बिहार में कोरोना टीका की पहली खुराक पांच करोड़ और दूसरी खुराक दो करोड़ लोगों ने ली: नीतीश

बिहार में कोरोना टीका की पहली खुराक पांच करोड़ और दूसरी खुराक दो करोड़ लोगों ने ली: नीतीश

पटना: जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने कोरोना टीकाकरण अभियान पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बिहार में पहली खुराक लेने वालों की संख्या पांच करोड़ से ज्यादा है, जबकि दूसरी खुराक लेने वाले लोगों की संख्या दो करोड़ के करीब पहुंच गया है।

सीएम ने कहा कि बीच-बीच में इसमें तेजी लाने के लिये अभियान भी चलाया जाता है। कल भी 15 लाख लोगों का टीकाकरण हुआ। लोगों के बीच में जाकर पूरे तौर पर कोशिश हो रही है कि जो लोग यहां रहते हैं और उनके अलावा त्योहार के अवसर पर बाहर से आने वाले लोगों में जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, उनका भी टीकाकरण कराने के लिये हम लोग प्रेरित कर रहे हैं और उनका टीकाकरण कराया भी जा रहा है। जिनका फर्स्ट डोज हो गया है उनका दूसरा डोज ससमय हो जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है, जिसका लाभ दिख रहा है।

शराब पीने से हुई मौत मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर बार बोलते रहते हैं कि ये खतरनाक चीज है। लोग बाहर गैरकानूनी ढंग से ये सब काम करते हैं तो देख रहे हैं कि कितने लोगों का डेथ हो गया। पहले भी ऐसा हुआ है इसलिये बार-बार हमलोग कहते हैं कि गलत चीज लीजियेगा तो नुकसान होगा ही। जो लोग गलत धंधा करता है उससे लेकर कोई ग्रहण करता है तो यही सब नतीजा होता है।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में हमलोगों ने एक मीटिंग कर ली है और 16 नवंबर को हमारी हर जिले के साथ मीटिंग है। बैठक में पूरे तौर पर हम उसकी समीक्षा करेंगे। सभी को कह दिया है कि एक-एक चीज को देख लीजियेगा कि कहां पर ये सब इंसीडेंट हो रहा है। हमने ये बात डीजीपी सहित संबंधित अधिकारियों को कह दिया है कि एक-एक चीज पर नजर रखिए। एक-एक चीज पर गौर कीजिए और देखने के बाद जो जरूरी कदम हो वो उठाइये। जो इसके लिये जिम्मेवार हैं, उस पर कार्रवाई कीजिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने दुनिया भर का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रकाशित किया। उसके बाद भी लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि शराब कितनी बुरी चीज है। बापू की भी यह इच्छा थी। शराबबंदी का काम एक बार जननायक स्व. कर्पूरी ठाकुर ने लागू किया था जो बाद में हट गया। फिर हमलोगों ने ये सर्वसम्मति से तय किया। आज कल बड़ा दुख होता है कि लोग तरह-तरह का बयान देते हैं। केवल बयान क्यों देते हैं, आप खुद क्यों नहीं पकड़वाते हैं ? कहीं पर कुछ हो रहा है तो उसके बारे में जानकारी दीजिये। सब लोगों को अवेयरनेस करना चाहिये।

पत्रकारों द्वारा पूछे गये शराबबंदी कानून के भय नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी चीजों की हम 16 नवंबर को समीक्षा करेंगे। मंत्रीगण और अधिकारी रहेंगे, एक-एक चीज की जानकारी लेंगे और उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे। कुछ लोग शराबबंदी के कारण रेवेन्यू लॉस की बात कहते हैं लेकिन हमने शुरू में ही कह दिया था कि एक साल में लगभग पांच हजार करोड़ रुपये का लॉस हुआ, उसके अगले साल मात्र 12-13 सौ करोड़ रुपये का लॉस हुआ था और उसके साल यह लॉस भी खत्म हो गया। शराब के सेवन में कई लोग जो फालतू खर्च कर रहे थे, अब वे परिवार की भलाई में खर्च कर रहे हैं। शराबबंदी के बाद परिवार में मारपीट की घटना नहीं होती है। अधिकांश लोग शराबबंदी को स्वीकार किये हैं। शराबबंदी को लेकर फिर से अभियान चलायेंगे ताकि उसके प्रति लोगों में अवेयरनेस आये।

बिहार में जातीय जनगणना कराने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले शराबबंदी से संबंधित समीक्षा कर लेते हैं, उसके बाद हमलोग सभी इस पर बैठकर विचार विमर्श करेंगे कि अपने राज्य में क्या कर सकते हैं। अभी तक हमलोग आपदा राहत के कार्य में लगे हुए थे उनलोगों को जो सहायता की जरूरत है वो उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि राज्य की इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद कोरोना के बहुत कम केसेज हैं, जो केसेज हैं भी वो बाहर से आने वालों की है। कोरोना से बचाव को लेकर हमलोगों ने पूरी मुस्तैदी से काम किया है। प्रतिदिन 2 लाख से ज्यादा कोरोना जांच किये जा रहे हैं। कल 2 लाख से ज्यादा जांच किये गये उसमें मात्र 2 पॉजिटिव निकले हैं। हमलोगों को फिर भी सतर्क रहना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बाढ़ की स्थिति समाप्त हो गई है और हमलोगों को विकास की योजनाओं को भी तेजी से क्रियान्वित करना है। एक तरफ हमलोग विकास का काम भी करेंगे और दूसरी तरफ अवेयरनेस का काम भी करेंगे। बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ भी हमलोग पहले अभियान चलाये हैं और आगे भी चलाते रहेंगे। विकास के साथ-साथ सामाजिक उत्थान के लिये लोगों को जागरूक भी करते रहेंगे। आपस में प्रेम, भाईचारा और सदभाव का माहौल रखना है।

नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आने वाले राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विजिटरों की सुविधा से संबंधित प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा यूनिर्सिटी इंटरनेशनल है, यहां लोग बाहर से आयेंगे उन्हें किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इन सब चीजों का ख्याल रखा गया है। बगल में पावापुरी में काफी बेहतर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बनाया गया है। गया, बोधगया और पटना से आने वाले लोगों के लिये बेहतर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। गंगा जल उद्वह योजना के अंतर्गत गंगा का पानी शुद्ध पेयजल के रूप में लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा। दुनिया भर के लोग इस तरह की व्यवस्था को देखेंगे। यूनिवर्सिटी के अलावा स्पोर्टस एकेडमी एवं अन्य संस्थाओं में भी गंगाजल को शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा।

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