छपरा: सीएम नीतीश पर बरसे गृह मंत्री अमित शाह, कहा- जेपी आंदोलन से उपजे नेता कांग्रेस की गोद में बैठे हैं

यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

LIVE: यूपी सरकार अपनी योजनाओं से जोड़कर सिताब दियारा क्षेत्र को बाढ़ से मुक्त करेंगी: योगी

LIVE: जेपी जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने NDRF सेंटर बनाने और भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

LIVE: सिताब दियारा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया जेपी की बनी मूर्ति का किया अनावरण

LIVE: गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे सिताब दियारा, सीएम योगी भी मौजूद

Chhapra(सिताब दियारा) : लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 120 वी जयंती को लेकर बिहार भाजपा में उत्साह देखा जा रहा है. खासकर इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंगलवार को सिताब दियारा के आने से बीजेपी के नेता खासे उत्साहित हैं. भाजपा ने बड़े पैमाने पर कार्यक्रम की तैयारी की है. इस कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री और प्रदेश सरकार के कई मंत्री सांसद विधायक भी शामिल है.

कीव: रूस के ताजा हमलों और क्रीमिया पुल पर हुए विस्फोट के बाद यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को बेवजह यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

भारत ने यूक्रेन संघर्ष फिर भड़कने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युद्ध किसी के भी हित में नहीं है और सभी पक्षों को शत्रुता त्याग कर तत्काल कूटनीति एवं संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए। यूक्रेन में रूस के ताजा मिसाइल हमले को लेकर मीडिया के सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने यह बात कही।

बागची ने कहा कि हम सभी पक्षों से तत्काल शत्रुता छोड़ने तथा कूटनीति एवं संवाद के मार्ग पर लौटने की अपील करते हैं । भारत स्थिति सामान्य बनाने की दिशा में ऐसे सभी प्रयासों का समर्थन करने को तैयार है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के भड़कने से भारत काफी चिंतित है जिसमें आधारभूत ढांचे को निशाना बनाया गया और नागरिकों की मौत हुई।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने सतत रूप से कहा है कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सभी देशों की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के आधार पर चलती है। गौरतलब है कि रूस ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव समेत उसके कई शहरों पर हमला किया जिसमें नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया। राजधानी कीव में हमलों में आठ लोगों के मारे जाने की खबर है।

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन की शानदार अभिनय प्रतिभा का हर कोई मुरीद है। अपनी दमदार आवाज और शानदार अभिनय से लाखों-करोड़ों दर्शकों के दिलों को जीतने वाले अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ। उनके पिता हरिवंश राय बच्चन मशहूर कवि थे। उनकी मां का नाम तेजी बच्चन था, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता थीं।

अमिताभ बच्चन ने अपनी पढ़ाई शेरवुड कॉलेज, नैनीताल से की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। अमिताभ बच्चन ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी से की थी। यह फिल्म 7 नवंबर 1969 को रिलीज हुई थी। इसके बाद अमिताभ बच्चन कई फिल्मों में नजर आये। साल 1973 में आई फिल्म जंजीर अमिताभ बच्चन की जिंदगी का टर्निंग पॉइंट साबित हुई। ‘जंजीर’ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई है। इस फिल्म में उनके साथ अभिनेत्री जया बच्चन लीड रोल में थीं। इस फिल्म के हिट होने का जश्न मनाने अमिताभ और जया विदेश जाना चाहते थे, लेकिन जब हरिवंश राय बच्चन को यह पता लगा तो उन्होंने अमिताभ से साफ़ शब्दों में कह दिया कि अगर जया को विदेश ले जाना चाहते हो तो उससे पहले तुम्हे शादी करनी पड़ेगी। जिसके बाद दोनों परिवारों की मौजूदगी में दोनों ने शादी कर ली। कई सालों के बाद भी आज अमिताभ और जया एक खुश हाल जिंदगी गुजार रहे हैं और दोनों बॉलीवुड के सबसे आदर्श कपल माने जाते हैं। अमिताभ और जया के दो बच्चे अभिनेता अभिषेक बच्चन और बेटी श्वेता नंदा हैं।

वहीं अमिताभ बच्चन की फिल्मों की बात करें तो वह लगभग पांच दशक से हिंदी सिनेमा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।अमिताभ बच्चन ने अपने फ़िल्मी करियर में हर बड़े कलाकार के साथ काम किया है। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में आनंद, जंजीर, अभिमान, सौदागर, चुपके -चुपके, रोटी कपड़ा और मकान, दीवार, शोले, कभी कभी, कुली, अमर अकबर एंथनी, डॉन, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस, सिलसिला, कालिया, सत्ते पे सत्ता, नमक हलाल, शक्ति, कुली, शराबी, मर्द, शहंशाह, अग्निपथ, खुदा गवाह, मोहब्बतें, बागबान, ब्लैक, सरकार, चीनी कम, नि:शब्द, पा, सत्याग्रह, पिंक, पीकू आदि शामिल हैं।

अभिनय के अलावा बिग बी को गाने का भी काफी शौक है और उन्होंने कई फिल्मी गीतों को अपनी आवाज़ भी दी। उनके द्वारा गाये गए कुछ फिल्मी गीतों में चोरी से चोरी से(सूर्यवंशम), आओ मिलके गाये(अरमान), ओ रे सांवरिया(अलादीन), हाल -ए-दिल (बुड्ढा होगा तेरा बाप), एकला चलो रे(कहानी) आदि शामिल हैं। इसके अलावा अमिताभ ने कई फिल्मों को प्रोड्यूस भी किया है , जिसमें विरुद्ध, फैमिली, पा, बुड्ढा होगा तेरा बाप, शमिताभ आदि शामिल हैं।

अमिताभ ने फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही टेलीविजन इंडस्ट्री में भी काम किया है। उन्होंने धारावाहिक ‘देख भाई देख’ को प्रोड्यूस करने के अलावा बिग बॉस सीजन 3 और कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 1 से 3 और सीजन 4 से 12 को भी होस्ट किया है। वे हिन्दी सिनेमा के सबसे प्रभावशाली अभिनेता माने जाते हैं।

अमिताभ बच्चन के प्रशंसक उन्हें बिग बी और शहंशाह के नाम से बुलाते हैं। अमिताभ बच्चन अभिनय के साथ -साथ सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहते है और उनके चाहने वालों की संख्या करोड़ों में हैं । अमिताभ बच्चन को फिल्म जगत में उनके अद्भुत योगदानों के लिए भारत सरकार की तरफ से भारतीय सिनेमा के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा महानायक अमिताभ बच्चन को साल 1984 में पद्मश्री, साल 2001 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण से भी नवाजा गया।

पटना: गृहमंत्री अमित शाह कल यानि 11 अक्टूबर को बिहार आ रहे हैं। उनके दौरे से पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने निशाना साधा है।

ललन सिंह ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि गृहमंत्री अमित शाह आप कल लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी की जन्मस्थली सिताब दियारा आ रहे हैं। जरूर आएं, लेकिन सिर्फ प्रवचन देने के लिए नहीं, बल्कि आप घूम कर देखें कि बिहार सरकार ने वहां कितना काम किया है और यूपी सरकार ने क्या किया है?

दशक का सफर..
छपरा टुडे ने आज अपने अनवरत यात्रा के दशक पूरे किए हैं।
मैं, इस यात्रा के सहयोगियों, मार्गदर्शकों, पाठकों, दर्शकों और निंदकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। किसी काम को शुरू करना आसान होता है, पर उसे एक सम्यक गति देते हुए जारी रखना कठिन होता है। हमारी टीम ने भाग- दौड़, आपाधापी से इतर विश्वसनीय और सटीक खबरों को अपने अंदाज में हमेशा आपतक पहुंचाया है। अब हमें आपके विश्वास के दशक का साथ मिल गया है।
बीते 10 सालों में बहुत उतार चढ़ाव आए हैं। डिजिटल मीडिया पोर्टल पर उठने वाले सवालों को भी हमने झेला है। लेकिन, इन सबसे हम कभी भी कर्तव्य पथ से डिगे नहीं हैं। बल्कि इन सवालों ने हमें और मजबूत किया है।
भारत सरकार के सूचना एवम प्रसारण मंत्रालय ने वर्ष 2021 में Digital Media Ethics Code Rules, 2021 लाकर डिजिटल में पत्रकारिता के मानकों के अनुरूप कार्य करने वालों को बड़ी राहत दी। इसके साथ ही आपका www.chhapratoday.com मंत्रालय के नियम अनुसार Web Journalists’ Association of India के Self Regulatory Body के अंतर्गत पंजीकृत होने वाले वेबसाइटों की प्रथम सूची में शामिल हुआ।
यह उन लोगों को जवाब था जो अक्सर गाहे बगाहे हमारी विश्वसनीयता को धूमिल कर अपना उल्लू सीधा करने में जुटे थें।
अब एक दौर ऐसा भी आया जब कई लोगों ने छपरा टुडे को अपना प्रतिद्वंदी भी बता दिया। लेकिन, मैं और मेरी टीम किसी को अपना प्रतिद्वंदी नही मानती, क्योंकि हम हर दिन खुद से ही मुकाबला कर खुद को और बेहतर करने के प्रयास में जुटें हैं।
मुझे खुशी है कि डिजिटल मीडिया के माध्यम से खबरों को पाठकों, दर्शकों तक पहुंचाने की जो लकीर हमने वर्ष 2012 में खींची थी आज उस पर बड़ी संख्या में संस्थाएं मौजूद हैं, उन सभी संस्थाओं को भी शुभकामनाएं।
आज डिजिटल के माध्यम से हर छोटी बड़ी खबरें पाठकों तक पहुंच रहीं हैं, हर समस्या तुरंत खबर बन रही है। हर हलचल पर विश्लेषण हो रहा है, यहां तक कि डिजिटल मीडिया खबरों में आगे रह रही है और बाकी माध्यम उसे अपने कंटेंट में शामिल करने को मजबूर भी हो रहे हैं।
पत्रकारिता दो धारी तलवार के समान होती है। जब तक आप किसी के लिए अच्छा लिखते है वह खुश रहता है, पर जब आप उसकी एक छोटी सी गलती उभार देते हैं तो वह आप पर तरह तरह के आरोप भी मढ देता है। हां, इस दौर में लोगों के सॉफ्ट टारगेट पत्रकार भी बने हैं, जिसको जो मर्जी पत्रकारों के बारे में लिख रहा है। इसमें संयम नहीं दिखता।
डिजिटल मीडिया के आने के बाद से पाठक तुरंत अपने विचार जाहिर कर देते हैं, जो पहले संपादक के पास पत्राचार से ही संभव होता था। इससे परस्पर संवाद का विकास हुआ है और समस्याओं को तेजी से खबरों के रूप में पड़ोसा भी जाने लगा है।
समाज के सजग प्रहरी के रूप में हमने समय समय पर अपनी जवाबदेही और सामाजिक दायित्वों के अनुसार कार्य किए हैं। शहर में तनाव की कई खबरों में हमने आपाधापी और अपने #Views को बढ़ाने की होड़ की जगह संयम रखते हुए आपतक खबरों को पहुंचाया है। क्योंकि हम जानते हैं डिजिटल मीडिया की खबरों की पहुंच बाकी माध्यमों से कई गुणा ज्यादा है। आपतक विश्वसनीय खबरें ही पहुंचे इसकी हमने पूरी निष्ठा से कोशिश की है।
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क्योंकि हम जानते हैं कि आप हर दिन अपनी मांटी, देश को याद करते हुए यही गुनगुनाते होंगे…
“हम तो हैं परदेश में, देश में निकला होगा चांद”
चिर सजग आँखे उनींदी आज कैसा व्यस्त बाना!
जाग तुझको दूर जाना!
अचल हिमगिरि के हृदय में आज चाहे कम्प हो ले,
या प्रलय के आँसुओं में मौन अलसित व्योम रो ले;
आज पी आलोक को डोले तिमिर की घोर छाया,
जाग या विद्युत्-शिखाओं में निठुर तूफान बोले!
पर तुझे है नाश-पथ पर चिह्न अपने छोड़ आना! जाग तुझको दूर जाना! -महादेवी वर्मा
अब आगे के सफर में आप अपना विश्वास, सहयोग ऐसे ही बनाए रखियेगा ऐसी अपेक्षा है।
सुरभित दत्त
संपादक
छपरा टुडे डॉट कॉम (www.chhapratoday.com)
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने मुलायम सिंह से जुड़ी कई स्मृतियां ट्विटर पर साझा की है। मोदी ने कहा- ‘मुलायम सिंह यादव जी एक विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉक्टर लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा कि मुलायम सिंह यादव जी ने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे। रक्षामंत्री के रूप में उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनके संसदीय हस्तक्षेप व्यावहारिक थे और राष्ट्रीय हित को आगे बढ़ाने पर जोर देते थे।

मोदी ने कहा कि जब हमने अपने-अपने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के रूप में काम किया, तब मुलायम सिंह यादव जी के साथ मेरी कई बातचीत हुईं। हम दोनों की घनिष्ठता जारी रही और मैं हमेशा उनके विचारों को सुनने के लिए उत्सुक रहता था। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना हैं। ओम् शांति।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा नेता मायावती ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के व्योवृद्ध नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन हो जाने की खबर बेहद दुखद है। उनके परिवार व सभी शुभचिन्तकों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। कुदरत उन सबको इस दुख को सहन करने की शक्ति दे।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संस्थापक, संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यादव के निधन पर शोक जताते हुए इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह के पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव से फोन पर बातकर संवेदना व्यक्त की है। योगी ने कहा है कि मुलायम सिंह यादव का निधन अत्यंत दुखदायी है। उनके निधन से समाजवाद के प्रमुख स्तंभ एवं संघर्षशील युग का अंत हो गया। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। मुख्यमंत्री ने शोकाकुल परिजनों एवं समर्थकों के प्रति संवेदना जताई है।

Chhapra: रिविलगंज में वृहद प्रतिमा विसर्जन जुलूस के मद्देनजर मांझी और सिताब दियारा जाने वाले वाहनों के मार्ग में सारण पुलिस ने परिवर्तन किया है.

पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि 10/11 अक्तूबर 2022 को रिविलगंज में वृहद प्रतिमा विजर्सन आदि को लेकर छपरा से मॉझी जाने वाले पथ यातायात बाधित रहेगा. केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के कार्यक्रम स्थल ग्राम सिताब दियारा के लाला टोला में स्थित कार्यक्रम स्थल पर जाने हेतु निम्न मार्ग का प्रयोग करें .

• छपरा शहर के भगवान बाजार थानान्तर्गत ब्रम्हमपुर चौक का पुल के पास से कोपा मार्ग (छपरा- सिवान रोड NH-531) कोपा, कोपा से दाउदपुर, दाउदपुर से एकमा थानान्तर्गत नरपलिया मोड़ से बाएं (N.H – 96 ) होते हुए मॉझी थानान्तर्गत बलिया मोड़ (N.H–90), बलिया मोड़ से जयप्रभा सेतु पार कर चाँद दियर पुलिस चौकी (उत्तर प्रदेश) से बाएं बी०एस०टी० बांध होते हुए सारण जिला के रिविलगंज थानान्तर्गत सिताब दियारा :

रूट चार्ट (Route Chart)

ब्रम्हमपुर चौक (छपरा शहर का भगवान बाजार थानान्तर्गत) कोपा (N.H-531) दाउदपुर नरपलिया मोड़ (एकमा थानान्तर्गत) 7 (S.H-96) बलिया मोड़ (मॉझी थानान्तर्गत N. H-90) जयप्रभा सेतु ⇒ चाँद दियर पुलिस चौकी (उ0प्र0) 1 बी०एस०टी० बांध सिताब दियारा (कार्यक्रम स्थल)

विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने महिलाओं पर जताया भरोसा, दोनो सीटों पर महिला को टिकट

Patna: बिहार में दो सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. मोकामा और गोपालगंज सीट के लिए बीजेपी ने दो महिला उम्मीदवारों का नाम की घोषणा की है.

कुसुम देवी गोपालगंज और सोनम देवी मोकामा से बीजेपी की उम्मीदवार होंगी. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली बीजेपी के मुख्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने प्रत्याशियों की सूची जारी की है.

बताते चले कि बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर आने वाले 3 नवंबर को चुनाव होंगे. मोकामा और गोपालगंज सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है.

इसी बीच बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी. बीजेपी ने दोनों ही सीटों से महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है.

गोपालगंज सीट से दिवंगत बीजेपी विधायक की पत्नी कुसुम देवी को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है जबकि मोकामा सीट से बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी को बाहुबली अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी के खिलाफ मैदान में उतारा है. मोकामा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सोनम देवी पहले लोजपा के टिकट पर अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी हैं.

आरजेडी के बाहुबली विधायक अनंत सिंह को आपराधिक मामले में सजा होने के बाद बिहार विधानसभा ने उनकी सदस्यता को खत्म कर दिया था, जिसके बाद से मोकामा की सीट खाली हुई है जबकि, बीजेपी विधायक सुभाष सिंह के निधन के बाद गोपालगंज विधानसभा सीट खाली हो गई थी.

इन दोनों ही सीटों पर उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए सभी दलों ने अपना जोर लगा दिया है. बिहार की इन दोनों ही सीटों पर मुकाबला रोचक होने वाला है. 6 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे सामने आएंगे.

प्रचार वाहन को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष एवं युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

Chhapra: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जयसवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह द्वारा आगामी 11 अक्टूबर को होने वाले देश के यशस्वी गृह मंत्री अमित शाह के निमित्त कार्यक्रम के लिए छपरा नगर भ्रमण करके लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जयंती पर हजारों हजार लोगों को निमंत्रण देने के लिए प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.

प्रचार वाहन छपरा नगर के सभी क्षेत्रों में जाकर आम जनों से 11 अक्टूबर को अधिक से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आग्रह करेंगी.

वहीं युवा जदयू तथा अन्य युवा संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.

इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के खिलाफ संपूर्ण क्रांति युवाओं को लेकर शुरू किया. उनके जयंती पर युवाओं से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्वान किया.

इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष रामदयाल शर्मा, विधायक डॉ सी एन गुप्ता, पूर्व मंत्री महाचंद्र सिंह, भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री शांतनू, युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता राणा यशवंत प्रताप, रंजन यादव, धर्मेंद्र कुमार , अंकित कुमार सिंह, चरणदास, चिंटू सिंह एवं कार्यकर्ता एवं शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

लोकतंत्र बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी: प्रो. आनंद कुमार

Chhapra: विगत 8 अक्टूबर को संपूर्ण क्रांति के प्रणेता लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्य तिथि पर नयी दिल्ली स्थित नारायण दत्त तिवारी भवन के सभागार में लोकनायक जयप्रकाश अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन विकास केन्द्र और लोकतंत्र बचाओ अभियान के तत्वावधान में श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

इसमें सर्वप्रथम प्रख्यात समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार, राष्ट्र सेवा दल के पूर्व अध्यक्ष सुरेश खैरनार, छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक कुमार शुभमूर्ति, गांधी शांति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अरुण श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष गाधी शांति प्रतिष्ठान भागलपुर राम शरन, पूर्व सांसद संदीप दीक्षित, बिहार राष्ट्र सेवा दल के अध्यक्ष मोहम्मद शाहिद कमाल, सर्व सेवा संघ के राष्ट्रीय नेता प्रमुख गांधीवादी रामधीरज भाई, समाजवादी चिंतक विजय प्रताप, जेपी आंदोलन के प्रमुख साथी, प्रखर वक्ता व क्रांतिकारी नेता घनश्याम भाई, सुशील कुमार, प्रभात कुमार जी, अरुण प्रसाद, मदन प्रसाद, राष्ट्रीय महासचिव अभय सिन्हा, पत्रकार, लेखक एवं पर्यावरणविद व राष्ट्रीय पर्यावरण सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र रावत, पर्यावरणविद प्रशांत सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर लोकनायक जयप्रकाश के चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की.

इसके उपरांत केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा ने जेपी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला और जेपी के बताये रास्ते पर चलने पर बल दिया और कहा कि हमारा प्रयास है कि जेपी के सभी अनुयायी एक मंच पर आकर सच्ची आजादी की लडा़ई के लिए आगे बढे़ं.

इसके बाद जेपी आंदोलन के तब के साथी और गवाह रहे वरिष्ठ समाजवादी- क्रांतिकारी नेताओं ने न केवल अपने अनुभव सुनाये, बल्कि उस दौर में की गयी ज्यादतियों का सिलसिलेवार वर्णन करते हुए जेपी के विचारों के प्रसार पर बल दिया.

अपने प्रमुख सम्बोधन में जेपी आंदोलन में अग्रणी प्रमुख भूमिका निबाहने वाले प्रख्यात समाजशास्त्री, जेएन यू के चर्चित प्रोफेसर आनंद कुमार ने 1942 और 1974 के जेपी और आंदोलन के दौर की विषमताओं- विशेषताओं का सिलसिलेवार वर्णन किया और कहा कि उस समय आंदोलनकारियों को तानाशाही के विरोध करने और लोकतंत्र की रक्षा हेतु संघर्ष में किन किन तरह की दुश्वारियों का सामना करना पडा़ था लेकिन आंदोलन के महानायक जयप्रकाश जी के नेतृत्व का ही परिणाम रहा कि हमें अपने आंदोलन में न केवल कामयाबी मिली बल्कि तानाशाही सरकार को उखाड़ने में और जनता की सरकार बनाने में सफल हुए. लेकिन दुख है कि आज भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और हालात उससे भी भयावह हैं. इसलिए समय की मांग है कि लोकतंत्र की रक्षा की दिशा में किये जा रहे यज्ञ में सभी लोग आपसी मतभेद-मनभेद भुलाकर जी जान से कूद पडे़ं क्योंकि याद रखो लोकतंत्र बचेगा, तो हम बचेंगे, देश बचेगा. इसलिए आओ और इस संघर्ष के लिए कमर कसकर तैयार हो जाओ. इस दिशा में जन जागृति बहुत जरूरी है. यदि हम अपनी जिम्मेदारी का सही निर्वहन करने में नाकाम रहे तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा.

श्रृद्धांजलि सभा में मौजूद सृष्टि फाउण्डेशन के प्रमुख सरदार सुखविंदर सिंह, प्रयास एक आशा की प्रमुख जयश्री सिन्हा, सामाजिक कार्यकर्ता मो. रिजवान, विनय खरे, राजेश सिन्हा, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भारतीय रेल सुशील कुमार सिन्हा, प्रख्यात बालीवाल खिलाडी़ रजनी श्रीवास्तव, यमुना नदी के पुत्र के रूप में विख्यात अशोक उपाध्याय, वृक्ष मित्र आशीष शर्मा, जया श्रीवास्तव व प्रवीन इब्बन आदि अनेकों सामाजिक-पर्यावरण व लोकतंत्र बचाओ अभियान के कार्यकर्ताओं ने जेपी के चित्र पर अपने श्रृद्धासुमन अर्पित कर अपने महानायक की स्मृतियों को जीवंत किया. अंत में केन्द्र के महासचिव अभय सिन्हा, पर्यावरणविद ज्ञानेन्द्र रावत व लोकतंत्र बचाओ अभियान के संयोजक राकेश रफीक भाई ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया.

जुलूस-ए-मोहम्मदी में झूम कर निकले नबी के दीवाने, आपसी सद्भाव के साथ देश प्रेम का जज्बा देखने को मिला

Chhapra: पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहुअलैहवसल्लम के यौम-ए-पैदाइश के मौके पर रविवार को जिला भर में जुलूस-ए-मोहम्मदी धूमधाम से निकाला गया.

इस दौरान मुस्लिम समुदाय में एक अलग ही रौनक दिखाई दे रही थी. मानो जुलूस में शामिल होने के लिए पूरा जनसैलाब उमड़ पड़ा हो. सिर पर हरा साफा बांध लकदक कपड़ों में सजे लोग एक हाथ में मजहबी परचम तो दूसरे हाथ में तिरंगा थाम इसे लहराते हुए जुलूस में शामिल हुए.

जुलूस में शामिल ऊंट, घोड़े और तरह-तरह की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं तो हर तरफ नबी की आमद मरहबा, सरकार की आमद मरहबा, हुजूर की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा की सदाएं बुलंद होती रहीं.

ओलेमा जहां दरूद व सलाम पेश कर रहे थे वहीं शायर व नातख्वां तरन्नुम में मनकबत, हम्द और नात पेश कर माहौल को नूरानी बना रहे थे. जुलूस में युवा और बुजुर्गों के अलावा बच्चों का उत्साह भी देखते ही बन रहा था.

बग्घी, दुपहिया और चार पहिया वाहनों पर सवार होकर लोग जुलूस में शामिल हुए. रास्ते भर जुलूस में शामिल लोगों के लिए मुस्लिम व हिन्दू भाइयों की ओर से चाय व खाने पीने की चीजों का वितरण भी होता रहा.

नबी के दिवानों पर कई जगह लोगों ने फूल भी बरसाए. ईद मिलादुन्नबी की पूर्व संध्या पर शहर के खनुआ से जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया.

जिसकी कयादत जिलानी मुबीन, अब्दुल कैयूम अंसारी, डॉ मंसूर अंसारी आदि कर रहे थे. दारूल उलूम नईमिया, जामा मस्जिद में रात भर जलसा चला जिसमें देश भर के मशहूर ओलेमा ने नबी के सीरत और तालीम पर रोशनी डाली. शायरों ने भी समां बांधा.

सुबह की नमाज के बाद जुलूस निकला जो साहेबगंज, हथुआ मार्केट, थाना चौक, मजहरुल हक पथ, डाकबंगला रोड, मालखाना चौक, सदर अस्पताल, दरोगा राय चौक होते हुए जुमनी मस्जिद तक गया. वहीं दारूल उलूम रजविया के तत्वावधान में मौलाना रज्जबुल कादरी की कयादत में निकला जुलूस बड़ा तेलपा, चांदनी चौक, बिचला तेलपा, कोरार, न्यू कालोनी, छोटा तेलपा, कटहरी बाग, करीमचक, सरकारी बाजार, खनुआ होते हुए पुनः वापस गया.

ब्रह्मपुर से हाजी आफताब आलम की कयादत में जुलूस ने पूर्वी छोर से पश्चिम तक पूरे शहर का दौरा किया. इसके अलावा मिर्चईया टोला, गडही तीर, दहियावां आदि शहरी इलाकों समेत ग्रामीण क्षेत्र के बनियापुर, कोपा, मशरक, दिघवारा, एकमा, दाऊदपुर, लहलादपुर, तरैया, नगरा, मकेर, अमनौर, सोनपुर, दरियापुर, मिर्जापुर, तुजारपुर आदि जगहों पर भी मजहबी जोश, आपसी सद्भाव व देश प्रेम के अद्भुत जज्बा के साथ जुलूसे मुहम्मदी का आयोजन किया गया.