Chhapra: सारण जिला के मढ़ौरा थाना क्षेत्र में 17 सितंबर 2022 को गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने तीन अपराधियों को आग्नेयास्त्र के साथ गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी मढ़ौरा खूर्द के आस – पास आपराधिक घटना को अंजाम देने हेतु एकत्रित हुये है. तत्पश्चात मढ़ौरा थाना पुलिस टीम द्वारा सूचना का तत्क्षण संज्ञान लेते हुए सूचना का सत्यापन कर कार्रवाई करने हेतु उपरोक्त स्थान पर पुलिस टीम पहुँची तो कुछ व्यक्तियों द्वारा पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे, जिन्हें पुलिस टीम द्वारा पकड़ा लिया गया.

पकड़ाये व्यक्तियों की पहचान विवेक कुमार उर्फ चुन्नू बाबा , पिता – राज किशोर सिंह सा0- मढ़ौरा खूर्द वैश्व टोला, थाना – मढ़ौरा , जिला – सारण, पवन कुमार , पिता- विरेन्द्र राय उर्फ नन्ही राय , सा0- मनी सिरिसया हुस्सेपुर , थाना – अमनौरा , जिला – सारण और रविदास कुमार , पिता विद्यासागर राम, सा0 विकमपुर , थाना- मढ़ौरा , जिला – सारण के रूप में हुई है.

इनके पास से 01 पिस्टल , 02 देशी कट्टा , 06 जिन्दा कारतूस 03 मोबाईल एवं मोटरसाइकिल बरामद कर गिरफ्तार किया गया. पूछ – ताछ के क्रम में पकड़ाये व्यक्तियों के द्वारा बताया गया कि उक्त दोनों चोरी के मोटरसाइकिल से अपराधिक घटना का अंजाम देने की योजना बना ही रहे थे कि पुलिस के द्वारा पकड़ लिया गया.

जिस संदर्भ में मढौरा थाना कांड संख्या -611 / 22 दिनांक- 18.09.22 . धारा 467/468 / 471/413/420/120 ( बी ) भा0 द0 वि0 एवं 25 ( 1 – बी ) ए / 26 / 35 आर्म्स एक्ट दर्ज की गई है.

रजिस्ट्री शटल योजन के तहत निशुल्क बस सेवा का लाभ उठाएंगे रजिस्ट्रीकर्ता, डीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Chhapra: सारण जिलाधिकारी राजेश मीणा के द्वारा समाहरणालय परिसर से ‘‘रजिस्ट्री शटल’’ 11 मिनी बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.

इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने बताया गया कि मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार सरकार के द्वारा निःशुल्क रजिस्ट्री वाहन बस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. रजिस्ट्रीकर्ता के घर से अपने संबंधित निबंधन कार्यालय तक जाने के लिए रजिस्ट्री शटल नाम से मिनी बस वाहन की सुविधा पूर्णता निशुल्क उपलब्ध कराई गई है.

जिलाधिकारी ने बताया कि माॅडल डीड के माध्यम से दस्तावेजों के निबंधन हेतु निबंधन विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के आम निबंधनार्थी जनता बिना बिचैलियों एवं दलाल के पारदर्शी तरीके से अपने दस्तावेज का निबंधन करा सके.

इस उद्धेश्य को और भी जनोन्मुखी बनाने हेतु निबंधन विभाग द्वारा ‘‘रजिस्ट्री शटल’’ के माध्यम से निःशुल्क बस परिवहन सेवा की शुरूआत की गई है.

जिला निबंधन कार्यालय, सारण सहित जिला के सभी क्षेत्रीय निबंधन कार्यालयों से संबंधित अंचलों में विभिन्न मार्ग के द्वारा निशुल्क बस सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

इस अवसर पर जिला अवर निबंधक सारण के साथ जिला स्तरीय पदाधिकारी गण उपस्थित थे. इस संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी हेतु विभाग द्वारा प्रदत्त टाॅल फ्री नं0- 14544 तथा हेल्पलाइन नं0- 0612-2215195, 2230876,9199893041 पर संपर्क किया जा सकता है.

नगरा प्रखण्ड जदयू द्वारा विभिन्न पंचायतो में चला सदस्यता अभियान

काफी संख्या में महिला ने जदयू का सदस्यता ग्रहण किया 

नगरा:  प्रखण्ड अध्यक्ष मोहम्मद साहबुद्दीन मंसूरी के अध्यक्षता में प्रखण्ड के विभिन्न पंचायतो में सदस्यता अभियान चलाया गया. सदयस्ता अभियान का शुरआत करते हुए जदयू प्रदेश सचिव अल्ताफ आलम राजू ने कहा की पार्टी के निर्देश पर सघन सदस्यता अभियान चला कर समय सीमा के अंदर लक्ष्य को पूरा करना है.

नगरा प्रखण्ड में फस्ट फेज में जिला से सभी पंचायतो में 175 प्रारंभिक सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा चलाये जा रहे महिलाओ के लिए अनेको जन कल्याणकारी योजनाओ को देखते हुए काफी संख्या में महिलाओ ने जदयू का सदस्यता ग्रहण किया.

बैठक में प्रखण्ड संगठन प्रभारी सुरेश कुमार सिंह, प्रखंण्ड सदस्य्ता प्रभारी अनिल सिंह, पूर्व प्रदेश सचिव अति पिछड़ा साजिद हुसैन “सोनू “महिला अध्यक्ष रेनू सिंह, मोहम्मद कलाम, इत्यादि सम्मलित थे.

ऑटो ड्राइवर की लग गई 25 करोड़ की लॉटरी, टैक्स काटकर मिलेगी इतनी रकम

Desk: कहते है किस्मत में जो लिखा रहता है वह होकर ही रहता है, समय से पहले और भाग्य से ज्यादा किसी को कुछ नही मिलता. किस्मत पर भरोसा करने वाले कई लोगों को छप्पर फाड़कर बंपर जीत भी मिलती है.

रविवार को केरल के एक ऑटो ड्राइवर के साथ किस्मत ने ऐसा ही सुखद संयोग बनाया है. इस ऑटो ड्राइवर ने पिछले सप्ताह शनिवार को लॉटरी का एक टिकट खरीदा. तब उसे भी शायद पता हो कि यह लॉटरी टिकट उसकी किस्मत को बदलने वाला है. अगले दिन यानी रविवार को जब लॉटरी जीतने वालों के नाम का ऐलान हुआ तो उसमें इस ऑटो ड्राइवर का भी नाम शामिल था. यह जानकर आप भी हैरान हो सकते हैं कि ऑटो ड्राइवर को लॉटरी में कोई छोटी-मोटी रकम नहीं बल्कि सीधे 25 करोड़ रुपये की जीत मिली.

केरल स्टेट लॉटरी डिपार्टमेंट ने ओनम बंपर 2022 का रिजल्ट रविवार को दोपहर के 02 बजे जारी किया. ओनम बंपर 2022 का पहला पुरस्कार 25 करोड़ रुपये का था.

यह पुरस्कार मिला तिरुवंनतपुरम के श्रीवराहम के एक ऑटो ड्राइवर अनूप को. अनूप फिलहाल ऑटोरिक्शा चलाकर आजीविका कमा रहे थे. इससे पहले उन्होंने एक होटल में शेफ का काम किया था.

अनूप ने शनिवार की रात को भगवती एजेंसी से लॉटरी का टिकट खरीदा. केरल लॉटरी के अनुसार, अनूप ने TJ750605 नंबर का लॉटरी टिकट लिया था. संयोग से जब ड्रॉ निकला तो यही टिकट सबसे बड़े पुरस्कार यानी 25 करोड़ रुपये वाला था. इस तरह अनूप एक झटके में करोड़पति बन गए. हालांकि अनूप को यह पूरी रकम नहीं मिलने वाली है. चूंकि भारत में लॉटरी से हुई कमाई पर भारी-भरकम टैक्स देना पड़ता है, अनूप को भी टैक्स काटने के बाद बाकी की रकम मिलेगी. उन्हें टैक्स काटकर 15 करोड़ 75 लाख रुपये मिलने वाले हैं.

पकड़ी गांव में छत का छज्जा गिरा, महिला की दबने से हुई मौत, मचा कोहराम

Mashrakh : मशरक थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव में जिउतिया का पारण करने के पहले ही महिला के उपर छत का छज्जा गिरने से मौत हो गई.  मृतका मशरक थाना क्षेत्र अंतर्गत पकड़ी गांव निवासी भरत राय के 49 वर्षीय पत्नी फुलपातो देवी बतायी जा रही है.

घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया. आस पास के ग्रामीणों की भीड लग गई. ग्रामीण रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि भरत राय का छतदार मकान बहुत पुराना है. वर्षा के पानी से जर्जर हो गया था. वही फुलपातो देवी सुबह में जीवितिया के पारण के पहले घर में झारू लगा रही थी. इसी बीच छत का छज्जा गिर गया, जिसमें दब गई.

बगल के लोगो ने देखा तो आवाज लगाया तब ग्रामीण दौरे आए और महिला को मालवा से बाहर निकाला गया. तब तक मौत हो गई थी. मृतका फुलमातो देवी घर में अकेले रहती थी. पति भरत राय लुधियाना में नौकरी करता है जबकि तीन लड़के रोजी रोजगार के लिए प्रदेश गया है. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

ट्रेन से कटकर महिला की मौत

छपरा: थावे रेल खंड स्थित खैरा के बन्नी स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर एक महिला की मौत हो गई. सूचना के बाद स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया. जिसके बाद शव की शिनाख्त खैरा थाना क्षेत्र के तुजारपुर गांव निवासी मोहम्मद हबीब मियां की 28 वर्षीय पत्नी सुल्ताना के रूप में की गई. इस सूचना के बाद परिवार वाले घर छोड़कर फरार हो गये.

सूचना के बाद मृतका के नाना मौके पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि मोहम्मद हबीब शराबी है और अपनी पत्नी के साथ हमेशा मारपीट किया करता है. कुछ रोज पहले खैरा थाना पुलिस द्वारा उसे शराब पीने में जेल भेजा गया था. छूट के आने के बाद वह फिर वह शराब पीकर अपनी अपनी पत्नी के साथ मारपीट करने लगा. बीती रात्रि भी उसके द्वारा पत्नी को पीटा गया था.

जिसके बाद आज सुबह बन्नी रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन से कटकर उसकी मृत्यु हुई है. ऐसा प्रतीत होता है गुस्से में आकर ट्रेन के नीचे जाकर कट गई होगी. वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए छपरा सदर अस्पताल भेज दिया है. जहां पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है. इस घटना के बाद उसके ससुराल वाले फरार हो गए हैं.

ठनका की चपेट में आने से बुजुर्ग की मौत

पानापुर: पानापुर थाना क्षेत्र में रविवार की अहले सुबह ठनका की चपेट में आ जाने से दुबौली गांव में एक बुजुर्ग की मौत हो गयी. मृत बुजुर्ग 61 वर्षीय रामाशंकर राय बताये जाते हैं.

परिजनों के अनुसार रविवार की अहले सुबह करीब तीन बजे वे शौच के लिए बाहर निकले थे. इसी दौरान वे ठनके की चपेट में आ गए एवं घटनास्थल पर ही उन्होंने दम तोड़ दिया.

घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया.

चेहेल्लुम पर निकला मातमी जुलूस

छपरा: अधर्म के खिलाफ धर्म की और अन्याय के खिलाफ न्याय की विजय का प्रतीक चेहलुम जिले भर में अकीदत व एहतेराम के साथ रविवार को मनाया गया. यजीद जो अपने जमाने का सुपर पावर था जिसका शासन दुनिया भर पर था यजीद बहुत बड़ा जालिम जो हर बुराई, जुल्म और आतंक को अच्छाई का नाम दे रहा था. वही हजरत इमाम हुसैन जो उस समय इस्लाम, इन्सानियत, सत्य के सबसे बड़े रहबर थे, उन्होंने यजीद की बातो का इंकार किया और यजीद के खिलाफ आवाज बुलंद की तभी यजीद ने इमामहुसैन को मदीना से बुलाकर कर्बला के मैदान में तीन दिनों तक पानी बंद रखा उसमे इमामहुसैन का सबसे छोटा बेटा अली असगर जो 6 माह का दूधमुहा बच्चा था उसे भी यजीदी फौज ने पानी न देकर तीरों से मार डाला.

हजरत इमाम हुसैन आतंक के खिलाफ, जुल्म बुराई को खतम करने के लिए 72 साथियों के साथ अपनी शहादत दी. उसी की याद में शहर के दहियावां स्तिथ शिया कॉलोनी में अंजुमने जाफरया एव अंजुमने असगर या के तत्वाधान में मातमी जुलूस स्व तकिनावाब के अजाखाना से या हुसैन या हुसैन के मातम के साथ बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, फातमी इमामबाड़ा, डॉक्टर महमूद चौक, थाना चौक, मौना चौक होते हुए तेलपा कर्बला पहुंचा जगह जगह मौलाना ने तकरीर भी की जुलूस में कर्बला में शहीद हजरत इमामहुसैन का ताबूत, उनके छोटे भाई हजरत अब्बास का अलम एव 6 माह के अली असगर का झूला को देख सभी की आंखे नम रह गई.

दाऊद अली ने कहा की इमामहुसैंन ने कर्बला में अपने 72 साथियों के साथ बलिदान देकर मानवता की रक्षा कर दिन ए इस्लाम को बचाया. उन्होंने कहा की कैद से मुकती के बाद असिराने करबला का काफिला चेहलुम के दिन करबला ए मोआल्ला पहुंचा तो करबला का कण कण मातम से गौण उठा.

जुलूस में जंजीरी मातम चौक चौराहे पर बच्चे बूढ़े जवान कर कर्बला के 72 शहीदों की याद माना रहे थे. जुलूस में

सदर अनुमंडल के साथ पदाधिकारी की ड्यूटी भी लगाई गई थी. जुलूस में संस्थाओं द्वारा कोल्डड्रिंक, बिस्किट, आर ओ पानी पिलाया गया.

जुलूस में गुलाम पंजतन, असकरी रजा, शकील हैदर, बबलू राही, अशरफ हैदर, जफर अब्बास रिजवी, ताबिश, दानिश ने नौहा पढ़ कर मातम कराया.

शहर में आदर्श आचार संहिता का उड़ रहा माखौल, हर सड़क चौराहे पर टंगे है भावी प्रत्याशियों के बड़े बड़े होडिंग्स और बैनर

Chhapra: नगरपालिका आम चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया जारी है. दो चरणों में हो रहे नगर पालिका आम चुनाव के लिए छपरा नगर निगम एवं विभिन्न नगर पंचायतों के लिए वार्ड पार्षद, उप मुख्य पार्षद एवं मुख्य पार्षद के पदों के लिए नामांकन की प्रक्रिया इन दिनों रफ्तार में है.

जिले में चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू की गई है, लेकिन इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों को कौन कहे शहर में ही नहीं दिख रहा है.

आम दिनों की भांति शहर के मुख्य चौक-चौराहों के साथ-साथ गली मोहल्लों में सभी भावी प्रत्याशियों के बैनर टंगे हैं. शहर के थाना चौक एवं नगरपालिका चौक को छोड़ दें तो मोना चौक, साहेबगंज, गांधी चौक सांढा रोड सहित अन्य सड़कों पर विद्युत पोल के साथ-साथ बड़े-बड़े होर्डिंग्स एवं बैनर आदर्श आचार संहिता में भी लोगों के बीच विभिन्न पदों पर अपने प्रत्याशी बनने की खबर पहुंचा रहे हैं.

इन मुख्य सड़कों से पूरे दिन जिला प्रशासन के दर्जनों वाहन गुजरते हैं. यहां तक की इस चुनाव को लेकर बनाए गए निर्वाचन पदाधिकारी के साथ थानाध्यक्ष, नगर निगम के पदाधिकारी एवं कर्मचारी पूरे दिन गुजरते हैं, लेकिन आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते बैनर और होर्डिंग किसी को दिखाई नहीं देती है.

शहर के मुख्य चौराहा मौना चौक के चारों तरफ बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे हैं. जिन पर प्रत्याशियों द्वारा चुनावी मैदान में खड़ा होने का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. छपरा नगर निगम चुनाव को लेकर इन बैनर और होर्डिंग में दावे कर रहे कुछ प्रत्याशियों ने अपना नामांकन निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष दर्ज करा दिया है तो वही कुछ प्रत्याशी अगले कुछ दिनों में अपना नामांकन दाखिल करेंगे.

नगर निगम चुनाव की घोषणा के बाद से ही आदर्श आचार संहिता लागू है, घोषणा के उपरांत सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने सभी थानाध्यक्षों एवं अंचलाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों को पत्र निर्गत करते हुए छपरा नगर निगम, माझी, कोपा, एकमा बाजार, जलालपुर, सहित सहित अन्य क्षेत्रों में नगर निगम चुनाव को लेकर टंगे बैनर पोस्टर एवं होल्डिंग्स को हटाने का निर्देश दिया था. जिसके बाद नगर निगम के कर्मचारियों ने थाना चौक से दरोगा राय चौक, नगरपालिका चौक होते हुए कुछ सड़कों से बैनर और पोस्टर होल्डिंग्स को हटा दिया. लेकिन इसके बावजूद भी शहर की मुख्य सड़कों चौक चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स इन कर्मचारियों की लापरवाही को उजागर करता है.

शहर में आदर्श आचार संहिता लागू होने के 1 सप्ताह बाद भी इन बैनर पोस्टर होल्डिंग्स का ना हटना आदर्श आचार संहिता का माखौल उड़ा रहा है.

बहरहाल नगर पालिका आम चुनाव को लेकर दोनों चरणों के लिए नामांकन का दौर जारी है. सोमवार को प्रथम चरण के नामांकन का अंतिम दिन है, वही दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया जारी रहेगी. विभिन्न पदों पर प्रत्याशी अपना नामांकन दर्ज करा रहे हैं. जिसके बाद उनके नामांकन पत्रों की संवीक्षा, नाम वापसी की प्रक्रियाओं के बाद उन्हें सिंबल प्रदान किया जाएगा.

जिसके बाद वह क्षेत्र में मतदाताओं के बीच अपने पक्ष में मतदान करने को लेकर प्रचार प्रसार करेंगे लेकिन इस चुनाव में अभी से ही बड़े-बड़े होर्डिंग्स इन भावी प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने के लिए लोगों को गोलबंद कर रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.

डब्ल्यूजेएआई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक संपन्न, लिए गए कई अहम निर्णय

• डब्ल्यूजेएआई में हर सदस्य बराबर, सबका बराबर हक- आनंद कौशल,

• संगठन को गति देने के लिए एक महासचिव (मुख्यालय) और प्रभारी कोषाध्यक्ष का पद हुआ सृजित,

• अनुशासन समिति और संविधान संशोधन समिति गठित, प्रवीण बागी दोनों समितियों के  अध्यक्ष नियुक्त

पटना: वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (डब्ल्यूजेएआई, WJAI) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को राजधानी पटना के माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता डब्ल्यूजेएआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने की।

आरंभ में पटना जिला कमिटी की ओर से सचिव ब्रजेश पाण्डेय ने स्वागत भाषण किया। बैठक में कई अहम मुद्दों पर निर्णय लिया गया। संगठन को गतिशील बनाने के लिए भी चर्चा की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि संगठन के विस्तार को देखते हुए अनुशासन बनाए रखना जरूरी है। अध्यक्ष ने सदस्यों के अनुरोध पर एक अनुशासनात्मक समिति का गठन किया, जिसके अध्यक्ष, बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण बागी होंगे। मधुप मणि पिक्कू, मनोकामना सिंह, चंदन कुमार चंचल और बालकृष्ण कुमार इसके सदस्य होंगे।

डब्ल्यूजेएआई के संविधान में संशोधन हेतु भी एक समिति बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण बागी के नेतृत्व में गठित की गई। इसमें सदस्य के रूप में डॉ लीना, सुरभित दत्त, निखिल के डी वर्मा और नलिनी भारद्वाज को मनोनीत किया गया। इसके साथ ही बैठक में महासचिव मुख्यालय के रूप में डॉ लीना को मनोनीत किया गया और प्रभारी कोषाध्यक्ष के रूप में निखिल के डी वर्मा को मनोनीत किया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि कार्यालय का कार्य करने हेतु एक सहायक की नियुक्ति की जाये. बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने कहा कि डब्ल्यूजेएआई देश का पहला और सबसे बडा संगठन है जो वेब जर्नलिस्ट्स के हितों के लिए काम कर रहा है. यहां हर सदस्य बराबर है. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूजेएआई पूर्णतया लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चलने वाला एक संगठन है.

उन्होंने कहा कि लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के तहत अगले वर्ष डब्ल्यूजेएआई का चुनाव कराया जायेगा इसके साथ ही सदस्यों की सुविधा के लिए महासचिव मुख्यालय और प्रभारी कोषाध्यक्ष का पद सृजित किया गया ताकि सदस्यों को ससमय सारी सुविधाएँ प्राप्त हो सकें. श्री कौशल ने कहा कि सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री से जल्द ही एक शिष्टमंडल मिलेगा और उन्हें वेब मीडिया मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेगा।

राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क ने कहा कि पत्रकारिता में सबसे जरुरी है – आचरण, लेखन और वाणी। संगठन हमेशा सर्वोपरि होता है और यहां हर सदस्य की बराबर भागीदारी होती है. संगठन में हर सदस्य की जिम्मेदारी है कि डब्ल्यूजेएआई को मजबूती प्रदान करें. संगठन में विमर्श, परामर्श, सूचना, सलाह होना आवश्यक है।

इस अवसर पर बिहार प्रदेश के अध्यक्ष प्रवीण बागी ने कहा कि गत जुलाई महीने में संगठन की पटना इकाई द्वारा बिहार विधानपरिषद सभागार में आयोजित सफल वर्कशॉप के बाद प्रदेश इकाई बहुत जल्द “बिहार के विकास में डिजिटल मीडिया की भूमिका” पर एक कार्यक्रम का आयोजन करेगी।

बैठक के दौरान राष्ट्रीय सचिव निखिल के डी वर्मा, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ लीना, संयुक्त सचिव  मधुप मणि पिकू, बिहार प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण बागी पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी, मनोकामना सिंह, बिहार प्रदेश महासचिव अनूप नारायण सिंह नलिनी भारद्वाज ने भी अपनी बातें रखी.

बैठक में अकबर इमाम, राष्ट्रीय कार्यालय सचिव मंजेश कुमार, बिहार प्रदेश महासचिव अनूप नारायण सिंह, मनोकामना सिंह, चंदन कुमार चंचल, विवेक कुमार यादव, धीरज झा, ब्रजेश पाण्डेय, नलिनी भारद्वाज, रमेश कुमार पाण्डेय, अभिषेक कुमार सिंह, सुरभित दत्त, बालकृष्ण समेत अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित थे. उपरोक्त की जानकारी संगठन के राष्ट्रीय सचिव सह राष्ट्रीय प्रवक्ता निखिल के डी वर्मा ने दी।

कौशल दीक्षांत समारोह में PM मोदी बोले- युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार

Desk: पीएम मोदी ने शनिवार को विश्वकर्मा जयंती के विशेष अवसर पर ‘कौशल दीक्षांत समारोह’ में देशभर के ITI के छात्र-छात्राओं को विशेष संदेश दिया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, आज मेरा सौभाग्य है कि मुझे देशभर के लाखों ITI के छात्र-छात्राओं से बातचीत करने का अवसर मिला है।

ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का कौशल दीक्षांत समारोह

पीएम मोदी ने कहा, 21 वीं सदी में आगे बढ़ रहे हमारे देश में आज एक नया इतिहास रचा गया है। पहली बार ITI के 9 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का कौशल दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया है। 40 लाख से ज्यादा स्टूडेंट हमारे साथ वर्चुअल माध्यम से भी जुड़े हुए हैं। पीएम मोदी इस सभी को कौशल दीक्षांत समारोह की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।

विश्वकर्मा जयंती कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व

उन्होंने कहा, विश्वकर्मा जयंती कौशल की प्राण प्रतिष्ठा का पर्व है। जैसे मूर्तिकार कोई मूर्ति बनाता है लेकिन जब तक उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं होती वो भगवान का रूप नहीं कहलाती। आज हम सभी के लिए गर्व की बात है कि आज विश्वकर्मा जयंती के दिन आपके कौशल की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है, आपके कौशल को मान्यता मिल रही है।

विश्वकर्मा जयंती सच्चे अर्थ में श्रम करने वाले व्यक्ति का सम्मान

पीएम मोदी ने बताया कि विश्वकर्मा जयंती सच्चे अर्थ में श्रम करने वाले व्यक्ति का सम्मान है, श्रमिक का दिन है। हमारे यहां श्रमिक के कौशल में ईश्वर का अंश देखा गया है, उसे विश्वकर्मा के रूप में देखा गया है। यानि आपके पास आज जो कौशल है, स्किल है, उसमें भी कहीं न कहीं ईश्वर का अंश है। मैं समझता हूं कि यह आयोजन भग्वान विश्वकर्मा को हमारी एक भावभिनि कौशलांजिली की तरह है। कौशलांजिली कहो या कर्मांजिली कहो विश्वकर्मा जयंती से अद्भुत दिवस और क्या हो सकता है। बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से अनेक नई योजनाएं शुरू की है।

कौशल से नव निर्माण के पथ पर पहला कदम

पीएम मोदी ने कहा आज का दिन सोने में सुहागा है क्योंकि आज भगवान विश्वकर्मा की जयंती भी है और कौशल दीक्षांत समारोह भी। यह कौशल दीक्षांत समारोह अपने कौशल से नव निर्माण के पथ पर आपका पहला कदम और विश्व कर्मा जयंती का पुण्य अवसर कितना अद्भुत संयोग है। पीएम ने कहा, मैं विश्वास से कह सकता हूं कि आपकी ये शुरुआत जितनी सुखद है, आपके आने वाली कल की यात्रा भी उतनी ही सृजनात्मक होगी। इन्हीं शब्दों के साथ पीएम मोदी ने सभी छात्रों और सभी देशवासियों को भगवान विश्वकर्मा की जयंती की शुभकामनाएं दी।

भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं की शुरू

पीएम मोदी ने कहा, बीते 8 वर्षों में देश ने भगवान विश्वकर्मा की प्रेरणा से नई योजनाएं शुरू की हैं, ‘श्रम एव जयते’ की अपनी परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रयास किया है। आज देश एक बार फिर स्किल को सम्मान दे रहा है, स्किल डवलपमेंट पर भी उतना ही जोर दे रहा है।

बीते 8 वर्षों में ITI’s में 4 लाख से ज्यादा नई सीटें जोड़ी गईं

उन्होंने बताया कि हमारे देश में पहला ITI, 1950 में बना था। इसके बाद के सात दशकों में 10 हजार ITI’s बने। हमारी सरकार के 8 वर्षों में देश में करीब-करीब 5 हजार नए ITI’s बनाए गए हैं। बीते 8 वर्षों में ITI’s में 4 लाख से ज्यादा नई सीटें भी जोड़ी गई हैं।

स्किल डवलपमेंट के साथ ही, युवाओं में सॉफ्ट स्किल्स का होना जरूरी

पीएम मोदी ने कहा, स्किल डवलपमेंट के साथ ही, युवाओं में सॉफ्ट स्किल्स का होना भी उतना ही जरूरी है। ITIs में अब इस पर भी विशेष जोर दिया जा रहा है। युवा जब स्किल के साथ सशक्त होकर निकलता है, तो उसके मन में ये विचार भी होता है कि कैसे वो अपना काम शुरू करें। स्वरोजगार की इस भावना को सहयोग देने के लिए, आज आपके पास बिना गारंटी लोन दिलाने वाली मुद्रा योजना, स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसी योजनाओं की ताकत भी है।

युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार

पीएम मोदी बोले, आप सभी युवा, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ के कर्णधार हैं। आप भारत के उद्योग जगत की बैकबोन की तरह हैं और इसलिए विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में, आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में, आपकी बड़ी भूमिका है।

आपने आज जो सीखा है, वो आपके भविष्य का आधार जरूर बनेगा, लेकिन आपको भविष्य के हिसाब से अपने कौशल को अपग्रेड भी करना पड़ेगा इसलिए, बात जब स्किल की होती है, तो आपका मंत्र होना चाहिए- ‘स्किलिंग’, ‘री-स्किलिंग’ और ‘अप-स्किलिंग’।

फाइल फोटो

देश को जन्मदिन पर PM मोदी ने दिया अनोखा उपहार, 70 साल बाद भारत में दौड़ेंगे चीते

Desk: पीएम मोदी ने 17 सितंबर 2022 को अपने जन्मदिन के मौके पर देश को अनोखा उपहार भेंट किया है। दरअसल, पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश में दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बने विशेष बाड़ों में रिहा किया है।

पीएम मोदी ने देशवासियों को दिया अहम वीडियो संदेश

इस अवसर पर पीएम मोदी ने देशवासियों को वीडियो संदेश भी दिया। उन्होंने कहा, मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधार कर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। दशकों पहले जैव विविधता की जो सदियों पुरानी कड़िया टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने मौका मिला है। आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं और मैं ये भी कहूंगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृतिप्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो चुकी है। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

चीते प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारीयों का कराएंगे बोध

आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, विशेष रूप से मैं हमारे मित्र देश नामीबिया और वहां की सरकार का भी धन्यवाद करता हूं जिनके सहयोग से दशकों बाद चीते भारत की धरती पर वापस लौटे हैं। मुझे विश्वास है कि ये चीते न केवल प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारीयों का बोध कराएंगे बल्कि हमारे मानवीय मूल्यों और परंपराओं से भी अवगत कराएंगे।

जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं

पीएम मोदी ने कहा, जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं, इसलिए ही आजादी के इस अमृतकाल में हमने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति जैसे पंच प्राणों के महत्व को दोहराया है। पिछली सदियों में हमने वह समय भी देखा है जब प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन और आधुनिकता का प्रतीक मान लिया गया था।

1947 में जब केवल आखिरी तीन चीते बचे थे…

पीएम मोदी ने बताया कि 1947 में जब केवल आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी साल के जंगलों में निष्ठुरता व गैर जिम्मेदारी से शिकार कर लिया गया। यह दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को देश से विलुप्त तो घोषित कर दिया लेकिन उनके पुनर्वास के लिए दशकों तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ। आज आजादी के अमृत काल में अब देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास के लिए जुट गया है। अमृतमय तो वो सामर्थ्य होता है जो मृत को भी पुनर्जीवित कर देता है।

चीतों को भारत की धरती पर पुनर्जीवित करने में लगाई भरपूर ऊर्जा

उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि आजादी के अमृत काल में कर्तव्य और विश्वास का यह अमृत हमारी विरासत को हमारी धरोहरों को और अब चीतों को भी भारत की धरती पर पुनर्जीवित कर रहा है। इसके पीछे हमारी वर्षों की मेहनत है। एक ऐसा कार्य राजनीतिक दृष्टि से जिसे कोई महत्व नहीं देता, उसके पीछे भी हमने भरपूर ऊर्जा लगाई।

चीता एक्शन प्लान किया तैयार

पीएम मोदी ने आगे जोड़ते हुए कहा, इसके पीछे एक विस्तृत चीता एक्शन प्लान तैयार किया गया। हमारे वैज्ञानिकों ने लंबी रिसर्च की। साउथ अफ्रीकन और नामीबियाई एक्सपर्ट के साथ मिलकर काम किया। हमारी टीम वहां गई, वहां के एक्सपर्ट्स भी भारत आए। पूरे देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए वैज्ञानिक सर्वे किए गए और तब कूनो नेशनल पार्क को इस शुभ शुरुआत के लिए चुना गया। उन्होंने कहा, आज हमारी वो मेहनत परिणार्थ के रूप में हमारे सामने है।

प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी होता है सुरक्षित

यह बात सही है कि जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। कूनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे तो यहां का ग्रास लैंड इको सिस्टम फिर से रिस्टोर होगा, बायोडायवर्सिटी और बढ़ेगी, आने वाले दिनों में यहां इको टूरिज्म बढ़ेगा, विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन मैं आज सभी देशवासियों से एक आग्रह करना चाहता हूं कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा, सहयोग करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतर्राष्ट्रीय गाइडलाइन पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।

किसी पूरी जीवित जाति का अस्तित्व मिट जाए हमें कैसे स्वीकार हो सकता है ?

पीएम मोदी ने कहा, दुनिया आज जब प्रकृति और पर्यावरण की ओर देखती है तो सस्टेनेबल डेवलपमेंट की बात करती है लेकिन प्रकृति और पर्यावरण, पशु और पक्षी भारत के लिए ये केवल सस्टेनेबिलिटी और सिक्योरिटी के विषय ही सिर्फ हैं ऐसा नहीं है। हमारे लिए ये हमारी सेंसिबिलिटी और प्यूरीचैलिटी का भी आधार है। हम वो लोग हैं जिनका सांस्कृतिक अस्तित्व ”सर्वम खल्विदं ब्रह्म”, इस मंत्र पर टिका हुआ है। अर्थात संसार में पशु, पक्षी, पेड़, पौधे, जड़, चेतन जो कुछ भी है वो ईश्वर का ही स्वरूप है, हमारा अपना ही विस्तार है। हम वो लोग है जो कहते हैं ”परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति” अर्थात खुद के फायदे को ध्यान में रखकर जीना वास्तविक जीवन नहीं है। वास्तविक जीवन वो जीता है जो परोपकार के लिए जीता है। इसलिए हम जब खुद भोजन करते हैं, उसके पहले पशु-पक्षियों के लिए अन्न निकालते हैं। पीएम मोदी ने कहा, हमारे आसपास रहने वाले छोटे से छोटे जीव की भी चिंता करना हमें बचपन से सिखाया जाता है। हमारे संस्कार ऐसे हैं कि कहीं अकारण किसी जीव का जीवन चला जाए तो हम अपराध बोध से भर जाते हैं फिर किसी पूरी जीवित जाति का अस्तित्व ही अगर हमारी वजह से मिट जाए, ये हमें कैसे स्वीकार हो सकता है ?

इकोनॉमी और इकोलॉजी कोई विरोधाभासी क्षेत्र नहीं

पीएम मोदी ने कहा हमारे यहां कितने बच्चों को यह पता तक नहीं होता है कि जिस चीता के बारे में सुनकर वो बड़े हो रहे हैं, वो उनके देश से पिछली शताब्दी में ही लुप्त हो चुके हैं। आज अफ्रीका के कुछ देशों में और ईरान में चीता पाए जाते हैं लेकिन भारत का नाम उस लिस्ट से बहुत पहले हटा दिया गया था। आने वाले समय में बच्चों को इस विडंबना से गुजरना नहीं पडे़गा। वे चीता को अपने ही देश में कूनो नेशनल पार्क में दौड़ता देख पाएंगे। चीता के जरिए आज हमारे जंगल और जीवन उसका एक बड़ा शून्य भर रहा है। आज 21वीं सदी का भारत पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि इकोनॉमी और इकोलॉजी कोई विरोधाभासी क्षेत्र नहीं है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही देश की प्रगति भी हो सकती है। यह भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। आज एक और हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में शामिल हैं तो साथ ही देश के वन क्षेत्रों का विस्तार भी तेजी से हो रहा है। साल 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद से देश में करीब-करीब 250 नए संरक्षित क्षेत्र जोड़े गए हैं। हमारे यहां एशियाई शहरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है। आज गुजरात देश में एशियाई शहरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है। इसके पीछे दशकों की मेहनत, research-based policies और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है।

टाइगर की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है। असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है। हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है

पीएम मोदी ने कहा, आज देश में 75 वेटलैंड्स को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं। देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा, और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा।

भारत में 70 साल बाद लाए गए चीते

उल्लेखनीय है कि भारत में 70 साल के अंतराल के बाद चीतों का इंतजार खत्म हुआ है। करीब 11 घंटे का सफर करने के बाद ये चीते भारत पहुंचे थे। इनमें पांच मादा और तीन नर चीतों को मॉडिफाइड बोइंग 747 विमान की मदद से नामीबिया की राजधानी होसिया से भारत लाया गया पर्यावरण और वन मंत्रालय के निर्देश पर वर्ष 2010 में भारतीय वन्य जीव संस्थान यानि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए संभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया था।

क्या है चीते की खूबी ?

चीता दुनिया का सबसे तेज रफ्तार से दौड़ने वाला जानवर है। ये 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। आज पूरी दुनिया में सिर्फ 7,000 के करीब ही चीतें बचे हैं। चीता भारत में खुले जंगल और घास के मैदान के पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में मदद करेगा। यह जैव विविधता के संरक्षण में मदद करेगा और जल सुरक्षा, कार्बन पृथक्करण और मिट्टी की नमी संरक्षण जैसी पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने में मदद करेगा, जिससे बड़े पैमाने पर समाज को लाभ होगा।

कब और कैसे गायब हुए थे चीते ?

लेकिन क्या भारत में कभी चीते थे ही नहीं? ऐसा नहीं है…, मौजूदा समय में विश्व में करीब 7,000 चीते हैं। लेकिन भारत में आखिरी बार चीता साल 1948 में देखा गया था। छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले के महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव ने 73 साल पहले एक वयस्क चीता और दो शावकों का शिकार किया। उन्होंने इसकी तस्वीरें बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसायटी को भेजी थीं। 1947 में अपने शिकार के साथ खड़े महाराजा की चीतों के साथ यह तस्वीर भारतीय इतिहास में अंतिम साबित हुई। आखिरकार 1952 में सरकार ने अधिकारिक तौर पर चीता को भारत से विलुप्त घोषित कर दिया।