Chhapra: शारदीय नवरात्र की शुरुआत गुरुवार से पदम तथा बुधादित्य योग के साथ ही चित्रा नक्षत्र में होने जा रही है। इसके चलते मंदिराें और घर-घर में कलश स्थापना की जाएगी। नौ दिनों तक माता रानी के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। पहले दिन कलश स्थापना के साथ ही नौ दिन मां जगदम्बा के अलग-अलग रूपों की आराधना होगी।
माता के श्रंगार के लिए चुनरी, प्रसाद व पूजन सामग्री की दुकानों पर लोगों की एक दिन पूर्व बुधवार को भीड़ नजर आई। वहीं मंदिरों में सजावट सहित अन्य तैयारियां अंतिम दौर में हैं। प्रातःकाल का समय सर्वश्रेष्ठ बताया है। नवरात्र के पहले दिन चित्रा नक्षत्र तथा वैधृति योग का संयोग बनने पर शास्त्रों में अभिजीत मुहूर्त के समय घट स्थापना का प्रावधान है।
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि 03 अक्तूबर 2024 दिन गुरूवार सुबह से लेकर 03:17 मिनट दोपहर तक कलश स्थापना किया जायेगा.
प्रतिपदा तिथि का आरम्भ 02 अक्तूबर 2024 दिन बुधवार रात्रि 11:05 से, प्रतिपदा तिथि का समाप्त 04 सितंबर 2024 रात्रि 01:01 मिनट तक
हस्त नक्षत्र 03 अक्तूबर 2024.दोपहर 03 :17 मिनट तक रहेगा. अभिजित मुहूर्त सुबह 11:14 से 12:02 दोपहर तक रहेगा। अमृत काल सुबह 08:45 से 10:33 सुबह तक रहेगा।
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