइट्स से सजाया गया है.

कालीबाड़ी में खुला माँ का पट, दर्शन को उमड़े भक्त

पूजा पंडालों में लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए समितियों के द्वारा प्रबंध किये गए है. प्रशासन ने भी अपने ओर से सुरक्षा के तमाम तैयारियां की है.

शहर में वाहनों के परिचालन के लिए रूट चार्ट निर्धारित की गयी है. जगह जगह मैजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

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Chhapra: नवरात्र के षष्ठी को शहर के कालीबाड़ी स्थित माँ दुर्गा की प्रतिमा का पट खुल गया माँ के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे.

समिति के सुभाष मित्रा  ने बताया कि विधिवत पूजा बुधवार को होगी. कालीबाड़ी में प्रत्येक वर्ष पारंपरिक बंगाली रीति रिवाजों के साथ माँ की पूजा आराधना होती है. 

कालीबाड़ी में 1922 से पूजा होती आ रही है. पूजा के दौरान तीन दिनों तक भंडारा चलाया जाता है. सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है. पूजा के दौरान माँ की विशेष आरती की जाती है. जिसे देखने के लिए लोग पहुंचते है.

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Chhapra: आज नवरात्रि का छठा दिन हैं. नवरात्रि की धूम हर तरफ है. घर हो या मंदिर, हर जगह मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की उपासना हो रही है. आज मां के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.

मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था अतः इनको कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है, इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं, गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इनकी पूजा की थी. महिषासुर का वध करने वाली मां कात्यायनी ही हैं.

भक्तों में मातारानी को प्रसन्न करने की होड़ है. ऐसे में जरूरी है नवरात्रि के हर दिन की अलग-अलग महिमा के बारे में जान लिया जाए.

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Chhapra: शहर के कटरा मुहल्ले में प्रत्येक वर्ष श्री रथवाली दुर्गा पूजा समिति द्वारा स्थापित होने वाले रथवाली देवी की प्रतिमा इस बार भी भव्य रूप से निर्माण कराई जा रही है. विगत 64 सालों से समिति द्वारा परंपरा को निभाया जा रहा है.  

प्रतिमा की खासियत यह होती है कि यह रथ पर सवार माँ दुर्गा राक्षसों का संघार करने की मुद्रा में दिखती है. इस पूजा पंडाल को देखने के लिए लोग दूर दूर से यह पहुंचते है.

पूजा समिति के व्यवस्थापक प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि पूजा समिति द्वारा 1953 से यहाँ प्रतिमा का निर्माण कराया जाता आ रहा है. विगत 64 सालों से ऐसी परंपरा को निभाया जा रहा है. पूजा के दौरान प्रति दिन सुबह शाम माँ की आरती होती है जिसमे बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते है.

विगत वर्षों से मूर्ति का निर्माण राजकुमार और साज सज्जा अशोक कुमार और उनका ग्रुप कर रहा है. समिति के द्वारा पंडाल को आकर्षक रूप से सजाने के लिए कार्य किये जा रहे है

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Chhapra: बाबा बर्फानी के दर्शन होंगे वह भी छपरा शहर में. नवरात्र के अवसर पर शहर में कई पूजा पंडाल बनाये जा रहे है. प्रत्येक पंडाल की कुछ न कुछ खासियत है. टक्कर मोड़ पर युवाओं ने गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कराने की तैयारी की है.

आयोजन समिति के शशि कुमार से बताया की विगत 7 सालों से समिति के द्वारा गुफा के अन्दर बाबा बर्फानी की आकृति बनायीं जाती है. गुफा को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है. लगभग 100 फिट लम्बा गुफा का निर्माण कर इसके अन्दर बर्फ से शिवलिंग का निर्माण कराया जाता है. इस आकर्षक गुफा और शिवलिंग को देखने के लिए लोगों की भीड़ हर साल जुटती है.

आयोजन समिति के सदस्य संजय कुमार, सूरज कुमार, सिंटू कुमार आदि इसके निर्माण में सक्रीय भूमिका निभा रहे है.

फाइल फोटो 

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Chhapra: शहर के राजेन्द्र स्टेडियम में होने वाले विजयादशमी समारोह को लेकर आयोजन समिति ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता कर साफ कर दिया कि रावण वध का भव्य आयोजन किसी हाल में राजेन्द्र स्टेडियम में ही होगा.

समारोह समिति के महामंत्री विभूति नारायण शर्मा ने कहा कि विगत 30 वर्षों से शांतिपूर्ण सम्पन्न होता है. लेकिन बेवजह प्रशासन दुर्घटना की आशंका व्यक्त कर रहा है.

उन्होंने कहा कि आयोजन समिति ने निर्णय लिया है कि किसी भी हाल में रावण वध कार्यक्रम राजेन्द्र स्टेडियम में ही होगा. आयोजन समिति ने प्रशासन से निवेदन किया है कि कार्यक्रम को सुचारू रूप से करने के लिए सहयोग करे जैसा कि प्रतिवर्ष करता आया है.

ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले एसडीओ ने सुरक्षा कारणों से राजेन्द्र स्टेडियम में विजयादशमी समारोह मनाने के लिए मना किया था.

संवाददाता सम्मेलन में उपाध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, राजू नयन शर्मा, सत्य प्रकाश यादव, संजय कुमार सिंह, मदन मोहन सिंह, ओम प्रकाश श्रीवास्तव, पवन कुमार अग्रवाल, सुनील सिंह, राजेश फैशन आदि दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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Chhapra: मुहर्रम का चांद दिखते ही इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नया साल शुरू हो गया. मुहर्रम शुरू होते ही मातम और मजलिसों का दौर भी शुरू हो गया. मरहूम बाबर साहब के इमामबाड़े में मुहर्रम की पहली मजलिस के साथ मजलिस का आगाज़ हुआ. जिसमे जनाब अकबर अली ने नौहा पड़ा, परेज नकवी ने सलाम पड़ा, तमाम मेम्बरान ने मातम किया और करबला के शहीदों को याद किया.

बताते चलें कि नया साल शुरू होने पर मुस्लिम समुदाय के लोग खुशी मनाने के बजाय इमाम हुसैन की याद में गम में डूब जाते हैं. पुरुष, महिला व बच्चे काले कपड़ों पहनते है, महिलाएं चूड़ी तोड़ देती हैं. मातम और मजलिस के जरिए गम मनाया जाता है.

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Chhapra: नवरात्र की पूर्व संध्या पर बुधवार को स्थानीय एस डी एस कॉलेज परिसर में भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया. आयोजन का विधिवत उद्घाटन प्राचार्य अरुण सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.

भजन संध्या के दौरान बच्चों ने एक से बढ़ कर एक प्रस्तुति दी. जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. वही शुम्भ निशुम्भ नृत्यनाटिका ने भाव विभोर किया. इसके साथ ही छोटा लंगूर नृत्य भी लोगों को खूब पसंद आया.

आपको बता दें कि एसडीएस द्वारा प्रति वर्ष भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.

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Chhapra: शारदीय नवरात्र आज से शुरू हो गया. नव दिनों तक माता की आराधना में सभी जुटे रहेगें. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ पूजा आराधना की शुरुआत होती है. नवरात्र पर गुरुवार को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गयी.

सुबह से लोग नदी से जल और मिट्टी लाकर कलश की स्थापना अपने अपने घरों में करने में व्यस्त दिखे. पूजा पंडालों में भी कलश स्थापित की जाती है.

नवरात्र के पहले दिन पर्वत राज हिमालय की पुत्री पार्वती के स्वरुप में साक्षात् शैलपुत्री की पूजा होती है. इनके एक हाथ में त्रिशुल और दूसरे में कमल का पुष्प है. शैलराज हिमालय की पुत्री होने के कारण नवदुर्गा का सर्वप्रथम स्वरुप शैलपुत्री कहलाता है.

बाज़ारों में रही रौनक
नवरात्र के आगमन को लेकर सभी लोग तैयारियों में जुटे है. शहर के तमाम बाज़ारों में बुधवार देर शाम तक लोग पूजा से जुड़े सामानों की खरीदारी करते देखे गए.

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Chhapra (Santosh kumar Banti / Kabir ): शहरवासी सलेमपुर चौक पर गौरी मठ में स्थापित माँ दुर्गा की दर्शन करेंगे. कोलकाता के प्रसिद्ध गौरी मठ बनाने का कार्य कारीगरों द्वारा दिन रात मेहनत कर पूरा किया जा रहा है.

पंडाल का निर्माण कर रहे कोलकाता के रानीघाट निवासी ज्योति दादा ने बताया कि गौरी मठ कोलकाता का प्रसिद्ध मठ है.

इस बार सलेमपुर चौक पर गौरी मठ में माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. पंडाल के निर्माण को लेकर दिन रात कारीगर भी कम कर रहे हैं. कारीगर सर्वजीत ने बताया कि विगत एक माह से गौरी मठ पंडाल निर्माण को लेकर कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि पंडाल निर्माण में 200 बांस का प्रयोग किया गया है.वहीं हजारों लकड़ी के बीट का प्रयोग पंडाल को मुख्य आकृति देने के लिए किया जायेगा.

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सर्वजीत ने बताया कि करीब 20 थान से अधिक कपड़ों का प्रयोग पंडाल लगाने में किया जायेगा. इसके बाद थर्मोकोल से इसकी सजावट की जाएगी. सर्वजीत ने बताया कि गौरी मठ पंडाल के निर्माण में करीब 5 लाख से अधिक की लागत आ रही है.

पंडाल में स्थापित की जाने वाली माता की मूर्ति भी इस बार काफी मनमोहक और सुन्दर होगी. माँ दुर्गा की प्रतिमा का निर्माण कोलकाता के ही मालदा जिले के मूर्तिकारों द्वारा किया जा रहा है.

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Chhapra (Santosh Kumar Banti/ Kabir Ahmad): शहर के नगरपालिका चौक पर कोलकाता के मंदिर में माता की प्रतिमा स्थापित की जाएगी.

प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी शेर पर सवार माँ दुर्गा अपने आकर्षक रूप में भक्तों को दर्शन देंगी.माँ की प्रतिमा की स्थापना को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी है.

 

छपरा टुडे डॉट कॉम ने नगरपालिका चौक पर बनाई जा रही पूजा पंडालों का जायजा लिया.

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पूजा पंडाल का निर्माण कर रहे कोलकाता के रामघाट नादिया निवासी मुख्य कारीगर पुलीन सोमदार ने बताया कि इस बार बनाया जा रहा पूजा पंडाल काफी आकर्षक होगा.

उन्होंने बताया कि विगत वर्ष कोलकाता में महिला मंडल द्वारा बनवाये गए पंडाल की तर्ज पर यहां पंडाल बनाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि विगत 17 दिनों से 12 कारीगर दिन रात मेहनत कर कार्य कर रहे है. पंडाल में 600 से अधिक बांस का प्रयोग किया गया है.

वही पंडाल को सजाने में करीब 30 थान कपड़ा लगाया जाएगा. साथ ही इसमें कई टन लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है और पंडाल निर्माण में लगभग 6 लाख रुपये की लागत आ रही है.

उन्होंने बताया कि कपड़ा लगाने का कार्य मंगलवार से प्रारंभ हो जाएगा.

पूजा पंडाल के निर्माण को लेकर दुर्गापूजा समिति नगरपालिका चौक के संयोजक ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी आकर्षक तरीके से पूजा पंडाल को सजाया जाएगा.

नगरपालिका चौक के चारो तरफ रंग बिरंगी रौशनियों से सजाया जाएगा. झिलमिल रंगबिरंगी रौशनी के बीच मेले की रौनक देखने लायक होगी.

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Chhapra (Surabhit Dutt/Kabir): शहर के गाँधी चौक स्थित पूजा समिति के द्वारा विगत 29 सालों से पूजा पंडाल का निर्माण कराया जाता है. इस बार गत वर्ष की तुलना में भव्य पूजा पंडाल और मूर्ति का निर्माण कराया जा रहा है.

पूजा समिति के अध्यक्ष ब्रज नंदन सिंह ने छपरा टुडे डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि इस बार गत वर्षों की तुलना में बेहतरीन मूर्ति और भव्य पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है. पंडाल कोलकाता के एक मंदिर की प्रतिमूर्ति होगी. जिसे कोलकाता से आये कारीगर निर्माण कर रहे है. पूजा समिति के द्वारा विगत 29 वर्षों से पंडाल निर्माण कराया जाता है और धूमधाम से माँ भगवती की पूजा होती है.

यहाँ देखे वीडियो 


नाव पर विराजमान होगी माँ की प्रतिमा
इस बार पंडाल में भक्तों को नाव पर विराजमान माँ की प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि इस बार पंडाल के निर्माण में साढ़े छह लाख रुपये की लागत आई है. पंडाल में लगभग चार हज़ार मीटर कपड़ा, लकड़ी, बांस, थर्मोकोल, आदि का प्रयोग हो रहा है. मूर्ति का निर्माण कोलकत्ता से आये मूर्तिकार बैजनाथ पंडित कर रहे है. वही रौशनी के लिए डिजिटल लाइट्स की व्यवस्था की गयी है. 

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समिति के सदस्य दे रहे है योगदान 

पंडाल निर्माण में पूजा समिति के शम्भू राय, नितेश कुमार, मुकेश कुमार, पाठक बाबा, धनु जी आदि का सक्रीय योगदान दे रहे है.

हर साल होती है भव्य सजावट और लाइटनिंग 

आपको बताते चले कि गाँधी चौक पूजा समिति के द्वारा विगत वर्षों में कई बेहतरीन पंडाल बनाये गए है. जिनमे अक्षरधाम मंदिर, लालकिला, ताज महल, केदार नाथ आदि के थीम पर पंडाल बेहद पसंद किये गए थे. पंडाल में आकर्षक लाइटिंग हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है.  

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