मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में 83 लोगों की सुनी समस्या, अधिकारियों को दिए निर्देश

मुख्यमंत्री ने जनता दरबार में 83 लोगों की सुनी समस्या, अधिकारियों को दिए निर्देश

पटना, 15 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जनता दरबार में राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 83 लोगों की समस्याओं को सुना। साथ ही संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सुपौल जिले से आए एक समाजसेवी ने कहा कि उनके गांव के क्षतिग्रस्त पुल का पुनः निर्माण कराया जाए, जिससे आवागमन सुलभ हो सके। अररिया जिले से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि जमीन बंदोबस्ती के बाद भी हम महादलित परिवारों की जमीन की रसीद नहीं काटी जाती है, जिससे हमेशा भगाए जाने का संशय बना रहता है।

सहरसा जिले से आए एक फरियादी ने गुहार लगाते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे इलाके में ग्रामीण सड़क का अब तक निर्माण नहीं हो सका है, जिससे आज भी हमारा गांव पिछड़ा हुआ है। शेखपुरा जिले से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि हमने अपनी भूमि के म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया, सारी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद भी मेरी जमीन, जो मेरे नाम से है म्यूटेशन करने की बजाए उसे बिका हुआ बताया जा रहा है, जबकि इस बार के सर्वे में भी भूमि मेरे ही नाम पर चढ़ा हुआ है। मेरी जमीन का हल्का कर्मचारी द्वारा म्यूटेशन नहीं किए जाने से मेरा पूरा परिवार अपनी पुश्तैनी भूमि को लेकर काफी परेशान है।

समस्तीपुर जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि पौधारोपण मामले में राशि गबन कर ली गयी है और पौधारोपण भी नहीं किया गया है।मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। समस्तीपुर जिले से ही आयी एक अन्य महिला ने मुख्यमंत्री से फरियाद करते हुए कहा कि 9 कट्ठा 8 धुर जमीन खरीदा लेकिन हमारे अपनी ही भूमि का लगान रसीद काटकर नहीं दिया जा रहा है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लखीसराय जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत दुकान आवंटन की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी दुकान मुझे नहीं देकर किसी और को दे दी गयी है। मुख्यमंत्री ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

गोपालगंज जिले से आये एक समाजसेवी ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि दो बीघा से अधिक सरकारी गैर मजरूआ जमीन को दबंगों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। इसकी शिकायत करने के बाद भी इस भूमि को मुक्त नहीं कराया जा रहा है। वहीं गोपालगंज जिले से ही आए एक अन्य फरियादी ने आग्रह करते हुए कहा कि मेरी दादी के द्वारा बख्शीश में मिली भूमि का दाखिल खारिज नहीं किया जा रहा है, इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बेगूसराय जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि हमलोग पिछले तीन साल से जल जमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। इसकी सूचना संबंधित लोगों को दिए जाने के बाद भी किसी प्रकार की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रोहतास जिले से आये एक युवक ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मेरे गांव अगड़ेर से झुलकुसिया तक के सड़क का निर्माण नहीं कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोहतास से ही आए एक अन्य युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर दबंगों द्वारा मकान का निर्माण करा लिया गया है, जिससे नहर बाधित हो गया है और पटवन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

सारण जिले से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि हमारे गांव में सड़क का निर्माण नहीं होने से महादलित टोले के लोग बरसात के दिनों में मुख्य मार्ग से कट जाते हैं। सारण जिले से ही आए एक अन्य फरियादी ने गुहार लगाते हुए कहा कि पंचायत के कई वार्डों में नल-जल योजना में मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा है, जिससे सरकार के द्वारा मिलने वाली शुद्ध पेयजल की सुविधा सही तरीके से मुहैया नहीं हो पा रही है।

मुंगेर जिले से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरे पति नगर निगम में कार्यरत थे, तीन साल पहले उनकी मृत्यु हो गई, लेकिन किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिल पायी है। मुख्यमंत्री ने नगर विकास एवं आवास विभाग को जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

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