Chhapra: छपरा में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजना का शिलान्यास रविवार को बिहार के नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने किया. 

राज्य सरकार के मंत्री नगर आवास विभाग के मंत्री सुरेश शर्मा ने रविवार को शहर के वार्ड 33 में खनुआ नाले के उन्नयन योजना का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि खनुआ नाले की सफाई कर उसपर पीसीसी सड़क का निर्माण किया जायेगा. 29.95  करोड़ की इस योजना में खनुआ नाले का उन्नयन कर नए RCC नाले का निर्माण किया जायेगा.

इसके अलावें नाले के ऊपर बने दुकानों के नीचे से मशीन की मदद से कचरा निकाला जाएगा. साथ ही साथ जगह जगह सड़को पर मैन होल बनाये जाएंगे. लगभग 4 किमी में फैले इस नाले का उन्नयन कार्य 18 महीने में पूरा कर लिया जायेगा. जिसके बाद शहर में जलजमाव की समस्या ख़त्म हो जाएगी.

 

मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि खनुआ नाले का पानी नदी में बहाने के बजाय इसे एसटीपी से जोड़ा जाएगा. वहां पानी को फिल्टर कर सिंचाई व अन्य कार्यो के लिए भेजा जाएगा.

इस अवसर पर छपरा के विधायक डॉ सीएन गुप्ता, जिलापरिषद अध्यक्ष मीणा अरुण, नगर निगम की मेयर प्रिया देवी, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, रामदयाल शर्मा समेत गणमान्य लोग उपस्थित थे.

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Chhapra: युगपुरुषोत्तम श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्र जी का 131 वाँ जन्म महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण में मनाया गया. इस अवसर पर भाड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने गुरु को नमन करने पहुँचे.

जन्मोत्सव की शुरुआत उषाकीर्तन और प्रभात फेरी से हुयी. तदुपरांत विनती प्रार्थना और धर्मग्रंथ का पाठ किया गया. इसके बाद एक विशाल शोभा यात्रा निकाली गयी जिसमे ठाकुर के तैलचित्र को पुष्पगुच्छों से सुसज्जित रथ पर विराजित कर पूरे शहर में भ्रमण कराया गया.

शोभायात्रा नवीगंज से निकल कर दौलतगंज, हॉस्पिटल चौक, मालखाना, चौक भगवान बाजार के रास्ते होते पुनः श्रीमंदिर पहुँची. जगह जगह अनुरागी भक्तों द्वारा पियाऊ की वयवस्था की गई थी.

 

इस अवसर पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए सत्संग देवघर से पधारे रित्विक व सहायक सचिव सर्वश्री शिवानंद प्रसाद ने ठाकुर से जुड़ी घटनाओं को श्रद्धालुओं के समक्ष रखा. उन्होंने कहा कि ठाकुर के सानिध्य से हर कष्टों का निवारण होता है, यही अटल सत्य है. उन्होंने बताया कि एक सदी बीत गयी, ठाकुर को परखने का समय अब नही, अब समय है तो बस उनके साथ जुड़ने का. उन्होंने गुरु कृपा से हुए अनेक चमत्कारों को साझा किया. देवघर से ही आये रित्विक डॉ आर के लाल ने अपनी वाणी से भक्तों को उत्साह से परिपूर्ण कर दिया. पटना से पधारे एसपीआर नारायण प्रसाद व कमल मोहन प्रसाद ने भी ठाकुर अनुकूलचंद्र जी के बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया. सिवान के एसपीआर के सी श्रीवास्तव ने जजन जाजन व इष्टभृति के माध्यम से मानव जीवन में चमत्कारिक बदलाव की बात कही. केएसपीआर दशरथ प्रसाद, प्राचार्य ए के श्रीवास्तव, डॉ बच्चा प्रसाद, श्रीराम गिरि, डॉ विनय प्रसाद, पशुपति नाथ सिंह, सावित्री मिश्रा आदि ने भी अपने प्रवचनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. इस अवसर पर अत्यधिक संख्या में महिलाओं की उपस्थिति रही.

जन्मोत्सव कार्यक्रम को सफल बनाने में चुनमुन यादव, लक्ष्मण यादव, राजेन्द्र प्रसाद, हरेंद्र प्रसाद, मनोज गुप्ता, रजनीश जायसवाल, मनोरंजन कुमार, सिंह, डॉ रामजीवन प्रसाद, ओमप्रकाश गुप्ता, सत्यनारायण प्रसाद, जटाधारी पंडित आदि की भूमिका सराहनीय रही.

 

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Chhapra: शनिवार को लचर यातायात व्यवस्था के कारण शहरवासी पूरे दिन जाम से जूझते रहे. सबसे बड़ी विकट परिस्थिति नगरपालिका चौक की थी. जहां परिवर्तनकारी शिक्षक संघ द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरना मे जुटी भीड़ के कारण नगरपालिका चौक से होकर पैदल गुजरना भी मुश्किल था.

नगरपालिका चौक शिक्षकों से खचाखच भरा था. चौक पर यातायात सुचारू करने के लिए प्रतिनियुक्त पुलिस बलों को पूरे दिन मशक्कत करनी पड़ी. काफी प्रयास के बावजूद भी यातायात व्यवस्था सुचारू नहीं हो सकी. हालांकि दोपहर के समय सदर अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी द्वारा धरने पर बैठे शिक्षकों से मुख्य मार्ग से हटने पहल की गई जिससे थोड़ी देर के लिए यातायात व्यवस्था शुरू हुई. लेकिन पुनः कुछ देर बाद ही यह व्यवस्था चरमरा गई.

नगरपालिका चौक पर हुए जाम के कारण जोगनिया कोठी एवं थाना चौक सहित मौना चौक तक जाम लगा रहा. वाहनों की लगी लंबी लंबी कतारें रेंगते हुए आगे बढ़ रहे थे. चिलचिलाती धूप में व्यवस्था सुचारू करने के लिए लगे पुलिसकर्मियों के पसीने छूट रहे थे, वही इस जाम से स्कूली वाहनों में सवार बच्चों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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कुछेक वर्षों पूर्व, एक समय था जब महिलाओं के लिए बाह्य दुनिया से भेंट करने हेतु अखबार, रेडियो, दूरदर्शन, पत्रिकाओं आदि जैसे एकपक्षीय माध्यम थे. इन माध्यमों के द्वारा अतिविशिष्ट महिलायें ही अपनी बात दुनिया के सामने रख पाती थीं जबकि सामान्य महिलाओं के लिए तो दुश्वारिता बदस्तूर कायम थी.

आज डिजिटल मीडिया यानि अंकीय सम्प्रेषण के माध्यम से महिलायें सामान्य-सी बातों के जरिये दुनिया को तीव्र गति से अवगत करा रहीं और अन्य लोग उसका लाभ उठा रहे. मुद्दे तो अनेक हैं पर बात जब योगदान की आती है तो डिजिटल मीडिया का अवदान ही कहा जायेगा महिलाओं के प्रति जिसके कारण आज की महिलायें निःसंकोच-स्पष्टवादिता के साथ इस #पुरुष वर्ग द्वारा अपने ऊपर किये जा रहे अत्याचार का बेबाक तरीके से पुरजोर विरोध दर्ज करा,सुरक्षित हो रहीं.
आज फेसबुक-ट्विटर के माध्यम से महिलायें अपने ऐच्छिक समूहों/व्यक्तियों से जुड़ कर समाज-राष्ट्र को एक दिशा-दशा प्रदान कर रहीं.

समाज में व्याप्त सामाजिक कुरीति दहेज का मामला हो या पुरुषों द्वारा अपने ऊपर किये जा रहे मानसिक/शारीरिक उत्पीड़न का प्रतिकार,सब जगह डिजिटल मीडिया इनको लाभान्वित कर रहा. एक तरफ #निर्भया बलात्कार काण्ड के दोषियों को त्वरित गति से सजा दिलाने में डिजिटल मीडिया का बहुत बड़ा योगदान रहा तो दूसरी तरफ #Me_Too डिजिटल कैंपेन के जरिये वैश्विक स्तर पर महिलाओं का एक मंच पर जुटान हो रहा जो अपने जीवनकाल में कभी न कभी शारीरिक उत्पीड़न का शिकार हुई हैं. ये महिलायें आज उन कई सफेदपोशों के प्रति पुरजोर विरोध दर्ज करा रहीं जो कभी न कभी उनके साथ गलत कर समाज में सम्मान्य-जन की गिनती में आते रहे हैं.

आज महिलाओं को सुरक्षित यात्रा कराने में सहूलियत से लेकर मनपसंद खरीदारी कराने तक डिजिटल मीडिया सुविधा प्रदान करा आत्मनिर्भरता की नयी परिभाषा को साकार कर रहा. आज रेलयात्रा में प्रसवपीड़ा से व्याकुल महिला के एक #ट्वीट पर केंद्रीय रेलमंत्री से लेकर रेलयात्रा को सुविधाजनक बनाने वाले सारे कर्मचारी त्वरित यथायोग्य उपचार की व्यवस्था कराते नजर आते हैं. मनपसंद परिधानों से लेकर आहार-विहार में समुचित विकल्प देकर, डिजिटल मीडिया अपनी उपयोगिता साबित कर रहा. लेकिन, प्रत्येक चीजों के दो पहलू रहने के कारण इसके भी सुपरिणाम के साथ कुछ दुष्प्रभाव हैं जिससे हम अनभिज्ञ नहीं.

अपने आहार-विहार-स्वास्थ्य को अनदेखा कर हमारे युवा वर्ग के लड़कियाँ/लड़के इसका दुरुपयोग कर कहीं न कहीं अनैतिक संबंधों का सृजन कर रहे जो समाज के लिए नुकसानदायक है. फिर भी, डिजिटल मीडिया हम महिलाओं को सुरक्षित-सशक्त बनाने में कोई कोताही नहीं बरत रहा आवश्यकता है केवल इसके #सदुपयोग की.

यह लेखक के  निजी विचार है. 

   कश्मीरा सिंह

            लेखक, साहित्यकार, छपरा

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#ADVERTORIAL

Chhapra: छपरा शहर के काशी बाजार स्थित के.आर.एएनएम इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग में अब ए.एन.एम. की पढ़ाई के लिए भारतीय उपचर्या परिषद (INC), नई दिल्ली के नियमानुसार एवं B.N.R.C, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार से स्थाई मान्यता प्रदान कर दी गयी है. यह जानकारी संस्थान के निदेशक विनोद कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि बिहार में नर्सों की संख्या काफी कम है, आकड़ो के मुताबिक बिहार में मात्र 25 हज़ार ही ट्रेंड नर्सें हैं.

राज्य के स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए लगभग 50 हज़ार से ज्यादा ए.एन.एम. नर्स के पद खाली पड़े है. उन्होंने कहा कि शहर के आर. एएनएम इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग कॉलेज में 60 सीटों पर होगा दाखिला.

योग्यता

जो छात्रा इंटरमीडिएट किसी भी विषय से पास है, वो नामांकन करा सकती है. उन्होंने कहा प्रशिक्षण के दौरान नर्सिंग प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए छपरा सदर अस्पताल, पीएचसी एवं सीएचसी से भी अनुमति मिल गयी है. संस्थान का हेल्पलाइन नंबर 8434488994, 9430496162 और वेबसाइट www.krnursingcollege.com

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Chhapra: छपरा शहर को जलजमाव से निजात दिलाने का स्थानीय सांसद श्री राजीव प्रताप रुडी का प्रयास अब रंग लाया है . सांसद के प्रयास से खनुआ नाला की चौड़ाई और गहराई को बढ़ाकर इसका उन्नयन किया जाएगा.


बरसात व अन्य मौसम में शहर के मुख्य नाले के उन्नयन में केंद्र सरकार के 230 करोड़ की राशि के अतिरिक्त बिहार सरकार ने भी 30 करोड़ की राशि स्वीकृत की है. इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी ने राज्य सरकार के शहरी विकास एवं आवास मंत्री श्री सुरेश शर्मा से आग्रह किया था. 
 सांसद श्री रुडी के प्रयास से प्राचीन खनुआ नाले की गहराई बढ़ाने के साथ ही उसके जलनिकासी की क्षमता में वृद्धि की जायेगी ताकि शहर को जलजमाव से निजात दिलाया जा सके। इससे शहर में जल जमाव की स्थिति पूरी तरह से समाप्त हो जायेगी.

रविवार को शाम 4 बजे योजना का कार्यारंभ बिहार सरकार के मंत्री सुरेश शर्मा करेंगे. इस संदर्भ में सांसद श्री रुडी ने बताया कि प्रभुनाथ नगर से शहर के बीचोबीच होते हुए गंगा नदी तक खनुआ नाला के निर्माण व उन्नयन का प्रस्ताव है, जिसके लिए राशि स्वीकृत है. अब इसका कार्यारंभ करना है. कार्यक्रम में जिले के सभी माननीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित होंगे.

सांसद श्री रुडी के प्रयास से प्राचीन खनुआ नाले की गहराई बढ़ाने के साथ ही उसके जलनिकासी की क्षमता में वृद्धि की जायेगी ताकि शहर को जलजमाव से निजात दिलाया जा सके। इससे शहर में जल जमाव की स्थिति पूरी तरह से समाप्त हो जायेगी.

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Chhapra: छपरा से बनारस गंगा में डुबकी लगाने गयी  एक महिला गुम हो गई है. गुम हुई महिला शहर के प्रभुनाथ नगर निवासी रविन्द्र कुमार की 35 वर्षीय पुत्री कुसुम कुमारी बतायी जा रही है. बीते 3 मार्च को महाशिवरात्रि को वह अपने पिता और मा के साथ बनारस के दशाश्वमेघ घाट पर डुबकी लगाने गयी थी.
महिला के पिता ने बताया कि वह मानसिक रूप से बीमार है. उन्होंने बताया कि दशाश्वमेघ घाट पर डुबकी लगाने के बाद वह घाट पर बने चौकी पर बैठी थी. उसी समय बारिश आ गयी. जिससे घाट पर लोग इधर उधर भागने लगे. उसी समय से वह गुम हो गयी है.
महिला मानसिक रूप से पीड़ित है इस वजह से परिवार के लोग चिंतित हैं. महिला के पिता रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि उनकी बेटी का नाम कुसुम कुमारी है. काफी खोजबीन के बाद भी अभी तक उसका पता नहीं चल सका है. महिला के गुम होने की शिकायत बनारस में ही जनपद थाने में दर्ज करायी गयी है. यदि आपको कोई जानकारी मिले तो 9835255936 पर सम्पर्क करके जरूर बताएं.
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Chhapra: शहर के नगरपालिका चौक पर परिवर्तनकारी शिक्षक संघ सारण जिला इकाई द्वारा “समान कार्य समान वेतन” की मांग को लेकर शिक्षक अधिकार रैली का आयोजन किया गया. शिक्षक अधिकार रैली सह धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में जिले के 20 प्रखंड से हजारों महिला पुरुष शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लेते हुए शिक्षकों के अधिकार हक और हुकूक की आवाज को बुलंद किया. रैली में उपस्थित शिक्षकों ने एक स्वर में समान काम समान वेतन की मांग की. साथ ही एक ही विद्यालय में कार्यरत 2 शिक्षकों में सरकार द्वारा बनाई गई दोहरी नीति का पुरजोर विरोध किया गया.

धरने को संबोधित करते हुए परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार ने बिहार में एक नई शिक्षा प्रणाली लागू की और पूरे सूबे में कई स्तरों पर शिक्षकों का विभाजन कर दिया. जिस प्रकार अंग्रेजों ने देश में फूट डालो और राज करो की नीति को बढ़ावा दिया ठीक उसी प्रकार बिहार सरकार ने बिहार के विद्यालयों में नियमित, नियोजित, 34540, टीईटी सहित कई नामों से शिक्षकों को नौकरी देकर उनके बीच आपसी विभेद कर दिया. एक ही विद्यालय में शिक्षक एक साथ विद्यालय में आने वाले बच्चों को समान शिक्षा देते हैं, लेकिन सरकार इन शिक्षकों के वेतन में विसंगतियां पैदा कर उन्हें अलग थलग कर चुकी है. कई स्तरों पर शिक्षकों की हुई नियुक्ति के बाद उनमें हुए विभेद से सरकार का मनोबल भले ही बढ़ गया हो लेकिन शिक्षक अपने हक के लिए लड़ रहे हैं.

जिस पैसों से सूबे के विकास होना चाहिए सरकार ने उसे न्यायालय में लगाया

जिला सचिव संजय राय ने कहा कि समान काम समान वेतन की मांग को लेकर माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश द्वारा फैसला सुनाया गया लेकिन सरकार ने उसे नहीं माना. जिसके कारण शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ा. माननीय न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले पर सुनवाई की जिस पैसों से सूबे के विकास होना चाहिए सरकार ने फिजूल में पैसा और समय दोनों न्यायालय में लगाया. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई और अंततः समान काम समान वेतन को लेकर फैसला सुरक्षित है. शिक्षक फैसले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन वहां भी सरकार ने अपना आचरण दिखा दिया है. राष्ट्रपति का कहना है अगर कहीं किसी भी न्याय में अगर देरी होती है, फैसला नहीं सुनाया जाता है तो इसका मतलब है कि उसके पीछे कोई ना कोई रणनीति बनाई गई है. आज समान वेतन समान कार्य के फैसले के लिए शिक्षक इंतजार कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है.

नियोजित शिक्षकों को सरकार ने हमेशा किया प्रताड़ित

जिला उपाध्यक्ष मुकेश कुमार ने कहा कि बिहार सरकार ने हमेशा से ही शिक्षकों को प्रताड़ित किया है. सुबे में कार्यरत अप्रशिक्षित नियोजित शिक्षकों को काफी प्रयास के बाद डी एल एड (ओडीएल) प्रशिक्षण कराने की पहल की गई प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ. लेकिन जो प्रशिक्षण 2 वर्षों में पूरा किया जाना था उसे पूरा करने में सरकार को 5 साल लग गए. परीक्षा देने के बावजूद शिक्षक परिणाम प्रकाशन के इंतजार में है. सरकार की इस दोरंगी नीति को समाप्त करने के लिए परिवर्तनकारी शिक्षक संघ हमेशा सड़क पर खड़ा है. शिक्षकों के मान सम्मान हक के लिए वह हमेशा आगे खड़ा है. समान काम समान वेतन सरकार को हर हाल में देना होगा. इसके लिए राष्ट्रपति तक जाने के लिए सभी अग्रसर हैं.

शिक्षकों को मिले ई एल, महिलाओं को 180 दिन मातृत्व अवकाश

वहीं धरने को संबोधित करते हुए सूर्यदेव सिंह ने कहा कि सरकार ने प्रारंभ से ही नियोजित शिक्षकों के साथ जो भेदभाव की आधारशिला रखी है उसे हमेशा ही सरकार द्वारा बरकरार रखा गया है. सूबे के सभी सरकारी कार्यालयों में चाहे वह नियमित हो या कॉन्ट्रैक्ट पर वहाँ कार्य करने वाली महिलाओं को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया जाता है लेकिन नियोजित शिक्षकों को इसमें भी विभेद देखना पड़ा. सरकार ने राज्य के कॉन्ट्रैक्ट कर्मियों को 60 दिन का इएल दे दिया, पीएफ का खाता खुल गया लेकिन नियोजित शिक्षकों के हक में सरकार ने किसी तरह का कोई भी ऐलान नहीं किया. जिससे कि उसकी दोरंगी नीति और उसकी मंशा शिक्षकों के प्रति स्पष्ट दिख रही है.

स्नातक ग्रेड में प्रोन्नति और शिक्षकों का हो स्थानांतरण

वही अशोक यादव ने कहा कि स्नातक ग्रेड में शिक्षकों को जल्द से जल्द प्रोन्नति दी जाए. साथ ही साथ 10 वर्षों से अधिक की सेवा करने वाले शिक्षकों का स्थानांतरण भी करें. जिससे कि महिला शिक्षिका एवं पुरुष शिक्षकों को लाभ मिले.

धरने के उपरांत जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सूबे के मुख्यमंत्री को सात सूत्री मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा गया.

इसके अलावे धरना को प्रवक्ता संजय राय, मांझी अध्यक्ष हवलदार मांझी, एकमा अध्यक्ष सुमन प्रसाद कुशवाहा, एकमा 2 के जयप्रकाश तिवारी, लहलादपुर के अनुज राय, बनियापुर के विनोद राय, मसरख के प्रमोद सिंह, इसुआपुर के अशोक यादव, पानापुर के जितेंद्र सिंह, मकेर के निजाम अहमद, मढ़ौरा के सूर्यदेव सिंह, तरैया के रंजीत सिंह, अमनौर के अजीत पांडे एवं नीरज शर्मा, परसा के उमेश राय, दरियापुर के अनिल राय, दिघवारा के संतोष सिंह, सोनपुर के राहुल रंजन, नगरा के विनायक यादव, रिवीलगंज के अनिल कुमार दास ने भी संबोधित किया.

कार्यक्रम में अभय सिंह, अरुण सिंह, राजीव सिंह, स्वामीनाथ राय, सुलेखा कुमारी, सरिता कुमारी, संजू देवी, सुलोचना, सुमन कुशवाहा, उपेंद्र यादव, सतीश सिंह, उपेंद्र साह, अभिषेक बाबा, विजेंद्र सिंह, विनोद विद्यार्थी, लाल बहादुर राय, मंटू मिश्रा, मनोज राम, सुनील कुमार सैनी, एहसान अंसारी, नरेंद्र राय, एजाज, फिरोज, अजय राम, जितेंद्र राम सहित हजारों लोगों ने भाग लिया.

जल्द सुनाया जाए समान काम समान वेतन का फैसला

 राष्टपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा गया ज्ञापन

 डीएलएड ओडीएल परीक्षा का परिणाम का हो प्रकाशन

 नवप्रशिक्षितों के वेतन निर्धारण के साथ हो वेतन भुगतान

 स्नातक ग्रेड में हो नियोजित शिक्षकों की प्रोन्नति

 नियोजित शिक्षकों का हो स्थानांतरण

 महिला शिक्षकों को मिले 180 दिन का मातृत्व अवकाश

 नियोजित शिक्षकों को भी मिले ई एल और पीएफ की सुविधा

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Chhapra: सारण में 500 करोड़ की लागत से CNG, PNGगैस पाइपलाइन बिछाई जानी है. इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह गैस एलपीजी सिलेंडर के मुकाबले सस्ती होगी. गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट की स्वीकृति मिलने के बाद छपरा के एकता भवन में शुक्रवार को सिटी गैस डिसटीब्यूशन अवेयरनेस कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने फोन पर सारण के लोगों को किया सम्बोधित

छ्परा में CNG से चलेंगी गाड़ियां, 40 CNG स्टेशन का होगा निर्माण

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान में मोबाइल फोन पर कॉल के जरिए सारण के लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि घरेलू इंधन पाइप से लोगों के घरों में पहुंचने लगा तो सिलेंडर का भी झंझट खत्म हो जाएगा. फोन पर उन्होंने कहा कि सारण जिले में चलने वाली गाड़ियां, चार पहिया वाहन और कारें, बसें, माल ढुलाई वाले वाहन भी CNG से चलेंगे. सीएनजी पेट्रोल-डीजल के मुकाबले सस्ता है. जिससे हर दिन 100 से ₹200 का बचत होगा.

उन्होंने कहा कि यदि एक ऑटो वाला महीने में 10,000 कमाता है. यदि वह अपना ऑटो सीएनजी से चलाएगा तो उसे महीने का 4 से ₹5000 एक्स्ट्रा इनकम होगा. इस पैसे का इस्तेमाल वह परिवार के किसी और कार्य मे कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिहार के 38 में से 27 जिलों में पाइप लाइन से गैस पहुंचाना है.

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Sonpur: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सोनपुर रेलवे स्टेशन पर महिला रेल कर्मियों के सम्मान में उन्हें सोनपुर स्टेशन पर ट्रेनों का परिचालन का जिम्मा दिया गया. इस दौरान एक महिला ड्राइवर को मेमू ट्रेन भी चलायी. इसके अलावा आरआरआई कंट्रोल के साथ अन्य कंट्रोल का ज़िम्मा सोनपुर रेलवे स्टेशन पर महिलाओं को एक दिन के लिए सौंपा सौंपा गया. महिला कर्मियों जिम्मेदारी को मिलने के बाद अपने कार्यों का निर्वहन बखूबी किया. डीआरएम सोनपुर ने दी.

इस अवसर पर सोनपुर मंडल में कार्यरत कर्मचारियों के कक्षा नवम एवं दशम में अध्ययनरत छात्रा पुत्री को कुल 64 साइकिल का वितरण मंडल रेल प्रबंधक अतुल्य सिन्हा द्वारा किया गया. 

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Chhapra: अंतराष्ट्रीय दिवस के मौके पर द-एक्सपर्ट जोन द्वारा दी-फेमिनिटी अवार्ड -सारण की बेटी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में सारण जिले के लगभग प्रत्येक प्रखंडों से उन बेटियों का चयन किया गया था जो अपनी व्यक्तिगत जिंदगी के साथ साथ समाजिक कार्यों के प्रति सक्रिय हैं. इस दौरान सारण की बेटियों को सम्मानित किया गया. जिसमें अंकिता, फुलवंती देवी, रौशनी, रचना पर्वत, अनिशा, ममता, संध्या, अपराजिता, प्रियंका सिंह, प्रियंका कुमारी, रश्मी सिंह, शशी, पिंकी, सलोनी,राजश्री, मीना, नेहा और विभा श्रीवास्तव रहीं.

इस दौरान आर्ट गैलरी कला पंक्ति की टीम की प्रस्तुति ने एक बार फिर से अपनी कला का प्रदर्शन कर के लोगों का दिल जीतने में आगे रही. कलापंक्ति के सभी बच्चियों को मुख्य अतिथि द्वारा मेडल पहनाकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का मंच संचालन राईटर अड्डा के सुप्रीत शरण ने किया और कार्यक्रम के सफल होने के बाद दी-एक्सपर्ट जोन की संरक्षीका डॉ प्रियंका शाही ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा कि दी-एक्सपर्ट जोन पूरी तरह से बेटियों के लिए समर्पित है और समय समय पर इस तरह के आयोजन करते रहेगी, इससे
बेटियों का मनोबल और बढ़ेगा और दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी.

इस से पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत द्वीप जलाकर एवं पुलवामा में शहीद 40 जवानों को याद करके किया गया. आज के इस समारोह के मुख्य अतिथि बॉलीवुड एक्टर सह डायरेक्टर सत्यकाम आनंद थे. साथ ही साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में पटना की टीम शिक्षा पे चर्चा के सिनियर मेंटर्स दिनेश कुमार, प्राईवेट स्कूल एसोशियसन की अध्यक्ष सीमा सिंह मौजूद थी. 

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Chhapra: कहा जाता है कि पुरुष की सफलता के पीछे महिला का हाथ होता है. महिला अपने परिवार के लिए अपनी प्रोफेशनल लाइफ छोड़कर पति का हाथ बंटाने लगे तो सफलता निश्चित हो जाती है. कुछ ऐसा ही छपरा की चांदनी प्रकाश ने अपने पति के लिए किया.

महिला त्याग का प्रतिक होती है और अपने परिवार के लिए किसी भी तरह की जिम्मेवारी को निभाने के लिए तैयार रहती है. चांदनी ने भी ऐसा ही किया. बेंगलुरु में 6 लाख सालाना पैकेज पर आईटीसी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत चांदनी ने छपरा के स्वर्ण व्यवसायी अरुण प्रकाश से शादी के बाद नौकरी छोड़ दी. अच्छी खासी सैलरी मिलने के बावजूद उन्होंने जॉब छोड़कर छपरा में अपने पति के साथ उनके ज्वेलरी शॉप पर हाथ बटाना ही सही समझा. दोनों ने साथ साथ अपने प्रतिष्ठान को छपरा में एक अलग मुकाम तक पहुंचाया है. हम बात कर रहे हैं शहर के हथुआ मार्केट स्थित प्रकाश ऑर्नामेंट्स की ऑनर अरुण प्रकाश और उनकी पत्नी चांदनी प्रकाश की.

चांदनी ITC कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी. कोलकाता जैसे मेट्रोपॉलिटन सिटी में जन्मी चांदनी शुरू से ही महानगरों की चकाचौंध में पली बढ़ी. सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद 2012 में उन्हें बैंगलोर में आईटीसी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर नौकरी मिली. इसके बाद उन्होंने NVDIA जॉइन किया. 2015 में फिर से उन्होंने ITC जॉइन कर लिया. उस समय सालाना पैकेज लगभग 6 लाख था.

चांदनी बताती है कि 2016 में उनकी शादी छपरा के अरुण प्रकाश से तय हो गई. शादी के बाद उन्हें जॉब छोड़कर छपरा जैसे छोटे शहर में आना पड़ा समय. 2 महीने बाद उनके पति ने हथुआ मार्केट में प्रकाश ऑर्नामेंट के नाम से ज्वेलरी शॉप खोली.

उन्होंने बताया कि घर में मेरा मन नहीं लगता देख मेरी Mother-in-Law ने मुझे भी दुकान पर जाने को कहा करती. धीरे धीरे मैं वहां रोज जाकर बैठने लगी. वहां मैं बिलिंग सॉफ्टवेर के साथ टेक्निकल कार्यों में हाथ बटाने लगी. धीरे धीरे दुकान चलाना भी सीख लिया. अब हम दोनों मिलकर एक साथ दुकान चला लेते हैं. हम दोनों की मेहनत से हमारी दुकान एक अलग ही मुकाम पर पहुंची है.

चांदनी बताती हैं कि

एक बड़े मेट्रोपोलिटन सिटी से निकलकर छोटे शहर में आकर सेटल होना बहुत कठिन था. बेंगलुरु से नौकरी छोड़कर छपरा आना इतना आसान नहीं था. वहां के मुकाबले यहां चीजें अलग बिल्कुल थी. शुरुआत के 2 महीने बहुत मुश्किल से गुजरे. समय मानो रुक सा गया था. लेकिन अब इसी शहर ने मुझे और मेरे पति को एक अलग पहचान दिलायी है. हालांकि समय बीतने के साथ खुद को यहां सेट कर चुकी हूँ.

जॉब के दौरान बच्चों की नहीं होती है सही पैरेंटिंग
चांदनी बताती हैं कि जॉब छूटने का उन्हें कोई गम नहीं है. अपने अनुभवों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जब वो जॉब करती थी तब उनके जिन दोस्तों की शादी हो चुकी थी वे अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर पाते थे. जब वो आफिस आते थे तब अपने बच्चे को क्रेचेस में छोड़ कर जाते थे. लेकिन यहां कम से कम बच्चे सामने तो रहते हैं.

चांदनी ने अपने पति और परिवार के लिए जो त्याग किया है. नौकरी के बाद अब वे अपने पति का बिजनेस बखूबी संभाल रही है. वह अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणादायक है.

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