यहां जानें, विश्वकर्मा पूजन मुहूर्त

यहां जानें, विश्वकर्मा पूजन मुहूर्त

हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा जी को निर्माता का सृजन का देवता माना जाता है. यह पूरे संसार के दिव्य वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है. भगवन विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार माना जाता है. विश्वकर्मा पूजा विशेषकर कारखाना तथा मशीनरी दुकान, जहां पर मशीनरी कार्य, फिटर, वेल्डर, टर्नर जैसे काम करने वाले लोग अपने भविष्य के सुरक्षा के साथ काम करने तथा कार्य को सफल बनाने के लिए विश्वकर्मा जी का पूजन किया जाता है.

यह त्योहार सूर्य के गोचर के अनुसार किया जाता है. जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते है उसे कन्या संक्रांति कहा जाता है. उस दिन विश्वकर्मा पूजा किया जाता है. आपको बता देता हु अधिकांश त्योहार तिथि पर नहीं मनाया जाता है. कुछ ऐसे त्योहार है जो शुभ दिन चन्द्र दिवस पर निर्भर करता है, जो हर साल बदलता है. ऐसे ही विश्वकर्मा पूजा है, जो हर साल 17 सितम्बर को मनाया जाता है। लेकिन सूर्य के गोचर के में एक या दो दिन का अंतर दिखाई दे तब विश्वकर्मा पूजा के तारीख में बदलाव होता है.

विश्वकर्मा पूजन का शुभ मुहूर्त

17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा.

ऋषिकेश पंचांग तथा महावीर पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा का पूजन सुबह 11:00 के पहले करने पर उत्तम रहेगा.

सूर्य का गोचर 16 सितम्बर 2024 सुबह 11 :09 मिनट पर होगा. इसलिए विश्वकर्मा पूजन 17 सितम्बर को मनाया जायेगा.

विश्वकर्मा पूजन का शुभ मुहूर्त पर निर्णय
17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा.
ऋषिकेश पंचांग तथा महावीर पंचांग के अनुसार विश्वकर्मा का पूजन सुबह 11:00 के पहले किया जाय बहुत ही कल्याणकारी होगा.

पूजा विधि
पूजनकर्ता सुबह में नित्य क्रिया से निर्वित् होकर। नया या स्वच्छ वस्त्र धारण करे. छोटी चौकी पर पिला रंग का कपड़ा का आसनी बिछाए। उस पर विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो रखे। पूजन के लिए थाली ले उसमे चंदन, सिंदुर, फूल, अक्षत, अगरबती, मिठाई, ऋतु फल रखे। कलश का स्थापित करे, उसमे आम का पत्ता, दुर्वा, सुपारी पान के पता, फूल डाले. कलश पर नारियल में मौली लपेटकर कलश पर रखे. विश्वकर्मा जी को फूल के माला चढ़ाएं,वस्त्र चढ़ाएं. आरती करें, पूजन करने के बाद प्रसाद का वितरण करे।

पूजा सामग्री

चावल, गंगाजल, चंदन, फूल, फूलमाला, सिंदुर पिला कपड़ा, लाल कपड़ा, दही, दूध, केला, ऋतु फल, घी, रूई बाती, पान के पता, सुपारी, नारियल, मौली, पंचमेवा, शहद, इत्यादि।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा पूजा के विधि विधान से अनुष्ठान तथा पूजन करने से उनके कार्य में उन्नति होता है. वैदिक परंपरा के अनुसार विश्वकर्म पूजन से व्योपार में उन्नति होता है। ऐसा मना जाता है विषेकर इंजीनियरिंग तथा कल कारखाने, एवं इंजीनियरिंग से सम्बन्धित व्योपार करने वाले के लिए विश्वकर्मा पूजा करने से बहुत उन्नति होता है।

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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