Uttarakhand 11 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली त्रासदी के सातवें दिन आयुक्त गढ‍़वाल मंडल विनय शंकर पाण्डेय ने बताया कि धराली आपदा के बाद 43 लोग लापता हाेने की सूचना दर्ज की गई है, जिनमें से एक युवक का शव बरामद हाे गया है। शेष 42 लाेगाें में सेना के नाै, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति शामिल हैं। रेस्क्यू अभियान में अब तक 1278 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

लापता लोगों की खोजबीन का प्रयास भी तेजी से हाे रहे हैं

सोमवार को यहां आपदा नियंत्रण कक्ष में एक मीडिया ब्रीफिंग में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि आपदाग्रस्त धराली में राहत एवं बचाव अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। अभियान में लापता लोगों की खोजबीन का प्रयास भी तेजी से हाे रहे हैं। मंडलायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार धराली गांव के आपदा पीड़िताें को तत्कालिक तौर पर पांच लाख रूपये की अनुग्रह राशि का वितरण कार्य शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप पीड़िताें काे राहत एवं पुनर्वास का बेहतर पैकेज तैयार कराया जा रहा है। जिसके लिए सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है। आपदा से हुई क्षति का आकलन और प्रभावितों से वार्ता के लिए समिति के सदस्य आज उत्तरकाशी पहुंचेंगे।

मंडलायुक्त ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर 1278 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। प्रभावित क्षेत्र में फंसे सभी बाहरी लोगों एवं जरूरतमंद स्थानीय लोगों को वहां से निकाल लिया गया है। मलबे के भीतर दबे लोगों की खोज करना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिसके लिए एनडीआरएफ की टीम सहित अलग से एक विशेष अधिकारी मौके पर तैनात है। एसडीआरएफ के आईजी भी मौके पर कैम्प कर रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति भी लापता बताए गए हैं

उन्हाेंने बताया कि देहरादून से 10 विशेषज्ञ भूवैज्ञानिकों की एक विशेष टीम भी भेजी गई है। राहत एवं बचाव कार्यों तथा सर्च ऑपरेशन को तत्परता से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी लगातार प्रभावित क्षेत्र में ही कैम्प कर रहे हैं। प्रभावित लोगों को पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, कपड़े व दैनिक उपयोग की सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है। मंडलायुक्त ने बताया कि अभी तक प्राप्त विवरण के अनुसार इस आपदा में 43 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी। जिनमें से धराली गांव के एक युवक आकाश पंवार का शव बरामद हुआ है। मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। इन लापता 42 लोगोंं में नाै सेना के कार्मिकों के साथ ही धराली गांव के आठ तथा निकटवर्ती क्षेत्रों के पांच लोग शामिल हैं। टिहरी जिले का एक, बिहार के 13 और उत्तर प्रदेश के छह व्यक्ति भी लापता बताए गए हैं।

उन्हाेंने बताया कि इनके अतिरिक्त 29 नेपाली मजदूरों के लापता होने की भी सूचना मिली थी, जिनमें से मोबाइल नेटवर्क बहाल होने के बाद पांच व्यक्तियों से संपर्क हो चुका है। शेष 24 मजदूरों के संबंध में उनके ठेकेदारों से अधिक विवरण नहीं मिल पाया है। संबंधित ठेकेदारों को कहा गया है कि इन मजदूरों को जहां से लाया गया है, वहां से उनके मोबाइल नंबर तथा अन्य जानकारी प्राप्त की जाय। ऐसा माना जा रहा है कि अभी तक सकुशल मिले पांच मजदूरों की तरह शेष अन्य मजदूर भी अन्यत्र जा सकते हैं। केदारनाथ आपदा के दौरान भी लापता बताए गए कई लोग प्रभावित क्षेत्र से वापस अपने घर पहुंच चुके थे। अन्य राज्यों के लापता लोगों के घरों का पता जुटाकर भी उनकी खोज-खबर का प्रयास किया जा रहा है। इन लोगों के बारे में अंतिम वस्तुस्थिति एक-दो दिन में साफ होने की उम्मीद है। मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र राजीव स्वरूप भी उपस्थित रहे।

डबरानी व सोनगाड क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़कें बहाल करने के प्रयास तेज

मंडलायुक्त ने बताया कि हर्षिल में भागरथी नदी पर बनी झील से पानी निकासी के लिए सिंचाई विभाग और उत्तराखंड जल विद्युत निगम ने काम शुरू कर दिया गया हैं। डबरानी-सोनगाड क्षेत्र में सड़क मरम्मत के लिए मशीनें पहुंची है। इसके अलावा पैदल मार्ग पर सुरक्षा व सहायता के अनेक इंतजाम किये जा रहे

हैं। मंडलायुक्त ने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल करने का काम तेजी से जारी है। गत रात्रि को लिमच्यागाड में वैली ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका हैं। अब डबरानी और सोनगाड क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सड़क बहाल करने का काम चल रहा है। मंगलवार सायं तक इस क्षेत्र में सड़क संपर्क बहाल हो जाने की उम्मीद है। लिमच्यागाड में वैली ब्रिज बनने के बाद भारी मशीनों को डबरानी क्षेत्र में पहुंचा दिया गया है।

उन्हाेंने बताया कि डबरानी से सोनगाड तक लगभग पांच किमी पैदल मार्ग पर एक हेल्प पोस्ट एवं मेडिकल कैम्प की व्यवस्था करने के साथ ही एसडीआरएफ व वायरलेस टीम को भी तैनात किया गया है। डबरानी से सोनगाड के बीच खच्चरों के माध्यम से गैस सिलिंडरों को भेजा शुरू कर दिया गया है। जिन हिस्सों में सड़क अवरूद्ध हैं, वहां पर ट्रांशिपमेंट कर प्रभावित क्षेत्र के लिए जरूरी सामान की आपूर्ति की जा रही है। उन्हाेंने बताया कि सड़क बाधित होने के कारण प्रभावित गांवों में प्रशिक्षित आपदा मित्रों एवं पंचायतराज विभाग के माध्यम से लगातार संपर्क किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र में मोबाइल संपर्क उपलब्ध है। आपदा नियंत्रण कक्ष निरंतर संचालित हो रहा हैं। प्रभावित गांवों में कोई समस्या होने पर तत्काल सहायता पहुंचाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

East Champaran, 11 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) 47वीं बटालियन द्वारा हर घर तिरंगा अभियान के तहत सोमवार को भव्य तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा कमांडेंट संजय पांडेय के मार्गदर्शन और उप कमांडेंट प्रियदर्शन अरुण तथा उप कमांडेंट खेम राज के नेतृत्व में आयोजित हुई।वाहिनी मुख्यालय से निकली इस यात्रा में 47वीं बटालियन के अधिकारीगण, अन्य बलकर्मी, शिक्षक, छात्र-छात्राएं और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए। यात्रा के दौरान देशभक्ति के नारों से माहौल गूंज उठा।

अपने घरों और परिसरों में तिरंगा फहराने का आग्रह किया गया

प्रतिभागियों ने हाथों में तिरंगा लेकर राष्ट्रप्रेम का संदेश दिया। इसके अलावा, 47वीं बटालियन की सभी बाह्य सीमा चौकियों पर भी अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में तिरंगा यात्रा आयोजित की गई, जिसमें बलकर्मियों के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन यात्राओं का उद्देश्य लोगों को हर घर तिरंगा अभियान से जोड़ना और राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी लोगों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों और परिसरों में तिरंगा फहराने का आग्रह किया गया। अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान न केवल राष्ट्रीय एकता और अखंडता का प्रतीक है, बल्कि नागरिकों में देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी की भावना को भी प्रबल करता है।


तिरंगा यात्रा में शामिल छात्र-छात्राओं और स्थानीय नागरिकों ने इसे एक यादगार अनुभव बताते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से आने वाली पीढ़ियों में भी देशभक्ति की भावना जागृत होती है।एसएसबी 47वीं बटालियन की यह पहल स्वतंत्रता दिवस के पूर्व पूरे क्षेत्र में देशभक्ति और उत्साह का माहौल कायम कर दिया

Entertainment: Hrithik Roshan और Jr NTR स्टारर  ‘War-2’अब रिलीज से सिर्फ कुछ दिन दूर है। 14 अगस्त को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली इस फिल्म को लेकर दर्शकों में गजब का क्रेज देखने को मिल रहा है। एडवांस बुकिंग की शुरुआत हो चुकी है, और अब रिलीज से महज तीन दिन पहले फिल्म की प्रमोशनल रणनीति का खुलासा हो गया है।

‘वॉर-2’ की रिलीज को भव्य बनाने के लिए निर्माताओं ने कई अहम फैसले लिए

‘वॉर-2’ की रिलीज को भव्य बनाने के लिए निर्माताओं ने कई अहम फैसले लिए हैं। उन्होंने देशभर के सिनेमाघरों को आवश्यकताओं की एक सूची भेजी है। सिंगल-स्क्रीन थिएटरों को साफ निर्देश दिया गया है कि वे किसी अन्य फिल्म की स्क्रीनिंग नहीं करेंगे और पूरी तरह ‘वॉर 2’ को ही दिखाएंगे। यही नियम दो और तीन स्क्रीन वाले सिनेमाघरों पर भी लागू होगा। यशराज फिल्म्स (वाईआरएफ) ने यह भी तय किया है कि दो-स्क्रीन वाले थिएटरों में ‘वॉर 2’ के कम से कम 12 शो अनिवार्य रूप से चलाए जाएंगे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन-स्क्रीन वाले सिनेमाघरों में ‘वॉर-2’ के कम से कम 18 शो रोजाना दिखाना अनिवार्य होगा। 4, 5 और 6 स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स को 21, 27 और 30 शो प्रतिदिन चलाने होंगे। 7-स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में यह संख्या 36 होगी, जबकि 8 स्क्रीन वाले में 42, 9 स्क्रीन वाले में 48 और 10 या उससे अधिक स्क्रीन वाले मल्टीप्लेक्स में कम से कम 54 शो रोजाना अनिवार्य होंगे। अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी इस एक्शन एंटरटेनर में कियारा आडवाणी भी नजर आएंगी।

Patna 11 अगस्त (हि.स.)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को पटना के पश्चिमी क्षेत्र के लिए 766.73 करोड़ रुपये की लागत वाली पथ निर्माण विभाग की 6 योजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को इन योजनाओं का काम जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है।

6 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है

मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोलंबर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिलान्तर्गत की गई घोषणाओं से संबंधित 138.5 करोड़ रुपये लागत की एम्स गोलंबर-जानीपुर-पैनापुर नेव (जंक्शन ऑफ बिहटा सरमेरा पटना रिंग रोड)(कुल लंबाई 10.5 किमी) पथ के 2 लेन चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही 73.06 करोड़ की लागत से नौबतपुर-मसौढ़ी पथ के 17वें किलोमीटर में नौबतपुर लख में फ्लाईओवर (लंबाई 1.015 किमी) निर्माण कार्य का भी शिलान्यास किया।

इसके पश्चात् कोथवां, रुपसपुर नहर पर आयोजित कार्यक्रम स्थल से मुख्यमंत्री ने 71.48 करोड़ रुपये की लागत की पटना जिलान्तर्गत खगौल नेहरु पथ का अशोक राजपथ-रुपसपुर नहर पथ तक फोर लेन (कुल लंबाई 6.9 किमी) चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से 143.86 करोड़ रुपये की लागत से दीघा-एम्स पाटली पथ को दानापुर की तरफ नेहरु पथ से संपर्कता प्रदान करने के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

गोला रोड के चौड़ीकरण से पश्चिमी पटना के नए विकसित क्षेत्र के निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी

नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से ही 318.51 करोड़ रुपये की लागत से पटना जिलान्तर्गत रुपसपुर नहर से सगुना मोड़ तक नेहरु पथ (कुल लंबाई 2.7 किमी) के दोनों तरफ भूमिगत नाला के साथ पथ के निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य का भी मुख्यमंत्री ने शिलान्यास किया। नेहरु पथ पर पाटली पथ के नीचे आयोजित कार्यक्रम स्थल से ही मुख्यमंत्री ने 21.35 करोड़ रुपये की लागत से नेहरु पथ से गोला रोड (कुल लंबाई 2.20 किमी) पथ के चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण कार्य का शिलान्यास किया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत खुशी की बात है कि प्रगति यात्रा के दौरान पटना जिला के लिए की गई घोषणाओं से संबंधित पटना शहरी (पश्चिमी क्षेत्र) के अंतर्गत पथ निर्माण विभाग की 6 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। इन योजनाओं पर शीघ्र काम शुरु कर तेजी से पूर्ण करें।

उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से पटना शहरी (पश्चिमी क्षेत्र) में आम लोगों के लिए यातायात काफी बेहतर होगा तथा जाम की समस्या में कमी आएगी। साथ ही नेहरु पथ से पाटली पथ होते हुए जेपी सेतु तथा एम्स तक पुहंचना आसान होगा। गोला रोड के चौड़ीकरण से पश्चिमी पटना के नए विकसित क्षेत्र के निवासियों को आवागमन में सुविधा होगी।

Chhapra: आजादी के अमृत महोत्सव और ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत भारत स्काउट और गाइड, सारण ने भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया। यह कार्यक्रम कला संस्कृति विभाग, सारण के बैनर तले आयोजित हुआ।

तिरंगा यात्रा का उद्देश्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना था

प्रेक्षागृह छपरा से यात्रा की शुरुआत जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी डॉ. विभा भारती और भारत स्काउट एवं गाइड, सारण के उपाध्यक्ष डॉ. हरेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर की।

तिरंगा यात्रा थाना चौक, नगरपालिका चौक होते हुए शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरी। इस दौरान देशभक्ति के नारे और गीत गूंजते रहे। हाथों में तिरंगा थामे स्काउट-गाइड सदस्य कदम से कदम मिलाकर देशभक्ति का संदेश दे रहे थे।

इस मौके पर जिला आयुक्त (स्काउट) अरुण परासर, संयुक्त जिला सचिव डॉ. सुषमा सिंह, कोषाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र भारद्वाज, जिला संगठन आयुक्त (स्काउट) अमन राज, जिला प्रशिक्षक प्रणव सहित विभिन्न विद्यालयों के स्काउट मास्टर, गाइड कैप्टन और सैकड़ों स्वयंसेवक मौजूद थे।

तिरंगा यात्रा का उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति की भावना जगाना और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करना था।

Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर ने राजेंद्र स्टेडियम छपरा में जिला स्तरीय मशाल प्रतिभा खोज खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ सोमवार को  किया। यह प्रतियोगिता 11 से 14 अगस्त 2025 तक शहर के अलग-अलग खेल स्थलों पर आयोजित की जा रही है।

जिले में 5 तरह के खेलों का आयोजन किया जा रहा है

प्रतियोगिता में सारण जिले के कुल 1540 लड़के और लड़कियां भाग ले रहे हैं। इसके तहत जिले में 5 तरह के खेलों का आयोजन किया जा रहा है

प्रतियोगिता कार्यक्रम इस प्रकार है:

1. एथलेटिक्स (U14 और U16 आयु वर्ग, बालक-बालिका)

दिनांक: 11 अगस्त, स्थान: राजेंद्र स्टेडियम, छपरा

2. कबड्डी (U14 और U16 आयु वर्ग, बालक-बालिका)

दिनांक: 11 एवं 12 अगस्त, राजेंद्र स्टेडियम, छपरा एवं खेल भवन, सारण

3. वॉलीबॉल (U16 आयु वर्ग, केवल बालक)

दिनांक: 13 अगस्त, जिला स्कूल, छपरा

4. फुटबॉल (U14 और U16 आयु वर्ग, बालक)

दिनांक: 13 अगस्त,राजेंद्र स्टेडियम, छपरा

5. साइक्लिंग (U14 और U16 आयु वर्ग, बालक-बालिका)

दिनांक: 14 अगस्त, हवाई अड्डा, पुलिस लाइन

Entertainment: Ajay Devgan की फिल्म ‘सन ऑफ सरदार-2’ से जहां दर्शकों और निर्माताओं को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका अब तक का सफर निराशाजनक रहा है। रिलीज के 10 दिन पूरे होने के बावजूद फिल्म शुरुआत से ही दर्शकों को खींचने में जूझती नजर आई। यहां तक कि वीकेंड पर भी इसकी कमाई में कोई खास उछाल नहीं आया। अब फिल्म की 10वें दिन की कमाई सामने आ गई है।

9वें दिन ‘सन ऑफ सरदार-2’ ने 4 करोड़ रुपये की कमाई की

बॉक्स ऑफिस ट्रैकर सैकनिल्क के मुताबिक ‘सन ऑफ सरदार-2’ ने 9वें दिन शनिवार 4 करोड़ रुपये की कमाई की थी, जबकि 10वें दिन यानी दूसरे रविवार को इसका कलेक्शन घटकर सिर्फ 3.75 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह फिल्म ने 10 दिनों में कुल 42 करोड़ रुपये का कारोबार किया है। बताया जा रहा है कि ‘सन ऑफ सरदार-2’ का बजट करीब 150 करोड़ रुपये है।

‘सन ऑफ सरदार-2’ का निर्देशन पंजाबी सिनेमा के मशहूर फिल्ममेकर विजय कुमार अरोड़ा ने किया है, जिन्होंने इसी फिल्म के साथ बॉलीवुड में अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया है। इस बार अजय देवगन की जोड़ी पहली बार अभिनेत्री मृणाल ठाकुर के साथ बनी है। फिल्म में नीरू बाजवा, रोशनी वालिया, कुब्रा सैत, दीपक डोबरियाल, साहिल मेहता, चंकी पांडे और रवि किशन जैसे कलाकार भी अहम भूमिकाओं में नजर आते हैं। अजय ने इस फिल्म में अभिनय के साथ-साथ सह-निर्माता की जिम्मेदारी भी निभाई है।

New Delhi, 11 अगस्त (हि.स.)। विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध और 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट चोरी के आरोप में संसद से चुनाव आयोग तक सोमवार को मार्च निकाला। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान ने इंडी गठबंधन और राहुल गांधी पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन के लोग, विशेषकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी हर रोज झूठ का नया पहाड़ बनाते हैं। देश देख रहा है कि सबसे ज्यादा संविधान विरोधी काम अगर कोई कर रहा है, तो उसके सरगना भी राहुल गांधी ही हैं।

कांग्रेस जीत जाती है तो सब ठीक रहता है: धर्मेंद्र प्रधान 

धर्मेंद्र प्रधान ने भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस जीत जाती है तो सब ठीक रहता है और अगर हार जाती है तो कहती है कि सब जगह भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव की प्रक्रिया आज दुनिया में सिद्ध व्यवस्था बन चुकी है। एसआईआर पहली बार नहीं हो रहा है। हर राज्य में राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव आयोग की एक नियमित प्रक्रिया है कि मतदाता सूची को व्यवस्थित करने के लिए वो लगातार काम करता है। कांग्रेस पहले ईवीएम पर झूठ फैलाती हैै, कभी महाराष्ट्र का मुद्दा उठाती है, कभी हरियाणा की बात उठाती है यानी हर रोज झूठ का एक नया पहाड़ बनाती है। वर्ष 2014, 2019 और 2024 में लोकसभा चुनाव और अनेक राज्यों में निरंतर पराजय के कारण कांग्रेस दिवालियापन की स्थिति में पहुंच चुकी है।

कांग्रेस और विपक्ष के पास केवल वोटबैंक की राजनीति ही बची है: धर्मेंद्र प्रधान 

प्रधान ने कहा कि पिछले 2-3 दिनों में जो वाद-विवाद हुआ, उसपर भारतीय मीडिया ने फैक्ट चेक करके राहुल गांधी के हर एक झूठ का प्रमाण के आधार पर बेनकाब किया है। कांग्रेस और विपक्ष के पास केवल वोटबैंक की राजनीति ही बची है। घुसपैठियों को मतदाता बनाकर वो अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं। जिन लोगों को तकनीक या चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं की बुनियादी समझ नहीं है, उनके पास वोट बैंक की राजनीति के अलावा कुछ नहीं बचा है।

New Delhi, 11 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर सांसदों के लिए बनाए गए 184 नए टाइप-VII बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे सांसदों के ईज ऑफ लिविंग में सुधार और सरकारी खर्च में कमी की दिशा में अहम कदम बताया। इस परिसर के चार टावर हैं। इसके नाम देश की प्रमुख नदियों कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली पर रखे गए हैं।

प्रधानमंत्री ने इसके लिए आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हाल ही में कर्तव्य पथ पर केंद्रीय सचिवालय ‘कर्तव्य भवन’ का लोकार्पण हुआ था और अब सांसदों के लिए यह नया आवास परिसर तैयार हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टॉवर के नाम नदियों के नाम रखने की परंपरा देश की एकता को मजबूत करती है।

पहले सांसदों को बार-बार आवास संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था

प्रधानमंत्री ने बताया कि नए आवास पुराने सांसद भवनों की जर्जर स्थिति से मुक्ति देंगे। पहले सांसदों को बार-बार आवास संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब वे इन समस्याओं से मुक्त होकर जनता की समस्याओं के समाधान में अधिक समय और ऊर्जा लगा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि पहली बार सांसद बनने वालों को दिल्ली में आवास आवंटन में आने वाली कठिनाइयों को भी यह परियोजना दूर करेगी। इन बहुमंजिला इमारतों में 180 से अधिक सांसद एक साथ रह सकेंगे। प्रधानमंत्री ने बताया कि पहले कई मंत्रालय किराए की इमारतों में चलते थे, जिन पर हर साल करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च होते थे। सांसद आवास की कमी भी सरकारी खर्च बढ़ाती थी।

2014 के बाद इसे मिशन मोड में लिया गया: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2004 से 2014 तक लोकसभा सांसदों के लिए एक भी नया आवास नहीं बना था, जबकि 2014 के बाद इसे मिशन मोड में लिया गया। अब तक इन फ्लैटों समेत लगभग 350 सांसद आवास बनाए जा चुके हैं, जिससे जनता का पैसा बच रहा है। उन्होंने इस निर्माण में जुड़े इंजीनियरों और श्रमिकों की मेहनत की सराहना की।

उन्होंने कहा कि इन आवासों में सतत विकास के मानकों का पालन किया गया है और यह परिसर स्वच्छता व एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतीक बनेगा। प्रधानमंत्री ने सांसदों से परिसर में स्वच्छता प्रतियोगिता और विभिन्न राज्यों के त्योहारों के सामूहिक आयोजन की अपील की।

11 अगस्त (हि.स.)। स्वतंत्रता दिवस के अवसर परसंभावित किसी भी प्रकार की घुसपैठ या अवांछनीय गतिविधियों के मद्देनजर सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटीयर ने अगले एक सप्ताह तक सरहद पर ऑपरेशन हाईअलर्ट शुरू किया है। इस दौरान भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी नियमित गश्त के साथ अतिरिक्त चौकसी बढ़ाई जाएगी। यह ऑपरेशन आज से शुरू हुशा है और 17 अगस्त तक चलेगा।

बीएसएफ ने हाईअलर्ट के दौरान सरहद पर नफरी बढ़ाई जाएगी

BSF सेक्टर नार्थ डीआईजी योगेन्द्र सिंह राठौड़ के अनुसार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बॉर्डर पर तारबंदी के नजदीक जवानों के साथ उनका हौसला अफजाई करने के लिए अधिकारी भी तैनात रहेंगे और कड़ी निगरानी रखी जाएगी। हाई अलर्ट के चलते बीएसएफ की सभी विंग एक्टिव रहेगी। बीएसएफ ने हाईअलर्ट के दौरान सरहद पर नफरी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने बताया कि ज्यादा से ज्यादा डिजीटल गैजेट्स का उपयोग कर सीमावर्ती गांवों पर भी बीएसएफ नजर रखेगी। बीएसएफ के जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर गश्त करेंगे।

उल्लेखनीय है कि ऑपरेशन हाई अलर्ट के तहत बीएसएफ अतिरिक्त चौकसी के साथ निगरानी करती है। ड्रोन थ्रेट को मद्देनज़र रखते हुए सीमावर्ती गांव में रहने वाले ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा । चौकसी के लिहाज से सबसे दुरूह और दुर्गम मानी जाने वाली सीमा पर तारबंदी के निकट बीएसएफ के अधिकारी व्हिकल, केमल व फुट पेट्रोलिंग के माध्यम से दिन रात लगातार पेट्रोलिंग करेंगे। इस दौरान बढ़ी हुई पेट्रोलिंग आम दिनों में होने वाली पेट्रोलिंग व गश्त से अधिक होगी। ऑपरेशन अलर्ट में खुर्रा चैकिंग भी तेज कर दी जाती है। ऑपरेशन अलर्ट के दौरान सीमा पर बीएसएफ की इंटेलीजेंसी विंग भी सक्रिय रहती है। इसके अलावा अन्य खुफिया एजेंसियों व स्थानीय निवासियों और पुलिस से भी बीएसएफ का तालमेल रहता है।

Muzaffarpur, 11 अगस्त (हि.स.)। शहीद खुदीराम बोस के 118वें शहादत दिवस पर सोमवार अहले सुबह शहीद खुदीराम बोस सेंट्रल जेल परिसर देशभक्ति की भावना से गूंज उठा। जेल रंगीन बल्बों से सजा था, हुमाद की भीनी खुशबू फैली थी और बैकग्राउंड में धीमी आवाज में वही गीत बज रहा था “एक बार विदाई दे मां घूरे आसी, हांसी हांसी परबो फांसी, देखबे जोगोत वासी”, जिसे गाते हुए खुदीराम ने फांसी का फंदा चूमा था।

सुबह करीब 3 बजे से ही जेल गेट पर लोग आने लगे थे। कब गेट खुले और अंदर प्रवेश मिले, हर कोई बेसब्री से इंतजार कर रहा था। तिरहुत प्रक्षेत्र के कमिश्नर, मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी सुशील कुमार , एसडीपीओ टाउन सुरेश कुमार, एसडियो पूर्वी, मिठनपुरा थानाध्यक्ष समेत कई अधिकारी समय पर पहुंचे। हाथ पर मुहर लगाने के बाद सभी को जेल में प्रवेश कराया गया।

101 रखी लेकर पहुंचे परिजन

मेदिनापुर से पहुंचे लोगों ने इस आयोजन को विशेष बना दिया। वे शहीद के गांव की माटी, 101 राखी और काली मंदिर का प्रसाद लेकर आए थे। फांसी स्थल पर माटी में दो पौधे लगाए गए और प्रसाद अर्पित किया गया। इसी जगह पर 11 अगस्त 1908 को सुबह 3:50 बजे खुदीराम बोस को फांसी दी गई थी। ठीक उसी समय उपस्थित लोगों और अधिकारियों ने उन्हें सलामी दी और पुष्पांजलि अर्पित की।

सेंट्रल जेल के रिकॉर्ड के अनुसार, फांसी से पहले खुदीराम का गीत सुनकर सभी बंदियों को आभास हो गया था कि उन्हें बलिदान के लिए ले जाया जा रहा है। इसके बाद पूरा परिसर वंदे मातरम् के नारों से गूंज उठा था। श्रद्धांजलि के बाद सभी लोग उस ऐतिहासिक सेल में पहुंचे, जहां खुदीराम को रखा गया था।

डीएम सुब्रत सेन का कहना है कि “18 वर्ष से कम उम्र में खुदीराम ने हंसते-हंसते फांसी का वरण कर युवाओं के लिए अमर प्रेरणा का उदाहरण पेश किया। ऐसे सैकड़ों बलिदानों से ही देश आजाद हुआ है। हमें भी देश की एकता और अखंडता के लिए उनसे सीख लेनी चाहिए।”

Kulgam, 11 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले के अखल के जंगल में सोमवार को 11वें दिन भी आतंकियों को मार गिराने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है। सुरक्षाबल घेराबंदी को और कड़ा कर रहे हैं ताकि आतंकी घने जंगल व तेज गोलीबारी कर मौके से भाग न सकें। अधिकारियों ने बताया कि यह घाटी में सबसे लंबे आतंकवाद-रोधी अभियानों में से एक है।

जंगली क्षेत्र में तीन स्थानों पर 8 आतंकवादी छिपे हुए हैं

अभी तक इस अभियान में दो सेना के जवान बलिदान और 9 जवान घायल हो चुके हैं। जबकि अभियान की शुरूआत में ही दो आतंकवादी मारे गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि इस जंगली क्षेत्र में तीन स्थानों पर 8 आतंकवादी छिपे हुए हैं जो दिन के समय गोलीबारी करने से बच रहे हैं लेकिन रात को भागने के लिए तेज गोलाबारी कर रहे हैं। अखल का यह जंगल बहुत धना है जहां पर बहुत सी प्राकृतिक गुफाएं हैं जिसमें ये आतंकी छिपे बैठे हैं।

मारे गए आतंकवादियों की पहचान का अभी तक पता नहीं चल पाया है

सुरक्षाबल जंगल क्षेत्र में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पैरा कमांडो भी छिपे हुए आतंकवादियों को मार गिराने में सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं।

1 अगस्त को दक्षिण कश्मीर ज़िले के अखल के एक जंगल में सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों की मौजूदगी की ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू करने के बाद शुरू हुई मुठभेड़ में अब तक दो आतंकवादी मारे गए हैं। मारे गए आतंकवादियों की पहचान और उनके समूह का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

सुरक्षा बलों ने इलाके की कड़ी घेराबंदी कर रखी है और घने जंगलों में छिपे आतंकवादियों से मुठभेड़ जारी है।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख नलिन प्रभात और सेना के उत्तरी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा सहित वरिष्ठ पुलिस और सेना के अधिकारी चौबीसों घंटे अभियान पर कड़ी नज़र रख रहे हैं।