सीवान: दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन के हत्या कांड के जांच में हो रही देरी व पुलिसिया लापरवाही के खिलाफ गुरूवार को प्रमंडल पत्रकार संघ के द्वारा एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया. सीवान के जेपी चौक पर आयोजित धरना में शामिल पत्रकार अपने साथी पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के की जाँच पुलिस द्वारा किए जा रहे लापरवाही से नाराज दिख रहें थे.

धरना में शामिल कई पत्रकारों ने कहाँ कि एक ओर राज्य सरकार की पुलिस अपने जांच में लापरवाही बरत रहीं है वही राज्य सरकार के आग्रह के बाद भी केन्द्र सरकार ने अभी तक सीबीआई जांच शुरु नहीं कराया.
पत्रकार अभिषेक श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के जांच में राज्य व केन्द्रीय सरकार दोनों लापरवाही बरत रही है.
धरना में शामिल पत्रकारों के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार से मिल कर सीवान के पत्रकारों की ओर से एक मांग पत्र भी सौंपा.

धरना में दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की धर्मपत्नी आशा रंजन, राकेश कुमार सिंह, अरविन्द पाण्डेय, प्रमोद रंजन, अभिषेक श्रीवास्तव, मिथलेश कुमार सिंह, कैलाश कश्यप, मणिकांत पाण्डेय, अरविन्द पाठक, मनोज कुमार, निरंजन कुमार, मिन्टू कुमार, चंदन कुमार, सुरेन्द्र कुमार सहित दर्जनों की पत्रकार शामिल थे.

साभार: श्रीनारद मीडिया सर्विसेज

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पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुए कैबिनेट की बैठक में 16 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी. जिसमे डीजल पर एक और पेट्रोल पर डेढ़ फीसदी कर की दर वृद्धि का फैसला लिया गया.

डीजल पर 18 से बढ़कर 19 और पेट्रोल पर 24.5 से बढ़कर 26 फीसदी हो गया.

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बिहार में शराबबंदी का नया कानून लागू कर दिया है जिसके बाद इसके तहत बीते दिनों 11 थानेदारों को निलंबित भी किया गया था. लेकिन, इन 11 थानेदारों के निलंबन का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. बिहार पुलिस एसोसिएशन इस निलंबन से नाराज़ है और एसोसिएशन ने इस बाबत पुलिस महानिदेशक को एक पत्र भी लिखा है.

इस स्मार पत्र में पुलिस महानिदेशक से ये मांग की गई है कि जल्द से जल्द उन 11 थानेदारों के निलंबन को वापस लिया जाए और अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो आंदोलन करेंगे और हड़ताल पर चले जाएंगे. दूसरी तरफ इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

इस पत्र में कहा गया है कि अगर 28 अगस्त तक 11 थानेदारों के निलंबन वापस नहीं लिए गए तो बिहार के करीब 8 हज़ार पुलिस निरिक्षक और पुलिस अवर निरिक्षक अपने आपको थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी से अलग कर लेंगे. वो लोग ड्यूटी करेंगे लेकिन थानेदारी नहीं करेंगे.

वहीं, एडीजी सुनील कुमार ने कहा है कि जिस थानेदार को किसी तरह की कोई दिक्कत है तो वो अपने क्षेत्र के पुलिस कप्तान से इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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सीवान: सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन हत्या कांड के मुख्य आरोपी लड्डन मियां की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरविन्द कुमार सिंह की कोर्ट ने हत्या कांड के मुख्य सूत्रधार अज़हरुद्दीन वेग उर्फ़ लड्डन मियां की जमानत याचिका के सुनवाई के बाद उसे खारिज़ कर दिया . विदित हो कि अदालत ने पुलिस द्वारा सौंपी गयी केस डायरी को पढ़ने के लिए एक दिन का समय लिया था. जिसके बाद यह निर्णय आया है.

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पटना: अपराधियों ने कटिहार जिला के कुर्सेला से एक पेट्रोल पंप मालिक के चार साल की बेटी का अपहरण कर लिया. अपराधियों ने इस घटना को उस वक्त अंजाम दिया जब बच्ची स्कूल से घर लौट रही थी. पेट्रोल पंप मालिक भानु अग्रवाल की चार साल की बेटी स्पर्श उर्फ छवि अग्रवाल एनवीआर (NVR) स्कूल की छात्रा है, स्पर्श यूकेजी-2 की छात्रा है.

जानकारी के अनुसार रोज की तरह स्पर्श अपने स्कूल से बुधवार को दोपहर 2 बजे घर लौट रही थी. घर जाने के लिए स्पर्श एनएच-31 पर पुराने पेट्रोल पंप के पास बस से उतरी. बस स्टॉप पर पहले से ही मिथुन नाम का एक व्यक्ति खड़ा था जो स्पर्श के पिता भानु अग्रवाल के यहां पहले काम करता था. बस स्टॉप से ही स्पर्श को अगवा कर लिया गया. अपहरणकर्ता स्पर्श को बोलेरो से लेकर फरार हो गया. बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला पा रहा है. परिजन स्पर्श को ढूंढने में परेशान हैं और परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है. स्पर्श की सकुशल बरामदगी के लिए घर में पूजा पाठ किया जा रहा है.

कटिहार के पुलिस कप्तान सिद्धार्थ मोहन जैन इस पूरी घटना पर खुद नजर रखे हुए हैं और खुद ही कमान संभाले हैं.

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नई दिल्ली: अब आप अपनी किसी भी परेशानी या शिकायत को सीधे सरकार तक पहुंचा सकते है. आपको बस ट्विटर पर हैशटैग #twitterseva के साथ अपनी बातें ट्वीट करनी होंगी. आपकी शिकायत पलक भर में संबंधित मंत्रालय तक पहुंच जाएगी.

ऐसा केंद्र सरकार की नई ट्विटर सेवा के माध्यम से होगा. केंद्र सरकार का दावा है कि जब तक समाधान नहीं होगा, आपकी शिकायत ब्लिंक करती रहेगी. यानी अधिकारी उसे हल्के में नहीं ले सकेंगे. वैसे इस सेवा पर शिकायतों के अलावा सुझाव और टिप्पणियां भी कर सकते हैं. केंद्र सरकार ने अपने दावे और वादे ‘मिनिमम गवर्नमेंट मैक्सिमम गवर्नेंस’ पर अमल करते हुए मंगलवार को ट्विटर सेवा शुरू कर दी है.

इस नई सेवा के तहत फिलहाल संचार, दूरसंचार, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय के अलावा माय गवर्नमेंट तक भी इस ट्विटर हैंडल को अटैच कर शिकायत भेजी जा सकती है. इन मंत्रालयों के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार, दिल्ली और मुंबई पुलिस भी इससे जुड़ी है. बीएसएनएल और एमटीएनएल का इसी सेवा के तहत अलग हैशटैग #Bsnlseva और #mtnlseva होगा. डाक विभाग के लिए #postalseva का इस्तेमाल किया जा सकेगा. धीरे-धीरे तमाम मंत्रालय इसके अंतर्गत आएंगे.

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पटना: नीतीश कुमार सत्ता के नशे में इतने चूर हैं कि उन्हें लगता था कि उन्हें कोई झूका नहीं सकता है. परन्तु भाजपा, राम विलास पासवान, जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद के दबाब में अन्ततः ताड़ी के प्रतिबंध के मुद्दे पर 24 घंटे के अन्दर यू-टर्न लेना पड़ा. जिस प्रकार राजद के समर्थन वापसी के डर से नीतीश कुमार ने ताड़ी पर अपना निर्णय बदल दिया क्या राजद उसी प्रकार 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के परिवार के सभी सदस्यों की गिरफ्तारी जैसे तालिबानी कानून को हटाने के लिए दबाब बनाएगी? उक्त बातें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने रविवार को पटना में एक प्रेस बयान जारी कर कही.

उन्होंने कहा कि नए कानून में यदि कोई सिरफिरा लालू प्रसाद के बंगले में रात को शराब की खाली बोतल भी फेंक दे तो लालू प्रसाद को राबड़ी और दोंनो मंत्री बेटों सहित जेल जाना पड़ेगा. मनोरमा देवी और विनय वर्मा जैसे जनप्रतिनिधियों को जमानत तो दूर जिन्दगी भर जेल में सड़ना पड़ेगा. क्या पति के जुर्म में पत्नी और बूढ़े माँ-बाप सहित घर के सभी वयस्कों को सजा क्या बिहार को आदिम युग में ले जाने के समान नहीं है?

उन्होंने कहा कि बलात्कार और डकैती के अपराध में कुछ वर्षो की सजा है परन्तु शराब की बोतल मिलने पर मकान जब्ती के साथ-साथ आजीवन कारावास की सजा है. शराब को अनैतिक व्यापार बताकर दूसरे राज्यों में घूम-घूम कर शराबबंदी का प्रचार करने वाले मुख्यमंत्री के अपने राज्य में शराब का निर्माण नए कानून के अन्तर्गत यथावत चलता रहेगा?

भाजपा नेता ने कहा कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से अपील है कि वे 18 साल से अधिक उम्र के परिवार के सभी व्यस्कों की गिरफ़्तारी जैसे तालिबानी कानून को निरस्त करवाने में हस्तक्षेप करें नहीं तो कितनी मनोरमा देवी को जेल भुगतना पड़ेगा?

साभार: श्रीनारद मीडिया, सीवान

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सीवान: बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले के कुख्यात अपराधी त्रिभुवन तिवारी को सीवान पुलिस की SIT ने गिरफ्तार किया है. त्रिभुवन की गिरफ्तारी गुठनी थाना क्षेत्र के खरखरिया गांव से शुक्रवार की देर रात्रि हुई है. उसके पास से एके 47 बरामद किया गया है. साथ एक अन्य सहयोगी को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसके पास से ऑटोमैटिक पिस्टल की बरामदगी हुई है. पुलिस ने एके 47 की 13 व पिस्टल की 7 गोलियां भी बरामद की है.

इनामी अपराधी त्रिभुवन तिवारी सीवान के जीरादेई के गांधु छापर गांव का रहने वाला है. उसके ऊपर सरकार ने 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था.

पुलिस को शुक्रवार की देर रात्रि सूचना मिली कि कुख्यात अपराधी त्रिभुवन तिवारी गुठनी के खरखरिया गांव में किसी अपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है. इस पर सीवान पुलिस अधीक्षक सौरभ कुमार शाह ने छापेमारी के लिए एएसपी अरविन्द कुमार गुप्ता के नेतृत्व में SIT गठित किया. जिसमें सब इंस्पेक्टर आशीष कुमार मिश्रा, रामएकबाल प्रसाद, महादेवा ओपी प्रभारी शम्भुनाथ सिंह, मैरवा थानाध्यक्ष मनोज कुमार की टीम ने छापेमारी की. जहां से दोनों अपराधी गिरफ्तार किए गए.
त्रिभुवन तिवारी पर सीवान, गोपालगंज, मोतिहारी एवं यूपी के देवरिया जिले में एक दर्जन से भी अधिक अपराधिक मामले दर्ज हैं. लंबे दिनों से पुलिस को तलाश थी. 6 माह पहले ही एसपी की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने उसपर 50 हजार के इनाम की घोषणा की थी.

पूर्व में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था कुख्यात बड़ा भाई

त्रिभुवन तिवारी का भाई कुख्यात राका तिवारी वर्ष 2009 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था. बड़े भाई राका तिवारी को पुलिस ने वर्ष 2009 में गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में मुठभेड़ में मार गिराया था. वहां से पुलिस ने एके 47 बरामद की थी. राका तिवारी पर भी सीवान व गोपालगंज में 2 दर्जन से अधिक अपराधिक मामले दर्ज थे. बड़े भाई के मारे जाने के बाद छोटे भाई ने अपराध की दुनिया में अपना पांव जमा लिया.

भाभी को मुखिया तो पत्नी को बनाया प्रखंड प्रमुख

इस साल हुए पंचायत चुनाव में इनामी अपराधी त्रिभुवन तिवारी अपनी पत्नी पुष्पा देवी को बीडीसी चुनाव लड़ा कर जितवाने में कामयाब रहा यही नहीं उसने अपनी भाभी रामावती देवी को तितरा पंचायत का मुखिया भी बनवा दिया. साथ ही उसने अपनी पत्नी को जीरादेई प्रमुख बनवाने में कामयाब रहा था.

साभार: श्रीनारद मीडिया, सीवान

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पटना: सूबे में बाढ़ के बढ़ते प्रकोप ने अब 10 जिलों को अपने चपेट में ले लिया है. बाढ़ के प्रकोप से किशनगंज और पूर्णिया जिलों की हालत सबसे नाजुक हैं. बाढ़ प्रभावित जिलों में पूर्णियां, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल और गोपालगंज शामिल है. जिनके 49 प्रखंड के 1 हजार 630 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. बाढ़ के चपेट में आने से राज्य में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है.

बाढ़ प्रभावित राज्यों में राहत और बचाव का काम तेजी से चल रहा है. राज्य के 49 प्रखंडों के 1630 गांव बाढ़ की चपेट में हैं और करीब 18 लाख की आबादी बाढ़ के पानी से घिरी है. सरकार ने 357 कैम्प लगाए हैं जिनमें 1.36 लाख लोग रहने को विवश हैं. बाढ़ से प्रभावित इलाको में राहत के लिए सूखा फ़ूड के पैकेट बांटे गए गए हैं.

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पटना: बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हुआ. सत्र के पहले ही दिन विपक्ष के तेवर तल्ख दिखे.

विपक्ष ने विधान सभा के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया. विपक्ष ने सरकार पर बाढ़ राहत के लिए किये जा रहे इंतजाम पर असंतुष्टि जताई और मुख्यमंत्री के विरोध में नारेबाजी की. विपक्ष ने ‘बाढ़ में डूबा बिहार, मौज में नीतीश कुमार’ की नारेबाजी की.

मानसून सत्र के दौरान सरकार प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पेश करेगी. वही विपक्ष कई मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है.

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पटना: न्यायमूर्ति इक़बाल अहमद अंसारी ने शुक्रवार को पटना उच्य न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली. बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविन्द ने राज्यभवन में उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई.

वे फिलहाल पटना उच्य न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे. न्यायामूर्ति इक़बाल अहमद अंसारी गुवाहाटी से स्थानांतरित होकर पटना उच्च न्यायालय आये थे. वे पटना उच्च न्यायालय 39 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.

इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, सुशील मोदी समेत कई नेता मौजूद थे.

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पटना: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने प्रदेश के मूल नागरिकों को सरकारी नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने कहा कि जल्द ही वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर देश के कई अन्य राज्यों की तरह बिहार के वासियों को अपने प्रदेश की नौकरियों में 80 प्रतिशत आरक्षण देने की बात करेंगे.

उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और केरल आदि राज्यों में इस प्रकार का नौकरी में आरक्षण लागू है. इन राज्यों की तरह बिहार में आरक्षण लागू होना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षण संस्थानों की कमी के कारण यहां के विद्यार्थियों को इसके लिए अन्य राज्यों में जाना पडता है पर जब नौकरी की बात आती है तो स्थानीय अभियर्थियों के लिए आरक्षण का प्रावधान होने के कारण उन्हें इससे वंचित रहना पडता है.

बिहार में आरक्षण का प्रावधान नहीं होने के कारण अन्य राज्यों के अभ्यर्थी यहां के विश्वविद्यालयों और तकनीकी महाविद्यालयों में प्रोफेसर की नौकरी हडप लेते हैं.

उन्होंने कहा कि केरल और पश्चिम बंगाल के स्कूल एवं कालेज परीक्षाओं में अंक दिए जाने की पद्धति बिहार से अलग है जिसके कारण परीक्षार्थी अधिक अंक प्राप्त कर लेते हैं जिसके कारण वे अधिकांश नौकरी पा लेते हैं और बिहार के अभ्यर्थी वंचित रह जाते हैं.

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