रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश पर शुक्रवार से प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया है। अब श्रद्धालु गर्भ गृह में जाकर बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति श्रद्धालुओं को मंदिरों में सरल-सुगम दर्शन के लिए प्रतिबद्ध है। गुरुवार रात्रि तक 901081 श्रद्धालु बदरीनाथ धाम और 831600 श्रद्धालु केदारनाथ धाम दर्शन कर चुके हैं। दोनों धामों में अब तक 1732681 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष मई और जून माह में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने से गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था और श्रद्धालु सभामंडप से ही बाबा केदार के दर्शन कर रहे थे। अब संख्या कम होने के बाद श्रद्धालु मंदिर के गर्भ गृह में जाकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की संख्या में कमी को देखते हुए मंदिर में दर्शनों के समय में भी परिवर्तन किया गया है। शुक्रवार से केदारनाथ मंदिर में प्रात: चार बजे के स्थान पर पांच बजे से धर्म-दर्शन शुरू हो रहे हैं। अपराह्न 03 बजे से 4:45 बजे तक भोग-पूजा और सफाई के लिए कपाट बंद किए जा रहे हैं। शाम को शृंगार पूजा के बाद रात्रि 9 बजे पुनः कपाट बंद किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि इसी तरह बदरीनाथ धाम में मंदिर में भगवान बदरी विशाल की अभिषेक पूजा प्रात: पांच बजे से संपन्न हो रही है। इस दौरान भी श्रद्धालु धर्मदर्शन कर रहे हैं। शाम को विभिन्न पूजाओं के बाद रात्रि 9 बजे तक कपाट बंद हो रहे हैं।

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अगस्त के बाद माता वैष्णो देवी जाने की तैयारी में है तो, पढ़ें पूरी ख़बर

Katra : अगर आप माता वैष्णों देवी के दर्शन को जा रहे है तो यह खबर आपके लिए जरूरी हो सकती है. आगामी अगस्त माह से श्राइन बोर्ड द्वारा कुछ बदलाव किया जा रहा है.

नए नियमों के तहत माता वैष्णो देवी की यात्रा पर्ची इतिहास बनने जा रही है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड 62 साल से चल रही यात्रा पर्ची की जगह अब नई तकनीकयुक्त रेडियो फ्रिकवेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआइडी) सेवा शुरू कर रहा है.

नववर्ष के पहले दिन मां के भवन पर भगदड़ की घटना पर कड़ा संज्ञान लेकर बोर्ड प्रशासन ने अगस्त से आरएफआइडी सेवा अनिवार्य कर दी है. इस सुविधा से यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की दिक्कतें मौके पर ही दूर होंगी. ताकि भविष्य में भगदड़ जैसी संभावना भी न बन सके. आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से चिपयुक्त है जो सरवर के साथ कनेक्ट होगा. इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनेगा. कार्ड में श्रद्धालु की फोटो के साथ पुरी तरह की जानकारी होगी. श्रद्धालु यात्रा आरंभ करने से पहले श्राइन बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र से आरएफआइडी कार्ड प्राप्त करेगा.

यात्रा पूरी करने के उपरांत कार्ड को मां वैष्णो देवी के प्रवेश द्वार दर्शनी ड्योढ़ी या फिर नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड या फिर श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि स्थानों पर बोर्ड के यात्रा पंजीकरण केंद्र पर वापस करेगा. यह कार्ड दोबारा कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि, आरएफआइडी कार्ड की कीमत 10 रुपये में है, लेकिन श्रद्धालु को यह कार्ड निश्शुल्क मिलेगा. इसका खर्चा श्राइन बोर्ड स्वयं वाहन करेगा.आरएफआइडी कार्ड का टेंडर श्राइन बोर्ड प्रशासन ने पुणे की एमटेक इनोवेशन कंपनी को दिया है.

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वालों के लिए जरूरी

तत्काल सुविधा लेने वाले श्रद्धालुओं के अलावा आनलाइन पंजीयन करने वालों के लिए भी आरएफआइडी कार्ड लेना अनिवार्य होगा. श्राइन बोर्ड यात्रा पंजीकरण केंद्रों के साथ दर्शन ड्योढ़ी, नए ताराकोट मार्ग के प्रवेश द्वार, कटड़ा हेलीपैड, श्री माता वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन आदि पर और भी जगहों पर यात्रा पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाएगा. ताकि श्रद्धालुओं को आरएफआइडी कार्ड लेने को लेकर इंतजार न करना पड़े.

फोन पर आएगा मैसेज

आनलाइन यात्रा पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु जैसे ही आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगे उसी समय वाई-फाई से उसके स्मार्ट फोन पर मैसेज आएगा कि उसे कितने बजे और किस काउंटर पर जाकर आरएफआइडी कार्ड लेना है. इसके लिए वायरलैस फिडेलिटी सुविधा विकसित की जा रही है.

आरएफआइडी कार्ड पानी से भी नहीं होता खराब

आरएफआइडी कार्ड पूरी तरह से पालीफैब्रिक्स युक्त होगा जो बारिश या फिर पसीने से खराब नहीं होगा. यात्रा पूरी करने के उपरांत इस कार्ड को नजदीकी काउंटर पर जमा करवाना अनिवार्य होगा.

यात्रा पर्ची का सफर

कई दशकों से माता वैष्णो देवी की यात्रा चली आ रही है. वर्ष 1962 में सूचना विभाग ने श्रद्धालुओं के पंजीकरण को लेकर यात्रा पर्ची शुरू की थी. इसके बाद 1968 में पर्यटन विभाग ने कटड़ा में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इमारत का निर्माण कर कार्य करवाया. 1970 में पर्यटन विभाग ने यात्रा पर्ची का जिम्मा संभाला. वर्ष 1986 में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन होते ही यात्रा पर्ची का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया. वर्ष 2001 में कंप्यूटरीकृत यात्रा पर्ची उपलब्ध होने लगी. तब परिवार का एक सदस्य यात्रा पंजीकरण केंद्र पर जाकर अन्यों का नाम बताकर पर्ची लेता था. सुरक्षा को देखते हुए श्राइन बोर्ड ने वर्ष 2013 में फोटो एसेस कार्ड सुविधा शुरू की जो वर्तमान में लगातार जारी है. श्रद्धालु की फोटो और साथ ही नाम तथा पता दर्ज किया जाता है.

यात्रा पर बारीकी से नजर रखी जाएगी

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीइओ अंशुल गर्ग ने बताया कि अगस्त से यात्रा में आरएफआइडी कार्ड श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य होगा. इसमें आनलाइन पंजीयन कराने वाले श्रद्धालु भी शामिल होंगे. इस कार्ड को वापसी पर जमा कराना भी अनिवार्य होगा. इस सुविधा को शुरू करने का मकसद यात्रा पर बारीकी से नजर रखना है.

यह फायदा होगा 

भवन मार्ग पर किसी तरह का दुव्र्यवहार और यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने के मामलों पर विराम लगेगा. इसके अलावा सबसे बड़ा मुद्दा भीड़ को नियंत्रण करना होगा. कार्ड देते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि भीड़ इकट्ठी न भवन पहुंच जाए. अनुमान के मुताबिक भवन करीब 10 हजार श्रद्धालु एक समय में दर्शन के लिए रुक सकता है. श्राइन बोर्ड प्रशासन कंट्रोल रूम से भीड़ पर पल-पल की निगाह रखेगा. इसके लिए टीम बनाई जाएगी.

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कोई कचड़ा ना फेंके इसके लिए देवी देवताओं की टाइल्स लगा देना बन गया है ट्रेंड !

Chhapra: आमतौर पर शहर की सड़कों और खासकर गलियों में इधर उधर कचड़े का अंबार आपको जरूर दिख जायेगा. निश्चित तौर पर यह कचड़े का अंबार ठीक किसी के दरवाजे के सामने, किसी के दुकान के आगे, किसी चौराहे के बीचों बीच या फिर किसी गली के किनारे दिखना आम बात है. हालांकि कुछ लोग वैसे भी है जिन्होंने बंद घर देखा नही कि वहा कचड़ा डंप करना शुरू कर दिया. कुल मिलाकर लोग अपने घर को साफ और दूसरे के दरवाजे पर मौका देखकर अपना कचड़ा फेंक चलते बनते है. जिसके कारण मुहल्ले के लोगों और घरवालों को मजबूरन देवी देवताओं के टाइल्स का सहारा लेना पड़ता है. यह उपाय कारगर भी होता है.

नगर निगम द्वारा शहर के किसी भी वार्ड में कही भी कूड़ा कचड़ा फेंकने का स्थान निर्धारित नहीं है लिहाजा कही भी अपने घर से निकाल कर लोग कचड़ा फेंकते है और चलते बनते है. दिक्कत उनको होती है जिनके दरवाजे, घरों के मुहाने, गली मोहल्लों पर यह कचड़े का अंबार लगता है. शहर के लाह बाजार में भी अचानक से बीच सड़क पर लोगों ने कचड़ा फेंकना शुरू कर दिया. जिसको देखते हुए लोगों ने वहां कूड़ा कचड़ा ना फेंकने का बोर्ड लगा दिया जब इतने से भी बात नही बनी तो तो दो देवी देवताओं की टाइल्स लगा दी. भले ही स्थानीय लोगों के लिए यह कारगर और असरदार उपाय साबित हुआ लोगों ने कचड़ा फेंकना बंद कर दिया लेकिन यह टाइल्स जमीन से थोड़ी ऊपर लगी है. धर्म में चित्रों के पूजन की मान्यता है लेकिन यहां इनके चित्रों के आसपास हवा से कचड़ा इक्कठा हो जाता है. ना ही इन चित्रों को कोई साफ करता है और ना ही इनकी यहां पूजा हो पाती है. जिससे कि सनातन में इनका अपमान ही हो रहा है.

दीवार पर लगी इन चित्रों के आगे कभी कोई बाइक खड़ा करता है तो कोई साइकिल, कोई ठेला लगा देता है तो कोई गाड़ी. पूरे दिन इन चित्रों के आगे किसी ना किसी प्रकार का जूठन, कपड़ा अन्य सामान आते जाते है जो इनकी पवित्रता को अशुद्ध करते है.

बहरहाल धर्म में आस्था है तो उनका सम्मान भी ज़रूरी है. सम्मान में भले ही लोग इस चित्र लगी दीवारों के सामने कचड़ा ना फेंके. लेकिन हम इनका सम्मान नही कर रहे है, जहां तहां इन चित्रों को लगाने से इनका सम्मान नही बल्कि इनका अनादर ही हो रहा है.

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Chhapra: गंगा, सरयू और सोन नदी के संगम तीर्थ चिरांद में ज्येष्ठ पूर्णिमा को होने वाले गंगा महाआरती की तैयारी पूरी कर ली गयी है. 

चिरांद विकास परिषद व गंगा समग्र के तत्वावधान में गंगा महाआरती के साथ शुरू होने वाले गंगा गरिमा रक्षा संकल्प व चिरांद चेतना महोत्सव में इस वर्ष केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे मुख्य अतिथि होंगे.

गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेन्द्र प्रसाद सिंह उपाख्या लल्लू बाबू की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के विशिष्ट अतिथि सारण के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम लाल शर्मा, राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा, पूर्व मंत्री महाचन्द्र प्रसाद सिंह होंगे.

चिरांद विकास परिषद के सचिव व गंगासमग्र उत्तर बिहार के सह संयोजक श्रीराम तिवारी ने बताया कि इस वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा 14 जून 2022 मंगलवार को है. संध्या 5 बजे से यह समारोह शुरू हो जाएगा. सम्पूर्ण भारत इस वर्ष आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. समारोह में सारण गाथा की प्रस्तुति होगी. जिसमे सारण के गौरवशाली अतीत की जीवंत प्रस्तुति होगी. प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुति के साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में सारण के योगदान की प्रस्तुति भी होगी.

ज्ञात हो कि विश्व के दुर्लभ पुरातात्विक स्थलों में से एक चिराद में यह भव्य समारोह विगत पंद्रह वर्षो से अनवरत हो रहा है. इसमें सारण व बिहार के अन्य जिलों से श्रद्धालु शामिल होते हैं. गंगा घाट पर भारी भीड़ उमड़ती है.

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देवघर में करें बाबा का दर्शन अब हवाई जहाज से, श्रावण मेला के पहिले एयरपोर्ट चालू होने की जगी उम्मीद

Devghar: आगामी श्रावणी मेला में देवघर आने वाले भक्तों को नई सौगात मिलने की उम्मीद है अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा था इस श्रावणी मेले में शिवभक्त देवघर एरोप्लेन से आकर भगवान का दर्शन कर सकते है. देवघर एयरपोर्ट को लेकर विगत दिनों कोलकाता से आई 180 यात्रियों की क्षमता वाली इंडियो फ्लाइट का ट्रायल किया गया. विमान की लैडिंग के साथ-साथ टेक ऑफ भी किया गया. देवघर एयरपोर्ट पर इंडिगो की फ्लाइट संख्या 320 का ट्रायल पूरी तरह से सफल रहा.

अब अनुमति मिलने के बाद विमान सेवा जल्द से जल्द शुरू हो जाएगी. इसके पूर्व उद्घाटन को लेकर तैयारियां शुरू होगी. वही देवघर एयरपोर्ट पर कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति का कार्य भी चल रहा है.

आशा है कि इस वर्ष लगने वाले श्रावणी मेला के पहले देवघर एयरपोर्ट का उद्घाटन और प्लेन का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है.

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गंगा दशहरा पर भक्तों ने लगाई आस्था की डुबकी

Chhapra: गंगा दशहरा के अवसर पर नदी घाटों पर स्नान के लिए भक्तों का ताता लगा रहा. गुरुवार को अहले सुबह से ही नदी घाटों पर भक्तों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी. महिला पुरुष के साथ बच्चों ने भी गंगा दशहरा के अवसर पर नदी में स्नान कर पूजा अर्चना की.

इस अवसर पर शहर से सटे डोरीगंज के डोरीगंज, तिवारी घाट, बालू घाट, रिवीलगंज, सीढ़ी घाट, धर्मनाथ मंदिर घाट, मांझी के राम घाट, गोदना सेमरिया के नदी घाटों पर भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई. इस अवसर पर कई घाटों पर स्थित मंदिरों में लंगर का भी आयोजन किया गया. जहां भक्तों ने प्रसाद का सेवन किया.

वही कई मंदिरों में इस अवसर पर मेला भी लगाया गया. जहां पूरे दिन बच्चों, महिलाओं के साथ पुरुषों ने भरपूर आनंद उठाया.

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गंगा दशहरा के दिन लगेगा विदेशी ब्रह्म बाबा कोठेयां के पास लगेगा भव्य मेला

जलालपुर: प्रखंड के जलालपुर स्थित कोठेया विदेशी ब्रह्म बाबा के पास गुरुवार को गंगा दशहरा के दिन लगने वाले विशाल मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त बाबा की पूजा अर्चना कर मंगल कामना करने के लिए पहुंचेंगे. सारण जिले में इस मेले का विशेष महत्व है. यह मेला भव्यता के लिए प्रसिद्ध है. इस मेले में तरबूज, मीठे की जलेबिया, मिट्टी के बर्तनो की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री होती है. वही इस पंचांग वर्ष मे जिनके घरों में कोई मांगलिक कार्य हुए रहता है वे लोग आकर भी विदेशी ब्रह्म बाबा की पूजा अर्चना कर मंगल कामना करते हैं.विदेशी बाबा की पूजा अर्चना करने के लिए सिवान, गोपालगंज, बलिया, आरा सहित सुदूरवर्ती इलाकों से भी लोग पहुंचते हैं .ऐसी मान्यता है कि बाबा को अकौर बुकवा जिसे शादियों में विशेष तौर पर तैयार किया जाता है से पूजा अर्चना करने से बाबा प्रसन्न होते हैं.

ऐसी भी मान्यता है कि जिस दंपत्ति की शादी इस वर्ष हुई है वे बाबा के पास आकर पूजा अर्चना करते हैतो उनका गार्हस्थ जीवन सफलतापूर्वक व्यतीत होता है .लगने वाले मेले में कई स्वयंसेवी संगठन पानी ,शरबत, चना मीठा की व्यवस्था करते है.

मेले के बारे में ग्रामीण सविंद्र सिंह ने बताया यह ऐतिहासिक मेला है. उन्होंने जब से होश संभाला है उस समय से लेकर आज 35 वर्ष होने को है, वह लगातार इस मेले में एक स्वयंसेवक की तरह कार्य करते हैं .उन्होंने बताया कि यह मेला ऐतिहासिक तथा अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है .गंगा दशहरा के दिन विदेशी ब्रह्म बाबा की पूजा अर्चना कर लेने से पूरे वर्ष अमन चैन से पारिवारिक जीवन व्यतीत होता है.उन्होंने बताया कि मेले की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

दो दिन पूर्व जलालपुर बी डी ओ ने आकर यहां पर पूरी व्यवस्था का जायजा लिया .वहीं मुखिया तथा सामाजिक संगठनों के कर्ताओं ने भी यहां पर साफ-सफाई तथा मेले की तैयारियों की समीक्षा की है. सभी का यह प्रयास रहता है कि मेले में आने वाले किसी भी व्यक्ति को किसी तरह का कष्ट नहीं हो.वहीं सामाजिक कार्यकर्ता शैलेन्द्र साधु ने बताया कि उनकी इंसानियत जिन्दाबाद की टीम द्वारा जलालपुर बाजार स्थित नव निर्मित हनुमान मंदिर परिसर मे मेला मे आने वाले श्रद्धालुओ के लिए विशाल ठंढे प्याऊ की व्यवस्था की गई है जिसका उद्घाटन गुरुवार की सुबह संत दामोदर दास जी महाराज करेंगे.

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श्रीनगर: अमरनाथ तीर्थयात्रा जल्द ही शुरू होने वाली है, ऐसे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को सलाह दी है कि यात्रा के लिए क्या करें और क्या न करें. जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अनुसार जो यात्री अमरनाथ तीर्थयात्रा करने वाले हैं उन्हें खुद को फिट रखने के लिए “रोज मॉर्निंग वॉक पर जाना चाहिए और ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास” करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार ने एहतियाती उपाय बताते हुए कहा कि भक्तों को सुबह की सैर पर जाना चाहिए, ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करना चाहिए, अपने गर्म कपड़े, खाने-पीने का सामान यात्रा के दौरान जरूर रखें. साथ ही खुद को हाइड्रेटेड रखें.

बता दें कि यात्रा 30 जून, 2022 को शुरू होने वाली है और 11 अगस्त, 2022 को रक्षा बंधन पर समाप्त होगी. नीतीशवार कुमार की ये टिप्पणी उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान 90 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान जाने के बाद आई है. दरअसल दिल का दौरा पड़ने से यात्रा के दौरान 90 से अधिक तीर्थयात्रियों की जान चले गई थी.

शनिवार को एएनआई से बात करते हुए, नीतीश्वर कुमार ने कहा, “जिन तीर्थयात्रियों ने अपना पंजीकरण कर लिया है और वे जो योजना बना रहे हैं, उन्हें रोजाना लगभग 4 से 5 घंटे सुबह या शाम की सैर करनी चाहिए. खुद को फिट रखने के लिए ये जरूरी है. यात्रा के दौरान यात्री एक बहुत ऊंचाई पर जाते हैं, पवित्र गुफा 12,700 फीट पर है. इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है.”

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Chhapra: छोटा तेलपा, लाला टोली में श्री हनुमत प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन किया जायेगा. इस सम्बन्ध में एक बैठक का आयोजन हुआ. स्थानीय पुनितेश्वर पुनीत ने बताया कि  श्री हनुमत् प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन के लिए कार्यक्रम बनाया गया है.

जिसके अनुसार 7 जून 2022 (मंगलवार) को जल यात्रा, प्रायश्चितकर्म, कर्मकुटी पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश आदि कार्यक्रम होगा. वहीँ  8  जून को 2022 (बुधवार) को पंचांग पूजन, वेदी पूजन, जलाधिवास, आरती, पुष्पांजलि, आदि 9 जून 2022 ( गुरुवार) को पंचांग पूजन, वेदी पुजन,अन्नाधिवास,अरणीमंथन, आरती,पुष्पांजलि आदि, 10 जून 2022 (शुक्रवार) को
पंचांग पूजन, वेदी पूजन, सनपन, नगर परिक्रमा, पुस्पाधिवास, वस्त्राधिवास, श्याधिवास, न्यास संस्कार, आरती पुष्पांजलि आदि कार्यक्रम होगा.

वहीँ 11 जून 2022 (शनिवार) को पंचांग पूजन, वेदी पूजन, प्राण – प्रतिष्ठा, हवन, पूर्णाहुति, आरती,पुष्पांजलि, सृंगार एवम भंडारा का आयोजन किया जायेगा. यज्ञ कर्ता आचार्य हरेराम शास्त्री होंगे.

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नव दिवसीय श्री रूद्र महायज्ञ को लेकर गरीबनाथ मंदिर धनौरा में निकली भव्य कलश यात्रा

गरखा: प्रखंड के कोठियां नरांंव धनौरा गांव में अवस्थित बाबा गरीबनाथ मंदिर परिसर में ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित हो रहे 9 दिवसीय रूद्र महायज्ञ को लेकर श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी सत्यानंद जी महाराज के नेतृत्व में भव्य शोभायात्रा सह मंगल कलशयात्रा निकाली गई.

मंगल कलश यात्रा गरीबनाथ मंदिर धनौरा से राम-सीता, हनुमानजी, शिव-पार्वती झांकी के साथ हाथी, ऊट, घोड़े, बैंड बाजा, सिंघा, डीजे नगाड़े, के साथ सैकड़ों महिला पुरुष, बच्चे उत्साह के साथ धनौरा बाजार, रसुलपुर, डुमरी,NH 19 होते हुए सिंगही राघव बाबा के सामने गंगा तट पर जलभरी के लिए पहुंचें.

जहां यज्ञाधीश सत्यानंद जी महाराज के द्वारा गंगा तट पर वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि विधान के साथ कलश में जलभरी किया गया. जलभरी के उपरान्त हजारों महिला पुरुष, किशोर-किशोरियों एवं बच्चों ने जयश्रीराम जय हनुमान के साथ साथ जय गरीबनाथ बाबा के नारों से गूंजयमान कर दिया.

गरीबनाथ मंदिर से गंगा तट पर जाने एवं वापसी में आने के क्रम में जलभरी में हजारों भक्तों को उत्साह, पंक्तिबद्ध एवं जयकारे देखकर रास्ते के गांव रसुलपुर डुमरी सिंगही आदि गांवों के लोगों में काफी श्रद्धा के साथ सर्वत्र एवं ठंडे जल की व्यवस्था की गई थी.

इसके साथ ही शोभा यात्रा को सफल बनाने के लिए सूर्य मंदिर सेवा समिति की ओर से पिआऊ एवं मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई थी.

जलभरी कार्यक्रम में मुख्य रूप से मंदिर के पुजारी गौरीशंकर उपाध्याय, यज्ञाचार्य सम्पूर्णानंद मणीदास चंदन जी, उपाचार्य राजू पांडे, विष्णुजी महराज मौजमपुर के मुखिया धर्मदेव राय, नरांव पंचायत के मुखिया कामख्या सिंह, सरपंच ओमकृष्ण कुमार सिंह, कोठियां के मुखिया प्रतिनिधि पंकज सिंह, जिला परिषद प्रतिनिधि अजय मांझी, शिक्षक नेता राकेश कुमार सिंह, जितेन्द्र मिश्रा, धर्मेंद्र कुमार सिंह,रामजी सिंह,विजय कुमार सिंह, श्याम किशोर सिंह, विवेक कुमार सिंह, अभिमन्यु कुमार सिंह, दिग्विजय सिंह, हिमांशु सिंह, अभिषेक कुमार, रणधीर कुमार सिंह सहित हजारों संख्या में श्रद्धालु शामिल थे.

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ईसाई मिशनरी द्वारा गांव के लोगों को बरगला कर बन रहा है चर्च, बजरंग दल नही करेगा बर्दास्त

Chhapra: विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा सदर प्रखंड के मंगाही डीह गांव में एक आपात बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में उस गांव में निर्माणधीन चर्च के काम को रोकने का निर्णय हुआ.

बैठक को संबोधित करते हुए विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष सुमित कुमार सिंह ने कहा कि अभी नैनी जटुआ गांव का प्रकरण खत्म भी नहीं हुआ कि यहां ईसाई मिशनरी द्वारा गांव के लोगों को बरगला कर चर्च का निर्माण किया जा रहा है.

उन्होंने लोगों से अपील की किसी भी कीमत पर चर्च का काम नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल पूरी तरह से हर स्तर पर लड़ाई लड़ने को तैयार है.

उन्होंने कहा मिशनरी हमारे भोले भाले गरीब हिंदू भाइयों को पैसा का प्रलोभन देकर धर्मांतरण करवाना चाहती है, ऐसे में सभी लोगों का दायित्व है वह अपने आसपास नजर रखें. ऐसा कोई भी मामला प्रकाश में आए तो तुरंत हमारे कार्यकर्ताओं को सूचित करने का काम करें. जिससे कि समय रहते हम लोग इस पर उचित कार्रवाई कर सकें.

इस अवसर पर भाजपा नेता शैलेंद्र सेंगर ने कहा कि वहां के लोगों के साथ बहुत पहले से जुड़े हुए हैं और इस चर्च बनाने की कवायद को रोकने के लिए जो भी कदम उठाया जाएगा उसमें वह हर स्तर पर लोगों का साथ देंगे.

बैठक की कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए युवा नेता राणा यशवंत प्रताप सिंह कहां की सारण में प्रशासनिक उदासीनता का नतीजा है कि लोगों का धर्मांतरण करवाया जा रहा है और जहां तहां लोगों के मर्जी के खिलाफ चर्च का निर्माण करवाया जा रहा है, इससे जिले का सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी.

इस अवसर पर बजरंग दल संयोजक वसंत कुमार सिंह ने कहा कि ईसाई मिशनरियों की मनसा बजरंग दल कभी पूरा होने नहीं देगा.

उन्होंने साफ कहा कि अगर वह लोग स्वयं चर्च बनाना नहीं छोड़े तो बजरंग दल कार्यकर्ता अपने तरीके से आंदोलन कर पूरे जिले को ईसाई मिशनरियों से मुक्त कराएंगे.

बैठक में मुख्य रूप से नगर मंत्री प्रभात कुमार सिंह, नगर संयोजक अनुज कुमार, सहसंयोजक धनंजय जी, मठ मंदिर प्रमुख विकास भारती, उप मुखिया राजू राय, रवि कुलभूषण, राहुल कुमार, रितेश कुमार, दीपक जी, गिरिधरि स्वर्णकार, संजीव उपाध्याय, रणजीत सिंह, जितन राय, रिक्की, करण, प्रितम, बबलू, अंकित, रवि, वरुण, रूपक, संजय, अजय और स्थानीय लोग काफी संख्या में मौजूद थे.

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महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए वट सावित्री का व्रत करती है.

वट सावित्री व्रत जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को रखा जाता है. इस साल वट सावित्री व्रत सोमवार 30 मई को है.

वट सावित्री का व्रत रखने वाली महिलाओं को सौभाग्यवती का वरदान प्राप्त होता है. यह उपवास सिर्फ पति के दीर्घायु के लिए नही बल्कि इससे घर में सुख समृद्धि और संपन्नता आती है.

इस बार वट सावित्री के दिन सोमवती अमावस्या और शनि जयंती भी मनाई जाएगी.

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