पटना: बिहार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के चार अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति अवधि को विस्तारित किया गया है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारण पीएमसीएच, एनएमसीएच व एम्स पटना में तीन आईएएस अधिकारी 30 अप्रैल तक प्रतिनियुक्त किए गए थे। अब वे 31 मई 2021 तक प्रतिनियुक्त रहेंगे।

इसे भी पढ़ें: बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में 11 एजेंडों पर मुहर

सामान्य प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए  ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजीव रोशन को पीएमसीएच, समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार को एम्स पटना और उद्योग विभाग में निदेशक पंकज दीक्षित को एनएमसीएच में प्रतिनियुक्त किया है।

इसके अलावा विज्ञान एवं प्राद्योगिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह को 30 अप्रैल तक के लिए स्वास्थ्य विभाग में ओएसडी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। अब यह अवधि 31 मई 2021 तक के लिए विस्तारित की गई है।

 

0Shares

पटना: बिहार मंत्रिपरिषद की बैठक में शुक्रवार को कुल 11 एजेंडों पर मुहर लगायी गई। मुख्य सचिवालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के साथ हुई वर्चुअल बैठक में कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले किए गए हैं। कोरोना काल में नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की इस अहम बैठक में कुल 11 एजेंडों पर मुहर लगी है। कोरोना काल में नीतीश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा ऐलान किया है। कोरोना संक्रमित सरकारी कर्मियों की मौत पर विशेष पारिवारिक पेंशन देने का एलान किया गया है। बिहार सरकार उन्हें विशेष पारिवारिक पेंशन देंगी।

नीतीश सरकार ने यह भी निर्णय किया है की  कोरोना संक्रमित सरकारी कर्मियों की मौत पर उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। कोविड रोकथाम अभियान में लगे कर्मियों को ये लाभ मिलेगा। बिहार में सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष पारिवारिक पेंशन मिलता था लेकिन अब सरकार ने निर्णय किया है कि सभी सरकारी कर्मियों को ये लाभ दिया जायेगा।

मंत्रिपरिषद की बैठक में अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन पर भी चर्चा की गई।कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण और मृत्यु दर के दिन-प्रतिदिन बढ़ते आंकड़ों से सारे संसाधनों कम पड़ने लगे हैं। अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता पर विभाग ने ठोस उपायों पर चर्चा की। कैबिनेट की बैठक में मुख्य सचिव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट का मौन रखा गया। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि अरुण कुमार सिंह वर्ष 1985 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी थे। वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के एक कुशल प्रशासक थे। वे एक मिलनसार व्यक्ति थे। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी भूमिका का बेहतर निर्वहन किया था। उनके निधन से प्रशासनिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शान्ति तथा उनके परिजनों को दुःख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

0Shares

पटना: बिहार के मुख्य सचिव का  शुक्रवार को कोरोना से निधन हो गया। मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह का इलाज राजधानी के पारस अस्पताल में चल रहा था। दोपहर करीब डेढ़ बजे उनकी मौत की खबर आयी। राज्य सरकार ने उनके निधन क पुष्टि कर दी है।
अरुण कुमार सिंह 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (भाप्रसे) के अधिकारी थें। वे मुख्य सचिव से पूर्व बिहार के विकास आयुक्त के पद पर भी रह चुके हैं।

उनकी कोरोना रिपोर्ट  15 अप्रैल को  पॉजिटिव आई थी । इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  जहां उन्होंने आज अंतिम सांस ली। मुख्य सचिव अरुण कुमार को संक्रमित होने के बाद पटना,एम्स में भर्ती कराया गया था,लेकिन सेहत में सुधार नहीं होने की वजह से उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 28 फरवरी को दीपक कुमार के  मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत होने के बाद अरूण कुमार सिंह बिहार के नए मुख्य सचिव बने थें।
Input Hindusthan Samachar
0Shares

Bihar : बिहार में कोरोना संक्रमण का कहर जारी है. पटना के आलावे राज्य के अन्य जिलों में भी कोरोना की दूसरी लहर बड़ी तेजी से फ़ैल रही है. कोरोना की रोकथाम को लेकर नवादा के बाद किसनगंज के डीएम ने एक बड़ा कदम उठाया है.

किशनगंज के जिलाधिकारी आदित्य प्रकाश ने तीन दिनों के लिए कंपलीट लॉकडाउन का एलान किया है. कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीएम ने यह फैसला लिया है. किशनगंज के जिलाधिकारी आदित्य प्रकाश ने तीन दिनों के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन का एलान किया है. उन्होंने फिलहाल सिर्फ दिन के लिए यह निर्णय लिया है.

बताया जा रहा है कि आगामी शुक्रवार से लेकर रविवार तक सारे बाजार बंद रहेंगे. सिर्फ और सिर्फ आवश्यक चीजों की दुकानों को खोलने का आदेश दिया गया है. किशनगंज के डीएम ने कहा है कि कोरोना गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए केवल जरूरी सामानों की दुकानों को खोला जायेगा. मेडिकल, दूध, किराना दुकान आदि के दूकान खुले रहेंगे. सब्जी बाजार के लिए समय तय किया जायेगा.

आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए किशनगंज जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह अलर्ट है.

0Shares

Patna: बिहार में कोरोना कहर मचा रहा है. प्रतिदिन इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही तो वही कई संक्रमित मरीज ठीक भी हो रहे है. इनसब के बावजूद प्रदेश में कोरोना की भयावह स्थिति है. राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य सरकार ने सूबे में लॉकडाउन नहीं लगाने का फैसला लिया है. सरकार ने लॉकडाउन के बदले शाम 4 बजे से इवनिंग कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. बिहार सरकार के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने ये फैसला लिया है.

प्रदेश की अद्यतन स्थिति को लेकर मंगलवार को नीतीश कुमार ने सभी डीएम एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग की थी. इसके बाद ये तय किया गया था कि बुधवार को होने वाली क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लॉकडाउन के बारे में फैसला लिया जाये. बिहार सरकार के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बुधवार की दोपहर बैठक हुई, जिसमें अहम फैसले लिये गये.

राज्य सरकार ने शाम 6 बजे के बाद पूरे बिहार में इवनिंग कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है. अभी रात 9 बजे से सुबह तक नाइट कर्फ्यू है. लेकिन अब शाम 4 बजे से ही नाइट कर्फ्यू रहेगा. सारी दुकाने शाम 6 बजे तक ही खुली रहेंगी.

राज्य सरकार ने शादी ब्याह को लेकर भी लोगों की संख्या कम कर दी है. शादी ब्याह में अब सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो पायेंगे. अब तक शादी ब्याह में 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति थी. वहीं, श्राद्ध में सिर्फ 25 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी.

राज्य सरकार ने सभी जिलों के डीएम एसपी को निर्देश दिया है कि वे कोरोना गाइडलाइंस को लेकर सख्ती बरतें. राज्य सरकार ने जो दिशा निर्देश दे रखा है उसका हर हाल में पालन कराया जाये.

0Shares

Patna: बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए बिहार में शाम का कर्फ्यू अब रात 9 बजे की बजाए शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही अब  दुकानें शाम 4 बजे ही बंद हो जायेंगी।

कोरोना संकट में आगे की योजना को लेकर  बुधवार को हुई क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिये गए निर्णय की जानकारी  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया  को देते हुए विकास आयुक्त आमिर सुबहानी एवं स्वास्थ्य प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दी।

उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में कोरोना संक्रमण रोकने के उपायों पर  विचार किया गया। प्रत्यय अमृत ने बताया कि गुरुवार से शाम छह बजे की बजाए 4 बजे ही दुकानें  बंद होंगी। शाम का कर्फ्यू अब रात 9 बजे की बजाए शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा। भीड़ वाले बाजारों को डीएम बंद करा सकते हैं या दूसरी जगह शिफ्ट कर सकते हैं। शादी समारोह में सिर्फ 50 लोग शामिल होंगे। 

अंतिम संस्कार में 20 लोग रहेंगे। शादी में कर्फ्यू रात 10 बजे से प्रभावी रहेगा। डीजे पर पूर्णतः बैन रहेगा।  उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वालों का सरकारी खर्च पर अंंतिम संस्कार होगा। ऑफिस में 25 फीसदी उपस्थिति पर काम होगा और  कार्यालय शाम चार बजे ही बंद करना होगा। रेस्टोरेंट से रात 9 बजे तक खाना ले जाने की अनुमति होगी।

0Shares

पटना: बिहार में पटना जिले के पुनपुन थाना क्षेत्र के अलाउद्दीनचक गांव में बुधवार की अहले सुबह कोरोना से बचाव के लिए अपने चार बच्चों को झोपड़ीनुमा घर में बंद कर माता-पिता खेत में काम करने चले गये। इस दौरान अचानक झोपड़ी में आग लगने से चारों बच्चे जिंदा जल गये। चारों ने तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस विभत्स घटना पर दुःख प्रकट करते हुए कहा कि ईश्वर पीड़ित परिजन को इस असहाय पीड़ा को सहन करने की शक्ति दें। उन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष से परिजन को चार-चार लाख रुपये की मुआवजा राशि तत्काल जारी करने का आदेश दिया है।
पुलिस के मुताबिक छोटू पासवान परिवार के साथ पुनपुन थाना क्षेत्र अंतर्गत आलूद्दीनचक गांव के पास रेलवे किनारे झोपड़ी बनाकर रहता है। उसके घर में गैस लीकेज के कारण आग लग गई। जब तक किसी को इसकी खबर होती आग काफी विकराल हो चुकी थी। लोग बच्‍चों को बचाने के लिए दौड़कर मौके पर पहुंचे तो देखा कि झोपड़ी का दरवाजा अंदर से बंद है। इसके कारण बचाने का प्रयास सफल नहीं हो सका। इस घटना में चार मासूमों की मौत घटनास्थल पर ही हो गई. मृतकों में बबली कुमारी (12), राखी (6), आरती (5) और अंकित (4) हैं।
कोरोना के डर से बच्चों को घर में बंद कर खेत पर गए थे काम करने
गांव में कई लोग संक्रमित हैं। ऐसे में अपने बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए छोटू पासवान और उनकी पत्नी खेत पर गेहूं काटने जाते समय झोपड़ीनुमा घर में बंद कर चारों बच्चों को चले गये। इसके कुछ ही देर बाद झोपड़ी में आग लग गई। आग की लपटों को देखकर जब तक गांव के लोग शोर मचाते मौके पर पहुंचे, देर हो चुकी थी। चारों बच्चे झोपड़ी के अंदर झुलसकर दम तोड़ चुके थे। उनका चेहरा तक पहचान में नहीं आ रहा था।
अगलगी की इस घटना में झोपड़ी में रखी संपत्ति भी जलकर नष्ट हो गई। ऐसे में जहां पीड़ित परिजनों की गोद सूनी हो गई है। वे खुले आसमान के नीचे आ गये हैं। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुनपुन थाने की पुलिस ने चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
 
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
0Shares

Gopalganj: गोपालगंज जिले के मांझा गांव में एक प्रेमी युगल को गांव वालों ने रात के वक्‍त बगीचे में पकड़ लिया. इसके बाद पूरे गांव में तमाशा खड़ा हो गया. गांव वालों ने दोनों से पूछताछ की तो पता चला कि दोनों करीब दो साल से एक-दूसरे को चाहते हैं और इसी तरह छिपकर लगातार मिलते रहते हैं. दोनों को डर था कि परिवार वाले उनकी शादी के लिए राजी नहीं होंगे. गांव वालों का कहना है कि सोमवार की रात बगीचे में मिलने के बाद दोनों गांव छोड़कर कहीं भागने वाले थे. बहरहाल गांव वालों ने दोनों को पकड़ने के बाद उनके मन की मुराद पूरी कर दी.

मांझा प्रखंड की शेखपरसा पंचायत के मुजौना गांव में सोमवार की रात घर से निकलकर बाग में मिलने पहुंचे एक प्रेमी व प्रेमिका को ग्रामीणों ने पकड़ लिया. दोनों घर से निकलकर एक साथ भागने के चक्कर में थे. दोनों को पकड़ने के बाद उनके माता व पिता को समझा कर मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने युवक व युवती की गांव में स्थित काली मंदिर में शादी रचा दी. युवक व युवती जीवन भर के लिए एक-दूजे के हो गए.

बताया जाता है कि बरौली प्रखंड के बखरौल जदी गांव निवासी दशरथ प्रसाद तथा मांझा के मुजौना गांव निवासी मनीषा कुमारी के बीच पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था. दोनों एक-दूसरे से छिप-छिपकर मिलते रहते थे. सोमवार की रात युवक अपनी प्रेमिका से मिलने मुजौना गांव के समीप बगीचे में पहुंच गया. कुछ देर बाद युवती भी चुपके से अपने घर से निकलकर युवक से मिलने बगीचे में पहुंच गई. दोनों एक साथ घर से भागने ही वाले थे कि तभी कुछ ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई. बगीचे में पहुंचे ग्रामीणों ने युवक व युवती को पकड़ लिया. इसके बाद ग्रामीणों ने युवक व युवती के स्वजनों तथा स्थानीय मुखिया को बुलाया.

मंगलवार की सुबह पूर्व मुखिया व मुखिया प्रतिनिधि भुपेंद्र प्रसाद ने युवक व युवती के घर वालों को समझकर उन्हें दोनों की शादी के लिए राजी करा लिया. दोनों के घर वालों की सहमति मिलने के बाद ग्रामीणों ने गांव के काली मंदिर में दशरथ प्रसाद तथा मनीषा की शादी करा दिया.

0Shares

पटना/किशनगंज: उतर बिहार के सीमांचल किशनगंज, पूर्णिया, अररिया सहित कटिहार में सुबह 7.55 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गए.

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भूकंप के झटके की तीव्रता कम रही. इसी तरह के आसपास की तीव्रता किशनगंज जिला में भी महसूस हुयी. किन्तु यहा कोई नुकसान की खबर नही है.

भूकंप का केंद्र पूर्वोत्तर राज्य असम में था. जिसकी तीव्रता 6.4 थी.

इसे भी पढ़ें: असमः 6.4 तीव्रता का भूकंप, नुकसान की आशंका  

0Shares

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर जमकर फटकार लगायी ।हाईकोर्ट ने एम्स के डॉक्टरों की एक टीम को विशेष अधिकार देते हुए बिहार के अस्पतालों में कोरोना के इलाज के दावों की जांच करने को कहा है।
पटनाा हाईकोर्ट में जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ बिहार में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने के मामले की सुनवाई कर रही है। इस बाबत हाईकोर्ट में कई जनहित याचिकाएं दायर की गयी हैं।
राज्य सरकार ने मंगलवार को हाईकोर्ट में दावा किया कि बिहार में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। मगर राज्य सरकार के दावों पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि ऑक्सीजन की कमी की खबरें रोज आ रही हैं लेकिन सरकार कह रही है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। 
सरकारी दावों की होगी जांच 
हाईकोर्ट ने पटना एम्स के डॉक्टरों की अगुवाई में एक तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन करते हुए उसे विशेष अधिकार दे दिये हैं। पटना एम्स में एनेस्थेसिया विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ उमेश भदानी की अध्यक्षता में एम्स में जेनरल मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रवि कीर्ति और सीजीएच पटना के क्षेत्रीय पदाधिकारी डॉ रवि शंकर सिंह की तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित यह कमेटी पटना के तमाम कोविड अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति , बेड की व्यवस्था और रोजाना कितने कोविड टेस्ट हुए इन सबों का हर रोज आंकड़ा लेगी।
हाईकोर्ट ने बिहार के स्वास्थ्य महकमे के प्रधान सचिव को कहा है कि सरकार पटना के सभी कोविड अस्पतालों के अधीक्षकों को निर्देश दे कि वे इस तीन सदस्यीय कमेटी के मांगने पर सही आंकड़ा पेश करें।कोर्ट ने राज्य स्वास्थ समिति , निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं और दूसरे आला अधिकारियों को भी निर्देश जारी किया है।उनसे कहा गया है कि वे इस कमेटी के सदस्यों की हर तरह से मदद करें।
पटना हाईकोर्ट की बेंच ने आज  कहा है कि वह हर रोज सुनवाई कर बिहार में कोरोना के इलाज की जानकारी लेगी।कोर्ट ने बिहार सरकार के रवैये पर कई तल्ख टिप्पणियां भी की हैं।हाईकोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति, कोरोना मरीजों के लिए बेड के इंतजाम औऱ उनके इलाज के प्रबंध की सारी जानकारी कोर्ट को दे।
केंद्र सरकार से भी मांगा जवाब 
पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को भी यह बताने को कहा है कि बिहार को उसके कोटे के मुताबिक ऑक्सीजन की आपूर्ति क्यों नहीं की जा रही है।दरअसल कोर्ट का ध्यान इस ओऱ आकृष्ट किया गया था। कोर्ट को बताया गया था कि केंद्र सरकार कई राज्यों के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध कर रही है लेकिन बिहार को उसके कोटे के मुताबिक ऑक्सीजन नहीं मिल रही है।
इनपुट हिन्दुस्थान समाचार
0Shares

पटना: बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है. नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है.

बिहार शिक्षा विभाग के उप सचिव ने वित्त विभाग के महालेखाकार को आज एक पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 20 अरब 43 करोड़ 97 लाख 94 हजार 828 रुपये विमुक्त करने और इसके व्यय की स्वीकृति को लेकर मंजूरी मांगी है.

पत्र में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों के तहत स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए बीस अरब तेतालीस करोड़ सनतानवे लाख चौरानवे हजार आठ सौ अठाइस रुपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति और वित्त विभाग की तरफ से 17 अप्रैल 1998 की कंडिका-2 में निहित चौमाही प्रतिशत बंधेज के शर्तों के अधीन राशि के विमुक्ति और खर्च से जुड़ी मंजूरी मांगी है.

उल्लेखनीय है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है. नियोजित शिक्षकों का दो साल से एरियर भी बकाया है. वह भी सरकार नहीं दे रही है. एरियर की रकम भी डेढ़ से दो लाख के बीच हो गई है. दूसरी तरफ उन्हें कोरोना काल में 33 फीसदी हाजिरी भी बनानी पड़ रही है.

0Shares

पटना: बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए राशि जारी कर दी है। नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है।

बिहार शिक्षा विभाग के उप सचिव ने वित्त विभाग के महालेखाकार को आज एक पत्र लिखकर माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए 20 अरब 43 करोड़ 97 लाख 94 हजार 828 रुपये विमुक्त करने और इसके व्यय की स्वीकृति को लेकर मंजूरी मांगी है।

पत्र में लिखा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के माध्यमिक शिक्षा के अन्तर्गत जिला परिषद और विभिन्न नगर निकायों के तहत स्वीकृत पद के विरूद्ध कार्यरत माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्षों के वेतन भुगतान के लिए बीस अरब तेतालीस करोड़ सनतानवे लाख चौरानवे हजार आठ सौ अठाइस रुपये के सहायक अनुदान की स्वीकृति और वित्त विभाग की तरफ से 17 अप्रैल 1998 की कंडिका-2 में निहित चौमाही प्रतिशत बंधेज के शर्तों के अधीन राशि के विमुक्ति और खर्च से जुड़ी मंजूरी मांगी है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है, जबकि स्थायी शिक्षकों को वेतन समय से दिया जा रहा है। नियोजित शिक्षकों का दो साल से एरियर भी बकाया है।वह भी सरकार नहीं दे रही है। एरियर की रकम भी डेढ़ से दो लाख के बीच हो गई है। दूसरी तरफ उन्हें कोरोना काल में 33 फीसदी हाजिरी भी बनानी पड़ रही है।

0Shares