नई दिल्ली, 21 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि 12 वर्षों में इस साल सर्वाधिक 5.12 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा बर्फानी के दर्शन किये।

शाह ने यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई दी।

अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “श्री अमरनाथ जी की पवित्र यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हुई। 52 दिनों तक चली इस पवित्र यात्रा में इस बार रिकॉर्ड 5.12 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने बाबा के दर्शन किये, जो कि बीते 12 वर्षों की सर्वाधिक संख्या है।”

उन्होंने आगे कहा, “इस यात्रा को सफल बनाने के लिए हमारे सभी सुरक्षा कर्मियों, श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और स्वयंसेवी संस्थाओं को बधाई देता हूं। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित व सुगम बनाने में आप सभी का अद्वितीय योगदान रहा है। बाबा सभी पर अपनी कृपा बनाये रखें। जय बाबा बर्फानी!”

उल्लेखनीय है कि पवित्र छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ ही 52 दिन चली वार्षिक बाबा अमरनाथ यात्रा श्रावण पूर्णिमा पर संपन्न हुई थी।

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Chhapra: सावन माह की चौथी सोमवारी को जिले के शिवालयों और मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही।

सुबह से ही शिव भक्त शिवालय पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की। शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तो ने कतारबद्ध होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ भांग धतूरा और फूल के साथ पूजा अर्चना की।

इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर हर महादेव, जय शिव शंकर,बाबा भोलेनाथ की जय की नारों से वातावरण गुंजायमान रहा।

कई मंदिरों में कांवर में जल लेकर पैदल शिवालय पहुंच कर शिव भक्तों को शिवलिंग पर जलाभिषेक करते देखा गया। इधर सावन की चौथी सोमवारी को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के विशेष इतजाम किए गए। सभी मंदिरों में पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति विधि व्यवस्था संधारण को लेकर की गई थी।

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महावीरी झंडा को लेकर निकला फ्लैग मार्च

पूर्वी चंपारण: महावीरी झंडे को लेकर गुरूवार को मोतिहारी शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया। इस दौरान पुलिस पदाधिकारी एवं दर्जनों सुरक्षा बल शहर के विभिन चौक चौराहा से गुजरते हुए नगर थाना पहुँचे। डीएसपी सह नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर के नेतृत्व में फ्लैग मार्च निकाला गया। जिसमें स्पष्ट रूप से संदेश दिया गया कि किसी तरह की गड़बड़ी करने वाले बख्शे नही जाएंगे।

महावीरी झंडे के दौरान सुरक्षा का व्यापक प्रबंध रहेगा और पूरे जुलूस का वीडियोग्राफी भी अनिवार्य किया गया है। जिसे सम्बंधित संगठन द्वारा कराया जाएगा। फ्लैग मार्च शहर के मीना बाजार , हेनरी बाजार , ज्ञानबाबू चौक आदि जगह से गुजरते हुए नगर थाना तक पहुंचा। जिसमे एसआई जब्बार हुसैन,श्रीराम राम , दिनेश ओझा,अफरोज आलम के अलावें अन्य पुलिस पदाधिकारी व पुलिस बल मौजूद रहे।

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तेजस्वी यादव ने सपरिवार पंचमुखी हनुमान मंदिर में की पूजा-अर्चना

पटना : राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने सावन की तीसरी सोमवारी पर पटना के राजवंशी नगर स्थित पंचरुपी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। यहां तेजस्वी ने पत्नी राजश्री और बेटी कात्यायनी के साथ हनुमान जी की पूजा की। मंदिर के पुजारियों को दक्षिणा दी। पूजा के बाद तेजस्वी यादव ने पत्नी के साथ लोगों को भंडारा में भोजन परोसा।

तेजस्वी को देखने के लिए मंदिर में लोगों की भीड़ उमड़ गई। भंडारे में पत्नी राजश्री के साथ तेजस्वी यादव ने लोगों को पूड़ी -सब्जी पराेसा। तस्वीर में राजश्री भी लाेगाें काे पूड़ी पराेसते नजर आयी। इस दौरान उनकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया तेजी से वायरल हो रही है। इस वीडियो में दिखा जा रहा है कि तेजस्वी यादव पंचरुपी हनुमान मंदिर में पूजा कर रहे हैं। पुजारी ने उन्हें माला पहनाया।

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– शाम को निकलेगी भगवान महाकाल की सवारी, तीन स्वरूपों में भक्तों को देंगे दर्शन

उज्जैन/भोपाल, 5 अगस्त (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की नगरी में आज सावन के तीसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकलने से पहले विश्व रिकॉर्ड बनाया गया। यहां महाकाल लोक के पास शक्ति पथ पर 1500 लोगों ने एक साथ 10 मिनट तक डमरू बजाया। इसके साथ ही उज्जैन का नाम सबसे अधिक लोगों के डमरू बजाने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। गिनीज बुक से आए ऋषिनाथ ने इसका सर्टिफिकेट सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक सतीश मालवीय और संतों को सौंपा।

उज्जैन में सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। तड़के भस्म आरती में महाकाल का विशेष शृंगार हुआ। भस्म आरती के लिए रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि 2.30 बजे महाकालेश्वर मंदिर के पट खोले गए। भस्म आरती के दौरान भांग, चंदन, सूखे मेवों और आभूषणों से बाबा महाकाल का राजा स्वरूप दिव्य शृंगार किया गया। भस्म आरती के 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंदिर में बाबा के दर्शन का सिलसिला रात 10.30 बजे तक चलेगा।

वहीं, सावन मास के प्रत्येक सोमवार को शाम चार बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इसमें भगवान अवंतिकानाथ नगर का भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानते हैं। आज महाकालेश्वर मंदिर से अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में सवार होकर निकलेंगे। साथ ही दो अन्य स्वरूपों में भी भक्तों को दर्शन देंगे। महाकाल का एक स्वरूप मनमहेश के रूप में हाथी पर सवार होगा, वहीं गरुड़ रथ पर शिव तांडव के रूप में सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकलेंगे। महाकाल मंदिर से शाम चार बजे सवारी शुरू होकर मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर पहुंचेगी।

महाकाल मंदिर प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि आज एक साथ 1500 डमरू बजाने का विश्व रिकॉर्ड बना है। सवारी शुरू होने से पहले श्री महाकाल महालोक के सामने शक्ति पथ पर वादक भस्म आरती की धुन पर 10 मिनट की प्रस्तुति दी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ड्रोन तथा कैमरों से प्रस्तुति की निगरानी की। शक्ति पथ पर प्रस्तुति के बाद अब शाम को सभी डमरू वादक भगवान महाकाल की सवारी में भी शामिल होंगे।

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Chhapra:  जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण परिवेश में उत्साहपूर्ण व शांतिपूर्ण वातावरण में श्रावण सोमवारी मनाया जा रहा। चहुंओर बोलबम जय बाबा उद्घोष संग श्रावण माह की तृतीय सोमवारी को शिवालयों में जलाभिषेक जारी है।

श्रावण माह की तृतीय सोमवारी पर सोनपुर स्थित बाबा हरिहरनाथ मंदिर, शीलहौरी स्थित शीलनाथ मंदिर, मेहदार स्थित बाबा महेंद्रनाथ मंदिर, जनता बाजार स्थित ढोंढनाथ मंदिर, छपरा के धर्मनाथ मंदिर समेत सभी शिवालयों में भक्तों ने जलाभिषेक किया। इस अवसर पर मंदिर परिसर में मेला भी लगाया गया। जहां बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला आदि लगाए गए थे। 

    

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सढ़वारा में अष्टयाम सह रुद्राभिषेक यज्ञ शुरू

Isuapur:  प्रखंड के सढ़वारा-चहपुरा बाजार स्थित पौराणिक बाबा बिंदेश्वर नाथ धाम शिव मंदिर के प्रांगण में रविवार को सार्वजनिक अखंड अष्टयाम सह रुद्राभिषेक यज्ञ की शुरुआत हुई।

आचार्य वीरेंद्र तिवारी, राजदेव दुबे, विजेंद्र तिवारी, ब्रिजकिशोर ओझा, नृपेन्द्र ओझा के वैदिक मंत्रोच्चारण से वतावरण भक्तिमय बना हुआ है। मुख्य यजमान के रूप में संतोष कुमार राय तथा उनकी धर्मपत्नी बिंदु देवी थीं।

यज्ञ का संचालन कर रहे समाजसेवी रिटायर्ड शिक्षक सुरेश प्रसाद श्रीवास्तव, अमित कुमार शर्मा, शिक्षक विकास कुमार साह, राहुल कुमार, अंकित कुमार, विश्वास शर्मा, कृष्णा साह, सूरज सिन्हा, सोनी देवी, अजय पटेल, गुरुदेव राय का कहना था कि स्थानीय बिंदलाल प्रसाद द्वारा 1840 ई में इस पांच मंजिला मंदिर का निर्माण कराया गया था।

जीर्ण शीर्ण अवस्था में हो जाने पर पुनः 1934 में स्थानीय ब्रजभूषण प्रसाद द्वारा इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। तब से इस मंदिर का रख रखाव तथा देख भाल कमेटी द्वारा की जाती है। इस मौके पर दिवंगत महात्माओं जिन्होंने मंदिर का निर्माण तथा जीर्णोधार कराया है उन्हें श्रद्धापूर्वक याद व नमन किया गया।

लोगों का कहना था कि सैकड़ों बर्ष पुराने इस मंदिर में महाशिवरात्रि, सावन के महीने तथा तेरस की तिथि को हजारों श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। भगवान भोलेनाथ भक्तों की मन वांछित इच्छा भी पूरी करते हैं। इन तिथियों को यहां भव्य मेला भी लगता है।

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सावन महीने में अपने ससुराल कनखल में निवास करते हैं भगवान शिव

हरिद्वार: हरिद्वार से सटी पौराणिक नगरी कनखल में स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सम्मिलित न होने के बावजूद श्रावण मास में प्रमुख तीर्थ बन जाता है। ऐसा इस मान्यता के कारण है कि भगवान भोलेनाथ सावन के महीने में कनखल के दक्षेश्वर मंदिर में निवास करते हैं। दक्षेश्वर नाम सती के पिता व भगवान शिव के ससुर राजा दक्ष प्रजापति के नाम पर रखा गया है। दक्ष चौदह प्रजापतियों में से एक हैं जो निर्माण, रचना व प्रजनन के देव माने गए हैं और हिंदू पौराणिक कथाओं में जीवन के रक्षक भी हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती ने शिव को पिता द्वारा यज्ञ में न बुलाने से कुपित होकर यज्ञ अग्नि में स्वयं को भस्म कर लिया था। जिससे क्रोधित भगवान शिव ने कनखल पहुंच कर अपने गण वीरभद्र को प्रकट किया और उन्होंने राजा दक्ष का शीश काट डाला। लेकिन जब ब्रह्मा आदि देवों ने शिव को राजा दक्ष का सृष्टि में महत्व समझाया तो भगवान शिव ने दक्ष के काटे गए शीश पर बकरे का शीष रोपण कर उन्हें पुनः जीवित कर दिया। जिसके बाद राजा दक्ष ने भगवान भोलेनाथ से अपने किये पर क्षमा मांगी और वचन लिया कि श्रावण माह में शिव अपनी ससुराल कनखल में ही रहेंगे।

मान्यता है कि भगवान शिव अपने ससुर को दिये इस वचन को निभाने हर सावन कनखल में विराजते हैं। जिसके कारण दक्षेश्वर महादेव मंदिर का महत्व सावन में विशेष रूप से बढ़ जाता है। इस कथा के कारण हरिद्वार कनखल ज्वालापुर में सावन में दामाद सत्कार के पर्व के आयोजन की परंपरा भी है। कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़ा दक्षेश्वर महादेव मंदिर का प्रबंधन करता है।

अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज कहते हैं कि राजा दक्ष को जीवन प्रदान करने के बाद स्वयंभू शिवलिंग के रूप में भगवान शिव कनखल में प्रकट हुए और उनका यह शिवालय दक्षेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ। मान्यता है कि यह शिवलिंग ब्रह्मांड का प्रथम स्वयंभू शिवलिंग है, जो भक्तों को अभय प्रदान करता है। सावन में कनखल में दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जो भी भक्त भगवान शिव के शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करते हैं और बेलपत्र, पुष्प, तिल ,चावल, दूध, दही, शहद और पंचगव्य से पूजन अर्चन करते हैं, उनके सारे कष्ट दूर होते हैं। वे मोक्ष प्राप्त कर शिवलोक वासी हो जाते हैं।

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श्रावणी मेला में कई नई सुविधाओं की हुई शुरुआत, कांवरियों में प्रसन्नता

भागलपुर: विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला में सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा कई नई सुविधाओं की शुरुआत की गई है। जिससे कांवरियों के बीच हर्ष एवं उल्लास का माहौल दिख रहा है। नई सुविधाओं में नमामि गंगे घाट पर निःशुल्क लॉकर की सुविधा कांवरियों के लिए उपलब्ध कराई गई है, कांवरिया गण स्नान से पूर्व लॉकर में रुपए पैसा, मोबाइल, एटीएम अन्य कीमती सामान रखकर निश्चिन्त होकर गंगा में स्नान कर बाबा पर जलाभिषेक करने का संकल्प के साथ गंगा जल लेकर आते हैं और पुनः लॉकर से सामान आदि लेकर आगे चल पड़ते हैं। नमामि गंगे घाट एवं सीढ़ी घाट पर जाली युक्त बैरिकेडिंग लगाई गई है। जिससे गंगा स्नान शत प्रतिशत सुरक्षित हो गया है। कांवरियों के ठहरने के लिए के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सौजन्य से जिला प्रशासन द्वारा नमामि गंगे घाट पर 4000 आवासन क्षमता वाले जर्मन हैंगर का निर्माण किया गया है।

पर्यटन विभाग बिहार सरकार के सौजन्य से जिला प्रशासन भागलपुर द्वारा भागलपुर के धांधी बेलारी में 200 आवासन क्षमता वाला टेंट सिटी का निर्माण करवाया गया है। वहीं नगर विकास एवं आवास विभाग के सौजन्य से 4000 आवासन क्षमता वाला टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। भागलपुर जिला प्रशासन द्वारा सड़क के दोनों ओर विशेष व्हाइट पेंट कराया गया है ताकि धूप में भी कांवरियों को पक्की सड़क पर चलने में सुविधा रहे, उल्लेखनीय है कि धूप में सड़क गर्म हो जाने के कारण कांवरियों का पैर जलने लगता था। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग भागलपुर के द्वारा नमामि गंगे घाट, धांधी बेलारी एवं कांवरिया पथ में स्वच्छ पे जल के लिए वाटर कूलर, वाटर एटीएम और जल टैंकर की व्यवस्था की गई है।‌

एसडीआरएफ टीम एवं प्रशिक्षित गोताखोरों द्वारा निरंतर दोनों घाटों की निगरानी मोटरबोट एवं नावों से की जा रही है। नगर परिषद सुलतानगंज द्वारा इस वर्ष तीन पालियों में सफाई कर्मी की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो लगातार सफाई के कार्य में लगे हुए हैं। जिससे सुलतानगंज सहित संपूर्ण मेला क्षेत्र साफ एवं स्वच्छ दिख रहा है। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सौजन्य से होर्डिंग्स एवं फ्लेक्स के माध्यम से मेला क्षेत्र में सभी नियंत्रण कक्षों दूरभाष संख्या एवं जिला प्रशासन भागलपुर द्वारा आवश्यकता सामग्रियों की निर्धारित दर के साथ साथ महत्वपूर्ण जन कल्याणपुरी योजनाओं को जगह-जगह पर प्रदर्शित किया गया है। जिससे कांवरियों को इस साल सही दर पर सभी सामान मिल रहा है।

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इसुआपुर के बाबा लालदास मठिया पर मनाया गया गुरु पूर्णिमा पर्व

इसुआपुर: रविवार को बाबा लालदास के मठिया पर निर्वाण संघ के सौजन्य से गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया. निर्वाण संघ के सभी सदस्यों एवं अन्य श्रद्धालुओं ने अपने गुरु व मार्गदर्शक आचार्य सत्येंद जी के प्रति अहोभाव प्रकट किया तथा गुरु दक्षिणा भेंट की. उक्त अवसर पर सांसद जनार्दन सिग्रीवाल भी पधारे और उन्होंने आचार्य को सम्मानित किया.

उनके साथ जिला पार्षद प्रियंका सिंह एवं समाजसेवी धीरज सिंह भी उपस्थित रहे. विदित हो कि निर्वाण संघ द्वारा मठिया परिसर में भव्य शेड का निर्माण करवाया गया है जिसका उद्घाटन भी कल आचार्य सत्येन्द्र जी के द्वारा किया गया.

भजन एवं प्रवचन के अद्भुत संगम के रूप में गुरु पूर्णिमा उत्सव अद्भुत रहा. रवीश कुमार सानू, भगवान शर्मा, पुरुषोत्तम कुमार, विभा, सुरेश शर्मा, ज्ञानचंद यादव, डी के सिंह इत्यादि कलाकारों नेभजनों की प्रस्तुति दी.

कार्यक्रम को सफल बनाने में विनोद प्रसाद, राजेश प्रसाद, अमीर साह, पप्पू कुमार, श्याम प्रसाद, नवल किशोर चौबे, सोनू इत्यादि का सराहनीय सहयोग रहा.

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पटना, 22 जुलाई (हि.स.)। श्रावण मास की शुरुआत हो गई है। ऐसे में आज पहली सोमवारी को उत्तर बिहार का देवघर कहे जाने वाला बाबा गरीब स्थान मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए सारण जिले के पहलेजा घाट से जल लेकर करीब एक लाख कांवड़िये मुजफ्फरपुर पहुंचे हैं।

सोमवार सुबह मुजफ्फरपुर में बाबा गरीब नाथ धाम में श्रावणी मेला का विधिवत उद्घाटन बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं मुजफ्फरपुर के प्रभारी मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने किया। उनके साथ मंत्री केदार गुप्ता और अन्य नेता भी शामिल हुए। जिला प्रशासन ने श्रावणी मेला की पूरी तैयारी की है।

सावन के पहले सोमवार से पूर्व ही रविवार को हजारों हजार कांवड़िये गरीब नाथ मंदिर पहुंच चुके थे। रविवार-सोमवार की मध्य रात्रि से ही बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं।

जलाभिषेक के दौरान कांवरियों को कहीं भी किसी भी प्रकार की कठिनाइयों का सामना न करना पड़े इसको लेकर मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन और मुजफ्फरपुर पुलिस अलर्ट मोड पर है।

पूरे मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चप्पे चप्पे पर सीसीटीवी लगाए गए हैं। पूरे मंदिर परिसर की निगरानी जिले के वरीय अधिकारी के द्वारा की जा रही है।

मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित विनय पाठक ने बताया कि साधारण और डाक बम के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गयी है। रात बारह बजे से अरघा से जलाभिषेक शुरू हुआ जो सोमवार की दोपहर तक जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि झारखंड बंटवारे के बाद से गरीब स्थान को बिहार का देवघर कहा जाता है। जहां सावन हर सोमवार को लाखों की संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक करते हैं।

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Chhapra:सावन माह की पहली सोमवारी को जिले के शिवालयों और मंदिरों में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रही।

सुबह से ही शिव भक्त शिवालय पहुंचकर भगवान शिव की पूजा अर्चना की। शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तो ने कतारबद्ध होकर शिवलिंग पर जलाभिषेक के साथ भांग धतूरा और फूल के साथ पूजा अर्चना की।

इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर हर महादेव, जय शिव शंकर,बाबा भोलेनाथ की जय की नारों से वातावरण गुंजायमान रहा।

इधर सावन की पहली सोमवारी को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से से सुरक्षा के विशेष इतजाम किए गए। सभी मंदिरों में पुलिस अधिकारियों के साथ पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति विधि व्यवस्था संधारण को लेकर की गई थी। 

जिला प्रशासन के निर्देश पर दंडाधिकारी के साथ पुलिस अधिकारियों और बलों की प्रतिनियुक्ति रही, जो व्यवस्था बनाए रखने में तल्लीन दिखे।

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