Chhapra:  शादियों का मौसम शुरू होने वाला है. ऐसे मेंं सोने और चांदी के गहनों की बिक्री बढ़ जाता है. बिक्री बढ़ने के साथ सरांफ़ा बाजार में गहनों के दामों में भी तेजी आई है.

सोना और चांदी के भाव अचानक तेजी से उछल गये. चांदी का भाव 2000 रुपये प्रति किलो बढ़ गया तो सोना के भाव में भी 750 रुपये प्रति 10 ग्राम की उछाल आई. इसके पीछे बड़ा कारण शादी-विवाह के लग्न की मांग को माना जा रहा है. 14 नवंबर से वैवाहिक मुहूर्त शुरू होने वाले हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सोना-चांदी की मांग और बढ़ेगी, जिस कारण उनके दाम भी और बढ़ेंगे.

छठ महापर्व के दो दिवसीय अवकाश के बाद शुक्रवार को सराफा बाजार भारी बढ़त के साथ खुला. चांदी का भाव 2000 रुपये प्रति किलो बढ़कर 68,000 रुपये पर पहुंच गया. इसी तरह सोना बिठूर का भाव 750 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 50,500 रुपये पर पहुंच गया. सोना 22 कैरेट का भाव भी 750 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 50,350 रुपये पर पहुंच गया. अचानक इस बड़ी तेजी का कारण शादी-विवाह के लग्न की मांग है.

नवंबर एवं दिसंबर के दौरान शुभ मुहूर्त कम हैं, लेकिन शादियों की संख्या ज्यादा है. बाजार सूत्रों का कहना है कि कोरोना के कारण वर्ष 2020 से ही शादियां टल रहीं हैं. तीन सीजन की शादियां टलीं हैं, इसलिए बाजार का आकार भी तीन गुना बढ़ा है. आभूषणों की बिक्री में तीन गुना ग्रोथ की वजह से सोना और चांदी की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.

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Patna: राज्य के सरकारी विद्यालयों में पंचायती राज और नगर निकायों के लेकर माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत साढ़े तीन लाख शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन में इजाफा हुआ है. अब उनके 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन के भुगतान हेतु जल्द ही वेतन निर्धारण होगा. वेतन निर्धारण आनलाइन कैलकुलेटर से होगा. आनलाइन कैलकुलेटर तैयार कराया जा रहा है.

शुक्रवार को शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 15 प्रतिशत बढ़े हुए वेतन का भुगतान एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से होगा. एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से शिक्षकों के मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि होगी. यहां बता दें कि पंचायती राज और नगर निकायों के विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए 5,200 से 20,200 के वेतनमान के साथ ग्रेड पे क्रमश: 2,000, 2,400 एवं 2,800 लागू है. यह भी प्रविधान है कि उन्हें समय-समय पर राज्य सरकार के कर्मियों के अनुरूप घोषित महंगाई भत्ता, चिकित्सा भत्ता, मकान किराया भत्ता एवं देय वार्षिक वेतन वृद्धि देय होगा. साथ ही ग्रेड पे की देयता उनकी सेवा के दो वर्ष पूरा होने के बाद देय होगा. शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए पे-मैट्रिक्स तय है. इस बीच शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के वर्तमान वेतन संरचना में सुधार के लिए राज्य सरकार ने एक अप्रैल, 2021 के प्रभाव से उनके मूल वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि का आदेश 29 अगस्त, 2020 को जारी किया था. उसके बाद वेतन निर्धारण के लिए गत मार्च में फाइल वित्त विभाग को भेजी गई थी. वित्त विभाग के परामर्श के बाद शिक्षा विभाग ने वेतन निर्धारण का आदेश जारी किया है.

शिक्षा विभाग तैयार कर रहा आनलाइन कैलकुलेटर

आदेश के मुताबिक पे मैट्रिक्स के तहत शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के मूल वेतन में 1.15 से गुणा कर जो राशि आएगी, उसे पे मैट्रिक्स के सापेक्ष अथवा ठीक ऊपर के लेवल के अनुसार निर्धारित करते हुए एक अप्रैल, 2021 से वित्तीय लाभ अनुमान्य होगा. वेतन निर्धारण के लिए शिक्षा विभाग आनलाइन कैलकुलेटर तैयार कर रहा है.

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Patna :  बीपीएससी द्वारा राज्य के प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सृजित 45,852 पदों पर प्रधानाध्यापकों की बहाली को लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है. इनमें 40,518 प्रधान शिक्षक और 5,334 प्रधानाध्यापक के पदों पर नियुक्ति की अधियाचना भेजने की तैयारी है. शिक्षा विभाग को संबंधित पदों पर बहाली के लिए अधिकांश जिलों से आरक्षण संबंधी रोस्टर क्लियरेंस की रिपोर्ट आ गई है. जिन जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली है उनके जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को अविलंब देने को कहा गया है.

प्रारंभिक विद्यालयों में पहली बार प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. इसी तरह नवस्थापित माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों में भी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति होनी है, जो लिखित परीक्षा के आधार पर होगी. नियुक्त होने वाले प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक सीधे शिक्षा विभाग के अधीन होंगे. शिक्षा विभाग के मुताबिक सृजित पदों का सभी 38 जिलों के बीच बंटवारा करते हुए रोस्टर क्लियरेंस के निर्देश के साथ जिलों को भेजे गये थे. इसकी रिपोर्ट 23 अक्तूबर तक ही मांगी गयी थी. लेकिन, मियाद पूरी होने के बावजूद सभी जिलों ने रिपोर्ट नहीं भेजी थी. इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा पदाधिकारियों एवं जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को रोस्टर क्लियरेंस रिपोर्ट देने को कहा है.

प्रधान शिक्षकों के जिलावार पदों की संख्या

अररिया में 1327, अरवल में 335, औरंगाबाद में 1093, बांका में 1220, बेगूसराय में 738, भागलपुर में 902, भोजपुर में 1139, बक्सर में 651, दरभंगा में 1424, पूर्वी चंपारण में 1914, गया में 1697, गोपालगंज में 1055, जमुई में 828, जहानाबाद में 547, कैमूर में 612, कटिहार में 1115, खगडिय़ा में 544, किशनगंज में 812, लखीसराय में 473, मधेपुरा में 810, मधुबनी में 1883, मुंगेर में 536, मुजफ्फरपुर में 1632, नालंदा में 1352, नवादा में 963, पटना में 1984, पूर्णिया में 1354, रोहतास में 1271, सहरसा में 754, समस्तीपुर में 1540, सारण में 1436, शेखपुरा में 247, शिवहर में 216, सीतामढ़ी में 1107, सिवान में 1209, सुपौल में 1047, वैशाली में 1112, पश्चिम चंपारण में 1639 पद.

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Chhapra: सारण के प्रमंडलीय आयुक्त पूनम की अध्यक्षता में बिहार में लागू शराबबंदी कानून के तहत पूरे प्रमंडल में की जा रही कार्रवाई की समीक्षात्मक बैठक कार्यालय कक्ष में आहूत की गई. बैठक में विशेष रूप से भाग लेने हेतु पटना से उत्पाद आयुक्त सह निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी शामिल थे. उनके साथ वरीय पुलिस पदाधिकारी भी थे.

बैठक में उत्पाद आयुक्त ने प्रमंडल के तीनों जिलों के जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को बिहार में लागू शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करवाने हेतु हर संभव प्रयास करने को कहा. इसके लिए पूरे प्रमंडल में व्यापक प्रचार प्रसार अभियान की शुरुआत करने को कहा गया, नए चेकिंग पॉइंट बनाने के साथ-साथ महत्वपूर्ण जगहों पर नए सीसीटीवी कैमरा एवं आवश्यकतानुसार ड्रोन की सहायता से भी गैर कानूनी ढंग से शराब को बनाने व बिक्री करने वालों पर नकेल कसने का निर्देश दिया गया. नदी के रास्तों पर भी नजर रखने हेतु गश्ती के लिए नाव लेने का भी निर्देश दिया गया.

प्रमंडलीय आयुक्त ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर शराब के अवैध कारोबार में लगे अराजक तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा. दोषियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाएगी. सरकार अवैध शराब कारोबारियों पर त्वरित कार्रवाई करने की मंशा रखती है.

बैठक में डीआईजी सारण प्रमंडल, प्रमंडल के तीनों जिला के जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक, विशेष शाखा के पदाधिकारी उपस्थित थे.

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Chhapra:  सारण पुलिस को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है. पुलिस ने दर्जन भर कांडों में वांटेड कुख्यात शराब माफिया बजरंगी सिंह उर्फ संदीप सिंह को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है.  सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के निर्देश पर गठित पुलिस टीम द्वारा जिलान्तर्गत मद्यनिषेध के लगभग दर्जन भर कांडों में करीब 02 वर्ष से वांछित कुख्यात शराब कारोबारी बजरंगी सिंह उर्फ संदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया.

गिरफ्तार बजरंगी सिंह उर्फ संदीप सिंह के द्वारा पुछताछ में जिलान्तर्गत अवैध शराब के कारोबार के सम्बंध में दर्ज कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की गई है. इसके विरुद्ध अरवल जिला के कलेर थाना में 3800 ली० स्प्रीट के कारोबार के सम्बंध में भी कांड दर्ज है. उसके पास से 35500 रूपये बरामद किया गया है. इसके बयान पर पुलिस अन्य कारोबारियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. पुलिस टीम में पु०नि० विमल कुमार सिंह के द्वारा अपने थाना के अन्य पुलिस पदाधिकारी के साथ मिलकर कार्रवाई की गई.

बजरंगी सिंह उर्फ संदीप सिंह का अबतक अपराधिक इतिहास

नगर थाना कांड सं0-539 / 16 दिं0- 19.01.16
नगर थाना कांड सं0-27 / 17 दिं0-25.01.17
नगर थाना कांड सं0-190/18 दिं०- 12.04.18
नगर थाना कांड सं0-11/19 दि0 – 06.01.19
नगर थाना कांड सं0-748/19 दिं०- 06.01.19
नगर थाना कांड सं0-414/20 दिं०- 06.08.20
नगर थाना कांड सं०-415 / 20 दिं0- 06.08.20
नगर थाना कांड सं0-305/21 दिं0-05.06.21
कलेर (अरवल) थाना कांड सं0-65/20
रिविलगंज थाना कांड सं0-264/17

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Chhapra: नेशनल माइनारटीज फॉर्म की एक वेबीनार जुम्म के माध्यम से महान स्वतंत्रता सेनानी भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब की 133 में जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित की गई। वेबीनार में बतौर मुख्य अतिथि नेशनल माइनॉरिटी फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शकील उज्जमान अंसारी ने मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के जीवनी पर विस्तृत रूप से चर्चा की और उन्होंने कहा कि मौलाना साहब न केवल है बुद्धिजीवी पत्रकार व लेखक थे बलके के वह एक बहुत बड़े विद्वान थे आज की परिस्थिति में मौलाना साहब की प्रासंगीता और बढ़ जाती है।


मौलाना साहब का यह मानना था कि कोई भी समाज या वर्ग उस वक्त तक प्रगति व उन्नति नहीं पा सकता है जब तक के उसके अंदर शिक्षा की जागरूकता नहीं हो।
ऐसे में मौलाना साहब को एक सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम आज अपने आसपास व समाज के लोगों को शिक्षित करने की कसम उठाएं। उन्होंने कहा कि मौलाना साहब जो इस देश के लिए किया है वह अतुलनीय और आज के दौर में मौलाना साहब के बताए हुए रास्ते पर चलकर ही हम सशक्त हो सकते हैं।

मौलाना साहब को खेराज ए अक़ीदत पेश करने वालों में खुर्शीद अनवर, शकील अहमद अंसारी, मोहम्मद रईस, नसीम एकता, राशिद चौधरी, मिर अशरफ हुसैन, नईम अंसारी, जावेद अंजुमन, मोहम्मद मेराज आलम, अख्तर हुसैन, एकबाल हुसैन फौवाद अंसारी प्रमुख हैं।

उक्त जानकारी नेशनल माईनाॅरिटी फ़ोरम के प्रवक्ता नदीम अख्तर अंसारी ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी है।

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•विश्व निमोनिया दिवस के अवसर पर बचाव की दी गयी जानकारी

•राज्यस्तर से वेबिनार के माध्यम से लॉन्च सह उन्मुखीकरण बैठक आयोजित

•पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 14 से 15% मौतें निमोनिया के कारण

•वर्ष 2025 तक निमोनिया के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने का लक्ष्य

Chhapra: बच्चों एवं माताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कई पहल किए गए हैं। संस्थागत प्रसव एवं यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम जैसे कई स्वास्थ्य कार्यक्रम मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की बुनियाद को मजबूत कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। इसके पीछे निमोनिया को लेकर सामुदायिक जागरूकता बढ़ाना है। निमोनिया की सही समय पर पहचान न होने से शिशुओं को बेहतर इलाज प्राप्त होने में देरी हो जाती है, जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो जाता है। निमोनिया के लक्षणों की सही समय पर पहचान होने से निमोनिया के कारण बच्चों में होने वाली मौतों में कमी लायी जा सकती है। बच्चों में होने वाले न्यूमोनिया दर में कमी लाने एवं समुचित उपचार के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली (सांस) कार्यक्रम का आरंभ किया गया। इस क्रम में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देश दिया गया कि 12 नवंबर 2021 से विश्व निमोनिया दिवस से 28 फरवरी 2022 तक सांस अभियान आयोजित किया जाना है। विदित हो कि प्रतिवर्ष 15 नवंबर से 21 नवंबर तक नेशनल न्यू बोर्न वीक मनाया जाता है स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस वर्ष नेशनल न्यू बोर्न वीक का थीम “सेफ्टी क्वालिटी एंड न्यूट्रिन केयर बर्थ राइट ऑफ एवरी न्यू वन” निर्धारित किया गया है। सांस अभियान 2021 तथा नेशनल न्यू बोर्न वीक के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए शुक्रवार को राज्य स्तर से वेबिनार के माध्यम से लांच उन्मुखीकरण बैठक आयोजित किया गया।
‘सांस’ कार्यक्रम बच्चों को निमोनिया से दिलाएगी राहत
सिविल सर्जन डॉ जेपी सुकुमार ने बताया कि निमोनिया के कारण बच्चों में होने वाली मौतों को सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसको लेकर केंद्र सरकार द्वारा सांस (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रीलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य निमोनिया के दंश से बच्चों को सुरक्षित करना है । बिहार के दो जिलों में इसकी शुरुआत हो चुकी है एवं आने वाले समय में अन्य जिलों में भी इसका क्रियान्वयन किया जायेगा।
पांच साल से कम उम्र के बच्चों में 14 से 15% मौतें निमोनिया के कारण
डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि यदि बिहार में शिशु मृत्यु दर एवं नवजात मृत्यु दर की बात की जाए तो पिछले कुछ वर्षों में इसमें कमी भी आई है। सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे के मुताबिक बिहार की शिशु मृत्यु दर 3 अंक घटकर राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गयी है। वर्ष 2017 में बिहार की शिशु मृत्यु दर 35 थी, जो वर्ष 2018 में घटकर 32 हो गयी। बिहार की नवजात मृत्यु दर पिछले 7 वर्षों से 27-28 के बीच लगभग स्थिर थी। लेकिन वर्ष 2018 में 3 पॉइंट की कमी आई है। बिहार की नवजात मृत्यु दर जो वर्ष 2017 में 28 थी, वर्ष 2018 में घटकर 25 हो गयी। यह एक सकारात्मक संकेत हैं। पांच साल से कम आयु के बच्चों में 14 से 15% मौतें सिर्फ़ निमोनिया के कारण हो जाती है। इसलिए निमोनिया प्रबंधन पर ध्यान देना काफी जरूरी है। इसके लिए प्रोटेक्ट, प्रीवेंट एवं ट्रीट मोड पर अधिक बल देने की जरूरत है। निमोनिया से बचाव के लिए पीसीवी का टीका निमोनिया से बच्चों को प्रीवेंट कर सकते हैं। वहीँ हाउस होल्ड स्तर पर वायु प्रदूषण में कमी लाकर निमोनिया को प्रीवेंट किया जा सकता है, साथ ही एंटीबायोटिक एवं ऑक्सीजन थेरेपी से निमोनिया को ट्रीट किया जा सकता है।

वर्ष 2025 तक निमोनिया के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने का लक्ष्य
पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निमोनिया गंभीर रोगों में शामिल है। आईएपीपीडी (इन्डियन एसोसिएशन ऑफ़ पार्लियामेंटेरियनस ऑन पापुलेशन एंड डेवलपमेंट) ने वर्ष 2025 तक 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया से होने वाली मृत्यु दर को प्रति 1000 जीवित जन्म 3 से भी कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं वर्ष 2010 की तुलना में वर्ष 2025 तक निमोनिया की गंभीरता में 75% कमी लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य एवं पोषण दोनों बच्चे को निमोनिया से सुरक्षित रखने में भूमिका निभाते हैं। निमोनियाका टीका (पीसीवी) एवं नवजात संक्रमण प्रबंधन के द्वारा 30% बच्चों की जान बचायी जा सकती है। वहीं स्तनपान निमोनिया का उचित उपचार एवं स्वच्छ पेय जल के माध्यम से 36% शिशुओं को सुरक्षित किया जा सकता है।

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• आशा कार्यकर्ता समुदाय स्तर पर चलायेंगी जागरूकता अभियान
• एसएनसीयू से डिस्चार्ज शिशुओं की समुदायस्तर पर होगी निगरानी
• उच्च जोखिम वाले शिशुओं की होगी लाइन-लिस्टिंग

Chhapra: जिले में शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए विभाग कृत संकल्पित है। इसको लेकर तमाम सुविधाओं में बढ़ोतरी भी की जा रही है। इसी कड़ी में 15 से 21 नवंबर तक जिले में नवजात शिशु सप्ताह मनाया जायेगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। प्रति वर्ष 15 से 21 नवंबर को राष्ट्रीय नवजात सप्ताह मनाया जाता है। एसआरएस 2018 के अनुसार राज्य का नवजात मृत्यु दर 25/1000 जीवित जन्म है। एसडीजी का लक्ष्य 2030 तक नवजात मृत्यु दर 12/1000 जीवित जन्म तथा नेशनल हेल्थ पॉलिसी का लक्ष्य 2025 तक नवजात मृत्यु दर 16 / 1000 जीवित जन्म है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु बिहार सरकार सतत प्रयासरत है। प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी नेशनल न्यू बोर्न वीक का आयोजन किया जाना है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इस वर्ष का थीम “सेफ्टी, क्वालिटी एंड न्यूट्रिंग केयर बर्थ राइट ऑफ एवरी न्यू बोर्न” रखा गया है। राष्ट्रीय नवजात सप्ताह की गतिविधियों के दौरान कोविड अनुरूप नियमों का पालन भी सुनिश्चित किया जायेगा।

ई-लंचिंग के माध्यम से होगा शुभारंभ
राष्ट्रीय नवजात सप्ताह का शुभारंभ 15 नंबवर को ई-लंचिंग के माध्यम से किया जायेगा। जिलास्तर पर जिलाधिकारी या सिविल सर्जन के द्वारा शुभारंभ किया जायेगा। घर पर कंगारू मदर केयर जारी रखने और विशेष रूप से स्तनपान कराने पर एनबीएसयू/एसएनसीयू से छुट्टी दे दिए गए नवजात शिशुओं के परिवारों, देखभाल करने वालों का परामर्श चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा पहचाने गए उच्च जोखिम वाले गर्भधारण की निगरानी की व्यवस्था की जायेगी।
स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए जागरूक करेंगी आशा
राष्ट्रीय नवजात सप्ताह के दौरान आशा द्वारा सभी निर्धारित एचबीएनसी गृह भ्रमण की गुणवत्ता में सुधार के लिए आशा फैसिलिटेटर, एएनएमएस, सीएचओ या किसी अन्य ब्लॉक स्तर के अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा। प्रत्येक गृह भ्रमण में स्तनपान को बढ़ावा देना सुनिश्चित करें, नवजात शिशु का वजन करें, तापमान मापें, गर्मी सुनिश्चित करें, स्तनपान की समस्या के मामले में निदान और सलाह दें, हाथ धोने को बढ़ावा दें, त्वचा, नाल और आंखों की देखभाल करें और पहचान और तत्काल रेफरल सुनिश्चित करें।
कमजोर नवजात शिशुओं की तैयार होगा लाइन-लिस्टिंग
आशा और एएनएमएस द्वारा उच्च जोखिम वाले गर्भधारण और नवजात शिशु की सूची उप-केन्द्र स्तर पर अनुरक्षित की जायेगी। आशा द्वारा पालन किए जाने वाले और आशा द्वारा पर्यवेक्षण किए जाने वाले नवजात शिशुओं की सूची तैयार की जायेगी।

इन बिन्दुओं पर होगा विशेष जोर
• जन्म के समय कम वजन या बीमार नवजात एसएनसीयू/एनबीएसयू डिस्चार्ज किए गए बच्चे
• घर पर नवजात की डिलीवरी
• दुर्गम क्षेत्रों, दूर-दराज के गांवों में परिवार
• हाशिये पर रहने वाले वर्ग, प्रवासी, निराश्रित, मजदूर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, विकलांग, असंगठित/अनौपचारिक क्षेत्रों के श्रमिक आदि। घर जहां आशा मिलती है
• रेफरल के बारे में परिवारों को परामर्श देना मुश्किल है
• देखभाल की मांग या स्वस्थ प्रथाओं को अपनाने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं
• ऐसे परिवार जहां बालिकाओं को पर्याप्त ध्यान और देखभाल नहीं दी जाती है

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जोधपुर: शहर की चौपासनी हाऊसिंग बोर्ड पुलिस ने अवैध पिस्टल के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है। उसने इंस्टाग्राम आईडी पर हथियार लहराते हुए का फोटो डाला था। बाद में उस पर निगरानी रखे जाने पर गिरफ्तार कर लिया गया। हथियार के संबंध में पूछताछ की जा रही है।

थानाधिकारी लिखमाराम ने बताया कि मुखबिरी सूचना मिली कि पाल रोड भादू मार्केट के समीप एक युवक हाथ में डिब्बा लिए घूम रहा है उसके पास से अवैध हथियार बरामद हो सकता है। इस पर थाने की टीम ने दबिश दी और युवक गुलाब सागर पाबूनाडा जानादेसर झंवर निवासी महेंद्र सिंह पुत्र धीराराम जाट को गिरफ्तार कर उसके पास से पिस्टल को बरामद किया गया।

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Chhapra: महापर्व छठ की समाप्ति के पश्चात अब शहनाई की गूंज सुनाई देगी. लंबे अरसे बाद विवाह का मुहूर्त प्रारंभ होगा. जिसको लेकर उन घरों में उत्साह है जहां शहनाई गूँजेगी. साथ ही साथ सभी मांगलिक कार्य भी शुरू हो चुके है. अगले दो दिनों बाद यानी 14 नवंबर से ही शहनाई की गूंज सुनाई देने लगेगी. जिसके पूर्व के मांगलिक कार्य प्रारंभ हो चुके है.

कोरोना गाईडलाइन के यह पहला मौका होगा जब शादी विवाह के लिए अभी तक कोई दिशा निर्देश नही है यानी लोग खुल कर विवाह का आनंद उठाएंगे. हालांकि अब भी एहतिहात जरूरी है. इसके बावजूद तैयारियां जोरों पर है. 14 नवंबर से अगले माह दिसम्बर के 14 तारीख तक सभी मांगलिक कार्य सम्पन्न किये जायेंगे. इसके बाद खरमास लग जाता है.

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Chhapra: आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया.

नदी घाटों पर पहुँच श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया. वही कुछ लोगों ने अपने घरों के छतों पर बने कृत्रिम जलाशायों में अर्घ्य दिया. 

इस के बाद व्रतियों ने पारण किया और 36 घंटों से जारी व्रत संपन्न हुआ

 

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Chhapra: आस्था का महापर्व छठ बुधवार को अस्ताचलगामी भगवान को अर्घ्य देंने के साथ तीसरे दिन का अनुष्ठान संपन्न हो गया. व्रतियों ने तीसरे दिन संध्या समय मे भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया. भगवान से सुख शांति समृद्धि की कामना की. अब व्रतियों द्वारा गुरुवार को उदयीमान भगवान को अर्घ्य दिया जाएगा.

शहर से लेकर गांव तक महापर्व छठ में लोगों का हुजूम नदी घाट, तालाब, सरोवर पर जुटा था. महापर्व में संध्या अर्घ्य को लेकर व्रती अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ जुटे थे. व्रतियों ने पानी मे खड़े होकर हाँथो में कलसुप और उस कलसुप मे फल, फूल, पकवान, सहित ईख, मूली, नारियल, नीबू से भरे कलसुप से भगवान की आराधना की उसके बाद अर्घ्य देकर परिवार की उन्नत्ति और सुख शांति की कामना की.

सोनपुर में छठ घाट का नाव से निरीक्षण करते जिलाधिकारी

इस अवसर पर प्रशासन द्वारा विधि व्यवस्था के महत्वपूर्ण इंतेजाम किये गए थे. जिलाधिकारी राजेश मीणा ने सोनपुर में नाव से संध्या में छठ घाट का निरीक्षण किया. नदी घाटों पर गोताखोर और एनडीआरएफ की टीम निगरानी कर रही थी. वही ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतेजाम किये गए थे.

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