Chhapra: जिला दण्डाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा दीपावली एवं छठ के पर्व के अवसर पर उपयोग किये जाने वाले पटाखों के निर्माण एवं बिक्री के संबंध में दिशा-निर्देश जारी करते हुए बताया गया है कि जानमाल की सुरक्षा एवं प्रदूषण के मद्देनजर अवैध पटाखों के निर्माण एवं बिक्री को प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों की बिक्री केवल अनुज्ञप्तिधारी पटाखा विक्रेताओं द्वारा ही की जा सकती है। उनके द्वारा मात्र वैसे ही पटाखों की बिक्री की जायगी जो माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुरूप हो । माननीय सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली द्वारा दिनांक 29.10.2021 को पारित आदेशानुसार दीपावली /छठ एवं अन्य त्योहारों के दौरान वायु, ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु अधिक शोर, वायु प्रदूषण एवं अपशिष्ट जनन करने वाले लड़ी, सीरिज वाले पटाखों के निर्माण, उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। जनहित में यह निर्देश जारी किया जाता कि पटाखों की खरीदारी अनुज्ञप्तिधारी पटाखा विक्रेताओं से ही की जाय।
जिला दण्डाधिकारी के द्वारा बताया गया कि आतिशबाजी, पटाखा निर्माण इकाईयों एवं पटाखों की बिक्री करने वाले दुकानों को नाम एवं पूरा पता का डिसप्ले बोर्ड लगाना होगा, जिसपर उनके द्वारा प्राप्त सभी अनुज्ञप्तियों, रजिस्ट्रेशन, निबंधन की सूचना, संख्या, निर्गत की तिथि, वैधता की तिथि एवं संबंधित अग्निशमन सेवा कार्यालय तथा संबंधित थानों का फोन, मोबाईल नं0 के साथ अंकित करना होगा। शांत क्षेत्र यथा-अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, जैविक उद्यान, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन आदि के 100 मीटर के दायरे में शोर उत्पन्न करने वाले किसी भी प्रकार के पटाखों का विक्री एवं उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है।
जिला दण्डाधिकारी के द्वारा बताया गया कि पटाखों का उपयोग रात्रि 08ः00 बजे से 10ः00 तक ही किया जा सकता है। पटाखों को कभी भी कैण्डील एवं दीया के नजदीक नही छोड़े । हाथ में पटाखें न जलाये एवं पटाखे का उपयोग दूर से ही उपयोग किया जाय। बिजली के खंभा एवं तार के आस-पास पटाखें नहीं छोड़े। यदि अधिक पटाखों को फटने में अधिक समय लगता है तो उसके साथ छेड़-छाड़ न करें। बच्चों को पटाखें से दूर रखें।
जिला दण्डाधिकारी के द्वारा स्पष्ट कहा गया कि विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा-5 का उल्लंघन करने अर्थात बिना अनुज्ञप्ति के किसी पटाखा, बिस्फोटक का निर्माण, आयात एवं निर्यात करना दण्डनीय अपराध है, जिसके तहत तीन वर्षों के कारावास की सजा एवं जुर्माना से दंडित किए जाने का प्रावधान है।