नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म, कुल 21 एजेंडों पर लगी मुहर

पटना : बिहार सरकार की मुख्य सचिवालय में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में चल रही कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कुल 21 एजेंडों पर मुहर लगाई गई.

नीतीश सरकार ने दिपावली के मौके पर सूबे के कर्मियों और पेंशन भोगियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने इनके महंगाई भत्ते में 4 फीसदी का इजाफा किया है. सरकार पहले राज्यकर्मियों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता देती थी जिसे बढ़ाकर 38 फीसदी कर दिया गया है. बढ़ी हुई महंगाई भत्ता एक जुलाई 2022 से देय होगा.

बताते चले कि केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पूर्व ही महंगाई भत्ते में वृद्धि की थी जिसके बाद राज्य सरकार ने भी इस वृद्धि को लागू कर दिया है.

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धनौरा गांव का मुख्य सड़क बदहाल, ग्रामीणों ने गाड़ी रोक किया प्रदर्शन

Chhapra: जिले के गरखा प्रखंड अंतर्गत मौजमपुर पंचायत के धनौरा गांव का मुख्य सड़क का हाल बदहाल हो चुका है. सड़क की इस स्थिति से धनौरा के साथ मौजमपुर, बलुआं, मुसेपुर, हसकरी, संठा, कंसदियर के लोगों को गरखा जाने के क्रम में काफी परेशानियां का सामना करना पड़ता है.

इसके साथ ही धनौरा, कोठियां, सोडागोदाम, कोठियां प्राण राय के टोला से प्रतिदिन बच्चें अलग-अलग विद्यालय जाने के क्रम में दुर्घटना होने से बचते हैं. हालांकि इस दौरान कई बच्चें गिर भी जाते है.

धनौरा बाजार जाने के क्रम में सड़क खराब होने के कारण बच्चे एवं बुढ़े आए दिन गिरते रहते हैं जिससे अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है.

इस ग्रामीण मुख्य सड़क से प्रतिदिन बालू लदे अवैध ओवरलोड ट्रैक्टर दर्जनों की संख्या में गरखा मकेर, भेलदी, अमनौर की ओर जातें हैं जिसके कारण भी सड़क काफी जर्जर हो चुकी है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर अवतारनगर थाना होने के बाद भी कोई प्रशासनिक पहल नहीं होती.

ग्रामीण‌ सह अभिकर्ता शंकर कुमार सिंह ने कहा कि वह इस सड़क से दिन भर मे चार पांच बार आता जाते है लेकिन मन में अनहोनी की आंशका बनी हुई रहती है.

वहीं अभिभावक सतेन्द्र सिंह का कहना है कि गांव में सम्पन्नता होने के बावजूद भी राजनीतिक उदासीनता के कारण गांव की स्थिति बदतर हो गई है.

गांव के सरपंच आदित्य सिंह दीक्षित ने बताया कि आए दिन ओवरलोड अवैध बालू ट्रेक्टर की आवाजाही एवं नाले की पानी निकासी नहीं होना ही समस्या का मुख्य कारण है.

ग्रामीणों ने बताया कि हमारे विद्यालय के सैकड़ों छात्र- छात्राएं सड़क के किचड़ पार कर आने को मजबूर हैं जिससे छात्रों के प्रति चिंता बनी रहती है.

इन सब परेशानियों को देखते हुए धनौरा गांव के ग्रामीणों ने सड़क के कीचड़ में ही प्रदर्शन कर अपना गुस्सा विभाग, राजनेता एवं सरकार को दिखाया. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर इस सड़क का निर्माण यथाशीघ्र नहीं किया गया तो बाध्य होकर और उग्र प्रदर्शन करने पर ग्रामीण मजबूर होंगे. जिसकी सारी जवाबदेही विभाग एवं प्रशासन की होगी.

प्रदर्शन में शामिल होने वालों में मुख्य रूप से सरपंच आदित्य सिंह दीक्षित, राजेश्वर उपाध्याय, शंकर कुमार सिंह, सतेन्द्र सिंह, श्याम किशोर सिंह, दीपक कुमार, उमेश शर्मा, संतोष सिंह शामिल थे.

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48वी जूनियर कबड्डी सलेक्शन प्रतियोगिता आयोजित

Chhapra: सारण जिला कबड्डी संघ द्वारा 48वीं जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए एक सलेक्शन प्रतियोगिता आयोजित की गई.

डॉ हरेंद्र सिंह के संरक्षण में खेल को आयोजित इस प्रतियोगिता का उद्घाटन संघ के उपाध्यक्ष विकास कुमार सिंह, उपाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सिंह, सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर किया.

कोषाध्यक्ष सभापति बैठा संयुक्त सचिव पंकज कश्यप द्वारा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन हेतु खेल मैदान में उपस्थित थे.

सारण जिला के सैकड़ों खिलाड़ी ने इस सलेक्शन प्रतियोगिता में भाग लिया. इस प्रतियोगिता के सेलेक्ट खिलाड़ी 48 जूनियर प्रतियोगिता में दिनांक 15 अक्टूबर से 16 अक्टूबर 22 तक गोपालगंज में भाग लेंगे. कबड्डी प्रतियोगिता में सारण, वैशाली, सीवान और गोपालगंज टीम भाग लेगी.

इस जोनल कब्बडी प्रतियोगिता में जो टीम विजई होगा वह टीम बिहार राज्य जूनियर प्रतियोगिता में भाग लेगा.

सारण जिला से जूनियर कबड्डी टीम के लिए निम्नलिखित खिलाड़ियों का चयन किया गया. जिसमे प्रिंस कुमार, अनिकेत कुमार, दीपक कुमार, सुमित कुमार, अंसराज, कुंदन कुमार मोनू कुमार, आशुतोष कुमार ,प्रिंस कुमार, धीरज कुमार, सेतु कुमार

उपरोक्त सभी खिलाड़ियों का चयन पंकज कुमार कश्यप, रामानुज कुमार और शिकू कश्यप, मयंक भदोरिया द्वारा किया गया.

इसके साथ ही कबड्डी संघ के सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने सभी खिलाड़ियों को अच्छे खेल खेलने गुरुमंत्र दिया और कहा कि आप लोग जोनल कब्बडी प्रतियोगिता में जीत कर आइए और अपने जिले का नाम रोशन करना है.

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Chhapra: श्री हनुमज्जयंती समारोह का 55 वां वार्षिक अधिवेशन श्री रामार्चा पूजन के साथ शुरू हो गया. ग्यारह दिवसीय वार्षिक अधिवेशन मारूति मानस मंदिर परिसर में प्रारंभ हुआ.

अयोध्या के गोविंद जी महाराज रामर्चा पूजन करायें. अयोध्या के छोटी छावनी के संत कमल नयन दास जी महाराज प्रवचन माला का उद्घाटन किया. संतों एवं उपदेशकों की मधुर एवं ओजस्वी वाणी से ओतप्रोत कथा रूपी अमृत का पान कर अपने जीवन को धन्य बनाने के शुभ अवसर से भक्तों को नहीं चूकने का अनुरोध समारोह से जुड़े अनिरूद्ध सिंह ने लोगों से किया है.

आयोजन समिति से जुड़े लोगों ने भक्तों से तन-मन एवं धन  से जयंती समारोह को सफल बनाने में सहभागिता सुनिश्चित होने पर जोर दिया है।

श्री हनुमज्जयन्ती समारोह समिति के प्रधान सचिव प्रो रणंजय सिंह व सचिव सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि 11 दिनों तक यह समारोह आयोजित होता है, जिसका समापन दीपावली के दिन होता है। छपरा में अंजनी पुत्र महावीर हनुमान का ननिहाल होने से भी इस कार्यक्रम को लोग उत्साह पूर्वक मनाने के लिए उत्सुक रहते है।

समारोह के लिए विशाल पंडाल का निर्माण किया गया है. जहाँ श्रद्धालु संतों की अमृतवाणी का रसपान करेंगे.

जिनमे देवरिया से श्री जगदगुरु श्री रामानुजाचार्य स्वामी श्री राजनारायणाचार्य  जी महाराज, अयोध्या से संत कमल नयन दास जी, श्री जगद्गुरु श्री रामानुजाचार्य स्वामी रत्नेश जी महाराज, हरदोई की सुश्री प्रज्ञा भारती गिरी उर्फ सन्यासिनी पंछी देवी,  खलीलाबाद से श्री वैराग्यनंद जी परमहंस, मध्यप्रदेश से श्री गोपाल शर्मा, छपरा से विद्या भूषण जी व मां अंबिका स्थान के श्री शिववचन जी शामिल हैं।

कार्यक्रम
प्रतिदिन सुबह नौ बजे श्री रामर्चा पूजन व कथा और संध्या में सात बजे से रात्रि 10 बजे तक संगीतमय भजनोत्सव,
14 अक्टूबर को सुबह 5:30 बजे से श्री अखंड हरिनाम संकीर्तन एवं अपराहन 4:00 बजे से भंडारा का आयोजन होगा.
प्रतिदिन 15 से 23 अक्टूबर तक श्री हनुमान जी का व अभिषेक गोदुग्धसे होगा.
रामचरितमानस का सामूहिक नवाह पारायण भी होगा. पुरुष सूक्त एवं श्री सूक्त से हवन भी होगा. दोपहर 2:00 बजे से संध्या 5:30 बजे व सायं 7:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक उपदेश एवं प्रवचनमाला का कार्यक्रम है.

23 अक्टूबर को श्री हनुमान जी का जलाभिषेक दोपहर में होगा. 5:30 बजे शाम में श्री हनुमान जी का सहस्त्रनाम पूजन एवं संध्या 6:30 बजे से दीपमाला जन्मोत्सव व बधैया का कार्यक्रम होगा. 24 अक्टूबर को श्री हनुमान जी की शोभायात्रा सुबह 9:30 बजे से निकाली जाएगी. 

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अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर विशेष

भारत में आपदा प्रबंधन : एक दिशा दृष्टि–प्रशांत सिन्हा 

आपदा प्रबंधन से तात्पर्य प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के दौरान जीवन और संपत्ति के संरक्षण से है।

हमारे देश में आपदा प्रबंधन अधिनियम 12 दिसंबर, 2005 को लोकसभा द्वारा और 28 नवंबर, 2005 को राज्य सभा द्वारा पारित किया गया था। इसे 23 दिसंबर, 2005 को भारत के राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई थी। इस अधिनियम में भारत के प्रधान मंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की स्थापना की गयी है। एनडीएमए में एक उपाध्यक्ष सहित एक बार में नौ से अधिक सदस्य नहीं होते हैं। इसके सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। एनडीएमए जिसे शुरू में कार्यकारी आदेश द्वारा 30 मई 2005 को स्थापित किया गया था, 27 सितंबर 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित किया गया । एनडीएमए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के साथ नीतियों, योजनाओं, दिशानिर्देशों, सर्वोत्तम प्रथाओं और समन्वय के लिए जिम्मेदार है। वहीं (एसडीएमए) आपदा प्रबंधन के लिए और आपदाओं के लिए एक ही समय पर, प्रभावी और समन्वित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए ज़िम्मेदार है। यह देश की योजनाओं को तैयार करने में राज्य के अधिकारियों द्वारा पालन किए जाने वाले दिशा-निर्देशों को निर्धारित करने के लिए भी जिम्मेदार है। यह एजेंसी गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। यह आपदा से निपटने और संकट की अवधि में क्षमता निर्माण पर भी ध्यान केंद्रित करती है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) भारतीय विशेष बल हैं, जिनका गठन एक खतरनाक आपदा स्थिति या आपदा के लिए विशेष प्रतिक्रिया के उद्देश्य से किया गया है। केंद्रीय बजट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रमुख मदों पर किया गया व्यय लगभग 1700 करोड़ था। वर्तमान में, केंद्र और राज्य सरकारें आपदा प्रबंधन पहल के लिए लागत साझा करती हैं। केंद्र और राज्यों के बीच लागत-साझाकरण पैटर्न है: (i) उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10, और (ii) अन्य सभी राज्यों के लिए 75:25। राज्य आपदा प्रबंधन कोष 1.6 लाख करोड़ रुपये में (केंद्र की हिस्सेदारी 1.2 लाख करोड़ रुपये) है। 1 जून 2016 को, भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी ने भारत की आपदा प्रबंधन योजना शुरू की, जो आपदाओं की रोकथाम, शमन और प्रबंधन के लिए एजेंसियों को सहायता और दिशा प्रदान करती है। आपदा प्रबंधन अधिनियम के लागू होने के बाद से यह राष्ट्रीय स्तर पर पहली योजना है। भारत अपनी अनूठी भू-जलवायु परिस्थितियों के कारण पारंपरिक रूप से प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील रहा है। देश में बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूकंप और भूस्खलन एक आवर्ती घटना हैं।

गौरतलब है कि देश में 2001 से अब तक कुल 100 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और इन आपदाओं के कारण लगभग 83,000 लोगों की जान चली गई हैं। यदि नुकसान को मौजूदा कीमतों के साथ समायोजित किया जाता है, तो घाटा 13 लाख करोड़ रुपये या भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के प्रति चौंका देने वाला होता है। सकल घरेलू उत्पाद का 6 प्रतिशत क्योंकि लगभग 60% भूभाग विभिन्न तीव्रता के भूकंपों से ग्रस्त है; 40 मिलियन हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है; कुल क्षेत्रफल का लगभग 8% चक्रवात से ग्रस्त है और 68% क्षेत्र सूखे के लिए अतिसंवेदनशील है। 1990 – 2000 के दशक में, देश में औसतन लगभग 4344 लोगों की जान चली गईं और हर साल लगभग 30 मिलियन लोग आपदाओं से प्रभावित हुए हैं। निजी, सामुदायिक और सार्वजनिक संपत्ति के मामले में नुकसान खगोलीय रहा है।

वैश्विक स्तर पर देखें तो प्राकृतिक आपदाओं को लेकर जन मानस में काफी चिंता रही है। भले ही पर्याप्त वैज्ञानिक और भौतिक प्रगति हुई हो, आपदाओं के कारण जान-माल की हानि कम नहीं हुई है। वास्तव में, जान माल का नुकसान बढ़ गया है। यह इस पृष्ठभूमि में था कि 1989 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1990 – 2000 के दशक को प्राकृतिक आपदा न्यूनीकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक के रूप में घोषित किया था। उसका उद्देश्य जान-माल की हानि को कम करना और ठोस अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के माध्यम से सामाजिक आर्थिक क्षति को सीमित करना था। विशेष रूप से जो अक्टूबर, 1999 में उड़ीसा में सुपर साइक्लोन और भुज में भूकंप आया था। जनवरी, 2001 में गुजरात में भूकंप को विविध वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग, वित्तीय और सामाजिक प्रक्रियाओं को शामिल करते हुए एक बहुआयामी प्रयास , बहु-विषयक और बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण अपनाने की और विकास योजनाओं और रणनीतियों में जोखिम में कमी को शामिल करने की आवश्यकता को रेखांकित किया था। पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव लाया गया है। नया दृष्टिकोण इस विश्वास से आगे बढ़ता है कि विकास तब तक टिकाऊ नहीं हो सकता जब तक कि आपदा न्यूनीकरण को विकास प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है। दृष्टिकोण की एक और आधारशिला यह है कि शमन को विकास के सभी क्षेत्रों में बहु-विषयक होना चाहिए। नई नीति इस विश्वास से भी निकलती है कि राहत और पुनर्वास पर खर्च की तुलना में अधिक लागत प्रभावी है। आपदा प्रबंधन इस देश के नीतिगत ढांचे में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जो गरीब और वंचित हैं और जो आपदाओं के कारण सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, उनके लिए आपदा प्रबन्धन बहुत ज़रुरी है। इस दिशा में सरकार द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं जिसमें संस्थागत तंत्र, आपदा रोकथाम रणनीति, प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, आपदा शमन, तैयारी और प्रतिक्रिया और मानव संसाधन विकास शामिल हैं। इसमें अपेक्षित इनपुट, हस्तक्षेप के क्षेत्र और राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर शामिल होने वाली एजेंसियों की पहचान की गई है और यह सब रोडमैप में सूचीबद्ध हैं। इस रोडमैप को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ साझा किया गया है। भारत सरकार के मंत्रालयों और विभागों, और राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रशासनों को सलाह दी गई है कि वे राष्ट्रीय रोडमैप को व्यापक गाइडलाइन के रूप में लेते हुए अपने संबंधित रोडमैप विकसित करें।

सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध सभी स्कूलों में आपदा प्रबंधन को पहले से ही एक अनिवार्य विषय बना दिया गया है और यह युवा और रचनात्मक दिमाग को इस बात से परिचित कराने के लिए किया गया है कि आपदा का क्या मतलब है और इसे कैसे प्रबंधित किया जाए। यह प्राकृतिक आपदाओं के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करने में मदद करेगा और उसी के प्रति उनकी भेद्यता को कम करेगा और उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से कठिन भी बनाएगा। स्कूल में बच्चों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है, क्योंकि किसी भी आपात स्थिति में वे सबसे अधिक असुरक्षित होते हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, दृढ़ता से महसूस करता है कि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संरचनात्मक, साथ ही गैर-संरचनात्मक हस्तक्षेप होना चाहिए। संरचनात्मक हस्तक्षेप में स्कूल भवनों के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों पर सख्त जांच शामिल होगी, जबकि गैर-संरचनात्मक का अर्थ होगा आपदा प्रबंधन के बारे में कर्मचारियों, शिक्षकों और छात्रों को शिक्षित करना। संबंधित मंत्रालय इस बात पर जोर देता है कि प्रत्येक स्कूल शैक्षणिक संस्थानों, आपातकालीन अधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों और यहां तक ​​कि बड़े पैमाने पर समुदाय को लक्षित करते हुए हर एक स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम अपनाए। इस कार्यक्रम के तहत, छात्र सुरक्षा उपायों के बारे में सीखते हैं, इस प्रकार वे भविष्य के आपदा प्रबंधक बनते हैं, जबकि समुदाय को शिक्षित करने के माध्यम से एक आपदा प्रतिरोधी समाज का निर्माण किया जाता है। बच्चों को शिक्षित करने के कुछ तरीके और साधन हैं: • अभियानों, रैलियों आदि के माध्यम से जागरूकता पैदा करना। • आग की आपदाओं और भूकंपों के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन • प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण • कमांड और नियंत्रण की एक स्पष्ट तस्वीर, ताकि ऐसे मामले में आपात स्थिति में कोई अराजकता-अफरातफरी नहीं हो • अग्निशामक यंत्र का उपयोग ।दुनिया भर के स्कूलों पर बीते बरसों में हुए आतंकवादी हमलों को दृष्टिगत रखते हुए भारत को भी ऐसी किसी भी घटना के लिए खुद को तैयार करना चाहिए। पेशेवर सलाहकारों द्वारा छात्रों को बंधक स्थिति में व्यवहार करने के तरीकों के बारे में कुछ सुझाव दिए जा सकते हैं। ओडिशा के कॉलेजों में भी प्रथम वर्ष के दौरान आपदा प्रबंधन पर एक पाठ्यक्रम अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। कुल मिलाकर, हम कह सकते हैं कि भारत में आपदा प्रबंधन अच्छी तरह से आकार ले रहा है, हालांकि चुनौतियां बहुत अधिक हैं क्योंकि इसका पैमाना बहुत अधिक है।
( लेखक पर्यावरण विषयक मामलों के जानकार हैं।)

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पुलिस बस की टक्कर से बाइक सवार तीन लोगों की मौत, बस और बाइक में लगी आग

Chhapra: गृह मंत्री के कार्यक्रम से वापस आ रहे पुलिस के बस से आमने सामने की टक्कर में 3 बाइक सवार की घटनास्थल पर ही मौत हो गई.

घटना के संबंध में बताया जाता है कि पुलिस बल को लेकर बस लौट रही थी. इसी बीच कोपा बाजार के बाद टेकनिवास बाजार और मुकरेडा के बीच छपरा से एक बाइक पर तीन सवार लौट रहे थे. तभी बस से आमने सामने टक्कर हुई. जिसमे बाइक सवार दो लोग दूर फेंका गए जिससे उनकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई. वहीं बाइक चालक बस के नीचे बाइक के साथ फंस गया. जिससे बस में आग लगने से उसकी भी मौत हो गई.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इस घटना के बाद पुलिस के जवान बस छोड़ कर भाग गए. वहीं बस धू धूकर जलने लगा.

मृतकों में कोपा के पोखर भिंडा निवासी कुंदन कुमार मांझी, संजय मांझी और किशोर मांझी शामिल है. जिनमे दो की मौत बस की चपेट में आने से हो गई वही एक बाइक सवार बस के नीचे आने के बाद बुरी तरह जल गया. सभी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई.

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छपरा से बनारस की ओर जाने वाली कई ट्रेन रद्द, कई के समय में बदलाव, पढ़ें पूरी ख़बर…

Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल पर सुरेमनपुर स्टेशन यार्ड के रिमाडलिंग के परिप्रेक्ष्य में प्री-नान इण्टरलॉक एवं नान इण्टरलॉक कार्य के कारण गाड़ियों का निरस्तीकरण, नियंत्रण एवं रि-शिड्यूलिंग निम्नवत रहेगा.

इन ट्रेनों को किया गया निरस्त

– वाराणसी सिटी से 13 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05446 वाराणसी सिटी-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– छपरा से 13 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05445 छपरा-वाराणसी सिटी अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– औड़िहार से 13 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05136 औड़िहार-छपरा अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– छपरा से 14 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05135 छपरा-औड़िहार अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– छपरा से 14 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05145 छपरा-सीवान अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– सीवान से 14 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05153 सीवान-नकहा जंगल अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

– गोरखपुर से 15 से 20 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 05154 गोरखपुर-सीवान अनारक्षित विशेष गाड़ी निरस्त रहेगी ।

गाड़ियों का नियंत्रण

– बरौनी से 11 एवं 12 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस छपरा कचहरी-बकुलहा स्टेशनों के मध्य 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– बरौनी से 13 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस छपरा कचहरी-बकुलहा स्टेशनों के मध्य 90 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– बरौनी से 14 से 19 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस छपरा कचहरी-बकुलहा स्टेशनों के मध्य 70 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– बरौनी से 20 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15231 बरौनी-गोंडिया एक्सप्रेस छपरा कचहरी-बकुलहा स्टेशनों के मध्य 45 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 10 एवं 19 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 11 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 60 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 13 से 18 अक्टूबर,2022 तक प्रस्थान करने वाली 11061 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 45 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अजमेर से 10 एवं 17 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15716 अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस मार्ग में 90 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अजमेर से 11 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15716 अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस मार्ग में 130 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अजमेर से 13 एवं 18 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15716 अजमेर-किशनगंज एक्सप्रेस मार्ग में 120 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अमृतसर से 12, 15 एवं 17 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 70 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अमृतसर से 10 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 45 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– अमृतसर से 19 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14650 अमृतसर-जयनगर एक्सप्रेस मार्ग में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– जयनगर से 11 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14649 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस मार्ग में 45 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– जयनगर से 14 एवं 16 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14649 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस मार्ग में 120 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– जयनगर से 18 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14649 जयनगर-अमृतसर एक्सप्रेस मार्ग में 90 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– सूरत से 12 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 19045 सूरत-छपरा एक्सप्रेस मार्ग में 45 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– सूरत से 13, 14, 16 एवं 18 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 19045 सूरत-छपरा एक्सप्रेस मार्ग में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– आनन्दविहार टर्मिनस से 19 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14018 आनन्दविहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस मार्ग में 150 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– आनन्दविहार टर्मिनस से 19 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 14018 आनन्दविहार टर्मिनस-रक्सौल एक्सप्रेस मार्ग में 120 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

– डा. अम्बेडकर नगर से 13 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 19305 डा. अम्बेडकर नगर-कामख्या एक्सप्रेस मार्ग में 150 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

रि-शिड्यूल

– गोरखपुर से 12, 15 एवं 19 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 15050 गोरखपुर-कोलकाता एक्सप्रेस गोरखपुर से 120 मिनट रि-शिड्यूल कर चलाई जायेगी ।

– गाजीपुर सिटी से 17 अक्टूबर,2022 को प्रस्थान करने वाली 13122 गाजीपुर सिटी-कोलकाता एक्सप्रेस गाजीपुर सिटी से 60 मिनट रि-शिड्यूल कर चलाई जायेगी.

 

 

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जेपी ने सत्ता के लिए नहीं सिद्धांत की लड़ाई लड़ी, लेकिन उनके नाम से उपजे नेता कांग्रेस की गोद में जा बैठे: गृह मंत्री अमित शाह

Chhapra: जयप्रकाश नारायण की 120 वी जयंती पर सारण जिले के रिविलगंज प्रखंड स्थित सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों की चर्चा करते हुए विपक्षियों पर कड़ा प्रहार किया.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांत के लिए जाने जाते थे. लेकिन कुछ जो अपने को जयप्रकाश नारायण के अनुयाई कहते हैं वह सत्ता के लिए पांच बार पाला बदल चुके है लेकिन जनता उन्हें जरूर सबक सिखाएगी.

गृह मंत्री अमित शाह ने जयप्रकाश नारायण के आंदोलनों की चर्चा हुए का करते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण ने इमरजेंसी के खिलाफ आवाज उठाई थी, गुजरात जैसे प्रदेश में जयप्रकाश नारायण ने छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व करते हुए सफलता पाई.

बिहार में आंदोलन की शुरुआत जयप्रकाश नारायण ने की गांधी मैदान की भीड़ देखकर प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी हतोत्साहित थी. जिसके बाद उन्होंने जयप्रकाश नारायण को जेल भेजवा दिया. उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी बाजपेई, मुरारजी देसाई के जेल भेजने घटना का भी जिक्र किया.

अमित शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने सभी विपक्षियों को एक साथ मिलाकर देश में पहली बार पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनवाई.

जेपी, विनोबा भावे के सिद्धांत एवं सर्वोदय के नारे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विगत 8 वर्षों से पूरी कर रही है. ग्रामोत्थान के सपने के साथ गैस, बिजली, सड़क गांव गांव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में पूरा हो रहा है.

गृह मंत्री अमित शाह ने “अंधेरे में एक प्रकाश जयप्रकाश, जयप्रकाश” के नारे से जिस प्रकार बिहार और गुजरात में बदलाव किया. संपूर्ण क्रांति के नारे को नरेंद्र मोदी ने सफल बनाया है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जे पी का नाम और जे पी के नाम से उपजे नेता आज कांग्रेस के गोद में जाकर बैठ गए हैं. जेपी ने कभी सत्ता के लिए नहीं बल्कि सिद्धांत के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन आज सत्ता के लिए लोग पाला बदलकर अपनी रोटियां सेक रहे हैं. हालांकि जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी.

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताबदियारा में बनने वाले स्मारक के साथ रिसर्च सेंटर के साथ साथ फैकल्टी सेंटर एवं जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों को जाने वाले छात्रों के लिए स्टूडेंट सेंटर का भी निर्माण कराया जाएगा. जिससे छात्र उनके सिद्धांतों को जान पाएंगे.

अपने भाषण के दौरान श्री शाह ने बलिया के सांसद विरेंद्र सिंह मस्त के कार्यों की सराहना करते हुए कहां की आगे भी इस धरती के लिए कार्य करें.

उन्होंने कहा नारायण के जयप्रकाश नारायण के स्मारक को देखकर लोग उनके सिद्धांतों को जानेंगे. जयप्रकाश नारायण के सिद्धांतों को जिंदा रखेगे तो देश को चलाने के लिए युवा शक्ति प्राप्त होगी.

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Chhapra (सिताब दियारा): जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर छपरा के सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर बरसे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज सत्ता के लिए लोग पाला बदल लेते हैं। इन लोगों को जे पी के विचारों से कोई मतलब नहीं, उनके सिद्धांतों से कोई मतलब नहीं है। जेपी आंदोलन के कारण ही देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनी। इन नेताओं को जेपी के विचारों से कोई मतलब नहीं है।

यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण ने देश के लिए नए नए संकल्प लिए थे। आज उन संकल्पों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। घर घर बिजली पहुंचाई जा रही है। केंद्र सरकार की कई योजनाओं का लाभ करोड़ों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन के खिलाफ जेपी ने आंदोलन किया। गुजरात के छात्रों के आंदोलन का नेतृत्व जेपी ने किया।

बताते चलें कि जयप्रकाश नारायण की जन्म भूमि छपरा के सिताबदियारा पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिमा का अनावरण किया। उनके साथ उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। मंच पर बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बलिया सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी, महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, छपरा विधायक डॉ सी एन गुप्ता सहित भाजपा के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।

 

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Chhapra(सिताब दियारा) : जेपी जयंती के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि लोकनायक जयप्रकाश जी की जयंती पर जन्म भूमि पर बने इस स्मारक पर बने इस दिव्य और भव्य प्रतिमा का अनावरण गृह मंत्री ने किया है। सारण के लोगों ने अद्भुत किया है और लोगों को प्रेरित भी किया है। जेपी ने ही संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था। सारण क्षेत्र का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। लोकतंत्र को बचाने के प्रति जितना सजग बिहार है उतना कोई नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व मे सरकार जेपी की सपने को साकार कर रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिना भेदभाव के हर वर्ग के लोगों को पहुंचाया है। जयप्रकाश जी और लोहिया जी के नाम पर जिन्होंने अपनी राजनीति बनाई है उन लोगों ने अपराधी छवि की वजह से बिहार की विकास की गति को धीमी की है। बिहार के नौजवानों को जब भी अवसर मिला है वो देश मे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। बिहार के लोगों में प्रतिभा की कमी नहीं है। बाढ़ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी।

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छपरा: सीएम नीतीश पर बरसे गृह मंत्री अमित शाह, कहा- जेपी आंदोलन से उपजे नेता कांग्रेस की गोद में बैठे हैं

यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

LIVE: यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

LIVE: जेपी जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने NDRF सेंटर बनाने और भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

LIVE: सिताब दियारा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया जेपी की बनी मूर्ति का किया अनावरण

LIVE: गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे सिताब दियारा, सीएम योगी भी मौजूद

Chhapra(सिताब दियारा) : लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 120 वी जयंती को लेकर बिहार भाजपा में उत्साह देखा जा रहा है. खासकर इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को सिताब दियारा के आने से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं. भाजपा ने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम की तैयारी की है. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के कई मंत्री सांसद विधायक भी शामिल है.

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Chhapra: रिविलगंज में वृहद प्रतिमा विसर्जन जुलूस के मद्देनजर मांझी और सिताब दियारा जाने वाले वाहनों के मार्ग में सारण पुलिस ने परिवर्तन किया है.

पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि 10/11 अक्तूबर 2022 को रिविलगंज में वृहद प्रतिमा विजर्सन आदि को लेकर छपरा से मॉझी जाने वाले पथ यातायात बाधित रहेगा. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के कार्यक्रम स्थल ग्राम सिताब दियारा के लाला टोला में स्थित कार्यक्रम स्थल पर जाने हेतु निम्न मार्ग का प्रयोग करें .

• छपरा शहर के भगवान बाजार थानान्तर्गत ब्रम्हमपुर चौक का पुल के पास से कोपा मार्ग (छपरा- सिवान रोड NH-531) कोपा, कोपा से दाउदपुर, दाउदपुर से एकमा थानान्तर्गत नरपलिया मोड़ से बाएं (N.H – 96 ) होते हुए मॉझी थानान्तर्गत बलिया मोड़ (N.H–90), बलिया मोड़ से जयप्रभा सेतु पार कर चाँद दियर पुलिस चौकी (उत्तर प्रदेश) से बाएं बी०एस०टी० बांध होते हुए सारण जिला के रिविलगंज थानान्तर्गत सिताब दियारा :

रूट चार्ट (Route Chart)

ब्रम्हमपुर चौक (छपरा शहर का भगवान बाजार थानान्तर्गत) कोपा (N.H-531) दाउदपुर नरपलिया मोड़ (एकमा थानान्तर्गत) 7 (S.H-96) बलिया मोड़ (मॉझी थानान्तर्गत N. H-90) जयप्रभा सेतु ⇒ चाँद दियर पुलिस चौकी (उ0प्र0) 1 बी०एस०टी० बांध सिताब दियारा (कार्यक्रम स्थल)

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