पटना, 04 जुलाई (हि.स.)। पटना हाई कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा जातियों की गणना एवं आर्थिक सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। इस मामले में दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।
इससे पूर्व हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार द्वारा की जा रही जातीय व आर्थिक सर्वेक्षण पर रोक लगा दिया था। हाई कोर्ट ने ये जानना चाहा था कि जातियों के आधार पर गणना व आर्थिक सर्वेक्षण कराना क्या कानूनी बाध्यता है। कोर्ट ने ये भी पूछा है कि ये अधिकार राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में है या नहीं। साथ ही ये भी जानना कि इससे निजता का उल्लंघन होगा क्या।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने कोर्ट में कहा कि राज्य सरकार जातियों और आर्थिक सर्वेक्षण करा रही है। सर्वेक्षण कराने का ये अधिकार राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है। ये असंवैधानिक है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है। साथ ही कहा कि ये संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है।
अधिवक्ता ने कहा था कि प्रावधानों के तहत इस तरह का सर्वेक्षण केंद्र सरकार करा सकती है। ये केंद्र सरकार की शक्ति के अंतर्गत आता है। साथ ही कहा कि इस सर्वेक्षण के लिए राज्य सरकार पांच सौ करोड़ रुपये खर्च कर रही है। दूसरी तरफ राज्य सरकार का कहना था कि जन कल्याण की योजनाएं बनाने और सामाजिक स्तर सुधारने के लिए ये सर्वेक्षण किया कराया जा रहा है।