कैनबरा: विराट कोहली और शिखर धवन के शतक के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे वनडे में भी भारत को हार का सामना करना पड़ा. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 8 विकेट खोकर 348 रन बनाये, 349 रनों के लक्ष्य भारत को दिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए एक वक्त भारत जीत की राह पर था, लेकिन 38 वें ओवर से कहानी बदल गई और टीम इंडिया ने मैच गंवा दिया. भारत की पूरी टीम 323 रनों पर आउट हो गई. केन रिचर्डसन ने सबसे ज्यादा 5 विकेट लिए.

सलामी बल्लेबाजों रोहित शर्मा और शिखर धवन ने जोरदार शुरूआत करते हुए 8 ओवर में 60 रन जोड़े. रोहित ने 25 गेंदों पर 40 रन बनाए. इसके बाद मैदान पर उतरे विराट कोहली ने भी तेज गति से रन जोड़ने का सिलसिला जारी रखा. जहां धवन ने अपना दूसरा अर्धशतक जमाया वहीं कोहली ने भी 19वें ओवर में 34 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया. दोनों ने तेज गति से रन जोड़े और 27 ओवर में भारत का स्कोर एक विकेट पर 213 रन था. इस बीच धवन ने 92 गेदों पर अपने करियर का 9वां शतक पूरा किया. कोहली ने भी 84 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. सीरीज में कोहली का ये लगातार दूसरा शतक है. लेकिन भारत ने अगले 4 विकेट महज 14 रन पर खोकर संकट में घिर गई. धवन ने 126 रनों की पारी खेली, कप्तान धोनी शून्य पर आउट हो गए, कोहली भी 106 रनों की पारी खेलकर आउट हुए. गुरकीरत सिंह ने पांच रन बनाये.

इससे पहले कैनबरा वनडे में भी ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय गेंदबाजों की धुलाई का सिलसिला जारी रखते हुए बड़ा स्कोर खड़ा किया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से आरोन फिंच ने शतक जमाया जबकि डेविड वार्नर ने 92 रनों की पारी खेली. ग्लेन मैक्सवेल ने भी आखिरी मौके पर ताबड़तोड़ हाथ दिखाए. भारत की ओर से सबसे ज्यादा तीन विकेट उमेश यादव ने लिए.

 

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संदेश में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आगाह किया कि निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास की प्रक्रिया का ही नुकसान होगा. उन्होंने कहा, ‘विकास की शक्तिओं को मजबूत बनाने के लिए हमें सुधारों और प्रगतिशील विधान की आवश्यकता है. यह सुनिश्चित करना विधि निर्माताओं का परम कर्तव्य है कि पूरे विचार विमर्श और परिचर्चा के बाद ऐसा विधान लागू किया जाए. सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति की भावना निर्णय लेने का प्रमुख तारीका होना चाहिए। निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास प्रक्रिया का ही नुकसान होगा.’

राष्ट्रपति की यह टिप्पणी जीएसटी विधेयक के पारित होने में बने गतिरोध के संदर्भ में महत्वपूर्ण है. कांग्रेस ने इसे पारित कराने में सहयोग के लिए तीन मांग की है जिन्हें सरकार ने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. प्रणब ने कहा, ‘पिछला 2015 का साल चुनौतियों का वर्ष रहा. इस दौरान विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी रही। वस्तु बाजारों पर असमंजस छाया रहा और संस्थागत कार्रवाई में अनिश्चितता आई. ऐसे कठिन माहौल में किसी भी राष्ट्र के लिए तरक्की करना आसान नहीं हो सकता.’

उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. निवेशकों की आशंका के कारण भारत समेत अन्य उभरते बाजारों से धन वापस लिया जाने लगा जिससे भारतीय रुपये पर दबाव पड़ा. हमारा निर्यात प्रभावित हुआ और हमारे विनिर्माण क्षेत्र का अभी पूरी तरह उभरना बाकी है.’

राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति का संदेश विस्तार से पढ़ें

मेरे प्यारे देशवासियो,

1. हमारे राष्ट्र के सड़सठवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं भारत और विदेशों में बसे आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं, हमारी सशस्त्र सेनाओं, अर्ध-सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बल के सदस्यों को अपनी विशेष बधाई देता हूं। मैं उन वीर सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और विधि शासन को कायम रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।

प्यारे देशवासियो,

2. छब्बीस जनवरी 1950 को हमारे गणतंत्र का जन्म हुआ। इस दिन हमने स्वयं को भारत का संविधान दिया। इस दिन उन नेताओं की असाधारण पीढ़ी का वीरतापूर्ण संघर्ष पराकाष्ठा पर पहुंचा था जिन्होंने दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र की स्थापना के लिए उपनिवेशवाद पर विजय प्राप्त की। उन्होंने राष्ट्रीय एकता, जो हमें यहां तक लेकर आई है, के निर्माण के लिए भारत की विस्मयकारी अनेकता को सूत्रबद्ध कर दिया। उनके द्वारा स्थापित स्थायी लोकतांत्रिक संस्थाओं ने हमें प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की सौगात दी है। आज भारत एक उदीयमान शक्ति है, एक ऐसा देश है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी, नवान्वेषण और स्टार्ट-अप में विश्व अग्रणी के रूप में तेजी से उभर रहा है और जिसकी आर्थिक सफलता विश्व के लिए एक कौतूहल है।

प्यारे देशवासियो,

3. वर्ष 2015 चुनौतियों का वर्ष रहा है। इस दौरान विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी रही। वस्तु बाजारों पर असमंजस छाया रहा। संस्थागत कार्रवाई में अनिश्चितता आई। ऐसे कठिन माहौल में किसी भी राष्ट्र के लिए तरक्की करना आसान नहीं हो सकता। भारतीय अर्थव्यवस्था को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। निवेशकों की आशंका के कारण भारत समेत अन्य उभरते बाजारों से धन वापस लिया जाने लगा जिससे भारतीय रुपए पर दबाव पड़ा। हमारा निर्यात प्रभावित हुआ। हमारे विनिर्माण क्षेत्र का अभी पूरी तरह उभरना बाकी है।

4. 2015 में हम प्रकृति की कृपा से भी वंचित रहे। भारत के अधिकतर हिस्सों पर भीषण सूखे का असर पड़ा जबकि अन्य हिस्से विनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ गए। मौसम के असामान्य हालात ने हमारे कृषि उत्पादन को प्रभावित किया। ग्रामीण रोजगार और आमदनी के स्तर पर बुरा असर पड़ा।

प्यारे देशवासियो,

5. हम इन्हें चुनौतियां कह सकते हैं क्योंकि हम इनसे अवगत हैं। समस्या की पहचान करना और इसके समाधान पर ध्यान देना एक श्रेष्ठ गुण है। भारत इन समस्याओं को हल करने के लिए कार्यनीतियां बना रहा है और उनका कार्यान्वयन कर रहा है। इस वर्ष 7.3 प्रतिशत की अनुमानित विकास दर के साथ, भारत सबसे तेजी से बढ़ रही विशाल अर्थव्यवस्था बनने के मुकाम पर है। विश्व तेल कीमतों में गिरावट से बाह्य क्षेत्र को स्थिर बनाए रखने और घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिली है। बीच-बीच में रुकावटों के बावजूद इस वर्ष उद्योगों का प्रदर्शन बेहतर रहा है।

6. आधार 96 करोड़ लोगों तक मौजूदा पहुंच के साथ, आर्थिक रिसाव रोकते हुए और पारदर्शिता बढ़ाते हुए लाभ के सीधे अंतरण में मदद कर रहा है। प्रधान मंत्री जन धन योजना के तहत खोले गए 19 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते वित्तीय समावेशन के मामले में विश्व की अकेली सबसे विशाल प्रक्रिया है। सांसद आदर्श ग्राम योजना का लक्ष्य आदर्श गांवों का निर्माण करना है। डिजीटल भारत कार्यक्रम डिजीटल विभाजन को समाप्त करने का एक प्रयास है। प्रधान मंत्री फसल बीमा योजना का लक्ष्य किसानों की बेहतरी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम जैसे कार्यक्रमों पर बढ़ाए गए खर्च का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दोबारा सशक्त बनाने के लिए रोजगार में वृद्धि करना है।

7. भारत में निर्माण अभियान से व्यवसाय में सुगमता प्रदान करके और घरेलू उद्योग की स्पर्द्धा क्षमता बढ़ाकर विनिर्माण तेज होगा। स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम नवान्वेषण को बढ़ावा देगा और नए युग की उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करेगा। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन में 2022 तक 30 करोड़ युवाओं को कुशल बनाने का विचार किया गया है।

8. हमारे बीच अकसर संदेहवादी और आलोचक होंगे। हमें शिकायत, मांग, विरोध करते रहना चाहिए। यह भी लोकतंत्र की एक विशेषता है। परंतु हमारे लोकतंत्र ने जो हासिल किया है, हमें उसकी भी सराहना करनी चाहिए। बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में निवेश से, हम और अधिक विकास दर प्राप्त करने की बेहतर स्थिति में हैं जिससे हमें अगले दस से पंद्रह वर्षों में गरीबी मिटाने में मदद मिलेगी।

प्यारे देशवासियो,

9. अतीत के प्रति सम्मान राष्ट्रीयता का एक आवश्यक पहलू है। हमारी उत्कृष्ट विरासत, लोकतंत्र की संस्थाएं सभी नागरिकों के लिए न्याय, समानता तथा लैंगिक और आर्थिक समता सुनिश्चित करती हैं। जब हिंसा की घृणित घटनाएं इन स्थापित आदर्शों, जो हमारी राष्ट्रीयता के मूल तत्त्व हैं, पर चोट करती हैं तो उन पर उसी समय ध्यान देना होगा। हमें हिंसा, असहिष्णुता और अविवेकपूर्ण ताकतों से स्वयं की रक्षा करनी होगी।

प्यारे देशवासियो :

10. विकास की शक्तियों को मजबूत बनाने के लिए, हमें सुधारों और प्रगतिशील विधान की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना विधि निर्माताओं का परम कर्तव्य है कि पूरे विचार-विमर्श और परिचर्चा के बाद ऐसा विधान लागू किया जाए। सामंजस्य, सहयोग और सर्वसम्मति बनाने की भावना निर्णय लेने का प्रमुख तरीका होना चाहिए। निर्णय और कार्यान्वयन में विलम्ब से विकास प्रक्रिया का ही नुकसान होगा।

प्यारे देशवासियो,

11. विवेकपूर्ण चेतना और हमारे नैतिक जगत का प्रमुख उद्देश्य शांति है। यह सभ्यता की बुनियाद और आर्थिक प्रगति की जरूरत है। परंतु हम कभी भी यह छोटा सा सवाल नहीं पूछ पाए हैं : शांति प्राप्त करना इतना दूर क्यों है? टकराव को समाप्त करने से अधिक शांति स्थापित करना इतना कठिन क्यों रहा है?

12. विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय क्रांति के साथ 20वीं सदी की समाप्ति पर, हमारे पास उम्मीद के कुछ कारण मौजूद थे कि 21वीं सदी एक ऐसा युग होगा जिसमें लोगों और देश की सामूहिक ऊर्जा उस बढ़ती हुई समृद्धि के लिए समर्पित होगी जो पहली बार घोर गरीबी के अभिशाप को मिटा देगी। यह उम्मीद इस शताब्दी के पहले पंद्रह वर्षों में फीकी पड़ गई है। क्षेत्रीय अस्थिरता में चिंताजनक वृद्धि के कारण व्यापक हिस्सों में अभूतपूर्व अशांति है। आतंकवाद की बुराई ने युद्ध को इसके सबसे बर्बर रूप में बदल दिया है। इस भयानक दैत्य से अब कोई भी कोना अपने आपको सुरक्षित महसूस नहीं कर सकता है।

13. आतंकवाद उन्मादी उद्देश्यों से प्रेरित है, नफरत की अथाह गहराइयों से संचालित है, यह उन कठपुतलीबाजों द्वारा भड़काया जाता है जो निर्दोष लोगों के सामूहिक संहार के जरिए विध्वंस में लगे हुए हैं। यह बिना किसी सिद्धांत की लड़ाई है, यह एक कैंसर है जिसका इलाज तीखी छुरी से करना होगा। आतंकवाद अच्छा या बुरा नहीं होता; यह केवल बुराई है।

प्यारे देशवासियो,

14. देश हर बात से कभी सहमत नहीं होगा; परंतु वर्तमान चुनौती अस्तित्व से जुड़ी है। आतंकवादी महत्त्वपूर्ण स्थायित्व की बुनियाद, मान्यता प्राप्त सीमाओं को नकारते हुए व्यवस्था को कमज़ोर करना चाहते हैं। यदि अपराधी सीमाओं को तोड़ने में सफल हो जाते हैं तो हम अराजकता के युग की ओर बढ़ जाएंगे। देशों के बीच विवाद हो सकते हैं और जैसा कि सभी जानते हैं कि जितना हम पड़ोसी के निकट होंगे, विवाद की संभावना उतनी अधिक होगी। असहमति दूर करने का एक सभ्य तरीका, संवाद है, जो सही प्रकार से कायम रहना चाहिए। परंतु हम गोलियों की बौछार के बीच शांति पर चर्चा नहीं कर सकते।

15. भयानक खतरे के दौरान हमें अपने उपमहाद्वीप में विश्व के लिए एक पथप्रदर्शक बनने का ऐतिहासिक अवसर प्राप्त हुआ है। हमें अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण वार्ता के द्वारा अपनी भावनात्मक और भू-राजनीतिक धरोहर के जटिल मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए, और यह जानते हुए एक दूसरे की समृद्धि में विश्वास जताना चाहिए कि मानव की सर्वोत्तम परिभाषा दुर्भावनाओं से नहीं बल्कि सद्भावना से दी जाती है। मैत्री की बेहद जरूरत वाले विश्व के लिए हमारा उदाहरण अपने आप एक संदेश का कार्य कर सकता है।

प्यारे देशवासियो,

16. भारत में हर एक को एक स्वस्थ, खुशहाल और कामयाब जीवन जीने का अधिकार है। इस अधिकार का, विशेषकर हमारे शहरों में, उल्लंघन किया जा रहा है, जहां प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। जलवायु परिवर्तन अपने असली रूप में सामने आया जब 2015 सबसे गर्म वर्ष के रूप में दर्ज किया गया। विभिन्न स्तरों पर अनेक कार्यनीतियों और कार्रवाई की आवश्यकता है। शहरी योजना के नवान्वेषी समाधान, स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग और लोगों की मानसिकता में बदलाव के लिए सभी भागीदारों की सक्रिय हिस्सेदारी जरूरी है। लोगों द्वारा अपनाए जाने पर ही इन परिवर्तनों का स्थायित्व सुनिश्चित हो सकता है।

प्यारे देशवासियो,

17. अपनी मातृभूमि से प्रेम समग्र प्रगति का मूल है। शिक्षा, अपने ज्ञानवर्धक प्रभाव से, मानव प्रगति और समृद्धि पैदा करती है। यह भावनात्मक शक्तियां विकसित करने में सहायता करती है जिससे सोई उम्मीदें और भुला दिए गए मूल्य दोबारा जाग्रत हो जाते हैं। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था, ‘‘शिक्षा का अंतिम परिणाम एक उन्मुक्त रचनाशील मनुष्य है जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक विपदाओं के विरुद्ध लड़ सकता है।’’ ‘चौथी औद्योगिक क्रांति’ पैदा करने के लिए जरूरी है कि यह उन्मुक्त और रचनाशील मनुष्य उन बदलावों को आत्मसात करने के लिए परिवर्तन गति पर नियंत्रण रखे जो व्यवस्थाओं और समाजों के भीतर स्थापित होते जा रहे हैं। एक ऐसे माहौल की आवश्यकता है जो महत्त्वपूर्ण विचारशीलता को बढ़ावा दे और अध्यापन को बौद्धिक रूप से उत्साहवर्धक बनाए। इससे विद्वता प्रेरित होगी और ज्ञान एवं शिक्षकों के प्रति गहरा सम्मान बढ़ेगा। इससे महिलाओं के प्रति आदर की भावना पैदा होगी जिससे व्यक्ति जीवन पर्यन्त सामाजिक सदाचार के मार्ग पर चलेगा। इसके द्वारा गहन विचारशीलता की संस्कृति प्रोत्साहित होगी और चिंतन एवं आंतरिक शांति का वातावरण पैदा होगा। हमारी शैक्षिक संस्थाएं मन में जाग्रत विविध विचारों के प्रति उन्मुक्त दृष्टिकोण के जरिए, विश्व स्तरीय बननी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय वरीयताओं में प्रथम दो सौ में स्थान प्राप्त करने वाले दो भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों के द्वारा यह शुरुआत पहले ही हो गई है।

प्यारे देशवासियो,

18. पीढ़ी का परिवर्तन हो चुका है। युवा बागडोर संभालने के लिए आगे आ चुके हैं। ‘नूतन युगेर भोरे’ के टैगोर के इन शब्दों के साथ आगे कदम बढ़ाएं :

‘‘चोलाय चोलाय बाजबे जायेर भेरी-

पायेर बेगी पॉथ केटी जाय कोरिश ने आर

देरी।’’

आगे बढ़ो, नगाड़ों का स्वर तुम्हारे विजयी प्रयाण की घोषणा करता है

शान के साथ कदमों से अपना पथ बनाएं;

देर मत करो, देर मत करो, एक नया युग आरंभ हो रहा है।

धन्यवाद,

जय हिंद!

(साभार-पीआईबी) (फोटो साभार-डीडी न्यूज़)   

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच बातचीत के बाद रेल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. अलस्ताम और भारतीय रेलवे ने बिहार में मधेपुरा में 800 इलेक्ट्रिक इंजनों के उत्पादन के लिए एक ‘शेयरधारिता समझौते’ पर हस्ताक्षर किए. समझौते के मुताबिक, मधेपुरा कारखाने में अगले 11 वर्षों के दौरान 12,000-12,000 हॉर्सपावर के 800 इलेक्ट्रिक इंजनों का विनिर्माण किया जाएगा.

इलेक्ट्रिक इंजनों की मौजूदा क्षमता 6,000 हॉर्सपावर की है. इस परियोजना में 1,300 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश शामिल है जिसे रेल क्षेत्र में एक बड़ा निवेश माना जा रहा है. अलस्ताम पर कारखाना स्थापित करने, लोकोमोटिव का विनिर्माण करने एवं उसका रखरखाव करने की जिम्मेदारी होगी.

रेलवे ने मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव परियोजना का ठेका अलस्ताम को देने का निर्णय नवंबर में किया था.

दूसरे समझौते के तहत फ्रांस अंबाला और लुधियाना स्टेशनों के आधुनिकीकरण में अपनी विशेषज्ञता उपलब्ध कराएगा. फ्रांस से एक विशेषज्ञ आएगा और इन दो स्टेशनों का अध्ययन करेगा और उसकी रिपोर्ट के आधार पर एक रूपरेखा तैयार की जाएगी. अंबाला और लुधियाना रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण में मदद करेगा और अग्रणी फ्रांसीसी कंपनी अलस्ताम 1,300 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश से 800 इलेक्ट्रिक इंजनों का विनिर्माण करेगी जिसकी क्षमता भारत में मौजूदा इंजनों से दोगुने हॉर्सपावर की होगी.

ढाका: 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम के शहीदों के खिलाफ कथित ‘निंदात्मक टिप्पणियां’ करने पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री एवं विपक्ष की नेता बेगम खालिदा जिया के खिलाफ देशद्रोह का एक मामला दर्ज किया गया.

उल्लेखनीय है कि पिछले साल 21 दिसंबर को एक परिचर्चा में 70 साल की खालिदा ने 1971 के मुक्ति संग्राम में मृतकों की संख्या पर ‘शंका जताई थी.’ बांग्लादेश नेशनल पार्टी की प्रमुख ने कहा था कि इसपर विवाद है कि मुक्ति संग्राम में कितने लोग शहीद हुए थे. विवादों पर ढेर सारी किताबें और दस्तावेज भी हैं. खालिदा की बीएनपी कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी की अहम सहयोगी पार्टी है. जमात ने पाकिस्तान से बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था.
सत्तारूढ़ अवामी लीग, 1971 के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोग और उस संग्राम में शहीद हुए लोगों के परिवार ने जिया की टिप्पणी पर तीखी टिप्पणी की थी.

अक्सर यह देखने को मिलता है कि लोग नए मोबाइल को खरीदते ही उसे सेफ करने की कोशिशे शुरू कर देते है. मोबाइल में सेफ गार्ड, स्क्रीन गार्ड आदि. ऐसा इसलिए ताकि मोबाइल के गिरने पर वह टूटे नहीं, उसकी स्क्रीन फूटे नहीं.

आपने कभी यह भी सोचा है कि जितना जरुरी मोबाइल में स्क्रीन गार्ड लगाना है. उससे कही ज्यादा जरुरी अपनी सुरक्षा के लिए अपने को गार्ड करना भी है.

जी हाँ, हम बात कर रहे है आपके सर (Head) की. अक्सर ऐसा देखा गया है कि लोग मोटरबाइक पर सवारी करते समय हेलमेट नहीं लगाते. जोखिम उठाते है. केवल पुलिस और चालान के डर से हेलमेट का प्रयोग करते है. जबकि इसे पहनना आपके मोबाइल के स्क्रीन गार्ड लगवाने से ज्यादा जरुरी है.

एक आकड़े के अनुसार अधिकतर मामलों में बाइक दुर्घटना में लोगों के मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बाइक चलाते समय हेलमेट का नहीं पहनना होता है. आपका जीवन मोबाइल के स्क्रीन से ज्यादा कीमती है. सड़क पर चलते समय हेलमेट और अन्य यातायात नियमों का पालन करना ही एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है.

जब आप सड़क पर होते है, घर में कोई आपका इंतज़ार करता होता है. बिना हेलमेट, ट्रिपल लोड, अत्याधिक रफ्तार हादसों को निमंत्रण देती है. इस लिए जरूरत है अपने को सुरक्षित रखते हुए सड़क नियमों के पालन करने की.

छपरा टुडे डॉट कॉम आप सभी से निवेदन करता है कि जैसे मोबाइल के स्क्रीन की चिंता आपको होती है ठीक वैसे ही अपने सर की चिंता भी करें.

छपरा: ‘कितना सुरक्षित है सड़क पर यात्रा करना’ ये सवाल आज छपरा और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण बन गया है. छपरा में आये दिन सड़क दुर्घटना आम बात बन कर रह गई है. हर महीने यहां कोई न कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हो ही जाती है. ज्यादातर बड़ी घटना अनियंत्रित ट्रक या बस से होती है जिसका खामियाजा आम आदमी को जान गंवा कर भुगतना पड़ता है.

छपरा जिले में पिछले एक वर्ष में ऐसी दर्जनों घटनाएँ है जिसमे अनियंत्रित ट्रक से कुचल कर कई बेमौत मारे जा चुके है. अभी एक महीने पूर्व ही छपरा के पुलिस क्लब के पास हुई सड़क दुर्घटना में युवक को जान गवांनी पड़ी थी वही डोरीगंज-छपरा मुख़्यपथ पर आये दिन सड़क दुर्घटना के कई मामले सामने आये है. हद तो तब हो गई जब 31 अक्टूबर(शनिवार) की दोपहर में शहर के व्यस्ततम इलाके काशीबाजार मेन रोड पर अनियंत्रित ट्रक ने एक व्यक्ति को कुचल डाला.

विदित हो कि एक वर्ष पूर्व इसी सड़क पर सुबह-सुबह कोचिंग जा रही छात्रा को भी अनितंत्रित वाहन ने धक्का मार दिया था जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी. हर दुर्घटना के बाद अक्रोशितों द्वारा सड़क जाम, आगजनी, तोड़फोड़ किया जाता है पर ट्रैफिक की समुचित व्यवस्था पर किसी का ध्यान नहीं जाता. कल हुई घटना के पश्चात भी आक्रोशित लोगों ने दर्जनों ट्रकों के शीशे तोड़े, एक ट्रक को आग भी लगाई गई, जमकर हंगामा भी हुआ. पर क्या इतना करने से समस्या का समाधान हो जाएगा.

क्या है दुर्घटना के कारण:

  • शहर में बड़े वाहनों के परिचालन के लिए बाई-पास का नहीं होना
  • बड़े वाहनों के गति सीमा निश्चित नहीं होना

क्या है समाधान:

  • प्रशासन और आम जनता को मिलकर कोई रास्ता निकालना होगा.
  • ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा.
  • शहर में हर छोटे-बड़े पोस्ट पर ट्रैफिक कंट्रोल की व्यवस्था
  • मोटर बाईक चालको को भी हेलमेट की अनिवार्यता को समझनी होगी.
  • बड़े वाहनों के लिए शहर में गति की एक निश्चित सीमा तय होनी चाहिए.

ऐसे मामलो में प्रशासन को भी सक्रियता दिखानी होगी साथ ही आम लोगों को भी सुरक्षित वाहन परिचालन के लिए प्रयास करना होगा. दुर्घटनाओं में गलती चाहे जिसकी भी होती हो पर आगे ऐसे घटना ना हो इसे लेकर हम सब को आगे आना होगा और ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा.

याद रखे जब भी हम घर से बाहर जाते है तब कोई न कोई आपके वापस आने का इन्तजार कर रहा होता है.

छपरा: विधानसभा का चुनाव सारण में 28 अक्टूबर को संम्पन्न हो चूका है. चुनाव के बाद कुछ प्रत्याशी जहां अपने-अपने जीत का दावा करते नज़र आ रहे है. वहीं कुछ प्रत्याशी जीत तो नहीं पर अच्छा-खास वोट मिलने की बात करते नज़र आ रहे हैं. ज्ञात हो कि इस बार के चुनाव में सारण में कुल 58.29% वोटिंग हुई है जो पिछले बार की तुलना में ज्यादा है. सभी प्रमुख प्रत्याशी बढ़े वोट प्रतिशत पर अपना-अपना दावा कर रहे है.

सभी दलीय और निर्दल प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय पर सुबह-शाम कयासों का बाजार लग रहा है, साथ ही उनके समर्थकों में भी हार-जीत को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. विधानसभा चुनाव का परिणाम 8 नवंबर को आना है पर आम जनता में अभी से ही सारण के भावी विधायक कौन होंगे इसको लेकर चौक-चौराहो, चाय दूकान, पान दूकान पर खूब चर्चा हो रही है. हालांकि इस बार जनता भी सीधे-सीधे किसी के जीत का दावा नहीं कर रही है पर अलग-अलग एरिया के हिसाब से आंकड़ो का गणित जरूर बैठाया जा रहा है. क्षेत्र में किस उम्मीदवार को कहां-कहां वोट मिले है इस बात पर भी चर्चा आम है. प्रत्याशियों द्वारा भी अपने पोलिंग एजेंट से मिले रिपोर्ट के आधार पर प्राप्त वोटों का अनुमानित आंकड़ा तय किया जा रहा है. 8 नवंबर को जब इवीएम खुलेगा तब सारण के सूरमाओं के भाग्य का फैसला हो जायेगा.

फिलहाल मौसम का मिज़ाज जरूर कुछ नर्म हुवा है पर सारण में प्रत्याशियों के हार-जीत को लेकर चर्चा का बाजार जरूर गर्म हो गया है.

छपरा: श्री हनुमज्जयंती समारोह का 48वां वार्षिक अधिवेशन रविवार से शहर के मारुती मानस मंदिर में शुरू हो गया. 10 नवम्बर तक चलने वाले इस अधिवेशन में देश के विभिन्न जगहों से आये संत प्रवचन करेंगे. श्री रामार्चा पूजा के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई. इस दौरान रामानंदाचार्य, श्रीराम भद्राचार्यजी, चित्रकूट, प्रज्ञा भारती गिरि (पंछी देवी) , हरदोई, मानस मर्मज्ञ वैराग्यानंदजी परमहंस, खलीलाबाद, कृष्णानंद त्रिपाठी रामायणी, वाराणसी, ईश्वर दास ब्रह्मचारी, जलौन, विद्याभूषण कविजी, छपरा और शिववचनजी, आमी प्रवचन करेंगे.

यहाँ देखे कार्यक्रम:
HANUMAAN JAYANTI (1)

HANUMAAN JAYANTI (2) HANUMAAN JAYANTI (3)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

प्रवचन के लिए बड़े पंडाल का हुआ निर्माण:

समारोह को लेकर मारूति मानस मंदिर परिसर में विशाल पंडाल का निर्माण कराया गया है. जहां बैठकर श्रद्धालु महिला-पुरूष प्रवचन सुनेंगे.

प्रवचन सुनने वालों के लिए बना भव्य पंडाल
प्रवचन सुनने वालों के लिए बना भव्य पंडाल

मेले जैसा रहता है नजारा:

श्री हनुमज्जयंती समारोह में प्रवचन सुनाने दूर दूर से लोग आते है. ऐसे में मंदिर परिसर में मेले जैसा नजारा देखने को मिलता है. धार्मिक पुस्तकों से लेकर खाने पीने के सामान के स्टॉल लगाये गए है. बच्चों के लिए झूला भी लगाया गया है.

11 नवंबर को शोभा यात्रा के साथ कार्यक्रम का समापन हो जायेगा.

 

पटना: बिहार विधानसभा की  55 सीटों के लिए चौथे चरण का मतदान जारी है। सुबह 11 बजे तक 27.77% मतदान. अबतक हुए चुनाव में सबसे अधिक मतदान पश्चिमी चंपारण में 31.30%, वहीँ सबसे कम 22.85% मतदान सीतामढ़ी में हुआ है.

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पूर्वी चंपारण के मधुबन विधान सभा क्षेत्र के बूथ संख्या 56-57 पर मतदाताओं की कतार Photo: अवनीश कुमार  

चौथे चरण में सात जिलों – मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान की 55 सीटों पर वोट डाले जा रहे है.

सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता
सिवान जिले के महाराजगंज विधानसभा क्षेत्र के भगवानपुर में बूथ पर खड़े मतदाता Photo :Dharmendra 

सीवान जिले के रघुनाथपुर विधान सभा के बूथ संख्या 150 पर मतदाताओं ने सड़क, आंगनबाड़ी, बिजली सहित अन्य समस्याओं को लेकर वोट बहिष्कार किया है. वहीँ सीवान के दरौली विधान सभा क्षेत्र के गुठनी प्रखंड अंतर्गत देवरिया गांव में भी विकास के लिए वोट का बहिष्कार किया गया है.

2010 के विधानसभा चुनाव में 55 में से 26 सीटों पर बीजेपी और 24 सीटों पर जेडीयू ने जीता था वहीँ आरजेडी को केवल दो सीटों से संतोष करना पड़ा था, जबकि तीन सीटें निर्दलीयों के खाते में गई थीं. लेकिन इस बार महागठबंधन के खेमे से आरजेडी ने 26 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं जबकि जेडीयू ने 21 और कांग्रेस ने आठ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं.

सुरक्षा व्यवस्था को मद्देनज़र रखते हुए 43 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान सुबह सात से शाम पांच बजे तक होगा, जबकि आठ सीटों पर चार बजे तक होगा और चार सीटों पर मतदान तीन बजे ही खत्म हो जाएगा. 3043 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय अर्ध सैनिक बलों और राज्य पुलिस की 1163 कंपनियां (प्रत्येक कंपनी में 100 जवान) तैनात की गयी. नदी में गश्त करने के लिए 38 मोटर बोट को सेवा में लगाया गया है.

नई दिल्ली: पेट्रोल के दाम में 50 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई है, जबकि डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं किया गया। नई दरें शनिवार आधी रात से लागू।  1 सितंबर के बाद से पेट्रोल की कीमत में यह पहला बदलाव है, जब उसके दाम दो रुपये प्रति लीटर कम किए गए थे। उसके बाद के पखवाड़ों में पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया। सरकारी तेल कंपनियों ने डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले डीजल 16 अक्टूबर को 95 पैसे और 1 अक्टूबर को 50 पैसे महंगा हुआ था। 1 सितंबर को डीजल के दाम 50 पैसे प्रति लीटर घटे थे।

नई दिल्ली: पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 140 वीं जयंती पूरे देश में मनाई गयी। इस मौके पर पूरे देश में रन फॉर यूनिटी का आयोजन हुआ। दिल्ली के राजपथ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की। इस मौके पर स्कूल के बच्चों समेत करीब 15 हजार लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। सरदार पटेल की जयंती को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया गया।

इससे पहले प्रधानमंत्री ने सुबह संसद मार्ग पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर पीएम मोदी के साथ गृह मंत्री राजनाथ सिंह और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने भी हिस्सा लिया।  ‘रन फॉर यूनिटी’ के लिए राजपथ पर एकत्रित लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संबोधित किया।

सरदार पटेल के बलिदान को याद करते हुए अपने संबोधन प्रधानमंत्री ने पटेल के जीवन की कुछ उपलब्धियों का जिक्र किया। पीएम ने अपने संबोधन में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बलिदान को याद करते हुए उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने कहा कि जिन्होंने देश के लिए जान दी, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। इस दिन हम वल्लभभाई पटेल के साथ ही इंदिरा गांधी को भी याद करते हैं। पीएम ने कहा कि सरदार ने देश को एकता के सूत्र में पिरोया है हमें उसको श्रेष्ठ बनाना है। पीएम ने कहा कि भारत अपने अंदर विविधता में एकता को संजों के रखा है हमें इसको बचा कर रखना होगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर देश में शांति एकता और सद्भावना का संदेश भी दिया। मोदी ने कहा कि पटेल ने महिला सशक्तिकरण का काम किया। सरदार पटेल ने भी स्वच्छता अभियान चलाया था। चाणक्य के बाद सरदार ने ही भारत को बांधा। अंग्रेज देश को बिखेरना चाहते थे पर पटेल ने नाकाम किया। सरदार ने भारत को एकसूत्र में बांधा। सरदार पटेल का एकता से अटूट नाता। सरदार पटेल के भारत को श्रेष्ठ भारत बनाना हम सबका कर्तव्य है।  सरदार साहब, लौह पुरुष के नाम से साथ-साथ जाने गए, देश के लिए उनका योगदान कम नहीं आंका जा सकता। सरदार पटेल का नाम लौह पुरुष के तौर पर किसी अखबार में नहीं छपा, उन्हें सर्टिफिकेट नहीं मिला।
केंद्र सरकार ने देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस के मौके पर पिछले साल से इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। इस साल भी ‘रन फॉर यूनिटी’ में हजारों लोग हिस्सा लिया।

छपरा:  भगवान बाजार थाना क्षेत्र के काशी बाजार मेन रोड पर ट्रक की चपेट में आने से एक मोटरसाईकल सवार व्यक्ति की मौत हो गयी. मृतक नैनी गाँव के हवालदार सिंह का 35 वर्षीय पुत्र रणजीत सिंह बताया जाता है. सड़क दुर्घटना में मौत में बाद शव को छपरा सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने एक बार फिर शव के साथ काशी बाज़ार मेन रोड को जाम कर दिया.

आक्रोशित लोगों ने सड़क पर टायर जला कर आवागमन बाधित कर दिया. वहीँ सड़क के दोनों ओर खड़े लगभग 2 दर्जन वाहनों के शीशे तोड़ उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया गया. लगभग डेढ़ घंटे तक तोड़फोड़ होता रहा पर पुलिस नहीं पहुंची. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने सड़क जाम कर रहे लोगों को खदेड़ा तब जाकर बाधित परिचालन को सुचारू कराया जा सका।

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