समय पर परीक्षा नही होने के कारण पॉलिटेक्निक छात्रों का भविष्य अधर में, बीसीईसीईबी की इंट्रेस एग्जाम पास करने के बाद भी नहीं हो रहा नामांकन
Chhapra: पॉलीटेक्निक कॉलेज में समय पर परीक्षा नही होने का खामियाजा इन दिनों छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. बीसीईसीईबी द्वारा बीटेक लैटरल एंट्री की परीक्षा पास कर अच्छी रैंकिंग पाने के बावजूद चयनित छात्रों का नामांकन नही हो पाया. जिससे ना सिर्फ छात्र मायूस है बल्कि उन्हें अपने भविष्य को लेकर चिंता सता रही.
छात्रों का कहना है कि सरकार के निर्देश पर संचालित पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में परीक्षा का आयोजन करना विभाग का काम है लेकिन समय पर परीक्षा आयोजन नही होने से उनका नामांकन इंट्रेंस में अच्छे रैंक आने के बावजूद कॉलेज में नहीं हो पाया. विभागीय लापरवाही के कारण हजारों छात्रों का कैरियर अधर में हुई.
इस संदर्भ में गवर्मेंट पॉलीटेक्निक कॉलेज सीवान की छात्रा नमिता कुमारी ने बताया कि उनसे पॉलीटेक्निक कॉलेज सीवान से सत्र 2020-23 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई कर रही है. इस सत्र के 5 सेमेस्टर की परीक्षाएं निर्धारित समय पर हुई लेकिन जुलाई 23 में 6ठे सेमेस्टर की परीक्षा होनी थी जो अबतक नही हुई. इसी बीच बीसीईसीआई द्वारा बीटेक लैटरल एंट्री की परीक्षा सरकार ने आयोजित की जिसमे अपीयरिंग छात्र भी परीक्षा पास कर अपना नामांकन करवा सकते थे. जिसमे शामिल छात्र परीक्षा पास कर गए रैंक के अनुसार नामांकन के लिए कॉलेज भी निर्धारित कर दिया गया. साथ ही डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन टाइम शेड्यूल भी जारी कर दिया गया.
छात्रा नमिता ने बताया कि डॉक्यूमेंट जांच के दौरान 6ठे सेमेस्टर का प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण उनकी सीट रद्द कर दी गई है. हालांकि ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में है जिनके प्रमाण पत्रों की जांच के क्रम में सीट कैंसल की गई है.
छात्र छात्राओं का कहना कि परीक्षाओं का आयोजन करना सरकार और संस्थाओं का काम है. दोनों ही परीक्षाएं एक ही संस्थान द्वारा ली जाती है ऐसे में पहले पॉलीटेक्निक महाविद्यालय की परीक्षाओं का आयोजन किया जाना चाहिए था तब इंट्रेंस परीक्षाएं आयोजित की जानी चाहिए थी.
उनका कहना है कि सरकार इस मामले में पहल करें. इंट्रेस एग्जाम पास करने वाले छात्रों का नामांकन लिया जाए, साथ ही साथ 6 ठे सेमेस्टर की परीक्षा लेकर परिणाम घोषित किया जाए. अन्यथा की स्थिति में विभागीय लापरवाही के कारण हजारों छात्र छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो चला है इससे ना सिर्फ छात्रों का कैरियर बर्बाद होगा बल्कि कई छात्र के आर्थिक कारणों से पढ़ाई भी छोड़ने पर विवश हो जायेगे.