Chhapra: बहन-भाई के स्नेह का त्योहार रक्षा बंधन आज धूमधाम से मनाया जा रहा है.

सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाये जाने वाले इस त्योहार में बहनें अपने भाईयों के कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके लंबी उम्र की कामना करती हैं. वहीं भाई अपनी बहन की रक्षा करने का संकल्प लेते है.

रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर शहर के सभी बाजार गुलजार रहे. देर शाम तक बहनों ने भाई के लिए मिठाई और राखियों की खरीदारी की. जबकि भाई बहनों के लिए उपहार आदि की खरीदारी करते नजर आए.

छपरा टुडे डॉट कॉम की टीम की ओर से सभी पाठकों को रक्षाबंधन की शुभकामनायें!

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Chhapra: भाई-बहन के अटूट बंधन का प्रतीक रक्षाबंधन को लेकर शहर से लेकर गांव तक बाजारों में जगह-जगह राखी की दुकानें सज गईं हैं. इन दुकानों पर ग्राहकों की मांग के अनुसार आम से लेकर खास तक के लिए अलग-अलग कीमतों की आकर्षक और डिजाइनर राखियां उपलब्ध हैं.

भाइयों की हाथों पर सजने के लिए मोतियों से पिरोई राखी के साथ स्टोन नगों की राखी की इस बार बाजार में डिमांड है. इसके अलावा चांदी और सोने की राखियों की इस बार लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र हैं.

शहर के प्रमुख जे अलंकार, प्रकाश औरनामेंट्स सहित अन्य ज्वलेर्स शॉप में चांदी की राखियों को डिमांड के अनुसार बनाया जा रहा है. इन राखियों के दाम भी आम आदमी के बजट को ध्यान में रखते हुए रखे गए हैं. ऑर्डर देने के एक से दो दिन बाद सोने की राखी को ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा है. जबकि चांदी की राखी हाथों हाथ बिक्री के लिए काउंटर में सजाई गईं हैं.

शहर के हर चौराहे पर लगा स्टॉल

शहर के प्रमुख बाजार साहेबगंज, हथुआ मार्केट, नगरपालिका चौक, भगवान बाजार, सांढा ढाला, गुदरी बाजार, गांधी चौक, सरकारी बाजार समेत अन्य प्रमुख इलाके में राखियों के स्टॉल सजाए गए हैं.

जैसे-जैसे पर्व नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे दुकानों में भीड़ बढ़ रही है. बाजार में अपने भाइयों के लिए राखी की खरीदारी करने के लिये बहनों की भीड़ सभी दुकानों पर देखने को मिल रही है.

नगरपालिका चौक के दुकानदार संजीव कुमार ने बताया कि बाजार में दस रुपये से लेकर 200 रुपये तक की राखियां हैं. दस रुपये में धागे से बनी राखी हैं, जबकि 20 रुपये में रेश्मी और सूती धागों के अलावा फैंसी डोरियां भी मिल रही हैं.

महंगी राखियां में 80 और 100 रुपये में मोतियों और स्टोन से पिरोई गई राखियां हैं. ग्राहकों के पॉकेट के मुताबिक, हर कीमत में राखियां उपलब्ध हैं.

बच्चों के लिए उनके मुताबिक राखियां

नन्हे-मुन्ने बच्चों के लिए आकर्षक राखियां भी बाजार में उपलब्ध हैं. बच्चों को लुभाने के लिए स्पाइडरमैन, बाल हनुमान, बाल गणेश, छोटा भीम,मोटू-पतलू, छुटकी की प्रतिमाएं हैं. इसके अलावा जोकर, बेबी डॉल, शेर, जैसी आकृति भी लगाई गई हैं. उच्च वर्ग के लिए ज्वैलर्स की दुकानों पर चांदी व सोने की भी राखियां है.

इन कीमतों पर मिल रही है राखी

चांदी से बनी राखी : 250 से 1000 रुपये

सोने की राखी : 10 हजार से शुरू (3 से 4 ग्राम)

सामान्य राखी : 10-20 रुपये से शुरू

रेश्मी धागा : 20- 100 रुपये

चंदन राखी : 50- 200 रुपये

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Chhapra: कुर्बानी का पर्व ईद-उल-जुहा (बकरीद) मनाया जा रहा है. जिसको लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 12 अगस्त को चाँद का दीदार हुआ था. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के 12वें महिना के 10 तारीख को ईद-उल-जुहा (बकरीद) मनाई जाती है.

त्याग और बलिदान का यह त्योहार कई मायनों में खास है और एक विशेष संदेश देता है. इस त्योहार को रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद मनाया जाता है. हजरत इब्राहिम द्वारा अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे की कुर्बानी देने के लिए तत्पर हो जाने की याद में इस त्योहार को मनाया जाता है.

इस्लाम के विश्वास के मुताबिक अल्लाह हजरत इब्राहिम की परीक्षा लेना चाहते थे और इसीलिए उन्होंने उनसे अपने बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए कहा.

हजरत इब्राहिम को लगा कि कुर्बानी देते समय उनकी भावनाएं आड़े आ सकती हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली थी. बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था जब उन्होंने पट्टी खोली तो देखा कि मक्का के करीब मिना पर्वत की उस बलि वेदी पर उनका बेटा नहीं, बल्कि दुंबा था और उनका बेटा उनके सामने खड़ा था. जानवरों की कुर्बानी विश्वास की इस परीक्षा के सम्मान में दुनियाभर के मुसलमान इस अवसर पर अल्लाह में अपनी आस्था दिखाने के लिए जानवरों की कुर्बानी देते हैं.

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Chhapra: सावन के अंतिम सोमवारी पर शहर के विभिन्न शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. इस मौके पर शहर के धर्मनाथ मंदिर में हजारों की संख्या में शिव भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे. इस दौरान मंदिर में सुबह से ही जल चढ़ाने के लिए श्रदालु पहुंचने लगे.

जय शिव के नारों से गूंज उठा मंदिर

अंतिम सोमवारी के दिन मन्दिरो में भक्तों ने बेलपत्र, भांग, धतूरे आदि से शिव लिंग पर अभिषेक किया. इन दौरान जय शिव के नारों से मंदिर गुंजायमान हो उठा.

इसके अलावें शहर के बटुकेश्वर नाथ मंदिर, उमानाथ मंदिर, मशुमेश्वर नाथ में लोगों ने जलाभिषेक किया. साथ ही साथ जिले के श्री ढोढ नाथ मन्दिर, सोनपुर स्थित हरिहरनाथ मंदिर में शिव भक्तों का तांता लगा रहा.

 

 

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Chhapra: सावन माह के तीसरे सोमवारी पर शिवालय जय शिव, बोल बम के जय घोष से गूंज रहे है.

सुबह से श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में पहुँच रहे है. शहर के धर्मनाथ मंदिर, उमानाथ मंदिर, मसूमेश्वर नाथ मंदिर, शिव शक्ति मंदिर समेत तमाम मंदिरों में लम्बी लम्बी कतारों में लग कर लोग जलाभिषेक कर रहे है.

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Chhapra: स्थानीय रामकृष्ण मिशन आश्रम में सोमवार को संपन्न राम कृष्ण कथा सरोवर तथा व्याख्यान देते हुए बेलूर मठ से आए वरिष्ठ सन्यासी स्वामी शशांकानंद जी महाराज ने कहा कि श्री रामकृष्ण के दैनिक जीवन से शिक्षा के प्रति जो संदेश मिलता है उसे अपनाने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि उनकी बाल लीला का अवलोकन करने से पता चलता है.

उन्होंने विद्यालय शिक्षा का त्याग करके उस बात पर बल दिया कि बच्चों को वही शिक्षा दी जानी चाहिए जिसमें उनकी रुचि है. ऐसा होने से बच्चा महान कार्य कर पाएगा.

उदाहरण देते हुए स्वामी जी ने कहा की चित्रकारी, कला लेखन, नाटक मंचन, भजन कीर्तन, संगीत जैसे विषय भी लाभकारी हो सकते हैं.

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Chhapra: सावन माह के पहले सोमवारी पर शिवालय जय शिव, बोल बम के जय घोष से गूंज रहे है. सुबह से श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में पहुँच रहे है. शहर के धर्मनाथ मंदिर, उमानाथ मंदिर, मसूमेश्वर नाथ मंदिर, शिव शक्ति मंदिर समेत तमाम मंदिरों में लम्बी लम्बी कतारों में लग कर लोग जलाभिषेक कर रहे है.


पुराणों के अनुसार, स्वयं भगवान शिव ने ब्रह्माजी के मानस पुत्र नारद मुनि को इस मास की महिमा बताई है. शिवजी ने कहा है कि उनके त्रिनेत्रों में सूर्य दाहिने, चंद्र वाम नेत्र और अग्नि मध्य नेत्र में विद्यमान है.

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Chhapra/Sonpur: श्रावणी मेला 2018 के अवसर पर सोनपुर डाकबंगला में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन और पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त ब्रीफिंग की. दोनों अधिकारियों ने प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारीयों एवं पुलिस पदाधिकारियों को निदेश दिया. श्रावण मास 28 जुलाई से प्रारंभ होकर 26 अगस्त तक चलेगा. इस माह मे विभिन्न शिवालयों मे जलाभिषेक पूजा और अर्चना का कार्यकम्र आयोजित होता है. इस अवसर पर मन्दिरों मे भीड़ काफी बढ़ जाती है.

उन्होंने सभी को श्रद्धालुओं के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के निदेश दिए. साथ ही कहा कि इस बाद का ध्यान रखे कि किसी को कोई परेशानी ना हो. यह पुण्य का कार्य है इसमें बढ़-चढ़ कर सहयोग करे.

जिलाधिकारी नें सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिश पदाधिकारी, प्रखण्ड विकाश पदाधिकारी, अचंल अधिकारी, पुलिस निरीक्षक, थाना अध्यक्ष आदि को अपने-अपने क्षेत्र में कांवरियों से संबंधित सभी मार्गा पर भ्रमणशील रहकर स्थिती पर निगरानी रखने का निदेश दिया.

जिलाधिकारी ने कांवरीया पथ पर किये गये सभी प्रकार के अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाने का निदेश भी दिया. साथ ही घाटो एवं मंदिर जाने के रास्ते में किसी प्रकार का दुकान नही लगने दे ताकि भक्तजनों को किसी प्रकार की कठीनाई नही हो.

पहलेजा घाट, कालीघाट पर लाल झंडा लगे निबंधित नाव के परिचालन, नाविक, गोताखोर, लाइफ जैकेट एवं ट्यूब की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था रखने का निदेश दिया गया है. सभी नदी घाटों पर सुरक्षित बैरिकेडिंग कराने, भीड़ एवं यातायात नियंत्रण हेतु नियंत्रण कक्ष, ड्रॅाप गेट और बैरियर की स्थापना करने का निदेश दिया. कांवरिया पथ घाटों एवं मंदिरों की साफ-सफाई कराने का भी निदेश दिया गया.

जिलाधिकारी द्वारा पहलेजा घाट का स्थलीय निरीक्षण भी किया गया.

बता दें कि पहलेजा घाट से जल लेकर कावड़िया सोनपुर के बाबा हरिहर नाथ और मुजफ्फरपुर के बाबा गरीबनाथ में जलाभिषेक करते है.  

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लहलादपुर:  श्रावणी मेला को लेकर श्री ढोंढनाथ मंदिर प्रांगण एवं परिसर की साफ-सफाई से लेकर कावंरियों को रहने-ठहरने एवं कांवर रखने की व्यवस्था की तैयारी युद्ध स्तर पर हो रही है. मंदिर के साथ-साथ दुकानें भी सजने लगी हैं. सारी व्यवस्था स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा श्री ढोंढनाथ मंदिर जीर्णोद्धार समिति के माध्यम से की जाती है तथा कावंरियों के शुद्ध शाकाहारी नास्ता एवं भोजन, गर्म चाय-पानी, इलाज की व्यवस्था श्री ढोंढनाथ कांवरिया सेवा संघों द्वारा नी:शुल्क की जाती है.

मंदिर परिसर की इस सफाई अभियान में समर स्वच्छ भारत इंटरशीप-2018 के तहत एनएसएस लोक महाविद्यालय, हाफिजपुर के माध्यम से टीम लीडर अमित कुमार सिंह के नेतृव में पांच सदस्यीय टीम ने मंदिर परिसर, शिव गंगा (पोखरा), गंडकी नदी घाट आदि की सफाई किया. जिसमें दीपू कुमार सिंह, राजन कुमार, सोनु कुमार तथा अजय कुमार शामिल थे.

विदित हो कि आज शनिवार को श्रावण माह आरंभ है तथा तथा हर साल की भांति इस साल भी आज से लगभग 35 किलोमीटर दूर सिमरिया (रिविलगंज) स्थित नाथजी घाट से सरयू नदी का पवित्र गंगाजल कावंर में भरकर पैदल यात्रा करके शिवभक्त बाबा श्रे ढोंढनाथ का जलाभिषेक करने पधारेंगे. खासकर भक्तों की यहां सोमवार तथा शुक्रवार को अपार भीड़ लगती है.

 

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Chhapra: 27 जुलाई की मध्यरात्रि में सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण लग रहा है.

खास बात यह है कि यह ग्रहण संपूर्ण भारतवर्ष में दिखाई देगा तथा स्पर्श काल मध्यकाल एवं मोक्ष काल तक ग्रहण दिखाई देगा. खग्रास चंद्रग्रहण संपूर्ण यूरोप, अफ्रीका, एशिया तथा आस्ट्रेलिया महाद्वीप में दिखेगा. न्यूजीलैंड के अधिकांश भाग में, जापान, रूस, चीन, अफ्रीका तथा यूरोप के अधिकांश भागों में भी ग्रहण दिखाई देगा.

यह ग्रहण 3 घंटा 55 मिनट का है. ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 11: 54 मिनट पर, मध्य काल रात्रि 1:52 पर एवं मोक्ष काल रात्रि 3: 49 मिनट पर है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल दिन में  2:54 पर लग जाएगा. जो भी शुभ कार्य हो, वह सभी कार्य सूतक काल से पूर्व ही कर लेना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि आज के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है. अतः सभी लोग गुरु पूर्णिमा के निमित्त जो भी धार्मिक क्रियाएं करते हैं, वह सूतक काल के पहले अर्थात 2:54 मिनट के अंदर ही धार्मिक कार्य कर लें.

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Chhapra: 28 जुलाई से सावन का महिना शुरू होने वाला है. इस बार सावन का पहला सोमवार 30 जुलाई को पड़ रहा है. ऐसा माना जाता है कि सावन के महीन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस साल सावन का महीना बेहद खास है. वहीं पंचांग के अनुसार इस बार सावन का महीना 30 दिनों का है. जिसमें पांच सोमवार शामिल हैं. पिछले साल सावन का महीना 29 दिन का था, जिसमें 4 सोमवार शामिल थे.

इन शिवालयों में उमड़ेगी श्रद्धालुओं की भीड़:

प्रत्येक साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक करने मंदिरों में पहुँचते हैं. सावन से पहले शहर के धर्मनाथ मन्दिर, उमानाथ मंदिर व कई अन्य शिवालय सज के तैयार हैं. वहीं जिले के सोनपुर में स्थित हरिहरनाथ मन्दिर में सूबे के विभिन्न क्षेत्रों से श्रद्धालु जलाभिषेक करने आते हैं.
वहीं रसूलपुर में बाबा महेंद्रनाथ के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं.

पूर्णिमा की गणना के अनुसार इस बार 30 जुलाई, 6 अगस्‍त और 13 अगस्‍त और 20 अगस्त समेत चार सोमवार होंगे. साथ ही सावन पूरे 30 दिनों का है.

 

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Chhapra: जुलाई माह में दो ग्रहण लगने वाले हैं.पहला ग्रहण 13 जुलाई को सूर्य ग्रहण और दूसरा 27 जुलाई को चंद्र ग्रहण लगेगा.

13 जुलाई को होने वाला सूर्य ग्रहण साल का दूसरा सूर्य ग्रहण होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा.

वहीं 27 जुलाई को होने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण होगा.ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण काल समाप्त होने के बाद दान पुण्य करने का विधान है.

आपको बता दें कि इस साल कुल 5 ग्रहण पड़ने थे. इससे पहले 31 जनवरी को साल का पहला चंद्रग्रहण देखा गया था. इस चंद्रग्रहण के दौरान 152 साल बाद बहुत दुर्लभ संयोग बना था. इस बार सूर्यग्रहण का कुछ राशियों पर मिलाजुला असर देखने को मिलेगा.

सूर्य ग्रहण का समय 13 जुलाई 2018 भारत में सुबह 7 बजकर 18 मिनट, खत्म होने का समय 8 बजकर 13 मिनट 5 सेकेंड

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