अनंत चतुर्दशी का त्योहार भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष के चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. हिदू धर्म में इस त्योहार का बहुत बड़ा महत्व है. इसे अनंत चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है.
वैदिक मान्यता यह है कि अनंत भगवान ने सृष्टि के आरम्भ में चौदह लोको यानि तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू ,भुवः, स्वः,जन, तप, सत्य और मह की रचना की थी। इन सभी लोको के पालन और रक्षा करने के लिए वह विष्णु ने स्वयं भी चौदह रूप में प्रगट हुए थे. जिससे लोक में अनंत प्रतित होने लगे इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने तथा अनंत फल देने वाला यह व्रत होता है.
मान्यता यह है इस दिन भगवन विष्णु के अनंत स्वरूप माता यमुना तथा शेषनाग की पूजा की जाती है। इस पूजा से भक्तो का कल्याण होता है.
कब मनाया जायेगा अनंत पूजा
17 सितम्बर 2024 दिन मंगलवार को मनाया जायेगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह 05: 36 से 11:44 मिनट तक शुभ है
चतुर्दशी तिथि का आरंभ 16 सितम्बर 2024 दोपहर 03:10 बजे से
चतुर्दशी तिथि का समाप्त 17 सितम्बर 2024 सुबह 11:44 सुबह
क्या है मान्यता
मान्यता यह है कि भगवान विष्णु का पूजन करने से परिवार में संपन्नता बनी रहती है तथा अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है. अनंत का व्रत तथा पूजन करने वाले सुबह में नित्य क्रिया से निर्वित होकर स्नान कर नए वस्त्र धारण करे, भगवन विष्णु का अलग -अलग रूप का पूजन करे साथ 14 गांठ वाली सूत्र कलाई पर बांधे इसका मान्यता है 14 लोक का रक्षा किया था इसलिए सूत्र बंधा जाता है। फिर विष्णु सह्त्रनाम का पाठ करे. आरती करे बिना नमक का भोजन करे. यह दिन शुभ कार्य करने के लिए बहुत शुभ दिन होता है.यात्रा के लिए बहुत ही उत्तम दिन होता है.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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