मुजफ्फरपुर: हनीमून किडनैपिंग के तेजी से बढ़ रहे मामले ने जिला पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है. लव वर्ड्स की बगावत माता-पिता की परवरिश पर भारी पर रही है. बच्ची के घर से गायब होते ही परिजन थाना में गुमशुदगी की शिकायत करते हैं. पुलिस समान्य अपहरण की धारा में प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू करती है. जब गायब लड़की के मोबाइल का सीडीआर निकालती है, तो मामला कुछ और हो जाता है.
मोबाइल के टावर लोकेशन के आधार पर लड़की को वापस लाने के लिए पुलिस दूसरे जिले और राज्य जाती है. जब लड़की वापस आती है, तो उसकी मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र होता है. कोर्ट में दिये धारा-164 के बयान में वह अपहरण से इनकार करते हुए प्रेमी सह पति के साथ रहने की बात कहती है. वह खुद के बालिग होने का प्रमाण भी कोर्ट को देती है. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस उसको प्रेमी सह पति के साथ भेज देती है.
कुछ मामलों में लड़की की उम्र कम होती है, पर वह अपने कथित प्रेमी सह पति के साथ जाने की जिद्द करती है, तो मजबूरन कोर्ट के आदेश पर लड़की को बालिकागृह में भेजा जाता है. आंकड़ों की बात करें जिले में 2020 में 620 लड़कियों का प्रेम-प्रसंग व शादी के लिए अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 2021 में यह बढ़कर 632 हो गयी है. 2022 के जनवरी में 65, फरवरी में 72, मार्च में 64 इस तरह के मामले दर्ज किये गये हैं. थाना में जो मामले दर्ज हो रहे हैं, उनमें गायब लड़कियों की उम्र देखी जाये, तो यह हैरान करने वाली है. ज्यादातर मामले में लड़की की उम्र 15 से 25 वर्ष की होती है. आंकड़ों को देखें, तो इसमें 40 प्रतिशत की उम्र 15 से 25 साल है. 30 साल से अधिक उम्र के लड़के-लड़की इसमें कम शामिल हैं.