Chhapra: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम मंगलवार को छपर पहुंची। टीम ने विगत दिनों मशरक-इसुआपूर प्रखण्ड में हुए शराब कांड की जांच की।
टीम ने छपर सदर अस्पताल पहुँच सिविल सर्जन सागर दुलाल सिन्हा से जानकारी हासिल की। हालकी इस दौरान टीम ने मीडिया से दूरी बनाई रही और कुछ भी जानकारी साझा करने से साफ इनकार कर दिया। सदर अस्पताल में लगभग डेढ़ घंटे जांच करने के बाद टीम रवाना हुई। इस दौरान क्या बातचीत हुई इसको लेकर सिविल सर्जन ने बताया कि संदिग्ध मौतों की संख्या की जानकारी ली गई।
मानवाधिकार आयोग की टीम के आने को लेकर जिले में दिनभर गहमा गहमी रही। टीम कहाँ है और कब पहुंचेगी इस बात को लेकर लोगों में खूब चर्चाएं हुई.
उल्लेखनीय है कि बिहार में शराबबंदी को लगभग सात साल पूरे हो गये है लेकिन जहां तहां शराब मिलने का सिलसिला लगातार जारी रहता है। पिछले सात साल में कई लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से भी हो गयी है लेकिन खास बात यह है कि पिछले दिनों छपरा के सारण में हुई जहरीली शराबकांड में मरने वालों की संख्या अब तक की सर्वाधिक संख्या है।
मानवाधिकार आयोग की टीम के आने के बाद नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि, इस शराबकांड को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर रहा है और इसमें दी जाने वाली मुआवजे को सीएम की ओर से दिये जाने से इंकार करने के बाद बिहार की राजनीति गर्म रही है। सरकार पर इस कांड में हुई मौत के सही आकड़ों को छुपाने का आरोप विपक्ष ने लगाया है।