Patna: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीतिशास्त्र के पाठ्यक्रम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण, राम मनोहर लोहिया के विचारों को बाहर किए जाने के मामले में अब राज्य सरकार एक्शन में दिख रही है.
सूबे के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मीडिया के सामने आकर सफाई दी है. शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय के इस फैसले के अनुचित बताते हुए घोषणा की कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीतिशास्त्र के पाठ्यक्रम से लोकनायक जयप्रकाश नारायण और राममनोहर लोहिया के विचार नहीं हटाये जाएंगे.
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन सरकार के सीधे अधीन नहीं है, लेकिन वित्तीय बोझ सरकार वहन करती है, इसीलिए किसी न किसी रूप में भूमिका रखनी होती है. उन्होंने कहा कि मामला प्रकाश में आते ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कुलपति, कुलसचिव से बातचीत कर जांच भी शुरू कर दी है. इस मामले पर विश्वविद्यालय स्तर से जो जवाब मिला उससे सरकार संतुष्ट नहीं है. वहीँ जांच में जो बातें सामने आई हैं उसके मुताबिक वर्ष 2018 में ही नई शिक्षा नीति लागू करने के क्रम में पाठ्यक्रम संशोधन को लेकर एक कमिटी बनी थी. कमिटी ने ही अनुशंसा की थी. इसके आधार पर ये कार्रवाई हुई. अब सरकार ने आखिरकार फैसला लिया कि जयप्रकाश और लोहिया के विचार पाठ्यक्रम में शामिल रहेंगे.
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आपको बता दें कि छात्र संगठन एसएफआई ने इस मामले को उठाया था. जिसके बाद बिहार की राजनीति में इस मामले को लेकर हलचल बढ़ गयी. बाद में राजद सुप्रीमो लालू यादव ने भी इस मामले पर ट्वीट कर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी और सरकार से तुरंत संज्ञान लेने को कहा था. जिसके बाद नीतीश सरकार इस मामले को लेकर गंभीर हुई और शिक्षा मंत्री को जबाब देना पड़ा.